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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहली कैबिनेट बैठक में लिया बड़ा फैसला, उत्तराखंड में लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड

भारतीय जनता पार्टी देश में समान नागरिक संहिता की जो कवायद लंबे समय से चला रही है, उसे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पूरा करने चले हैं। हालांकि राह आसान नहीं है क्योंकि गोवा को छोड़कर देश के किसी भी राज्य या केंद्र के स्तर से समान नागरिक संहिता अभी तक लागू नहीं हो पाई है।

वर्ष 1989, 2014, 2019 के आम चुनाव में भाजपा घोषणा पत्र में लाई थी समान नागरिक संहिता। गोवा में पहले से लागू है पुर्तगाल सिविल कोड 1867, अब उत्तराखंड ने मचाई देश में हलचल। कानूनविदों के मुताबिक, आसान नहीं है देश के किसी भी राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करना।

उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद राज्य की भाजपा सरकार ने आज गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है। राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड यानी समान नागरिक संहिता लागू करने का फैसला लिया है। सीएम धामी ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से समान नागरिक संहिता को मंजूरी दी है। अब जल्द से जल्द समिति गठित की जाएगी और इसे राज्य में लागू किया जाएगा. उत्तराखंड समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा।

सत्ता में आते ही धामी सरकार का बड़ा फैसला

बता दें कि उत्तराखंड में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद आज गुरुवार को पहली कैबिनेट बैठक हुई. बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी और उनके मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से यूनिफॉर्म सिविल कोड पर यह फैसला लिया। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर लिए गए फैसले के बारे में जानकारी देते हुए सीएम धामी ने कहा कि सरकार गठन के बाद आज मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई।

सीएम धामी ने जनता से किया वादा निभाया

उन्होंने कहा कि 12 फरवरी 2022 को हमने जनता से कहा था कि राज्य में हमारी सरकार के गठन के बाद हम यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे। आज हमने तय किया है कि इसे हम जल्द ही लागू करेंगे। इसके लिए हम एक उच्च स्तरीय समिति बनाएंगे। समिति इस कानून के लिए ड्राफ्ट तैयार करेगी और हमारी सरकार उसे लागू करेगी। उन्होंने अन्य राज्यों से भी अपील की है कि वे अपने यहां यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करें।

सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट भी कर चुके टिप्पणी

समान नागरिक संहिता पर सुप्रीम कोर्ट से लेकर दिल्ली हाईकोर्ट तक सरकार से सवाल कर चुकी है। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए कोई कोशिश नहीं की गई। वहीं, पिछले साल जुलाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से कहा था कि समान नागरिक संहिता जरूरी है।

क्या होती है समान नागरिक संहिता?

यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नारिकता संहिता आखिर क्या होती है। समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड सभी धर्मों के लिए एक ही कानून है। अभी तक हर धर्म का अपना अलग कानून है, जिसके हिसाब से व्यक्तिगत मामले जैसे शादी, तलाक आदि पर निर्णय होते हैं। हिंदू धर्म के लिए अलग, मुस्लिमों का अलग और ईसाई समुदाय का अलग कानून है। समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद सभी नागरिकों के लिए एक ही कानून होगा।

समान नागरिक संहिता का अर्थ है सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून किसी भी मजहब या जाति के लिए कोई अलग कानून नहीं होगा। समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद हर मजहब के लोग एक कानून के दायरे में आ जाएंगे। अभी देश में हर धर्म के लोग शादी, तलाक, जायदाद का बंटवारा और बच्चों को गोद लेने जैसे मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के हिसाब से करते हैं। लेकिन उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू हो जाने के बाद सभी धर्म एक ही कानून का अनुसरण करेंगे। देश में मुस्लिम, ईसाई और पारसी का पर्सनल लॉ है। वहीं, हिंदू सिविल लॉ के तहत हिंदू, सिख, जैन और बौध आते हैं। संविधान में समान नागरिक संहिता को लागू करना अनुच्छेद 44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी बताया गया है। ये अभी तक देश में कहीं लागू नहीं हो पाया है। उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जहां समान नागरिक संहिता लागू होगी।

भाजपा ने ऋतु खंडूड़ी को पहली विधानसभा अध्यक्ष बना कर उत्तराखंड के राजनैतिक इतिहास में जोड़ा नया अध्याय, कौन हैं ऋतु खंडूरी जो निभाएंगी यह जिम्मेदारी

उत्तराखंड में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद पुष्कर धामी की सरकार ने इतिहास रचते हुए सत्ता में दोबारा वापसी कर ली है। बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद नई सरकार का कामकाज विधिवत शुरू हो जाएगा। इस नई सरकार में धामी का लगातार दोबारा सीएम बनना ही अकेली बड़ी बात नहीं है बल्कि, एक और ऐतिहासिक उपलब्धि धामी सरकार 2.0 को हासिल होने जा रही है। कोटद्वार से बीजेपी विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण को उत्तराखंड की पहली विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा रहा है।

उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि किसी राजनीतिक पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता मिली, तो यह भी पहली बार हो रहा है कि कोई महिला विधानसभा की स्पीकर बनने जा रही है। ऋतु खंडूड़ी भूषण के देवभूमि की पहली विधानसभा अध्यक्ष बनने की खबर आते ही चमोली जनपद के खाल गांव में जश्न का माहौल रहा। हालांकि ऋतु ने पौड़ी ज़िले की कोटद्वार विधानसभा सीट से चुनाव जीता और पहले वह यमकेश्वर से विधायक रह चुकी हैं, लेकिन उनका ताल्लुक चमोली के खाल गांव से गहरा है क्योंकि वह इस गांव की बहू हैं। उनकी इस उपलब्धि पर ग्रामीणों को गर्व तो हुआ ही, उन्होंने खुशियां और उत्साह भी बांटा।

ऋतु खंडूरी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी हैं। प्रदेश के नैनीताल में 29 जनवरी 1965 को उनका जन्म एक फौजी परिवार में हुआ था। खंडूरी के फौज में होने के कारण उनकी पढ़ाई भी पिता की पोस्टिंग के हिसाब से अलग-अलग जगहों पर हुई। उन्होंने मेरठ के रघुनाथ गर्ल्स कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उन्होंने पत्रकारिता में डिप्लोमा भी हासिल किया है। साल 2006 से लेकर 2017 तक उन्होंने नोएडा की ऐमिटी यूनिवर्सिटी में फैकल्टी के रूप में भी काम किया है।

ऋतु खंडूरी के पति राजेश भूषण बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। ऋतु लंबे समय से समाजसेवा में भी ऐक्टिव रही हैं। साल 2017 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर यमकेश्वर सीट से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। साल 2022 के चुनाव में उनकी सीट बदल दी गई थी। उन्हें कोटद्वार से पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह नेगी के खिलाफ उतारा गया था। नेगी ने साल 2012 में तत्कालीन सीएम बीसी खंडूरी को कोटद्वार सीट से ही चुनाव हरा दिया था। ऐसे में ऋतु पर अपने पिता की हार का बदला लेने का भी मौका था।

पुष्कर सिंह धामी ने दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, आठ मंत्रियों ने भी ली मंत्री पद की शपथ

देहरादून के परेड ग्राउंड में पुष्कर सिंह धामी ने आज उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के दूसरी बार सीएम पद की शपथ ली।  इसी के साथ ही आठ विधायकों को भी कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ दिलाई गई। उत्तराखंड के राज्यपाल गुरमीत सिंह ने सभी को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें प्रेमचंद अग्रवाल, सतपाल महाराज, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, चंदन रामदास, सौरभ बहुगुणा ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। चंदन रामदास की बात करें तो वह कुमांऊ मंडल से आते हैं। चंदन की अल्मोड़ा-बागेश्वर में मजबूत पकड़ बताई जाती है। चंदन बागेश्वर से चार बार विधायक रहे चुके हैं।

उत्तराखंड में सत्ता में वापसी का रेकॉर्ड बनाने के बाद बीजेपी ने पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण में नया रेकॉर्ड बनाया। धामी का शपथ ग्रहण एक तरह से बीजेपी का शक्ति प्रदर्शन भी लग रहा था। बीजेपी के सभी बड़े नेता इस समारोह का हिस्सा थे। पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह, योगी आदित्यनाथ, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, राजस्थान की पूर्व मुख्यंत्री वसुंधरा राजे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी का पूरा हाइकमान देहरादून में मौजूद था।

पीएम मोदी ने कैबिनेट का किया अभिवादन

पीएम मोदी सबसे आखिर में पहाड़ी टोपी पहनकर मंच पर आए। देहरादून के परेड ग्राउंड के समारोह स्थल में उनके आने के साथ ही जोश की लहर तैर गई।शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी कैबिनेट को सामने बुलाकर सबका अभिवादन किया।

उत्तराखंड में लोकप्रिय हैं सीएम योगी

शपथ ग्रहण कार्यक्रम में बार-बार बुलडोजर बाबा के नारे लग रहे थे। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में बुधवार को शपथ ग्रहण पुष्कर सिंह धामी का था, लेकिन नारे ‘बुल्डोजर बाबा’ के गूंज रहे थे। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर लोगों में जबर्दस्त जोश दिखाई दिया। योगी जैसे ही मंच पर आए उनके समर्थन में नारे गूंजने लगे। योगी ने भी मुस्कुराते हुए हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया।

लेकिन इन सबके बीच जलवा योगी का ही था। शपथग्रहण में आई भीड़ योगी के समर्थन में नारेबाजी करती रही। मंच पर बैठे हुए योगी भी मुस्कुराते हुए भीड़ के इस प्यार को स्वीकार करते रहे। योगी आदित्यनाथ मूल रूप से उत्तराखंड के ही रहने वाले हैं। पौड़ी जिले के यमकेश्वर में उनका पैत्रिक गांव है। योगी उत्तराखंड में भी काफी लोकप्रिय हैं। इसी को देखते हुए बीजेपी ने उत्तराखंड की चुनावी रैलियों में उनको भी शामिल किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ सतपाल महाराज समेत कुल आठ मंत्रियों ने शपथ ली। प्रेम चंद्र अग्रवाल ने अपनी शपथ संस्कृत में ली।
जानिए कौन-कौन बना मंत्री

1- सतपाल महाराज
2- प्रेम चंद्र अग्रवाल
3- गणेश जोशी
4- धन सिंह रावत
5- सुबोध उनियाल
6- रेखा आर्य
7- चंदन राम दास
8- सौरभ बहुगुणा

पुष्‍कर सिंह धामी ने उत्‍तराखंड के 12वें मुख्‍यमंत्री के रूप में ली शपथ

पुष्‍कर सिंह धामी ने उत्‍तराखंड के 12वें मुख्‍यमंत्री के रूप में ली शपथ

 

पुष्‍कर सिंह धामी ने उत्‍तराखंड के 12वें मुख्‍यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्‍यपाल लेज रिटा गुरमित सिंह ने उन्‍हें पद व गोपनियता की शपथ दिलवाई।

सतपाल महाराज ने ली मंत्री पद की शपथ

सतपाल महाराज ने ली मंत्री पद की शपथ

इसके बाद सतपाल महाराज ने मंत्री पद की शपथ ली। सतपाल महाराज ने चौबट्टाखाल सीट से जीत दर्ज की है। वह 2017 में बीजेपी सरकार में कैबि‍नेट मंत्री रह चुके हैं। इससे पहले तक वह कांग्रेस में सक्र‍िय थे। सतपाल महाराज आध्यात्मिक गुरु भी हैं। महाराज केंद्र की देवेगौड़ा और गुजराल सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं।

सौरभ बहुगुणा ने मंत्री पद की शपथ ली

सौरभ बहुगुणा ने मंत्री पद की शपथ ली

सितारंगज विधायक सौरभ बहुगुणा ने मंत्री पद की शपथ ली। सौरभ बहुगुणा पूर्व मुख्‍यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे हैं। सौरभ पहली बार मंत्री बने हैं। इन्‍होंने 2017 में भी सितारंगज से चुनाव जीता था।

चंदनराम दास ने मंत्री पद की शपथ ली

चंदनराम दास ने मंत्री पद की शपथ ली

बागेश्‍वर विधायक चंदनराम दास ने मंत्री पद की शपथ ली। वह पहली बार मंत्रिमंडल में शामिल हो रहे हैं। चंदनराम दास लगातार चार बार विधायक रह चुके हैं। वह अपने सरल स्‍वभाव के लिए जनता के बीच खासा प्रसिद्ध हैं।

रेखा आर्य ने मंत्री पद की शपथ ली

 रेखा आर्य ने मंत्री पद की शपथ ली

पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने मंत्री पद की शपथ ली। रेखा आर्य सोमेश्‍वर से विधायक हैं। रेखा आर्य 2003 में पहली बार जिला पंचायत सदस्य बनीं। 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले रेखा आर्या बीजेपी में शामिल हो गईं और बीजेपी के टिकट पर विधानसभा पहुंचीं।

सुबोध उनियाल ने ली मंत्री पद की शपथ

सुबोध उनियाल ने ली मंत्री पद की शपथ
सुबोध उनियाल ने मंत्री पद की शपथ ली। सुबोध उनियाल नरेंद्रनगर से विधायक हैं। इससे पहले वह उत्‍तराखंड सरकार में कृषि मंत्री रहे हैं। पहले वह कांग्रेस पार्टी में थे। 2017 में इन्‍होंने भाजपा ज्‍वाइन की थी।

धनसिंह रावत ने मंत्री पद की शपथ ली

धनसिंह रावत ने मंत्री पद की शपथ ली

पूर्व उच्‍चशिक्षा मंत्री धनसिंह रावत ने मंत्री पद की शपथ ली। 2017 में पौड़ी गढ़वाल की श्रीनगर सीट से धनसिंह रावत पहली बार विधायक बने थे। रावत अपने विनम्र स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।

गणेश जोशी ने ली मंत्री पद की शपथ

गणेश जोशी ने ली मंत्री पद की शपथ

गणेश जोशी ने मंत्री पद की शपथ ली। गणेश जोशी मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के रहने वाले हैं। इनका जन्‍म 1958 में मेरठ में हुआ था। मेरठ में उनके पिता स्वर्गीय श्याम दत्त जोशी भारतीय सेना के जवान के रूप में तैनात थे। गणेश जोशी 1976 से 1983 तक एक सैनिक के रूप में भारतीय सेना में रहे। वर्तमान में वे देहरादून में रहते हैं।

प्रेमचंद्र अग्रवाल ने संस्‍कृत में ली शपथ

प्रेमचंद्र अग्रवाल ने संस्‍कृत में ली शपथ

प्रेमचंद्र अग्रवाल ने संस्‍कृत में शपथ ली। भाजपा विधायक प्रेमचंद अग्रवाल राज्य की चौथी विधानसभा के स्पीकर थे। स्पीकर पद के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया में एकमात्र नामांकन उन्होंने ही किया था। तत्‍कालीन प्रोटेम स्पीकर हरबंस कपूर ने सदन में उनके स्पीकर बनने की घोषणा की थी। पांचवीं विधानसभा के लिए हुए चुनावों में इन्‍होंने ऋषिकेश सीट से चुनाव लड़ा था।

हरिद्वार में गंगा आरती में शामिल हो सकते हैं धामी

प्रदेश के नए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज शाम को हरिद्वार में होने वाली गंगा आरती में प्रतिभाग कर सकते हैं। इसके लिए पुलिस अधिकारी ड्यूटी लगाने में जुटे हुए हैं वहीं हर की पैड़ी पर भी तैयारियां की जा रही है।

 

उत्तराखंड: पुष्कर सिंह धामी आज दूसरी बार लेंगे सीएम पद की शपथ, मोदी-शाह समेत 25 हजार से ज्यादा लोग शपथ ग्रहण के गवाह बनेंगे 

उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी को दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी सौंपी है।उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर धामी अपने मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ बुधवार को शपथ लेंगे। राज्यपाल गुरमीत सिंह सीएम और मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। देहरादून के परेड ग्राउंड में सीएम के साथ उनके कुछ मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा बीजेपी के कई दिग्गज नेता मौजूद रहेंगे। योगी आदित्यनाथ समेत बीजेपी शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्री भी धामी के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंच सकते हैं।

भाजपा परेड मैदान में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटी है। प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम स्थल पर दोपहर ढाई बजे पहुंचने की संभावना है। इसके साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा शासित राज्यों के कई मंत्री भी कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे। प्रधानमंत्री के समारोह में शामिल होने से जिला प्रशासन ने सुरक्षा के अतिरिक्त बंदोबस्त किए हैं।

उत्तराखंड में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में 25000 आगंतुकों के लिए कुर्सियां लगाई गई हैं। शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृहमंत्री समेत कई केंद्रीय मंत्रियों के शामिल होने के चलते सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए।

सीएम धामी के साथ उनकी कैबिनेट के कुछ मंत्री भी शपथ ले सकते हैं। नए मंत्रिमंडल में कुछ पुराने चेहरों की वापसी हो सकती है। माना जा रहा है कि धामी सरकार 2.0 में धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, रेखा आर्य, अरविंद पांडेय, प्रेम चंद्र अग्रवाल, बंसीधर भगत और गणेश जोशी को जगह मिल सकती है। कैबिनेट में शामिल होने वाले लोगों के नाम बुधवार सुबह 11 बजे तक राजभवन से जारी कर दिए जाएंगे।

शपथ ग्रहण से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी देहरादून के टपकेश्वर मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने दर्शन-पूजन और आरती में हिस्सा लिया। दर्शन के बाद उन्होंने कहा कि मैं हमेशा से भगवान टपकेश्वर मंदिर में आता रहा हूं। हमारे पीएम मोदी के काम पर जनता ने मुहर लगाई है। आज से हमारी सरकार का विधिवत काम होगा। मैं कोई भी शुभ काम शुरू करता हूं तो भगवान टपकेश्वर का आशीर्वाद लेता हूं, इसलिए आज यहां आया। मंत्रियों के सवाल को सीएम टाल गए। समान नागरिक संहिता लागू करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब भी हमारी पहली कैबिनेट मीटिंग होगी, तब हम अपने संकल्पों पर फैसला लेंगे।

धामी और मंत्रिमंडल के सदस्यों के शपथ ग्रहण से पहले भाजपा के शक्ति केंद्र स्तर तक के कार्यकर्ता स्थानीय मंदिरों में सुबह लोककल्याण के लिए पूजन करेंगे। पार्टी ने सभी जिलाध्यक्षों को यह निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही शपथ ग्रहण में प्रमुख समाज सेवी, साहित्यकार, लेखक, प्रबुद्ध वर्ग, धार्मिक मठ मंदिरों के साधु-संतों को भी बुलाया है।

शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह समेत कई केंद्रीय मंत्रियों और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आने के मद्देनजर सरकार, शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की अगुवाई में जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर देहरादून परेड मैदान तक मॉक ड्रिल की गई इस दौरान प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर तमाम तैयारियों को बारीकी से जांचा परखा गया।

अधिकारियों ने वायुसेना के हेलीकॉप्टर से लिया जायजा 
शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री के शामिल होने के मद्देनजर  जहां सरकार ,शासन और जिला प्रशासन के अधिकारी सक्रिय हैं, वही वायुसेना के अलावा केंद्र सरकार के अधिकारियों की टीम भी पूरी तरह सक्रिय है। प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर वायुसेना के हेलीकॉप्टर के जरिए अधिकारियों ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट से लेकर देहरादून तक हवाई जायजा लिया। हवाई जायजा लेने के बाद अधिकारी तमाम व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए।

एक्सपीजी अधिकारियों ने डीएम, एसएसपी के साथ की बैठक
प्रधानमंत्री के दौरे के मद्देनजर एसपीजी अधिकारियों ने जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार व एसएसपी डॉ जन्मेजय खंडूरी के साथ बैठक कर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया। दोनों अधिकारियों ने एसपीजी अधिकारियों को पुलिस प्रशासन की ओर से पीएम की सुरक्षा को लेकर उठाए गए तमाम कदमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।  एसपीजी के अधिकारी जिला एवं पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के मद्देनजर उठाए गए सभी पदों को लेकर संतुष्ट नजर आए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में शपथ लेंगे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, शपथ ग्रहण समारोह देहरादून के परेड ग्राउंड में होगा आयोजित

उत्तराखंड के मनोनीत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 23 मार्च को दोपहर 2:30 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। इस दौरान उनके साथ कैबिनेट मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी। शपथ ग्रहण समारोह देहरादून के परेड ग्राउंड में आयोजित होगा।बुधवार को उत्‍तराखंड की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। इसके लिए मंगलवार को ट्रायल किया गया। जिसके लिए वायुसेना हेलीकॉप्टर परेड ग्राउंड पहुंचा।

भाजपा विधायकों की बैठक में ‌उन्हें सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया। बैठक में भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी भी मौजूद रहे। वे 23 मार्च को राज्य के सीएम पद की दूसरी बार शपथ लेंगे। देहरादून परेड ग्राउंड में होने वाले शपथ समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।

पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा चुनाव में खटीमा सीट से हार जाने के कारण अन्य नेता भी सीएम पद के लिए दावेदारी करने लगे थे। चुनाव प्रचार के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा था धामी फ्लावर भी हैं और फायर भी। उत्तराखंड में चुनाव हारने के बाद भी किसी व्यक्ति को पहली बार सीएम बनाया गया। दूसरे कार्यकाल में सीएम बनने बनने वाले धामी पहले व्यक्ति हैं।

भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई केंद्रीय नेता उपस्थित रहेंगे। गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शपथ ग्रहण समारोह में आ सकते हैं। इसके लिए शासन स्तर से तैयारियां तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी पहुंच सकते हैं।

पुष्कर सिंह धामी के शपथ ग्रहण समारोह को लेकर संगठन ने पूरी तैयारी कर ली है। प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि समारोह में प्रदेश के सभी जिलों से कार्यकर्ता प्रतिभाग करेंगे। इसमें मंडल स्तर से लेकर शक्ति केंद्र के कर्यकर्ताओं को आमंत्रण भेजा गया है।

बुधवार को परेड ग्राउंड में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। मंच को जीरो जोन घोषित करते हुए एसपीजी के हवाले कर दिया गया है। किसी को भी मंच तक पहुंचने की इजाजत नहीं है। परेड ग्राउंड में ही अस्थायी हेलीपैड बनाया जा रहा है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हेलीकॉप्टर उतरेगा।

यूनिफॉर्म सिविल कोड: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करेगी बीजेपी, विधायक दल का नेता चुनते ही पुष्कर धामी की घोषणा, जल्द शुरू करेंगे प्रक्रिया

उत्तराखंड की सत्ता में वापसी कर बीजेपी ने नया इतिहास रचा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट हार गए हैं। इसके बावजूद राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को लेकर उन्होंने बीजेपी की प्रतिबद्धता दोहराई है। विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने सत्ता में लौटने पर इसे लागू करने का वादा किया था।

मुख्यमंत्री आवास के बाहर मीडिया से बातचीत में पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय नेतृत्व, पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह का दोबारा भरोसा जताने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि मेरे जैसे सामान्य कार्यकर्ता, एक सैनिक के बेटे को मुख्य सेवक के रूप में काम करने का मौका मिला है।

इस दौरान नेता सदन पुष्कर धामी ने मीडिया से खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान जो वादे किए गए थे, वह पूरे किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी घोषणा उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने की हुई थी, जिसकी प्रक्रिया का है जल्द शुरू कर देंगे। समान नागरिक संहिता अभी तक केवल गोवा में लागू है।

नतीजों के बाद देहरादून में धामी ने जनता का आभार जताते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा, “सरकार बनाने के बाद हम एक उच्च स्तरीय समिति बनाएँगे। समिति एक ड्राफ्ट तैयार करेगी और हम इसे उत्तराखंड में लागू करेंगे, जैसा कि हमने राज्य के लोगों से वादा किया है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस कमेटी में न्यायविदों, सेवानिवृत्त लोगों और प्रबुद्धजन को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद किसी भी धर्म व जाति के लोगों के साथ अन्याय नहीं होगा। सभी को समान नागरिकता का अधिकार मिलेगा।

विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन रुद्रपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से इसका वादा किया था। उन्होंने कहा था कि राज्य में भाजपा के दोबारा सत्ता में आने के बाद सबसे पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा। इससे सभी धर्मों के नागरिकों के लिए समान कानून लागू हो जाएगा।

समान नागरिक आचार संहिता यानी Uniform Civil Code के बारे में संविधान के अनुच्छेद-44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी है इस कानून को लागू करना पर अभी ये लागू नहीं हो पाया है। इस बारे में संविधान का भी कहना है कि सरकार विचार विमर्श करें। गोवा राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है। देश में कई मामलों के लिए भी यूनिफॉर्म कानून है। लेकिन अगर बात शादी, तालाक जैसे मुद्दों की करें तो अब भी पर्सनल लॉ के अनुसार ही फैसला होता है।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए जुलाई में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट(CUET),प्रवेश परीक्षा के मार्क्स पर होगा सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन, कक्षा 12 के अंकों की नहीं होगी गिनती

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सोमवार (21 मार्च, 2022) को घोषणा की कि सभी यूजीसी-वित्त पोषित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित की जाएगी।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने बताया है कि जुलाई के पहले सप्ताह में सीयूईटी का आयोजन किया जाएगा। कुमार ने कहा, ‘साल 2022-23 शैक्षणिक वर्ष से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी स्नातक एवं परास्नातक कोर्स के लिए सीयूईटी का आयोजन करेगी। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रमों में दाखिला देने के लिए सीयूईटी में प्राप्त अंकों पर विचार करना होगा।’

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहली अनिवार्य आम प्रवेश परीक्षा जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी, यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने सोमवार को घोषणा की।उन्होंने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) एक कम्प्यूटरीकृत परीक्षा है और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाएगी, जो मंगलवार को परीक्षा पैटर्न की घोषणा करेगी। परीक्षा के लिए आवेदन विंडो अप्रैल के पहले सप्ताह में खुलेगी।

कुमार ने कहा कि इन विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश अब पूरी तरह से CUET स्कोर के आधार पर होगा, और कक्षा 12 बोर्ड के अंकों में कोई वेटेज नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, परीक्षा के लिए पात्रता मानदंड के रूप में बोर्ड परीक्षा के अंकों का सबसे अच्छा उपयोग कर सकते हैं।45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को यूजीसी से आर्थिक सहायता मिलती है। कुमार ने कहा कि सीयूईटी का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के 12वीं कक्षा के सिलेबस से मिलता-जुलता ही होगा।

सीयूईटी के लाभों के बारे में बात करते हुए, कुमार ने कहा कि यह सभी बोर्डों के छात्रों को विशेष रूप से पूर्वोत्तर और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को समान अवसर प्रदान करेगा। CUET से माता-पिता और छात्रों पर वित्तीय बोझ कम होने की भी उम्मीद है, क्योंकि उम्मीदवारों को केवल एक परीक्षा लिखनी होगी।

कुमार ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय और डीम्ड विश्वविद्यालय भी स्नातक और स्नातकोत्तर प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग कर सकते हैं।दिल्ली विश्वविद्यालय और कुछ अन्य विश्वविद्यालयों ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे केवल CUET के आधार पर छात्रों को स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश देंगे।

CUET में NCERT की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे और गलत उत्तरों के लिए छात्रों को नकारात्मक रूप से चिह्नित किया जाएगा। प्रवेश परीक्षा में तीन खंड होंगे (बॉक्स देखें)। CUET 2022 हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, असमिया, बंगाली, पंजाबी, ओडिया और अंग्रेजी नाम की 13 भाषाओं में पेश किया जाएगा।

परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी। पहली पाली में, उम्मीदवार खंड (भाषा), दो चुने हुए डोमेन विषय और सामान्य परीक्षा के लिए उपस्थित होंगे। दूसरी पाली में, वे अन्य चार डोमेन विषयों और एक अतिरिक्त भाषा परीक्षण के लिए उपस्थित होंगे, यदि वे चुने जाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को CUET से छूट दी गई है; उनके प्रवेश मौजूदा अधिसंख्य आधार पर किए जाएंगे।

देहरादून ​का ऐतिहासिक झंडा मेला आज श्रीझंडे जी के आरोहण के साथ शुरू होगा 

देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला दुनियाभर से आए श्रद्धालुओं की आस्‍था का प्रतीक है। प्रेम, सद्भाव और आस्था का प्रतीक देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला 90 फीट ऊंचे श्रीझंडे जी के आरोहण के साथ आज मंगलवार से शुरू हो जाएगा। देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे। दरबार साहिब में मंगलवार को सुबह सात बजे पूजा-अर्चना के बाद पुराने श्रीझंडे जी को उतारा जाएगा। इसके बाद नए श्रीझंडे जी को गंगाजल और पंचगव्य से स्नान कराया जाएगा। तत्पश्चात उनकी पूजा-अर्चना और फिर अरदास होगी।

इस बार ध्वजदंड भी बदला जाएगा। मेला प्रबंधन समिति को प्रशासन की गाइडलाइन का इंतजार है। बीते 2 वर्षों से कोविड गाइडलाइन के चलते मेले को संक्षिप्त किया जा रहा था। झंडा मेले में हर तीन वर्ष में झंडेजी के ध्वजदंड को बदलने की परंपरा रही है। इससे पूर्व वर्ष 2020 में ध्वजदंड बदला गया था।

श्रीझंडे जी में इस बार दिल्ली के रवि नगर एक्सटेंशन निवासी बलजिंदर सिंह सैनी दर्शनी गिलाफ चढ़ाएंगे। पेशे से व्यापारी बलजिंदर इसके लिए मां कुलदीप कौर के साथ दून पहुंच चुके हैं। उनके दादा अक्षर सिंह ने 100 साल पहले दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए बुकिंग कराई थी।

सुबह करीब 10 बजे श्रीझंडे जी को गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू होगी। दोपहर में दो से चार बजे के बीच दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में श्रीझंडे जी का आरोहण किया जाएगा। इसके साथ ही झंडा मेला शुरू हो जाएगा। इस पल की साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से संगतें दरबार साहिब पहुंची हैं।

प्रेम, सद्भावना और आस्था का प्रतीक झंडा मेला होली के पांचवें दिन देहरादून स्थित श्री दरबार साहिब में झंडेजी के आरोहण के साथ शुरू होता है। इस दौरान देश-विदेश से संगतें मत्था टेकने पहुंचती हैं। इस मेले में पंजाब, हरियाणा और आसपास के कई इलाकों से संगतें आती हैं। जो कि गुरूराम राय जी के भक्त होते हैं। श्री गुरु राम राय ने वर्ष 1676 में दून में डेरा डाला था। उनका जन्म 1646 में पंजाब के होशियारपुर जिले के कीरतुपर में होली के पांचवें दिन हुआ था। इसलिए दरबार साहिब में हर साल होली के पांचवें दिन उनके जन्मदिवस पर झंडा मेला लगता है। गुरु राम राय ने ही लोक कल्याण के लिए विशाल ध्वज को यहां स्थापित किया था।

दरबार साहिब में शीश नवाने और श्री गुरु राम राय महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने को देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों के साथ ही हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान से संगतें सोमवार को दून पहुंच गईं।

गुरुवार को सुबह 7:30 बजे नगर परिक्रमा शुरू होगी। श्री दरबार साहिब, श्रीझंडा जी मेला आयोजन समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में 25 हजार से अधिक श्रद्धालु नगर परिक्रमा में शामिल होंगे।

विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर लगी मुहर, धामी होंगे उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री

उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी होंगे। सोमवार शाम को प्रदेश मुख्यालय में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में धामी को फिर से नेता चुना गया।भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी का नाम सबसे आगे रहा। उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। इसी के साथ उत्तराखंड को 12 वें मुख्यमंत्री के रूप में सीएम पुष्कर सिंह धामी का चेहरा मिल गया है। दस मार्च को आए चुनाव परिणामों के बाद उत्तराखंड में भाजपा बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने में कामयाब रही, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। 21 वर्ष की आयु के उत्तराखंड में यह पहला अवसर है।

भाजपा प्रदेश मुख्यालय में हुई विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगी। धामी के नाम पर रखे गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में विधायक दल की बैठक के लिए विधायक और पार्टी नेता दोपहर से ही जुटना शुरू हो गए थे।नए मुख्यमंत्री को लेकर समर्थक अपने नेताओं के नाम के कयास लगा रहे थे। केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी विधायक दल की बैठक में उपस्थित रहे।

पुष्कर सिंह धामी तीसरी व चौथी विधानसभा में ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट से विधायक रहे, लेकिन इस बार यहीं से कांग्रेस के भुवन कापड़ी के हाथों वह सीट गंवा बैठे। चुनाव हारने के बावजूद पार्टी आलाकमान ने पुष्कर सिंह धामी पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है। उन्हें कमान सौंपे जाने का फैसला लिया है। धामी के हाथ विधानसभा चुनाव में निराशा लगी थी। खटीमा विधानसभा सीट से धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया। उत्तराखंड में भाजपा की बहुमत के साथ जीत हुई। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी।भाजपा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि सत्ता में आने की स्थिति में धामी को ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।

उत्तराखंड के 20 साल के इस सफर में प्रदेश को 11 मुख्यमंत्री मिले हैं। भाजपा ने सात मुख्यमंत्री दिए हैं, तो कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश को तीन मुख्यमंत्री दिए हैं। हालांकि, भाजपा शासन के पांच साल के कार्यकाल में पहली बार उत्तराखंड में तीन-तीन मुख्यमंत्री मिले हैं। सबसे खास बात यह है कि सभी मुख्यमंत्रियों में से सिर्फ कांग्रेस के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी ही अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाए थे।

उत्तराखंड चुनाव प्रभारी रहे केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, लोकसभा सदस्य अजय टम्टा, महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह, तीरथ सिंह रावत, राज्यसभा सदस्य व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे देहरादून, भाजपा विधायक दल की बैठक शाम 5 बजे होगी शुरू, किसके सिर सजेगा ताज आज बैठक में होगा फैसला

उत्तराखंड में सीएम के नाम पर सस्पेंस आज खत्म हो जाएगा। प्रदेश के पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में देहरादून में होने वाली बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी के देहरादून पहुंचने पर पार्टी के कई नेताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। मौके पर प्रदेश प्रभारी प्रह्लाद जोशी भी मौजूद रहे। इसके साथ ही विधायकों का बीजेपी कार्यालय पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। धन सिंह रावत भी भाजपा दफ्तर पहुंचे। अब इसके बाद  शाम 5 बजे मीटिंग शुरू होगी। पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक निजी होटल में बैठक करने के बाद BJP दफ्तर के लिए रवाना हो गए हैं। अब कुछ ही देर में बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक शुरू होगी

मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर सजेगा, इसका फैसला आज हो जाएगा। विधायक मंडल दल की होने जा रही बैठक में बीजेपी विधायक दल के नेता चुना जाएगा। प्रदेश के पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। उनकी मौजूदगी में देहरादून में होने वाली बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग जाएगी।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिलने के बाद नए सीएम चेहरे को लेकर मामला पेचीदा बना हुआ है। सीएम के लिए कई नेताओं के नामों पर मंथन चल रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी देहरादून पहुंच गए हैं। ये दोनों नेता उत्तराखंड बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक के पर्यवेक्षक होंगे। राजनाथ सिंह ही उत्तराखंड के अगले सीएम का नाम घोषित करेंगे। मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर सजेगा, इसका फैसला आज बीजेपी के विधायक मंडल दल की बैठक में साफ हो जाएगा।जिसके बाद 23 मार्च को नए सीएम शपथ ले सकते हैं। आज होने वाली बैठक में विधायकों के अलावा सभी लोक सभा और राज्य सभा सांसद भी शामिल होंगे।

भाजपा विधायक दल की शाम पांच बजे होने वाली बैठक के बाद ही सिंह सीएम के नाम का ऐलान करेंगे। देहरादून पहुंचने के बाद राजनाथ सिंह एक प्राइवेट होटल में कुछ देर आराम करने के बाद भाजपा कार्यालय में शाम पांच बजे  बैठक में शामिल होने जाएंगे।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में सुबह से ही कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ दिखने को मिल रही है। सीएम पद के लॉबिंग के बीच कार्यकर्ता भी अपने- अपने नेता के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। भाजपा कार्यालय में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। किसी भी कार्यकर्ता को बिना पास के पार्टी कार्यालय में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

विधायक मंडल दल की बैठक में मुख्यमंत्री का नाम तय हो जाएगा। 23 मार्च को मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री शपथ ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार 22 मार्च को देहरादून में झंडा जी का मेला है, इस कारण कानून व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को देखते हुए 23 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह करने की तैयारी चल रही है।