उत्तराखंड: 21 सितंबर से खुलेंगे प्राथमिक विद्यालय, कोरोनाकाल में पहली बार पहली से पांचवी तक की क्लासेज शुरू करने की गाइडलाइन्स

देहरादून :- उत्तराखंड में 21 सितंबर से प्राथमिक विद्यालय खुलेंगे। कोरोना काल मे प्रदेश में पहली बार कक्षा एक से पांचवीं तक के विद्यालय खुलने जा रहे है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से वार्ता के बाद ये फैसला लिया है।

कोरेाना महामारी की वजह से पिछले साल मार्च 2020 से प्राइमरी स्कूल बंद हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्कूल बंद होने की वजह से शिक्षा पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। हालिया कुछ समय में कोविड 19 संक्रमण में गिरावट आई है। 02 अगस्त से नवीं से 12 वीं तक के स्कूलों को खोल दिया गया था, जबकि 16 अगस्त से छठी से आठवीं तक के स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है। हालांकि, यह साफ किया गया है कि कोई भी स्कूल अभिभावकों पर बच्चों को स्कूल भेजने के लिए दबाव नहीं डालेगा। स्कूल प्रबंधन आफलाइन और आनलाइन, दोनों तरह की कक्षाएं संचालित करने की व्यवस्था करेगा। स्कूलों में कोरोना गाइडलाइन का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाएगा। शिक्षा विभाग जल्द ही स्कूल खोलने के लिए गाइडलाइन भी जारी करेगा।

प्रदेश में मार्च 2020 के बाद से ही स्कूल बंद चल रहे हैं। सरकार ने पहले इस वर्ष अप्रैल से स्कूल खोलने का इरादा जाहिर किया था, लेकिन फिर दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूल नहीं खोले गए। अब कोरोना संक्रमण की दर राज्य में काफी कम है। सरकार छठी से 12 वीं तक के स्कूल व कालेज पहले ही खोल चुकी है।

सरकार ने पहली से पांचवी तक के सभी सरकारी व निजी स्कूल भी खोलने का निर्णय लिया है। शुक्रवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा करने के बाद 21 सितंबर से स्कूल खोले जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण बच्चे बहुत समय से स्कूल जाने से वंचित हैं। अब देश व प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है। बच्चों की शिक्षा-दीक्षा को देखते हुए मुख्यमंत्री से परामर्श लेने के बाद उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कक्षा एक से पांचवीं तक स्कूल खोलने के निर्देश जारी किए हैं।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा
शिक्षा मंत्री ने कहा कि अधिकारियों को यह भी कहा गया है कि कि कोरोना संक्रमण अभी समाप्त नहीं हुआ है। इसे देखते हुए स्कूलों में कोविड की गाइडलाइन का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी अभिभावक को लगता है कि अभी परिस्थितियां स्कूल भेजने लायक नहीं हैं, तो उन पर कोई दबाव नहीं बनाया जाएगा। कक्षा एक से पांचवीं तक कक्षाएं आफलाइन चलेंगी, लेकिन साथ ही आनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था भी होगी।

चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने क‍िया ऐलान

देहरादून :- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को चारधाम यात्रा को लेकर बड़ा ऐलान क‍िया। सीएम ने बताया क‍ि चारधाम यात्रा 18 सितंबर से शुरू होगी। इस दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पालन सख्‍ती से क‍िया जाएगा।

उत्तराखंड में व‍िश्‍व प्रस‍िद्ध चारधाम यात्रा एक बार फ‍िर 18 स‍ितंबर से शुरू होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को यात्रा शुरू करने का ऐलान क‍िया। इससे एक द‍िन पहले उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटा दिया था। गुरुवार को हुई सुनवाई में मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने केदारनाथ धाम में प्रतिदिन 800 भक्त या यात्रियों, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600, यमुनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों को जाने की अनुमति दी है।

चारधाम यात्रा को शुरू करने को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी। कोर्ट ने हर भक्त या यात्री को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या वैक्सीन की दो डोज का सर्टिफिकेट साथ ले जाने के बाद ही वहां एंट्री देने का आदेश द‍िया है। चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के दौरान जरूरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाने को भी कहा गया है। कोरोना को देखते हुए भक्तों को किसी भी कुंड में स्नान करने की इजाजत नहीं होगी।

26 जून को हाईकोर्ट ने लगाई थी चार धाम यात्रा पर रोक
कोरोना के बढ़ते प्रकोप के चलते 26 जून को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने चार धाम की यात्रा की व्यवस्थाओं पर रिपोर्ट तलब करते हुए चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने तर्क दिया था कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव संबंधी व्यवस्थाएं मुकम्मल नहीं हैं। हाई कोर्ट ने ऐंटी स्पिटिंग और ऐंटी लिटरिंग ऐंक्ट 2016 के अनुसार सभी धामों में सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखने के भी आदेश सरकार को दिए थे।

केदारनाथ के लिए हेलीसेवा शुरू होने में समय लग सकता है। नागरिक उड्डयन विभाग को हेली सेवा संचालन के लिए नए सिरे से डीजीसीए से अनुमति लेनी पड़ेगी। इस बार नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (उकाडा) ने मार्च में ही केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा का टेंडर पूरा करते हुए, मई में टिकट की एडवांस बुकिंग भी शुरू कर दी थी।शुरुआती एक सप्ताह में 11 हजार से अधिक लोगों ने धाम के लिए एडवांस में टिकट ले भी लिए थे। लेकिन कोविड के कारण यात्रा प्रारंभ न होने पर उकाडा को रकम वापस लौटानी पड़ी। अब जब कोर्ट ने यात्रा पर से रोक हटा दी है तो उकाडा फिर से हेली सेवा शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसके लिए उकाडा जल्द ही सभी नौ ऑपरेटर की मीटिंग करने जा रहा है। इसके साथ ही डीजीसीए को भी नए सिरे से हेलीपैड का निरीक्षण करने के लिए बुलाया जाएगा।

इसके बाद ही यात्रा प्रारंभ हो सकेगी। उकाडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमलेश मेहता के मुताबिक सामान्य तौर पर बरसात के दौरान हेली सेवा बंद रहती है, मानसून के बाद अक्तूबर में ही हेली सेवा फिर प्रारंभ होती है। इस बार भी अक्तूबर प्रथम सप्ताह तक हेलीसेवा प्रारंभ हो सकती है।

उत्तराखंडः नैन‍ीताल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कोविड नियमों का पालन कराते हुए चारधाम यात्रा शुरू कराए उत्तराखंड सरकार

नैनीताल :- उत्तराखंड चारधाम यात्रा करीब ढाई महीने के गतिरोध के बाद यात्रा पर लगी रोक हटा दी गई. अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में हाई कोर्ट ने कुछ प्रतिबंधों के साथ यह रोक हटा दी.। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अपने 26 जून के निर्णय को वापस लेते हुए सरकार को कोविड के नियमों का अनुपालन करते हुए चारधाम यात्रा शुरू करने के आदेश दे दिए है।सरकार ने बीती सुनवाई में कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई करने का आग्रह किया लेकिन कोर्ट ने समयाभाव के चलते अगली सुनवाई के लिए 16 सितम्बर की तिथि नियत की थी। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई।

हाईकोर्ट ने 26 जून 2021 को कोविड की वजह से चार धाम यात्रा पर रोक लगाई थी। इस आदेश के खिलाफ सरकार ने सर्वोच्च न्यायलय में एसएलपी दायर की। सर्वोच्च न्यायलय ने इस आदेश पर कोई रोक नही लगाई। अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली है। सरकार ने राज्य में कोविड के केस कम होने, एसएलपी वापस लेने का हवाला देते हुए कोविड के नियमो का अनुपालन करते हुए यात्रा अनुमति की याचना की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 26 जून 2021 के आदेश पर लगी रोक हटा दी। सच्चिदानन्द डबराल ने यह जनहित याचिका बाहरी राज्यों से आ रहे लोगों की राज्य की सीमा पर ही कोविड के जांच के लिए दायर की गई थी। कोर्ट ने जनहित याचिका मे कुम्भ मेला और चारधाम यात्रा का भी संज्ञान लिया।

कोविड नियमों का पालन कराते हुए इन अनिवार्य शर्तों के साथ मंज़ूरी

हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक बद्रीनाथ धाम में 1200 भक्त या यात्रियों, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में कुल 400 यात्रियों के लिए इजाज़त दी गई है. साथ ही कोर्ट ने प्रत्येक धाम पर पहुंचने वाले हर भक्त या यात्री के लिए कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन के दोनों डोज़ का सर्टिफिकेट भी अनिवार्य किया है. यही नहीं, हाईकोर्ट ने चमोली, रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी ज़िलों में ज़रूरत के मुताबिक पुलिस फोर्स लगाने को कहा है. साथ ही निर्देश हैं कि भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे दो रक्षा मंत्रालय की नई इमारतों का उद्घाटन

नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को दो रक्षा कार्यालय परिसरों का उद्घाटन करेंगे। ये रक्षा कार्यालय परिसर दिल्ली के कस्तूरा गांधी मार्ग और अफ्रीका एवेन्यू में हैं। इस मौके पर पीएम मोदी कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करेंगे और सेना, नौसेना, वायु सेना और सिविल अधिकारियों से बात भी करेंगे। यह कार्यक्रम 11 बजे शुरू होगा।

उद्घाटन से पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत ने पूजा की। इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, सीडीएस जनरल विपिन रावत और सशस्त्र बलों के प्रमुख भी शामिल होंगे।

1. रक्षा मंत्रालय के दो नए कार्यालय तैयार हुए हैं. पहला कस्तूरबा गांधी मार्ग (सेंट्रल दिल्ली) और दूसरा अफ्रीका एवेन्यू (चाणक्यपुरी) में स्थित है.
2. दोनों ही बिल्डिंग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं, जिसके तहत लुटियन दिल्ली में आने वाले 86 एकड़ के हिस्से को रीडेवेलप किया जाना है, यह प्रोजेक्ट कुल 20 हजार करोड़ रुपये का है. इसमें प्रधानमंत्री और उपराष्ट्रपति के नए आवास भी बनने हैं.
3. रक्षा मंत्रालय के इन दो कार्यालयों को तैयार करने में 775 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं.
4. इन दो दफ्तरों में कुल 7 हजार ऑफिसर्स-कर्मचारी काम कर सकेंगे. जो कि 27 अलग-अलग संगठनों के होंगे.
5. अफ्रीका एवेन्यू वाला कॉम्पलेक्स 7 मंजिला है, जिसमें सिर्फ रक्षा मंत्रालय के दफ्तर होंगे.
6. केजी मार्ग वाला दफ्तर 8 मंजिला है, जिसमें परिवहन भवन, श्रम शक्ति भवन के ऑफिस भी होंगे. इनके ऑफिस इनकी नई बिल्डिंग तैयार नहीं होने तक यहां से चलेंगे
7. नए रक्षा कार्यालय परिसरों में सेना, नौसेना और वायु सेना सहित रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कर्मचारी बैठेंगे.
8. भवन संचालन के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गई है, जो दोनों भवनों की सुरक्षा और निगरानी करेगा.
9. नए रक्षा कार्यालय परिसर काफी एडवांस हैं. इन इमारतों की एक खासयित यह भी है कि इनके निर्माण में नई और टिकाऊ निर्माण तकनीक, एलजीएसएफ (लाइट गेज स्टील फ्रेम) का इस्तेमाल हुआ है.
10. इस तकनीक की वजह से पारंपरिक आरसीसी निर्माण की तुलना में निर्माण समय 24-30 महीने कम हो गया.

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर एस चौहान ने लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को उत्तराखंड के नए राज्यपाल के रूप में पद की शपथ दिलाई

देहरादून :- लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने आज उत्तराखंड के नए राज्यपाल के रूप में शपथ ली । यहां राजभवन में आयोजित एक सादे समारोह में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर एस चौहान ने लेफ्टिनेंट जनरल सिंह को पद की शपथ दिलाई । भारतीय सेना में उपप्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हुए सिंह को सेवा के दौरान कई अलंकरणों से नवाजा जा चुका है

नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, मुख्य सचिव एस एस संधु, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे ।

लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने बेबी रानी मौर्य की जगह ली है जिन्होंने पिछले दिनों अपना कार्यकाल पूरा होने के दो साल पहले पद से इस्तीफा दे दिया था ।

एम विश्वेश्वरैया की जंयती पर दी इंजीनियर दिवस की बधाई देते हुए पीएम मोदी ने कहा, देश को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका

देहरादून :-भारत में हर साल की तरह इस बार भी 15 सितंबर को अभियंता दिवस (इंजीनियर्स डे) मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इंजीनियरों को इंजीनियर दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि देश को बेहतर और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने में इंजीनियरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस दिन की उनको बधाई। इसके अलावा उन्होंने एम. विश्वेश्वरय्या को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘सभी मेहनती इंजीनियरों को इंजीनियर डे की बधाई। हमारे ग्रह को बेहतर और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए उन्हें धन्यवाद देने के लिए कोई शब्द पर्याप्त नहीं हैं। मैं श्री एम. विश्वेश्वरय्या को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और उनकी उपलब्धियों को याद करता हूं।’

उत्‍तराखंड : चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर किया विरोध प्रर्दशन सोमवार को एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस ने किया था बदरीनाथ कूच

देहरादून – चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने विधानसभा के बाहर विरोध प्रर्दशन किया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल के नेतृत्व में महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, सेवादल, एनएसयूआइ, महानगर कांग्रेस के कार्यकर्त्‍ताओं ने धरना दिया। महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष सरिता आर्य ने कहा कि चारधाम यात्रा बंद रहने से प्रदेश के लाखों युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। जब सरकार की रैलियों पर प्रतिबंध नहीं है तो फिर चारधाम यात्रा रोकने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा हरिद्वार, ऋषिकेश, टिहरी, रुद्रप्रयाग व चमोली जिले की आर्थिकी को सीधा प्रभावित करती है। सरकार जल्द से जल्द चारधाम यात्रा शुरू करे ताकि इससे जुड़े होटल, ढाबा, हस्तशिल्प, कुटीर, घोड़ा, दंडी वालों पंडित-पुजारियों को राहत मिल सके।

प्रदेश की चारधाम यात्रा तत्काल शुरू करने की मांग को लेकर विधानसभा के समक्ष एक दिवसीय धरने को संबोधित करते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व कांग्रेस मैनिफेस्टो कमेटी के संयोजक सूर्यकांत धस्माना ने राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोला। उन्‍होंने कहा कि उत्तराखंड की लाइफ लाइन माने जाने वाली चार धाम यात्रा बीजेपी सरकार की लापरवाही से शुरू नहीं हो पाई। उन्होंने कहा कि कोविड 19 की दूसरी लहर धीमी पड़ने के साथ ही राज्य सरकार का दायित्व था कि वो यात्रा को शुरू करने के लिए स्क्रीनिंग, टैस्टिंग, वैक्सिनेशन व यात्रा रूट पर अस्थायी आइसीयू युक्त अस्पताल दवाओं व डाक्टरों का समुचित प्रबंध करती व उच्च न्यायालय नैनीताल को अपनी तैयारियां का ब्यौरा दे कर संतुष्ट करती।

धस्माना ने कहा कि राज्य सरकार ने जानबूझ कर ऐसा नहीं किया। जिसके कारण माननीय न्यायालय को हतक्षेप कर यात्रा को रोकना पड़ा और सरकार जुलाई से लेकर अब तक भी न तो यात्रा की तैयारियों का ब्यौरा कोर्ट को दे सकी और कोर्ट का बहाना बना कर यात्रा को टालती रही, जिसके कारण आज पूरी यात्रा रुट के पांच लाख परिवार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। धस्माना ने कहा कि यात्रा से संबंधित पंडित पुरोहित धर्मशालाओं, होटलों, परिवहन व्यवसायियों से लेकर सब्ज़ी, दूध, प्रसाद व अन्य व्यवसायों से जुड़े लोग आज भुखमरी की कागार पर खड़े हैं, लेकिन सरकार को इसकी फिक्र नहीं है। धस्माना ने कहा कि अब यात्रा के दो महीने रह गए हैं और अगर अब भी यात्रा शुरू नहीं हुई तो ये लोग बर्बाद हो जाएंगे।

 

सोमवार को एनएसयूआई और यूथ कांग्रेस ने किया था बदरीनाथ कूच

सोमवार को चारधाम यात्रा के संचालन की मांग को लेकर बदरीनाथ कूच कर रहे एनएसयूआई, यूथ कांग्रेस और जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ताओं को पांडुकेश्वर में पुलिस बल ने रोक लिया था। कार्यकर्ताओं ने गिरफ्तारी देने के साथ ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस दौरान कार्यकर्ताओं व पुलिस टीम के साथ धक्का-मुक्की भी हुई थी।

जनपद के विभिन्न क्षेत्रों से एनएसयूआई और यूथ कार्यकर्ता दोपहर में एक बजे बदरीनाथ कूच के तहत पांडुकेश्वर में पहुंचे। यहां पहले से ही मौजूद पुलिस बल ने बैरिकेडिंग की हुई थी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़कर बदरीनाथ धाम जाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें आगे नहीं जाने दिया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर गिरफ्तारियां दी। हालांकि पुलिस ने कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहा कर दिया।

जिला कांग्रेस कमेटी के मुख्य प्रवक्ता विकास जुगरान और एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष संदीप नेगी ने कहा कि सरकार ने चारधाम यात्रा को रोक कर गरीब व्यापारियों की रोजी रोटी छीन ली है। हक-हकूकधारियों को जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है। यात्रा पड़ावों में सन्नाटा पसरा हुआ है। कहा गया कि यात्रा को लेकर सरकार के तानाशाह रवैये से जनता में आक्रोश है।

उत्तराखंड: आज देहरादून पहुंचेंगे उत्तराखंड के नए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, बुधवार को लेंगे शपथ

राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को उत्तराखंड का राज्यपाल बनाया गया है। उन्हें चीन मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है। वह करीब चार दशकों तक सैन्य सेवा के बाद फरवरी 2016 में सेवानिवृत्त हुए। राज्यपाल के सचिव बीके संत के मुताबिक नए राज्यपाल मंगलवार को देहरादून पहुंच जाएंगे। जो बुधवार को राज्यपाल पद की शपथ लेंगे।  वह बुधवार को सुबह 10.45 बजे राजभवन में राज्यपाल पद की शपथ लेंगे। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। राजभवन की ओर से उनके शपथ ग्रहण समारोह की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

राज्यपाल के सचिव के मुताबिक निवर्तमान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने सोमवार दोपहर दो बजे देहरादून से नई दिल्ली के लिए प्रस्थान किया। इससे पहले राजभवन में भारतीय सेना की कोर मराठा बटालियन की टुकड़ी ने उन्हें सलामी दी। जबकि जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर पुलिस ने उन्हें सलामी दी। बेबी रानी मौर्य के दिल्ली रवाना होने से पहले कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, मुख्य सचिव एसएस संधू, जिलाधिकारी आर राजेश कुमार, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जन्मजेय खंडूरी ने उनसे शिष्टाचार भेंट की।

लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभियानों में अहम भूमिका निभाई है। सीमा से जुड़े मसलों और सैन्य विषयों पर वार्तालाप के लिए सात बार से ज्यादा वह चीन के दौरे कर चुके हैं। इसी सिलसिले में वह दो बार पाकिस्तान का भी दौरा कर चुके हैं।वह ईरान में संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) के प्रेक्षक भी रह चुके हैं। ईरान-ईराक सीमा पर उनका काम शानदार रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) कार्यवा क जैसे एनजीओ में अहम रोल निभाते रहे हैं । यह संगठन ऐसे विशिष्ट लोगों से संबंधित है जो अपनी आय का 10 फीसदी समाज सेवा में देते हैं।

 

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल बोले, विधान सभा, सचिवालय में याचिका मिलने के बाद होगा सदस्यता पर निर्णय

देहरादून :- विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि यदि कांग्रेस विधायक राजकुमार और निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार के मामले में विधान सभा सचिवालय में कोई याचिका आती है तो फिर उस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस विधायक राजकुमार और निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार के भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। उत्तराखंड के सियासी इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो पाला बदलने की यह पहली घटना नहीं है। मार्च 2016 में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस के नौ विधायकों ने पार्टी छोड़ने का एलान कर तत्कालीन हरीश रावत सरकार के लिए संकट पैदा कर दिया था। ये विधायक इसके बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। तब विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल कानून के तहत इन नौ विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी थी।

अब कांग्रेस विधायक और एक निर्दलीय विधायक के पाला बदलकर भाजपा का दामन थामने के बाद यह चर्चा शुरू हो गई है कि इनकी विधानसभा की सदस्यता रहेगी अथवा जाएगी। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मसले को तूल देने के संकेत भी दिए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कह चुके हैं कि विधानसभा अध्यक्ष से भाजपा में शामिल हुए विधायकों की सदस्यता समाप्त करने का अनुरोध किया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि ऐसे मामलों में जब तक कोई याचिका नहीं आती, तब तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। याचिका आने के बाद संबंधित विधायक को नोटिस भेजा जाता है और प्रकरण में सुनवाई की जाती है। इसके पश्चात ही कोई निर्णय लिया जाता है।

देवस्थानम बोर्ड :- उच्च स्तरीय समिति में शामिल होंगे चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहित,मुख्यमंत्री से मिलकर तीर्थ पुरोहितों का फैसला, आंदोलन किया स्थगित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार इस पर निर्णय लेगी। वहीं, मुख्यमंत्री के आश्वासन पर तीर्थ पुरोहितों ने अपना धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन 30 अक्टूबर 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया है।

आज शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के चारधाम देश-दुनियां के लिए आस्था के प्रमुख केंद्र हैं। सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है। चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश-दुनियां के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है। चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति द्वारा चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जायेगा। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार को निर्णय लेना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यहित में जो होगा, वह कार्य किया जायेगा।

चारधाम महापंचायत सदस्य उमेश सती ने कहा कि मुख्यमंत्री से आज सकारात्मक बातचीत हुई है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस बातचीत से जल्द से जल्द उचित निष्कर्ष तक पहुंचेगे। मामले का उचित हल निकलने की पूरी आशा है। हम चारों धामों के लोगों ने निर्णय लिया है कि 30 अक्टूबर 2021 तक हम अपना आंदोलन स्थगित रखेंगे। उसके बाद जैसा आउटकम सरकार की तरफ से आयेगा, आगे के बारे में उसके बाद तय करेंगे।

बैठक के बाद गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं चारधाम महापंचायत समिति के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि आज बड़ा सौभाग्य है कि ऊर्जावान मुख्यमंत्री जी ने हमें आज आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट यह बात कही कि जो हाई पावर कमेटी बनाई गई है, उसमें आपकी ओर से आठ लोगों को मेंबर बनाया जायेगा। जो रिपोर्ट होगी, उसके आधार पर आगे उचित समाधान निकाला जायेगा। चारधाम महापंचायत समिति द्वारा मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया गया है कि हमारा जो भी धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन है, हम इसे स्थगित करते हैं। 30 अक्टूबर 2021 तक हमें इसे स्थगित रखेंगे।सभी विषयों को गंभीरता से लेने वाले मुख्यमंत्री हमें मिले हैं, उसके लिए उनका धन्यवाद भी व्यक्त किया।

इस अवसर पर केबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, सचिव शैलेश बगोली, सीईओ देवस्थानम बोर्ड रविनाथ रमन, सचिव एचसी सेमवाल, एसीईओ देवस्थानम बोर्ड बीडी सिंह एवं चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधि उपस्थित थे।