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क्लैट ( काॅमन लाॅ एडमिशन टेस्ट) 2022 की परीक्षा के आवेदन एक जनवरी से शुरू

कंसोर्टियम आफ नेशनल ला यूनिवर्सिटीज ने कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2022 के लिए आवेदन की प्रक्रिया नए साल से शुरू हो जाएगी। क्लैट कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार ऑनलाइन आवेदन एक जनवरी से शुरू होगा। विधि क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक छात्र 31 मार्च तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

आवेदन की प्रक्रिया 31 मार्च तक चलेगी। आवेदन फॉर्म केवल consortiumofnlus. ac. in वेबसाइट से ऑनलाइन जमा करना होगा। हालांकि, परीक्षा ऑफलाइन होगी। क्लैट का आयोजन आठ मई 2022 की दोपहर 3 से शाम पांच बजे तक होगा। एनएलयू के इंटीग्रेटेड एलएलबी एवं एलएलएम जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश मिलेगा। अभ्यर्थी देश के कई सरकारी और निजी लॉ कॉलेज में भी आवेदन कर सकते हैं।

मोबाइल व ई-मेल से करना होगा रजिस्ट्रेशन

क्लैट परीक्षा में शामिल होनेवाले परीक्षार्थियों को मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी का उपयोग कर रजिस्ट्रेशन करना होगा। रजिस्ट्रेशन के बाद, सत्यापन के लिये दिये गये मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी भेजा जाएगा। मोबाइल नंबर मान्य होने के बाद मोबाइल नंबर और पंजीकरण के समय दिये गये पासवर्ड का उपयोग करके लॉगइन किया जा सकेगा। क्लैट कंसोर्टियम ने सलाह दी है कि अभ्यर्थी अपना नाम और माता-पिता के नाम को सही ढंग से लिखें। बाद में इसमें परिवर्तन उम्मीदवारी को अयोग्य कर सकता है। आवेदन जमा होने और भुगतान करने के बाद अभ्यर्थी प्रोग्राम, श्रेणी और बीपीएल फील्ड नहीं बदल सकते। यदि किसी भी चरण में

क्लैट कि यह परीक्षा देश के 22 राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। यूजी कोर्स में दाखिले के लिए सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग केवह छात्र अर्ह होंगे, जिन्होंने 45 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं की है। अनुसूचित जाति व जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए न्यूनतम 40 प्रतिशत अंक की बाध्यता है। 12वीं की परीक्षा देने जा रहे छात्र भी आवेदन कर सकते हैं। एलएलएम पाठ्यक्रम में दाखिले के लिए अभ्यर्थी को 50 प्रतिशत अंकों के साथ एलएलबी की होनी चाहिए। अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों के लिए न्यूनतम 45 प्रतिशत अंक की बाध्यता है।

आफलाइन होगी परीक्षा

क्लैट का आयोजन इस बार आफलाइन होगा। ला प्रेप दून के निदेशक एसएन उपाध्याय ने बताया कि पूर्व में क्लैट आनलाइन आयोजित किया जाता था, लेकिन तकनीकी खामी को देखते हुए परीक्षा आफलाइन होने लगी। बीच में कोरोना के कारण परीक्षा आनलाइन कराई गई, जबकि इस बार फिर परीक्षा आफलाइन ही होगी।

  • एग्जाम मोड – ऑफलाइन
  • उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए कुल 2 घंटे का समय दिया जाएगा।
  • परीक्षा में सारे प्रश्न ऑब्जेक्टिव टाइप आएंगे।
  • लेंग्वेज – इंग्लिश
  • 1 प्रश्न 1 अंक का होगा।
  • परीक्षा में कुल 150 प्रश्न आएंगे।
  • परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी। जिसमें 1 प्रश्न गलत होने पर 0.25 अंक काटे जाएंगे।
  • कुल अंक – 150
  • कुल सेक्शन – 5
    • Quantitative Techniques
    • English
    • Current Affairs
    • Deductive Reasoning
    • Logical Reasoning

क्लैट 2022 एंट्रेंस एग्जाम कुल 2 घंटे का आयोजित किया जाता है। यूजी एंट्रेंस एग्जाम में और पीजी एंट्रेंस एग्जाम में 150 MCQ प्रश्न पूछे गए थे परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को रैंक के अनुसार विभिन्न यूनिवर्सिटीज में प्रवेश दिया जायेगा। CLAT 2022 से सम्बंधित महत्वपूर्ण तिथियों की जानकारी के लिए छात्र नीचे दी गयी टेबल देख सकते हैं।

महत्वपूर्ण तारीखें

कार्यक्रम तारीख
आवेदन शुरु होने की तारीख 01 जनवरी 2022
आवेदन करने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022
आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि ३१ मार्च 2022
एडमिट कार्ड जारी होने की तारीख अप्रैल/मई 2022
परीक्षा की तारीख 08 मई 2022

कोरोना का पड़ सकता है असर

कोरोना का असर इस साल भी परीक्षा पर दिख सकता है। गत वर्ष कोरोना संक्रमण व लाकडाउन के कारण परीक्षा की तिथि बदलनी पड़ी थी। इस बार भी परीक्षा कार्यक्रम में आवश्यकतानुसार बदलाव किया जा सकता है।

आवेदन शुल्क

  • जनरल, ओबीसी, पीडीबल्यूडी – 4000/- रु.
  • एससी और एसटी – 3500/- रु.
  • आवेदन शुल्क ऑनलाइन नेटबैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड से जमा करना होगा।

आनलाइन आवेदन में यह जरूरी

सामने से ली गई फोटो, अभ्यर्थी के हस्ताक्षर, एससी, एसटी, ओबीसी का प्रमाण पत्र, दिव्यांगता प्रमाण पत्र, बीपीएल श्रेणी का प्रमाण पत्र (सभी दस्तावेज पीडीएफ प्रारूप में वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे)

उत्तराखंड में कोरोना को मात देने को अब 15-17 साल के 10 लाख किशोरों को लगेगा अब कोवैक्सीन का टीका

उत्तराखंड में 10 लाख किशोरों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी के तीन जनवरी से टीकाकरण के ऐलान के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्रदेश में तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. कुलदीप मर्तोलिया ने बताया कि प्रदेश में 15 से 17 साल की उम्र के आठ से दस लाख के किशोर हैं।

सभी जिलों को कह दिया गया है कि वह अपने जिलों में तैयारी करें और डाटा तैयार कर भेजें। सभी किशोरों को कोवैक्सीन की डोज दी जाएगी। कोवैक्सीन की दूसरी डोज 28 दिन बाद लगाई जा सकती है। सभी जिलों को इस आयु वर्ग का डाटा मांगा गया है ताकि तय उम्र के किशोरों का टीकाकरण जल्द पूरा किया जा सके।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार देर शाम राष्ट्र को संबोधित करते हुए कोरोना संक्रमण काल में देशवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी और 15 से 18 साल के किशोरों के लिए तीन जनवरी से टीकाकरण की शुरुआत की घोषणा की। साथ ही कहा कि अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गो और स्वास्थ्यकर्मियों तथा फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए टीके की प्रिकाशन (सतर्कता) डोज की शुरुआत 10 जनवरी से की जाएगी। आमतौर पर इसे बूस्टर डोज कहा जाता है, लेकिन पीएम ने इसके लिए प्रिकाशन डोज शब्द का प्रयोग किया। पीएम ने बताया कि देश में जल्द ही नेजल (नाक से दी जाने वाली) और विश्व की पहली डीएनए वैक्सीन भी लगाई जाएगी। उन्होंने हाथ धोने और मास्क लगाने जैसे कोरोना से बचाव के उपाय जारी रखने की अपील भी की।

देहरादून में वैक्सीनेशन की तैयारी शुरू

देहरादून में कोविन पोर्टल के प्रभारी डा. आदित्य सिंह का कहना है कि 15 से 17 साल की उम्र के किशोरों का डाटा कंपाइल करना शुरू कर दिया गया है। एक-दो दिन में इसे फाइनल कर दिया जाएगा। उन्हीं केंद्रों पर किशोरों को डोज दी जा सकेगी। जहां टीकाकरण हो रहा है।

किशोरों को फार्माजेट इंजेक्टर से वैक्सीन !

किशोरों को वैक्सीन फार्माजेट इंजेक्टर से लगाई जा सकती है। हालांकि अभी यह पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। अगर ऐसा हुआ तो इसके लिए अलग से ट्रेनिंग वैक्सीनेटरों को देनी होगी। फार्माजेट इंजेक्टर में बिना दर्द का एहसास हुए इंजेक्शन लगाया जाता है। सभी जिलों में स्वास्थ्य अधिकारियों को कह दिया गया है कि वह अपने जिलों में वैक्सीनेशन की तैयारी करें और किशोरों का डाटा तैयार कर भेजें।

जेपी नड्डा ने कार्यकर्त्ताओं को बूथ जीतो-चुनाव जीतो’ का दिया मंत्र

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने अपने एक दिवसीय प्रवास के दौरान राजपुर रोड स्थित एक होटल में दो सत्रों में बैठक लीं। पहली बैठक पौड़ी, टिहरी, उतरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिलों के प्रभारियों, विधानसभा क्षेत्रों के प्रभारियों, विस्तारकों व प्रवासी कार्यकर्ताओं की थी, जबकि दूसरी हरिद्वार व देहरादून जिलों की। सूत्रों के अनुसार नड्डा ने सभी कार्यकर्ताओं से परिचय लेने के साथ ही उनके कामकाज और क्षेत्र की स्थिति का ब्योरा लिया। साथ ही विधानसभा क्षेत्रों में कार्य संपादित करने में आ रही कठिनाइयों को सुना और सुझाव लिए।

नड्डा ने चुनाव की दृष्टि से निर्धारित 28 बिंदुओं की चर्चा की और घर-घर जनसंपर्क में जुटने को कहा। साथ ही, बूथ इकाइयों को सशक्त और सक्रिय करने पर जोर दिया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने बताया कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने कार्यकर्ताओं को बताया कि किस तरह जनसंपर्क अभियान के माध्यम से पार्टी की कार्ययोजना को बूथ स्तर तक मतदाताओं के बीच ले जाना है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने अनुभव साझा करते हुए विभिन्न बिंदुओं पर निर्देश दिए और कहा कि चुनाव में भाजपा की जीत तय है। बस, हमें मतदाता तक पार्टी की रणनीति के अंतर्गत अपने संदेश को पहंुचाना और उसे पोलिंग बूथ तक लाना है। कार्यकर्ताओं को अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़नी है।

बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व केंद्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, सह प्रभारी रेखा वर्मा, प्रदेश सह चुनाव प्रभारी सरदार आरपी सिंह व लाकेट चटर्जी, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार, प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार उपस्थित थे।

  • ये भी दिए निर्देश
  • की-वोटर (प्रभावशाली व्यक्ति) की सूची जल्द बनाएं
  • प्रत्येक बूथ पर पन्ना प्रमुखों की जल्द हो नियुक्ति
  • स्वयं सहायता समूहों, एनजीओ व सहकारिता से जुड़े व्यक्तियों से करें संपर्क
  • मठ, मंदिरों के प्रमुखों व पुजारियों, पंचायत प्रतिनिधियों से संपर्क साध कर सूची करें तैयार
  • बूथ स्तर पर पांच बाइक धारकों व स्मार्टफोन धारक कार्यकत्र्ताओं की बनाएं सूची
  • बूथ लेवल एजेंट-द्वितीय बनाने को भी प्रारंभ की जाए कसरत
  • विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों की सूची तैयार करें।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राजपुर रोड स्थित होटल में बैठकों का सिलसिला प्रारंभ करने से पहले प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम को सुना। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक समेत अन्य पार्टी नेता भी उपस्थित थे।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 : नाराज हरक को मनाने में सफल रही बीजेपी,हरक ने कहा- बहुत नाराज था छोटे भाई धामी पर बना रहेगा आशीर्वाद 

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी एक बड़े सियासी तूफान को थामने में सफल रही है और धामी सरकार और बीजेपी से नाराज चल रहे राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को मनाने में कामयाब रही। वहीं कहा जा रहा कि हरक सिंह को खुश करने के लिए राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार सोमवार को कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए बजट जारी कर सकती है। वहीं हरक की बहू को विधानसभा टिकट देने को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है।

लगभग 24 घंटे कोपभवन में रहने के बाद शनिवार देर रात  कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के सुर बदल गए हैं। अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मीडिया कर्मियों से हरक सिंह ने स्वीकार किया कि वह बहुत नाराज थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए प्रथम किस्त के रूप में 25 करोड़ रुपये अवमुक्त करने को रजामंद हो गए हैं। लिहाजा अब वह मुख्यमंत्री से नाराज नहीं हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री धामी को अहंकार रहित और जमीन से जुड़ा व्यक्ति भी बताया। उन्होंने कहा कि धामी मेरे छोटे भाई हैं, उनके ऊपर मेरा आशीर्वाद  बना रहेगा।

कैबिनेट की बैठक के दौरान कोटद्वार मेडिकल कॉलेज को लेकर हरक और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के बीच तीखी बहस हुई और इसके बाद हरक सिंह ने इस्तीफे की घोषणा की थी और बैठक छोड़कर चले गए थे। वहीं हरक का मोबाइल दिन भर बंद रहा। हरक की नाराजगी के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी सक्रिय हुए और हरक के करीबी माने जाने वाले विधायक उमेश शर्मा से संपर्क किया। हालांकि बताया जा रहा है कि बीजेपी आलाकमान ने हरक की नाराजगी को दूर किया है और उनकी मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया है।

सीएम धामी ने भी हरक से की बात

वहीं एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब हरक सिंह को मनाने के लिए प्रयास किए जा रहे थे तो शुक्रवार देर रात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक से फोन पर बात की और उनकी नाराजगी जाननी चाही।वहीं शनिवार को धामी ने कहा कि हरक ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा नहीं दिया है और न ही कोई नाराजगी है। बीजेपी का दावा है कि वह पार्टी के सच्चे सिपाही हैं और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने दावा किया कि कैबिनेट मंत्री हरक नाराज नहीं हैं।

सीएम से मिले हरक

वहीं दिनभर रूठने और मनाने के बीच देर शाम करीब 7.45 बजे कैबिनेट मंत्री हरक रावत न्यू कैंट रोड पर सीएम आवास पहुंचे और मुख्यमंत्री से मुलाकात की और इसके बाद धामी ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए सरकार प्रतिबद्ध है और वहां पर सीएम के साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, मंत्री धन सिंह, विधायक काऊ भी मौजूद थे। हरक के साथ बैठक के बाद सीएम धामी ने कहा कि कैबिनेट ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण के लिए पांच करोड़ जारी करने को मंजूरी दे दी है और सरकार पर किसी भी तरह का दबाव नहीं है।

मेडिकल कॉलेज के लिए 25 करोड़ जारी होंगे

प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज को मंजूरी दी गई। साथ ही पांच करोड़ का प्रावधान किया गया। लेकिन कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह मेडिकल कॉलेज के अधिक बजट की मंजूरी चाहते हैं। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री के साथ वार्ता में हरक की मांग पर सहमति बन गई है। सोमवार को शासन मेडिकल कॉलेज के लिए 25 करोड़ का आदेश जारी कर सकता है।

नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है। उन्होंने कैबिनेट में अपनी बात रखी थी। हम उनकी बात का हल निकाल रहे हैं। परिवार का मामला है ऐसी कोई बहुत बड़ी बात नहीं है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड   

कैबिनेट की बैठक बहुत शांतिपूर्ण रही। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इसमें एक सबसे अहम फैसला कोटद्वार में नया मेडिकल कॉलेज खोलने का है। इसके लिए पांच करोड़ रुपये मंजूर किए गए।
– डॉ. धनसिंह रावत, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री

हरक सिंह का कोई इस्तीफा नहीं हुआ। मैंने कल भी कहा था और आज भी पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं। ये कोई प्रेशर पॉलिटिक्स नहीं है। मंत्री होने के    साथ-साथ अपने क्षेत्र का विधायक होने के नाते विकास की दृष्टि से किसी कार्य को कराना या उसके बातचीत करना कोई प्रेशर पॉलिटिक्स नहीं है। उनकी अब कोई नाराजगी नहीं है।
मदन कौशिक, प्रदेश अध्यक्ष भाजपा

उत्तराखंड के प्राइमरी स्कूलों में होगी गढ़वाली और कुमाउनी भाषा की पढ़ाई, दोनों भाषाओं को पढ़ेंगे विद्यार्थी

हमें गर्व है कि हम उत्तराखंडी हैं, हमारी बोली भाषा आज के वर्तमान समय मे कहीं विलुप्त होते जा रही है। कहीं हमारी आने वाली पीढ़ी हमारी बोली भाषा को भूल न जाये इस लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक सराहनीय कदम उठाया गया है ।अब विद्यालयों में कुमाउनी और गढ़वाली भाषा को अन्य अनिवार्य विषयों की तरह ही पढ़ाया जाएगा । जिसका सीधा – सीधा मकसद हमारी भाषा को आगे बढ़ना और आने वाली पीढ़ी को अपनी मातृ भाषा को सीखना है।इसके लिए विद्यालयो में ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी जो कि गढ़वाली और कुमाउनी भाषा बोलने और पढ़ने में कुशल होंगे।मातृभाषा को बढ़ाने के लिए कक्षा 1 से लेकर 5 तक स्कूलों में कुमाँऊनी , गढ़वाली सहित गुरमुखी, जौनसारी भाषा भी पढ़ाई जाएगी ।

एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत नई शिक्षा नीति को अमल में लाते हुए, सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी, बांग्ला व गुरमुखी की पढ़ाई कराई जाएगी। साथ ही कैबिनेट ने प्राकृतिक आपदा के तहत 2011 के जनगणना के आंकड़ों के बजाय परिवार रजिस्टर के आधार पर मुआवजा वितरण का निर्णय लिया है।

सुबोध उनियाल ने बताया कि कैबिनेट ने 10वीं, 12वीं के छात्रों और उच्च शिक्षा में सभी सरकारी संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को 12 हजार रुपये प्रति छात्र की दर से टैबलेट उपलब्ध कराने के लिए बजट भी मंजूर कर दिया है। इसके अलावा कैबिनेट ने हरिद्वार व ऋषिकेश में 182-182 किमी सीवर लाइन निर्माण पर भी मुहर लगाई है।

प्रदेश कैबिनेट ने बिजली बिलों पर सरचार्ज 31 मार्च 2022 तक के लिए माफ कर दिया है। उपनलकर्मियों को हर तीसरे माह मिलने वाली प्रोत्साहन राशि अब हर माह मिलेगी। इसके साथ ही राज्य कर्मियों के तीन प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर भी मुहर लगा दी गई। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कैबिनेट में 54 से अधिक प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया।

कैबिनेट ने पहाड़ में स्थित मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल डॉक्टर को 50 प्रोत्साहन भत्ता देने का निर्णय लिया है। इससे इन कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर होगी। एम्स सेटेलाइट सेंटर के लिए दी भूमि के बदले कैबिनेट ने यूएसनगर के देवरिया में सिडकुल को 22.4 हेक्टेयर जमीन देने पर भी सहमति जता दी है। साथ ही रामगढ़ में रविंद्र नाथ टैगोर केंद्रीय विवि की स्थापना के लिए उद्यान विभाग की भूमि देने का भी निर्णय लिया गया।

कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए पांच करोड़ मंजूर जल्द जारी होगा शासनादेश, हरक सिंह रावत नहीं देंगे इस्तीफा

मुख्यमंत्री धामी ने देर रात हरक सिंह रावत से बात की। कैबिनेट मंत्री और शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल के मुताबिक हरक की नाराजगी को दूर कर लिया जाएगा। वहीं सूत्रों की मानें तो हरक सिंह रावत को मना लिया गया है।

उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफा देने की सूचना आ रही है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के विशेष कार्याधिकारी नरेंद्र सेमवाल के अनुसार हरक सिंह रावत कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के मंजूरी के प्रस्ताव को कैबिनेट में न लाए जाने से नाराज़ हैं।

उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत इस्तीफा नहीं देंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के अनुसार हरक सिंह रावत नाराज नहीं हैं और इस्तीफे का सवाल ही नहीं बनता। वहीं, विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी इस बात का दावा किया है। उन्होंने कहा कि कोटद्वार में मेडिकल कालेज के लिए जल्द शासनादेश जारी होगा।

भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे की चर्चाओं के बीच रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा है कि हरक की नाराजगी मेडिकल कॉलेज को लेकर थी जो अब दूर हो गई है। शनिवार की सुबह उमेश शर्मा काऊ मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने बताया कि हरक सिंह रावत की नाराजगी दूर हो गई है। 

विधायक काऊ के अनुसार पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर उन्होंने बीती रात मंत्री रावत से बातचीत की। इस दौरान डा रावत की पार्टी के केंद्रीय नेताओं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कराई गई। मुख्यमंत्री ने कोटद्वार मेडिकल कालेज के जल्द शासनादेश जारी करने का आश्वासन दिया। बता दें कि शुक्रवार को उन्होंने इस्तीफे की धमकी देकर कैबिनेट बैठक छोड़ दी थी। वे कोटद्वार मेडिकल कालेज से संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं लागने से नाराज बताए जा रहे थे।

कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत त्यागपत्र का धमाका कर अंडर ग्राउंड हो गए। उनके कुछ समर्थक उनके इस्तीफे का दावा करते दिखे, लेकिन आधिकारिक रूप से किसी ने भी पुष्टि नहीं की। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के देहरादून दौरे से ठीक दो दिन पहले हरक के इस्तीफे की खबर ने दून से दिल्ली तक भाजपा में हडकंप मचा दिया था। देर रात सियासी हलकों में चर्चा तैरी कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. हरक सिंह रावत से फोन बात की।

सूत्रों के मुताबिक, हरक सिंह का पीछा करते हुए मीडियाकर्मियों ने उनके यमुना कालोनी स्थित सरकारी आवास पर डेरा जमाया लेकिन हरक वहां नहीं पहुंचे। डिफेंस कालोनी स्थित आवास में भी वह नहीं मिले। मीडिया को जहां-जहां भी उनके उपलब्ध होने की संभावना था, वहां-वहां निराशा हाथ लगी। कैबिनेट बैठक से बाहर निकलने के बाद हरक ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिया था। उनके करीबी माने जाने वाले विजय सिंह चौहान ने कहा था कि हरक सिंह ने इस्तीफा दे दिया है। कैबिनेट ब्रीफिंग में पहुंचे शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने हरक सिंह की नाराजगी पुष्टि तो की, लेकिन इस्तीफे से जुड़े सवाल को वह टाल गए।

उधर, मीडिया में हरक के इस्तीफे की खबर ने भाजपा में हड़कंप मचा दिया। दिल्ली से लेकर दून तक फोन घनघनाने लगे। मीडिया से इस्तीफे की पुष्टि करने का प्रयास होता रहा। संपर्क करने पर पार्टी के प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार ने कहा कि हरक सिंह ने कोई इस्तीफा नहीं दिया। उन्होंने पार्टी विधायक उमेश शर्मा के इस्तीफे की खबर को सिरे से खारिज किया। 

पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक भी हरकत में आ गए। उन्होंने भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ से बात की। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि पार्टी विधायक काऊ ने डॉ. निशंक को आश्वस्त किया कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा नहीं दिया है। वह भाजपा के सच्चे सिपाही हैं।

इस्तीफे की खबरें टीवी चैनलों की सुर्खी बनने के बाद खबर आई कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हरक सिंह रावत से संपर्क करने का प्रयास किया। लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ था। चर्चा है कि शाह ने पार्टी विधायक उमेश शर्मा काऊ के माध्यम से हरक सिंह रावत से बात की और उनकी हर समस्या के समाधान का भरोसा दिया।

उत्तराखंड में BJP को बड़ा झटका, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने दिया इस्तीफा, जानिए क्या है असली वजह

उत्तराखंड में चुनाव से पहले बीजेपी को एक बड़ा झटका लगा है। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है। बताया जा रहा है कि दो घंटे तक कैबिनेट की बैठक चली, लेकिन इसी बीच हरक सिंह रावत को गुस्सा आया और उन्होंने टेबल पर हाथ पटकर इस बैठक को आधे में ही छोड़ दिया। साथ ही अपने इस्तीफे का भी ऐलान कर दिया। उनके साथ विधायक उमेश शर्मा काऊ के भी पार्टी छोड़ने की खबर है।

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के इस्तीफे की खबर ने उत्तराखंड की सियासत में खलबली मचा दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हरक सिंह ने अपनी सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए इस्तीफा दे दिया है। कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के मंत्रिमंडल से इस्तीफा के ऐलान से एक बार फिर उत्तराखंड की सियासत में भूचाल आ गया है। बताते हैं कि हरक सिंह इस्तीफे की घोषणा कर कैबिनेट की बैठक से चले गए। सरकारी प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि हरक ने कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के लिए बजट जारी नहीं होने पर नाराजगी जताई थी। शुक्रवार देर शाम सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक चल रही थी। अचानक कैबिनेट मंत्री हरक रावत ने कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का मसला उठा दिया।

हरक सिंह रावत लगातार अपनी ही सरकार पर कई चीजों को लेकर दबाव बनाते आए हैं और कई बार उन्हें खुलकर बोलते हुए भी देखा गया है। बताया जा रहा है कि पिछले लंबे समय से वो बीजेपी में खुश नजर नहीं आ रहे थे, फिर चाहे वो त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री रहने के दौरान हो या फिर पुष्कर सिंह धामी के आने के बाद हर बार रावत ने अपनी चिंताएं जाहिर कीं।

जब कैबिनेट बैठक में उनके किसी भी फैसले को शामिल नहीं किया गया तो हरक सिंह रावत ने इस पर नाराजगी जताई और भावुक भी हुए। रोते हुए हरक सिंह रावत उत्तराखंड सचिवालय से बाहर निकले।सूत्र ने हमें ये भी बताया कि हरक सिंह रावत इस्तीफे के बाद अब जल्द कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं।  हरक सिंह रावत के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें काफी लंबे समय से चल रही हैं। जिस तरह से 2016 में वो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे, उसी तरह अब चुनाव से ठीक पहले उनके पाला बदलने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल होते हैं तो ये पार्टी के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि हरक सिंह रावत का अपना एक वोट बैंक है, जिसका फायदा वो कांग्रेस को दे सकते हैं। हालांकि ये भी कहा जा रहा है कि हरीश रावत इस बात से बिल्कुल खुश नहीं हैं कि हरक सिंह रावत की वापसी की बात हो रही है। ऐसे में देखना होगा कि उनका अगला कदम क्या होता है।

बीजेपी को 24 दिसंबर को एक झटका नहीं, बल्कि एक साथ डबल झटका लगा है।बताया जा रहा है कि, देहरादून के रायपुर से बीजेपी विधायक उमेश शर्मा काऊ ने भी हरक सिंह रावत के साथ ही इस्तीफा दे दिया है। उमेश शर्मा काऊ के पार्टी छोड़ने की अटकलें काफी पहले से लगाई जा रही थीं। वो भी लगातार अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते आए हैं।

कैबिनेट बैठक में हरक सिंह के बागी होने की वजह कोटद्वार मेडिकल कॉलेज में देरी बनी। प्रस्ताव न आने से नाराज हरक सिंह की स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के साथ बहस इस हद तक बढ़ गई कि वो इस्तीफा की घोषणा करते हुए चलते बने। इसके बाद हरक की गैरमौजूदगी में कैबिनेट ने कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए पांच करोड़ रुपए मंजूर किए।

शुक्रवार शाम सात बजे से विश्वकर्मा भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक के लिए सबसे पहले शासकीय प्रवक्ता छह बजे सीएम कार्यालय में पहुंचे। इसके बाद क्रमश: कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय, सीएम पुष्कर सिंह धामी, बंशीधर भगत और फिर हरक सिंह रावत वहां पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के सात से सभी कैबिनेट मंत्री विश्वकर्मा भवन पहुंचे, जहां कैबिनेट आहूत की गई थी। इसके बाद कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, यतीश्वरानंद, विशन सिंह चुफाल भी यही पहुंचे।

जबकि सतपाल महाराज ऑनलाइन माध्यम से इसमें जुड़े। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट के सामने साठ से अधिक प्रस्ताव रखे गए थे, इस कारण बैठक रात 9.50 तक खिंच गई। लेकिन कैबिनेट बैठक समाप्त होने तक भी कोटद्वार मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव न आने पर हरक सिंह ने जब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह से नाराजगी जताई तो बात देखते ही देखते तीखी बहस में तब्दील हो गई।

इसके बाद आनन- फानन में कैबिनेट में कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के लिए पांच करोड़ रुपए आबंटन का प्रस्ताव लाया गया, जिसे मंजूरी देकर हरक को शांत करने का प्रयास किया गया। इतनी देर में हरक की बगावती तेवर जंगल में आग की तरह फैल चुकी थी।

  • घटनाक्रम
  • 6:00 बजे: कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल पहुंचे
  • 6:28 बजे: सीएम पुष्कर धामी पहुंचे
  • 6:45 बजे: कैबिनेट मंत्री हरक रावत पहुंचे
  • 7:10 बजे: विश्वकर्मा बिल्डिंग में कैबिनेट बैठक शुरू
  • 9:50 बजे:कैबिनेट बैठक के प्रस्ताव पूरे हुए
  • 9:52 बजे:हरक ने मेडिकल कालेज का मुद्दा उठाया व धन सिंह से बहस
  • 9:58 बजे:कैबिनेट मंत्री इस्तीफे का ऐलान करते हुए बाहर निकले

इलाहाबाद हाईकोर्ट के यूपी में चुनाव टालने के अनुरोध पर बोले मुख्य निर्वाचन आयुक्त अगले हफ्ते टीम उत्तर प्रदेश का दौरा करेगी,इसके बाद उचित निर्णय लिया जाएगा, उत्तराखंड में छह बजे तक होगा मतदान

कोरोना  के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन  के बढ़ते संकट को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से यूपी विधान सभा चुनाव टालने का अनुरोध किया है। कोर्ट ने प्रदेश में चुनावी रैलियों व सभाओं पर भी रोक के लिए कड़े कदम उठाने के लिए कहा है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन  के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपी में विधानसभा चुनाव टालने का सुझाव दिया है। इस पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा का कहना है कि अगले हफ्ते टीम उत्तर प्रदेश का दौरा करेगी। इस दौरान स्थिति को लेकर समीक्षा की जाएगी और इसके बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।

विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की टीम दो मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा के नेतृत्व में दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर है। टीम में निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और अनूप पांडेय भी शामिल हैं। दौरे के दूसरे दिन मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस सुझाव को लेकर बयान दिया, जिसमें कोर्ट ने ओमिक्रोन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए रैलियों को टालने और चुनाव को स्थगित करने का सुझाव दिया।

कोर्ट ने कहा, यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां रैलियों में काफी भीड़ इकट्ठी हो रही है। ऐसे में चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसपर उन्होंने यूपी का दौरा कर वहां की स्थितियों की समीक्षा करने के बाद उचित निर्णय लेने की बात कही है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी चुनाव को टालने का पीएम और चुनाव आयुक्त से किया अनुरोध

जस्टिस शेखर कुमार यादव ने भारत सहित विश्व भर में बढ़ते ओमिक्रोन के खतरे का ज़िक्र करते हुए कहा कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। नए वेरिएंट के कारण तीसरी लहर के आने की संभावना है। ऐसे वक्त में उत्तर प्रदेश की रैलियों में भीड़ जुट रही है जो कि खतरे से खाली नहीं है।

जस्टिस शेखर यादव ने कहा कि दूसरी लहर में लाखों लोग संक्रमण के चलते अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे। इलाज के लिए भटकते दिखे। उस त्रासदी की यादें अब भी ज़हन में ताज़ा हैं। ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों ने कई लोगों को संक्रमित कर दिया। ऐसे में कोर्ट निर्वाचन आयुक्त और प्रधानमंत्री से यह अपील करता है कि वे रैलियों में जुटने वाली भीड़ पर रोक लगाएं। क्योंकि अगर इसे रोका नहीं गया तो स्थिति दूसरी लहर से भी अधिक भयावह होगी।

कोर्ट ने कहा कि चुनावी प्रचार टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। इतना ही नहीं कोर्ट ने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए विधानसभा चुनावों को टालने का भी अनुरोध किया। कोर्ट ने कहा कि अगर संभव हो तो फरवरी मार्च में होने वाले विधानसभा चुनावों को एक दो महीने के लिए टालने पर भी विचार किया जाना चाहिए। क्योंकि लोगों की जिंदगी चुनावों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

उत्तराखंड में पांच नहीं छह बजे तक होगा मतदान

उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने एक घंटे का समय बढ़ाया है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान 100 बूथ की जिम्‍मेदारी महिला कर्मचारियों को सौंपी जाएगी। रैलियों के लिए 601 मैदान चिह्वनित किए गए हैं। कोविड संक्रमण रोकथाम की जिम्मेदारी आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई है।

निर्वाचन आयोग के सामने रखा उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों का खाका, (प्रदेश में एक ही पेज में कराए गए चुनाव : कांग्रेस)

उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारिया का जायजा लेने भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा, निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार, अनूप चंद्र पांडेय व भारत निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी देहरादून पहुंचे। उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उनका स्वागत किया।

देहरादून पहुंचकर यह टीम सबसे पहले राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगी। इसके बाद जिला निर्वाचन अधिकारी व पुलिस अधीक्षक चुनाव के लिए की गई तैयारियों का प्रस्तुतिकरण आयोग के समक्ष करेंगे। राज्य की मुख्य निर्वाचन अधिकारी और स्टेट नोडल अधिकारी भी आयोग के समक्ष अभी तक की गई तैयारियों के संबंध में विस्तृत प्रस्तुतिकरण देंगे।

शुक्रवार को आयोग की टीम स्वीप गतिविधियों के संबंध में जानकारी देगी। इसके साथ ही दिव्यांगजन, युवाओं, महिलाओं व 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं से भी वार्ता की जाएगी। इसके बाद आयोग की टीम निर्वाचन व्यय निगरानी समितियों के साथ बैठक करेगी। मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के साथ भी आयोग की टीम की बैठक होगी।

कांग्रेस निर्वाचन आयोग को प्रदेश में चुनाव फेज में और जनवरी अंतिम सप्ताह या फिर फरवरी दूसरे सप्ताह से कराने का सुझाव दिया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त को दिए सुझाव में कहां गया कि बर्फीले क्षेत्रों में प्रत्याशी को हर रोज चुनाव खर्च का ब्यौरा दिए जाने में छूट दी जाए।

कांग्रेस की ओर से मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चंद्र पांडे को दिए सुझाव पत्र में कहा गया कि प्रदेश में वर्ष 2002 में 14 फरवरी वर्ष 2007 में 21 फरवरी वर्ष 2012 में 30 जनवरी एवं वर्ष 2017 में 15 जनवरी को चुनाव हुए। वर्ष 2022 में भी इसी समय सारणी के अनुसार चुनाव कराए जाएं। अब तक चुनाव पूरे राज्य में एक ही पेज में कराए जाते रहे हैं। सुझाव है कि 2022 में भी नाम एक ही पेज में कराई जाए। वही निवासी अधिकारियों की ओर से बूथ स्तर पर वीवीपैट के बारे में मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है। इसकी एक वीडियो फिल्म कांग्रेस पार्टी को भी उपलब्ध कराई जाए ताकि हर मतदाता को ईवीएम एवं वीवीपैट के बारे में जानकारी दी जा सके।

कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री मथुरादत्त जोशी ने कहा कि निर्वाचन आयोग को कुछ मौखिक सुझाव भी दिए गए। निर्वाचन आयोग से मिलने वालों में पूर्व मंत्री नवप्रभात प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, पृथ्वीपाल चौहान, सूर्यकांत धस्माना, सोशल मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह व प्रदेश प्रवक्ता राजेश चमोली शामिल रहें।

सियासी दलों ने चुनाव आयोग से खर्च की सीमा बढ़ाने और प्रचार सामग्री के रेट घटाने का अनुरोध किया

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारियों की समीक्षा करने पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के सामने सियासी दलों ने चुनाव खर्च की सीमा बढ़ाने का मुद्दा उठाया। साथ ही बोलो और डोर टू डोर प्रचार के लिए कार्यकर्ताओं की सीमित संख्या का राइडर हटाने की मांग की।

आयोग के दल ने सियासी दलों के प्रतिनिधियों से कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए चुनाव प्रचार में कोविड-19 गाइडलाइन का कढ़ाई से पालन करने का अनुरोध किया।

बृहस्पतिवार को भाजपा की ओर से प्रदेश कोषाध्यक्ष पुनीत मित्तल विधायक विनोद चमोली अधिवक्ता और चुनाव मामलों के प्रभारी राजीव शर्मा बंटू व पुरुषोत्तम कंडवाल मुख्य चुनाव आयोग से वार्ता की। सीईसी ने पार्टी प्रतिनिधियों से शांतिपूर्ण निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव कराने में अपना पूर्ण सहयोग देने की अपील की।

भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग से अनुरोध किया कि वह चुनाव खर्च की सीमा लोकसभा चुनाव के अनुपात में बढ़ाने पर विचार करें। उन्होंने चुनाव प्रचार से जुड़े सामग्री व वस्तुओं की दरों मैं कमी करने का अनुरोध किया। उनका कहना था कि रोड शो 5 गाड़ियों की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए। पार्टी ने पड़ोसी राज्यों की सीमा को पूरी तरह से सील करने की आवश्यकता भी जताई। हाथ में डोर टू डोर प्रसाद में प्रत्याशी के साथ 5 से अधिक कार्यकर्ताओं के बंदिश को भी हटाने का अनुरोध किया।