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उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के आंदोलनकारियों दिया तोहफा, राज्य आंदोलनकारियों को मुफ्त मिलेगा सरकारी इलाज
उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश के सभी राजकीय अस्पतालों-औषधालयों, इनसे संबद्ध अस्पतालों और सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अब राज्य आंदोलनकारियों का इलाज निशुल्क होगा। शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं।
सचिव चिकित्सा डॉ. पंकज कुमार पांडेय की ओर से जारी ये आदेश सभी संबंधित अधिकारियों और राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को भेज दिए गए हैं। हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में यह आदेश लागू कर दिया गया है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले मेडिकल कॉलेज से जुड़े हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में निशुल्क इलाज की सुविधा मिलने पर राज्य आंदोलनकारियों ने खुशी जताई है। इलाज के लिए आने वाले राज्य आंदोलनकारियों को सरकार की ओर से जारी पहचान पत्र साथ लाना होगा। उन्हें जांच समेत अस्पताल में मिलने वाली सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि सरकार की ओर से 8 अप्रैल को जारी आदेश एसटीएच में लागू कर दिया गया है।
राज्य आंदोलनकारी राज्य में दो तरह के आंदोलनकारी हैं। राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए एवं घायल आंदोलनकारियों की संख्या 344 है। इन्हें सरकार 6 हजार रुपये पेंशन देती है। वहीं ऐसे आंदोलनकारी जो जेल नहीं गए लेकिन, आंदोलन से जुड़े रहे उनकी संख्या करीब 6821 है। इन्हें 4500 रुपये पेंशन मिलती है।
राज्य आंदोलनकारी पूर्व छात्र महासंघ के अध्यक्ष मोहन पाठक ने कहा, ‘राज्य आंदोलनकारियों को राजकीय मेडिकल कॉलेज में निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने के सरकार के निर्णय का स्वागत करता हूं। सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं और बढ़ाई जानी चाहिए ताकि सभी को बेहतर इलाज मिले।’ राज्य आंदोलनकारी एवं व्यापारी नेता हुकुम सिंह कुंवर ने कहा, ‘राज्य आंदोलनकारियों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना अच्छा कदम है। आंदोलनकारियों को अन्य सुविधाएं भी मिलनी चाहिए साथ ही अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए।’

उत्तराखंड: कांग्रेस विधायक के बयान से कांग्रेस में खलबली, धारचूला विधायक हरीश धामी ने कहा, पुष्कर सिंह धामी के लिए छोड़ सकते हैं सीट
पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से विधायक हरीश धामी ने कहा कि अगर जनता कहेगी, तो वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ सकते हैं। कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए हरीश ने कहा कि पार्टी में उनकी अनदेखी हुई है। नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद कांग्रेस में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसे में हरीश धामी के इस बयान के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं।हरीश धामी ने कांग्रेस हाईकमान पर उपेक्षा का आरोप लगाया। उनका कहना है कि महत्वपूर्ण फैसलों में उनकी राय नहीं ली गई। इस तरह धारचूला विधायक हरीश धामी अब खुलकर फ्रंट फुट पर आ गए हैं और कांग्रेस के खिलाफ अपनी नाराजगी जता रहे हैं।
हरीश धामी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने हमेशा से ही उन्हें नीचे दिखाने का काम किया है, जबकि वह पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता रहे हैं, इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोडऩे का मन बना लिया है। हरीश ने कहा कि विधानसभा चुनाव में पहली बार कांग्रेस सीट से जीते विधायक को उप नेता प्रतिपक्ष बनाकर उनके सम्मान को चोट पहुंचाई है।
हरीश धामी ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के लिए बहुत कुछ किया पर कांग्रेस ने हमेशा उनका अपमान ही किया।। हरीश ने दो टूक कहा कि अगर क्षेत्र की जनता कहेगी, तो वह सीएम पुष्कर सिंह धामी के लिए सीट छोड़ सकते हैं। हरीश का कहना है कि उनके पास अगल दल बनाकर जनता की सेवा करने का भी विकल्प खुला है।
प्रदेश में नई नियुक्तियों को लेकर कांग्रेस के भीतर विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। नाराज चल रहे करीब 10 विधायकों ने बुधवार को भी गुपचुप तरीके से बैठकों का सिलसिला जारी रखा। नवनियुक्त पदाधिकारियों से इन विधायकों ने दूरी बनाई हुई है। असंतोष प्रबंधन में जुटी पार्टी भी इससे असहज है।
कांग्रेस में नई नियुक्तियों को लेकर बढ़ता असंतोष राष्ट्रीय नेताओं के विरोध का रूप ले रहा है। चुनाव से ठीक पहले प्रदेश में चुनाव प्रबंधन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष रहे हरीश रावत ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोला था।
पिथौरागढ़ जिले के धारचूला से विधायक हरीश धामी ने बगावती तेवर अपनाते हुए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। प्रदेश में पार्टी की बदहाली के लिए प्रभारी को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि विधायक जल्द ही अलग दल बनाने का निर्णय ले सकते हैं।
चुनाव में हार के कारणों की समीक्षा का परिणाम प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष पदों पर नई नियुक्तियों के रूप में सामने आया है। इसके बाद प्रदेश प्रभारी और हार की समीक्षा करने वाले राष्ट्रीय नेताओं के खिलाफ गुस्सा फूट रहा है।

नीट-UG 2022: 7 मई तक करें नीट परीक्षा के लिए आवेदन,17 जुलाई को होगी नीट परीक्षा, ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET-UG) का आयोजन 17 जुलाई को होगा और इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 2 अप्रैल से प्रक्रिया शुरू हो गई है। यूजी नीट परीक्षा (NEET-UG 2022) एक ही दिन आयोजित होगी और यह पेन-पेपर आधारित होगी। इसे 13 भाषाओं में आयोजित किया जाएगा।
नीट 2022 परीक्षा के लिए nta.nic.in पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस साल स्नातक मेडिकल प्रवेश परीक्षा का आयोजन 17 जुलाई 2022 को किया जाएगा। परीक्षा के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 7 मई, 2022 है।
नीट 2022 महत्वपूर्ण तारीखें
इवेंट |
नीट 2022 डेट |
नीट आवेदन पत्र 2022 भरने की अंतिम तिथि |
6 मई 2022 |
नीट 2022 आवेदन शुल्क भुगतान की लास्ट डेट |
7 मई 2022 |
एनटीए नीट आवेदन पत्र की सुधार खिड़की |
सूचित किया जाएगा |
नीट-UG एडमिट कार्ड 2022 जारी किया जाएगा |
सूचित किया जाएगा |
नीट परीक्षा की तारीख |
17 जुलाई 2022 (जारी) |
नीट रिजल्ट की घोषणा |
सूचित किया जाएगा |
नीट यूजी काउंसलिंग की शुरुआत |
सूचित किया जाएगा |
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जनजाति क्षेत्र का लोहारी गांव जलमग्न हो गया है, ग्रामीणों संकट की इस घड़ी में उल्लास का पर्व बिस्सू कैसे मनाएं
अनूठी लोक व पौराणिक परंपराओं के लिए प्रसिद्ध जनजाति क्षेत्र जौनसार बावर में 14 अप्रैल से 367 राजस्व गांवों व करीब 200 खेड़ों व मजरों में बिस्सू पर्व की धूम शुरू हो जाएगी।जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर में इन दिनों बिस्सू मेले की धूम है। क्षेत्र के गांवों में बिस्सू की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। लोग अपने घरों को सजा रहे हैं। बाजार से खरीदारी में व्यस्त हैं। व्यापारी मेलों की तैयारी में जुटे हुए हैं। विभिन्न गांवों में आयोजित बिस्सू मेले में बड़ी संख्या में लोग मेला देखने पहुंचेंगे।
जनजाति क्षेत्र लोहारी गांव के जलमग्न होने से खत लखवाड़ का एक गांव घट गया है। अभी तक इस खत में कुल नौ गांव थे।पुराने समय के पहाड़ी शैली में निर्मित घर कई 100 वर्षों की गाथा को समेटे हुए थे जो अब डूब गए हैं। मकानों पर उम्दा नक्काशी व चित्रकारी भी लुप्त हो गई है।
जौनसार का प्रमुख पर्व बिस्सू गुरुवार को है। क्षेत्र के गांवों में बिस्सू की तैयारियां जोर शोर से चल रही हैं। लोग अपने घरों को सजा रहे हैं। बाजार से खरीदारी में व्यस्त हैं। व्यापारी मेलों की तैयारी में जुटे हुए हैं। लेकिन लोहारी में जिस ‘पांडवों की ठौर’ पर मेला लगना था, जहां, हारुल और तांदी की धूम मचनी थी।
वह स्थान झील में समा गया है। गांव में शरणार्थी जैसा जीवन बिता रहे, ग्रामीणों की समझ में नहीं आ रह है कि, संकट की इस घड़ी में उल्लास का पर्व बिस्सू कैसे मनाएं। ग्रामीणों ने बताया कि, बांध की झील में समाए पांडवों ठौर में भीम की गदा, अर्जुन का गांडीव, नकुल सहदेव की तलवार, युद्धिष्ठर का भाला, द्रोपदी का कटार रखा जाता था।
साल में यहां दो बार मेला लगता था। जिसमें चौदह अप्रैल को बिस्सू मेला लगना था। लेकिन अब यह सब इतिहास बन गया है। कुलदेवता का मंदिर भी जलमग्न पांडवों की ठौर के पास ही काली का मंदिर और कुल देवता चिनपुणियां का मंदिर था। जहां हमेशा पूजा अर्चना होती थी। वह भी बांध में डूब गया।

लखवाड़-व्यासी जल विद्युत परियोजना : विकास की भेट चढ़ गया उत्तराखंड का एक और गाँव,परियोजना झील में जलस्तर बढ़ने से लोहारी गांव जलमग्न हो गया, संस्कृति और खेत-खलिहान हो गए गुम
उत्तराखंड के देहरादून जिले के कालसी क्षेत्र में सोमवार को 120 मेगावाट वाली लखवाड़-व्यासी जल विद्युत परियोजना की झील का जलस्तर बढ़ने के साथ ही लोहारी गांव जलमग्न हो गया। इस दौरान माहौल भावुक हो गया। अपने पैतृक गांव को डूबता देख गांव वालों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
उत्तराखंड को रोशन करने के लिए जलमग्न हो गया ‘लोहारी’ गांव, 120 मेगावाट की व्यासी परियोजना से मिलेगी बिजली व्यासी बांध परियोजना के अधिशासी निदेशक राजीव अग्रवाल ने बताया कि 15 से 16 अप्रैल तक पानी बिजली उत्पादन के स्तर पर पहुंच जाएगा। अप्रैल के अंत तक पावर हाउस से बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। परियोजना की झील में जल स्तर बढ़ाए जाने से लोहारी गांव जल्द ही डूब गया
पानी का स्तर बढ़ने के साथ ही डूब क्षेत्र में आए लोहारी गांव में सोमवार को पानी आ गया है। शाम लगभग तीन बजे से गांव में पानी भरना शुरू हो गया था। इसके बाद लगातार बढ़ते जलस्तर ने गांव के मकान, गौशाला, खेत-खलिहानों व पार्क आदि को अपने आगोश में ले लिया। उधर, परियोजना के अधिकारियों का दावा है कि देर रात तक डैम के लिए निर्धारित जलस्तर की मात्रा को सुनिश्चित कर लिया जाएगा।
झील की गहराइयों में बांध प्रभावितों की सुनहरी यादें, संस्कृति और खेत-खलिहान गुम हो गए। ऊंचे स्थानों पर बैठे ग्रामीण दिनभर भीगी आंखों से अपने पैतृक गांव को जल समाधि लेते देखते रहे। ग्रामीणों की मांग थी कि उन्हें आखिरी बिस्सू पर्व पैतृक गांव में ही मनाने को कुछ वक्त दिया जाए, लेकिन सभी को 48 घंटे के नोटिस पर गांव खाली करना पड़ा।
जल विद्युत निगम की ओर से उन्हें सामान व उपज ढोने के लिए वाहन भी मुहैया कराए गए थे। हालांकि, गांव खाली होने के बावजूद सोमवार को विस्थापित आसपास ऊंचे स्थानों पर बैठकर अपनी सुनहरी स्मृतियों को झील में समाते देखते रहे।
विस्थापितों ने बताया कि उन्होंने गेहूं की फसल तो काट ली थी, लेकिन टमाटर, मटर, आलू, प्याज व लहसुन के लहलहाते खेत ऐसे ही छोड़ने पड़े। पैतृक गांव को डूबता देख महिलाओं के आंसू तो थमने का नाम ही नहीं ले रहे थे। उधर, उपजिलाधिकारी कालसी सौरभ असवाल ने बताया कि प्रशासन की ओर से बांध विस्थापितों के लिए रहने की व्यवस्था की गई है। लेकिन, ग्रामीण वहां जाने को तैयार ही नहीं हैं।
120 मेगावाट की लखवाड़-व्यासी जल विद्युत परियोजना के लिए आवश्यक सभी स्वीकृतियां प्राप्त करने के बाद वर्ष 2014 में परियोजना पर दोबारा कार्य शुरू हुआ। दिसंबर 2021 में परियोजना का निर्माण कार्य पूर्ण कर उसकी कमिशनिंग की जानी थी, लेकिन तमाम जटिलताओं के चलते कमिशनिंग में देरी हुई। 1777.30 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना के डूब क्षेत्र में सिर्फ लोहारी गांव ही आ रहा था।

उत्तराखंड कांग्रेस ने करण मेहरा को बनाया प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष बने यशपाल आर्य
उत्तराखंड चुनाव 2022 में मत खाने के बाद कांग्रेस अब पार्टी में बदलाव कर रही है। इसीलिए कांग्रेस नए चेहरों को मौका दे रही है। 2024 में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं और इसको ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी अभी से जातिगत समीकरण बनाने में जुट गई है।
पांच राज्यों में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों से आलाकमान ने इस्तीफा मांगा था, जिसके बाद अब लंबी मंत्रणा पर उत्तराखंड कांग्रेस की कमान करन माहरा को सौंपी गई है। वहीं कांग्रेस नेता यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष का दायित्व मिला है। इसके अलावा भुवन कापड़ी को उपनेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है।
हाईकमान के फैसले से पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समर्थकों को गहरा झटका लगा है। माना जा रहा था कि हाईकमान प्रीतम को ही दोबारा नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपेंगा। हाईकमान स्तर पर अच्छे ताल्लुकात की वजह से प्रीतम को नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में चौंकने वाले फैसले के संकेत बाद से प्रीतम खेमा काफी मायूस था।
जनहित और राज्यहित मुद्दों पर सदैव संघर्ष और पार्टी की नीति-रीति को जनजन तक ले जाना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगा। हाईकमान ने मुझे यह जिम्मेदारी दी है, इसके लिए आभार। मैं हाईकमान की अपेक्षाओं पर खरा उतरना का पूरा प्रयास करूंगा। करन माहरा, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष-कांग्रेस

लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से किया जाएगा सम्मानित
उत्तराखंड के प्रमुख लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी को 9 अप्रैल को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद उन्हें यह प्रतिष्ठित सम्मान देंगे। नरेन्द्र सिंह नेगी को वर्ष 2018 के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है। यह कलाकार के लिए देश का सर्वोच्च पुरस्कार है।
नई दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नेगी दा समेत 44 अन्य हस्तियों को यह पुरस्कार प्रदान करेंगे। पुरस्कार के रूप में उन्हें एक लाख रुपये की धनराशि, अंगवस्त्र और ताम्रपत्र दिया जाएगा।इसके अलावा 12 अप्रैल को नेगी दा अपने साथी कलाकारों के साथ राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के सामने अपने लोकगीतों की प्रस्तुति भी देंगे।
शनिवार को दिल्ली में देशभर की 44 हस्तियों के साथ उत्तराखंड से लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को भी प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। नरेंद्र सिंह नेगी को उत्तराखंड में लोक संगीत के क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए वर्ष 2018 के पुरस्कार के लिए चुना गया था।

भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश की दिशा में उत्तराखंड, भ्रष्टाचार की शिकायतों सीएम धामी ने जारी किया नंबर व वेब एप
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की दिशा में बड़ी पहल की है। भ्रष्टाचार की शिकायतों के लिए उन्होंने आम जनता के लिए 1064 नंबर व वेब एप जारी किया है।उत्तराखंड में दोबारा मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद सीएम धामी एक्शन में नजर आ रहे हैं। वह लगातार राज्य के विकास के लिए जरूरी योजनाओं पर पूरा ध्यान लगाए हुए हैं। अधिकारियों की बैठकें लेने के साथ ही वह स्वयं भी निरीक्षण कर रहे हैं। आज शुक्रवार को उन्होंने एक और फैसला राज्य हित में लिया है।
प्रदेश में कहीं भी भ्रष्टाचार की शिकायत के लिए आम जनता इस नंबर पर कॉल कर सकती है। जनता की शिकायत पर तुंरत कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार प्रदेश हित में अहम फैसले ले रहे हैं। भाजपा राष्ट्र पहले, संगठन दूसरे और व्यक्ति तीसरे के सिद्धांत पर चलती है। इसलिए वह और उनकी सरकार प्रदेश हित में ही फैसले लेगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी में चिकित्सा उपकरणों का किया लोकार्पण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी उप चिकित्सालय के लिए डी.एल.एफ द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने उप चिकित्सालय मसूरी में आधुनिक सी.टी स्कैन मशीन,आर्म मशीन, इमरजेंसी वेंटिलटर का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी उप चिकित्सालय के लिए डीएलएफ द्वारा दिए गए सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने उप चिकित्सालय मसूरी में आधुनिक सी.टी स्कैन मशीन, आर्म मशीन, इमरजेंसी वेंटिलेटर का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने कहा की मसूरी उप चिकित्सालय में इन आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता से मसूरी एवं आस पास के क्षेत्रों धनोल्टी, नैनबाग एवं जौनपुर के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा की प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं की मजबूती के लिए राज्य सरकार द्वारा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर गुरुवार को मसूरी पहुंचे सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुजुर्गों को बड़ी सौगात दी है। सीएम ने कहा, अब तक केवल एक बुजुर्ग को पेंशन मिलती थी, अगर परिवार में दो बड़े व्यक्ति होते, अब हम परिवार के दोनों बुजुर्गों को पेंशन देंगे।
मसूरी के टाउनहॉल सभागार में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम धामी ने कहा, हमने लोगों के लिए समान नागरिक संहिता लाने का फैसला किया, क्योंकि उत्तराखंड एक पहाड़ी राज्य है, यह संस्कृति और आध्यात्मिकता का केन्द्र है और दो अंतरराष्ट्रीय सीमाएं भी साझा करता है।
इस अवसर पर केबिनेट मंत्री गणेश जोशी, मसूरी के नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, भाजपा जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुंडीर, भाजपा के मसूरी मंडल अध्यक्ष मोहन पेटवाल आदि उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मोरी ब्लाक के जखोल गांव में बिस्सू मेले में शामिल होने के लिए पहुंचे। शुक्रवार को जखोल में मुख्यमंत्री ने सोमेश्वर देवता मंदिर में पूजा अर्चना की। इस दौरान मोरी ब्लाक के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भव्य स्वागत किया। उन्होंने सोमेश्वर महादेव मंदिर का सौंदर्यीकरण करने, सीएचसी पुरोला का उच्चीकरण कर उप जिला चिकित्सालय बनाने, पीएचसी मोरी को सीएचसी करने, नैटवाड सांकरी जखोल मोटर मार्ग को हाॅट मिक्स प्लान के तहत तैयार करने और नौगांव में महाविद्यालय खोलने की घोषणा की।