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उत्तराखंड में स्कूल कुछ समय के लिए फिर हो सकते हैं बंद,रात्रिकालीन कर्फ्यू पर भी विचार

कोरोना संक्रमण बढ़ता देख सरकार एक बार फिर स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद करने पर विचार कर रही है। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है जो शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों ने इसकी पुष्टि की।  सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने बोर्ड कक्षाओं को छोड़ बाकी कक्षाएं कुछ समय को बंद करने की सिफारिश की है। विभाग का मानना है कि बोर्ड परीक्षा होने से 10वीं और 12 वीं कक्षाएं को जारी रखना छात्रहित में उचित होगा।  साथ ही उम्र में बड़े होने से बोर्ड के छात्रों से कोरोना के मानकों का पालन आसानी से कराया जा सकता है।

रात्रिकालीन कर्फ्यू पर भी सरकार गंभीर: सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि कोरोना के चलते रात्रिकालीन कर्फ्यू पर भी विचार है। कुछ राज्यों ने कोरोना काबू करने को नाइट कर्फ्यू का प्रयोग लागू भी किया है। स्कूलों पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी पहलुओं का लगातार अध्ययन किया जा रहा है। जनहित में जो भी उचित होगा, सरकार वही निर्णय करेगी।उत्तराखंड में गुरुवार को कोरोना के 787 नए मरीज मिले और तीन संक्रमितों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कुल मरीजों की संख्या 105498 हो गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 1744 पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को देहरादून में 239, हरिद्वार में 277, अल्मोड़ा में 16, बागेश्वर में छह, चमोली में दस, चम्पावत में एक, नैनीताल में 132, पौड़ी में आठ, पिथौरागढ़ में छह, रुद्रप्रयाग में 12, टिहरी में 39, यूएस नगर में 34 और उत्तरकाशी में सात नए संक्रमित मरीज मिले हैं।

टीकाकरण का रिकार्ड, एक ही दिन में एक लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण
देहरादून। 
राज्य में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही टीकाकरण कराने वालों की संख्या में अप्रत्याशित बढोत्तरी हो गई है। गुरुवार को टीकाकरण के पुराने सभी रिकार्ड ध्वस्त हो गए और रिकार्ड एक लाख से अधिक लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाया। ंस्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को राज्य भर में बनाए गए 718 टीकाकरण बूथों पर कुल 107658 लोगों को टीके लगाए गए। 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से यह पहली बार है जब राज्य में एक ही दिन में एक लाख से अधिक लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए हैं। इसके साथ ही राज्य में टीके की एक डोज लगाने वालों की संख्या एक लाख 66 हजार के पार पहुंच गई है। जबकि एक डोज लगाने वालों का आंकड़ा 10 लाख को पार कर गया है। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ कुलदीप सिंह मार्तोलिया ने बताया कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई जा रही है ताकि कम से कम समय में राज्य की ज्यादा से ज्यादा आबादी को कवर किया जा सके।

चारधाम : कोरोना की दूसरी लहर के चलते यात्री उत्तराखंड आने (चारधाम यात्रा) से भी कतराने लगे पर्यटक,होटलों की बुकिंग हो रही रद

देश-विदेश के पर्यटकों को चारधाम समेत उत्तराखंड के अन्य पर्यटक स्थलों के दर्शन कराने वाली ट्रेवल एजेंसियों के कारोबार पर इस बार भी कोरोना की मार पड़ने लगी है। कोरोना की दूसरी लहर के चलते यात्री उत्तराखंड आने से कतराने लगे हैं। चार धाम के लिए जो एडवांस बुकिंगें आई थी, वह कैंसिल होने लगी हैं। ऐसे में कारोबारियों की चिंता बढ़ने लगी है। दून शहर में करीब 250 ट्रेवल एजेंसियां हैं, जो पर्यटकों को चारधाम, हेमकुंड, फूलों की घाटी, चोपता, हर्षिल समेत अन्य पर्यटकों के लिए वाहन सुविधा देते हैं। एजेंसियों से हजार लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पा रहे हैं, लेकिन कोरोना संकट शुरू होने के बाद ट्रेवल एजेंसियों का काम पूरी से प्रभावित है। पिछले साल करोड़ रुपये की बुकिंगें कैंसिल हुई। एजेंसियों के पास जो एडवांस आया था, उसे वापस लौटाना पड़ा। आर्थिक संकट से जूझ एजेंसियों ने अपने कर्मचारी नौकरी से हटा दिए थे। इस सीजन में कारोबार पटरी लौटने की उम्मीद थी। कई एजेंसियों के पास एडवांस बुकिंगें भी दिसंबर से आने लगी थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर उम्मीदों पर पानी फेरने लगी है। चारधाम यात्रा की अधिकांश बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं।
देहरादून। शहर में करीब 250 ट्रेवल एजेंसी हैं। कोरोना से पहले की अपेक्षा इस बार चारधाम यात्रा की बहुत कम एडवांस बुकिंगें मिली हैं। हिमालय टैक्सी सर्विस आराघर के राजेंद्र काला ने बताया कि पहले एक एजेंसी को 200 से 250 एडवांस बुकिंग मिल जाती थी, लेकिन इस बार 15 से 20 बुकिंगें मिल पाई हैं। इसमें पचास फीसदी से ज्यादा कैंसिल हो चुकी हैं। हमारी एजेंसी को 18 बुकिंगें मिली थी, सभी कैंसिल हो चुकी है।
हमारी एजेंसी को चारधाम की 18 बुकिंगें मिली थीं। इस हमने एडवांस नहीं लिया, लेकिन कोरोना के बढ़ते खतरे के बाद से लोग बुकिंग कैंसिल करवाने लगे हैं। जून महीने की बुकिंग भी कैंसिल हो गई है।
राजेंद्र काला, हिमालय टैक्सी सर्विस
चारधाम के लिए यात्रियों के फोन आए हैं, लेकिन अभी कंफर्म बुकिंग किसी नहीं है। हम खुद भी एडवांस नहीं ले रहे हैं। सरकार रोज नियम बदल रही है। कुंभ देख लो, यात्रियों को बोर्डर से वापस भेजा रहा है। ऐसे में हम एडवांस लेकर अपनी बदनामी थोड़ी झेलेंगे।
इंद्रजीत सिंह, हेमकुंड ट्रेवल, त्यागी रोड
मसूरी के होटलों में 35 फीसदी बुकिंग रद
कोरोना की दूसरी लहर में पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। पुरानी बुकिंग कैंसिल हो रही है और नई नहीं हो रही है। सरकार की ओर से कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी होने के बाद अप्रैल महीने में मसूरी में 35 फीसदी बुकिंग कैंसिल हो चुकी है। इसका असर इस वीकेंड पर देखने को मिला। होटल विष्णु पैलेस के एमडी राम कुमार गोयल ने बताया कि सरकार के नई गाइडलाइन जारी करने से पहले होटल में अप्रैल माह के लिए 50 फीसदी तक की बुकिंग थी, लेकिन बाद में यह लगभग सारी कैंसिल हो गई। अप्रैल में फिलहाल कोई बुकिंग नहीं है।

जीएमवीएन के मैनेजर पीएस कंडारी ने बताया कि अप्रैल के लिए होटल में केवल 7 प्रतिशत बुकिंग हैं जिसमें से एक बुकिंग कैंसिल हो गई है। उन्होंने बताया कि आज होटल में एक भी कमरा नहीं लगा हुआ है, और आगे के लिए भी बुकिंग नहीं मिल रही हैं। होटल जेपी के जीएम अनिल शर्मा ने बताया कि होटल में अप्रैल माह के लिए ऑनलाइन एक भी बुकिंग नहीं है। आज होटल में 10 प्रतिशत तक की बुकिंग है आगे दो शादियों की बुकिंग हैं, एक ग्रुप ने आना है। बताया कि कुछ पुरानी बुकिंग हैं जो कैंसिल करना चाह रहे हैं, लेकिन हम उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं।

उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी का कहना है कि अप्रैल माह में काफी बुकिंग कैंसिल हुई है और आगे के लिए भी बुकिंग नहीं आ रही हैं। होटल एसोसिएशन के महासचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि अभी होटल में मात्र 10 प्रतिशत तक बुकिंग है और आगे भी बुकिंग नहीं बन पा रही हैं। अप्रैल में 35% तक की बुकिंग कैंसिल हुई है। आगे भी कोई बुकिंग नहीं है। होटल रमाडा के मैनेजर हर्ष मणि सेमवाल ने बताया कि अप्रैल माह में जितनी भी बुकिंग थी उनमें से अधिकांश बुकिंग कैंसिल हो गई हैं। व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल का कहना था कि नई गाइडलाइन जारी होने के बाद पर्यटकों की संख्या में गिरावट आने के बाद का असर व्यापार पर भी पड़ा है।
टैक्सी कारोबार भी हो रहा है प्रभावित
उतरांखंड टैक्सी मैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए जो बुकिंग हुई थी, सारी रद्द हो गई हैं। चारधाम यात्रा के लिए 85 प्रतिशत तक की बुकिंगें थी जो कैसिंल हो गई है। गाइडलाइन के बाद मसूरी पहुंचे पर्यटक भी बुकिंग नहीं ले रहे हैं।

कारोबार बीते साल के झटके से उबर रहा है। नई गाइडलाइन के बाद रामनगर में 50 फीसदी बुकिंग निरस्त हो गई हैं। यह लगातार दूसरा साल है, जब कारोबार पीक सीजन में डाउन है। सरकार को ध्यान देना चाहिए।
हरि सिंह मान, अध्यक्ष, रिजॉर्ट एसोसिएशन रामनगर

जनवरी से मार्च तक होटलों में अच्छी संख्या में पर्यटक आ रहे थे। नई गाइड लाइन के चलते सैलानी कम हुए हैं। कोरोना मरीज बढ़ने से होटलों में 30 से 40 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हुई है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के पर्यटक सर्वाधिक बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं।
दिनेश साह, अध्यक्ष, नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष

तीरथ सरकार में त्रिवेंद्र सरकार का एक और फैसला बदला, अब एक रुपये में नहीं, बल्कि 100 रुपये में मिलेगा पानी का कनेक्शन

उत्‍तराखंड में एक रुपये में नहीं, बल्कि 100 रुपये में पानी का कनेक्शन मिलेगा। तीरथ सरकार में त्रिवेंद्र सरकार का एक और फैसला बदला गया। ग्रामीण और शहरी श्रेणी में एक समान पानी के कनेक्शन का शुल्क किया गया है। पहले ग्रामीण इलाकों में एक रुपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा था। शहरों में पानी का कनेक्शन 3600 रुपये होने के कारण लोग कनेक्शन नहीं ले रहे थे। गुरुवार को शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने प्रदेश के शहरी निकायों की बैठक में उक्‍त आदेश दिए।
गुरुवार को नगर निगम देहरादून में मंत्री प्रदेश के शहरी निकायों की बैठक ले रहे हैं। अभी सभी नगर निगम की चल रही, उसके बाद दूसरे चरण में नगर पालिका और तीसरे चरण में नगर पंचायतों की बैठक होगी। इस दौरान शहरी विकास मंत्री बंशीधर भगत ने कहा कि पूरे प्रदेश में पानी के बिल के लिए मीटर लगेंगे। उन्‍होंने कहा अब फोकट में पानी नहीं दिया जा सकता।जितना पानी इस्तेमाल करोगे, उतना ही शुल्‍क ही देना होगा।

उत्तराखंड : उत्तराखंड में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रुड़की बना नया हॉटस्पॉट, 80 छात्रों को हुआ कोरोना

उत्तराखंड में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। उत्तराखंड में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रूड़की के 80 छात्र कोरोना की चपेट में आ चुके हैं जिसके बाद पांच हॉस्टल को सील कर दिया गया है और इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
आईआईटी रूड़की की मीडिया सेल प्रभारी सोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि एक हॉस्टल को कोविद केयर सेंटर में बदल दिया है। वहीं, आईआईटी रुड़की प्रशासन ने छात्रों को अपने कमरों में ही खुद को आइसोलेट करने के लिए निर्देश दिया है। आपको बता दें कि मंगलवार तक 60 छात्रों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। फिर बुधवार को संस्थान में हरिद्वार जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित आरटी-पीसीआर टेस्ट में 20 और छात्रों कोरोना पॉजिटिव पाए गए।

सोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि इंस्टीट्यूट में 80 कोरोना पॉजिटिव छात्रों पाए जाने के बाद हरिद्वार जिला स्वास्थ्य विभाग ने कॉटले, कस्तूरबा, सरोजिनी, गोविंद भवन और विज्ञान कुंज नाम के पांच हॉस्टल को सील कर दिया है और इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूट में 3000 छात्र हैं जिसमें से लगभग 1200 छात्र इन 5 हॉस्टल में रहते हैं।

सोनिका ने आगे बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में गंगा भवन हॉस्टल को कोविड केयर सेंटर के रूप में बदल दिया है जहां, संक्रमित छात्रों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा, एक गेस्ट हाउस और एक अन्य प्रतिष्ठान को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है।वहीं, हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके झा ने बताया कि हमने संक्रमण का पता लगाने के बाद इंस्टीट्यूट से लगभग 2000 छात्रों और कर्मचारियों के आरटी-पीसीआर नमूने लिए थे। मंगलवार तक, 60 छात्रों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और फिर बुधवार को 20 और छात्रों की रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण पाया गया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस एनवी रमना की नियुक्ति पर हस्ताक्षर किए।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस एनवी रमना की नियुक्ति को मंजूरी दी। 23 अप्रैल को सीजेआई, एसए बोबडे की सेवानिवृत्ति के बाद, न्यायमूर्ति रमना के 24 अप्रैल, 2021 को सीजेआई के रूप में कार्यभार संभालने की उम्मीद है।भारत के राष्ट्रपति, रामनाथ कोविंद ने सोमवार को न्यायमूर्ति एनवी रमना की भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में नियुक्ति पर हस्ताक्षर किए।

जस्टिस रमना, जो 48 वें सीजेआई होंगे, को 17 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था।23 अप्रैल को सीजेआई एसए बोबडे की सेवानिवृत्ति के बाद, वह 24 अप्रैल, 2021 को सीजेआई का पदभार संभालेंगे। सीजेआई को नियुक्त करने में सुप्रीम कोर्ट के बाद वरिष्ठता मानदंड के अनुरूप जस्टिस रमना के नाम की सिफारिश सीजेआई एसए बोबडे ने देश के सर्वोच्च न्यायिक कार्यालय को संभालने के लिए की थी।26 अगस्त, 2022 को सेवानिवृत्त होने से पहले जस्टिस रमना 16 महीने से अधिक समय तक सीजेआई के रूप में लंबे समय तक कार्यकाल में रहेंगे। वास्तव में, यह लगभग एक दशक तक भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सबसे लंबा कार्यकाल होगा। दिवंगत जस्टिस एसएच कपाड़िया मई 2010 से सितंबर 2012 तक लंबे कार्यकाल वाले अंतिम न्यायाधीश थे।
अमरावती भूमि घोटाले में न्यायमूर्ति एनवी रमना के बारे में शिकायत के संबंध मे हाल ही में, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सीजेआई बोबडे को लिखा था।हालांकि, रेड्डी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए एक इन-हाउस प्रक्रिया का पालन करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

निजी वाहन में मास्क पहनना अनिवार्य, “निजी वाहन में अकेले हैं तो भी वाहन को पब्लिक प्लेस ही माना जाएगा”, अकेले वाहन चलाते समय भी मास्क पहनना अनिवार्य: दिल्ली उच्च न्यायालय

दिल्ली HC ने फैसला सुनाया है कि कोरोना वाइरस महामारी के दौरान किसी वाहन में मास्क पहनना अनिवार्य है, भले ही वाहन मे चालक अकेले हों और उसके पास कोई अन्य व्यक्ति न हो।
न्यायालय ने कहा कि यदि वाहन सार्वजनिक स्थानों से गुजरता है, तो ऐसे अन्य लोग भी हो सकते हैं जो जोखिम उठा सकते हैं। इस संबंध में, न्यायालय ने यह भी नोट किया कि बुजुर्ग व्यक्तियों या सह-रुग्णता वाले व्यक्तियों के घर के भीतर भी मास्क पहनने को प्रोत्साहित किया जाता है। यह कहा गया था कि एक व्यक्ति द्वारा एक वाहन भी एक सार्वजनिक स्थान होगा, तो मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
अपनी कारों में अकेले ड्राइविंग करते समय मास्क नहीं पहने हुए पर जुर्माना लगाने की चुनौती वाली याचिकायों मे न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ यह फैसला सुनाया।
अपनी कारों में अकेले ड्राइविंग करते समय मास्क नहीं पहने हुए पर जुर्माना लगाने की चुनौती वाली याचिकायों मे न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ यह फैसला सुनाया। इन सभी याचिकाओं को आज मेरिट के बिना होने से खारिज कर दिया गया, साथ ही कोर्ट ने देखा कि,

“कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक मास्क सुरक्षा कवच की तरह है … मास्क पहनना एक ऐसा उपाय है जिसने लाखों लोगों की जान बचाई गयी है।
यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता वकील थे, जज ने कहा कि अधिवक्ताओं को बिना पूछताछ के महामारी को रोकने के उपायों में पहचान और सहायता करना चाहिए। खासकर उच्चीकृत परिस्थितियों में अनुपालन दिखाने के लिए उनका उच्च कर्तव्य है।

याचिकाकर्ताओं में से एक, अधिवक्ता सौरभ शर्मा ने भी अपने 500 रुपये का जुर्माना भरने के बाद 10 लाख का मुआवजा मांगा था।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, ऐसे जुर्माने का प्रावधान अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी था क्योंकि अकेले यात्रा करना “सार्वजनिक स्थान” नहीं कहा जा सकता है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा: सार्वजनिक स्वास्थ्य संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची III की प्रविष्टि 6 के आधार पर एक राज्य विषय था।

जब भारत सरकार और राज्य सरकारें कोरोना वाइरस महामारी से निपटने के लिए सहयोग में काम कर रही थीं, लेकिन जब कोई व्यक्ति किसी वाहन में अकेला हो, तो मास्क पहनना अनिवार्य करने पर उसमें से कोई निर्देश शामिल नहीं था।
दूसरी ओर, दिल्ली सरकार ने कहा कि एक निजी वाहन एक निजी क्षेत्र नहीं था और इसमें किसी भी व्यक्ति को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना चाहिए।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा- सरकार की कोशिश, लाकडाउन की स्थिति न आए।कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करना अनिवार्य

देहरादून :- प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि सरकार की पूरी कोशिश है कि लाकडाउन की स्थिति न आए। संक्रमण के मद्देनजर अस्पतालों को तैयार किया गया है। आइसीयू की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही क्वारंटाइन सेंटर भी तैयार किए जा रहे हैं। जहां नए मामले आ रहे हैं, वहां कंटेनमेंट जोन भी बनाए जा रहे हैं।
मंगलवार को मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि जब उन्होंने कार्यभार संभाला था, तब कोरोना संक्रमण के लिहाज से स्थिति काफी हद तक ठीक थी। इसके बाद धीरे-धीरे प्रदेश में स्थिति खराब होती गई। पंजाब, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश व एनसीआर में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े। वहां से लोग उत्तराखंड आए तो यहां भी संक्रमण की स्थिति बनी। प्रदेश में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है, लेकिन लोग ठीक भी हो रहे हैं। बावजूद इसके स्थिति चिंताजनक है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार ने सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण वाले 12 राज्यों से आने वालों का निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य कर दिया है। प्रदेश में केंद्र सरकार द्वारा जारी कोविड गाइडलाइन का अनुपालन करना अनिवार्य किया गया है। मास्क व शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन करने को आमजन को प्रेरित किया जा रहा है।

उत्तराखंड में भी तेजी से फैला रहा कोरोना, देहरादून के दून स्कूल के 5 छात्र और 7 शिक्षक कोविड पॉजिटिव

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून स्थित प्रसिद्ध दून स्कूल के पांच छात्र और सात शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। देहरादून के जिला मजिस्ट्रेट आशीष श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की और बताया कि प्रशासन स्कूल में स्थिति से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठा रहा है।

अधिकारी ने कहा, “सरकार द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, दून स्कूल सभी आवश्यक कदमों और गाइडलाइन्स का पालन सुनिश्चित कर रहा है। स्कूल ने महामारी को फैलने से रोकने के लिए आवासीय डॉक्टर की देखरेख में अपने सभी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए कार्य योजना लागू की थी।”

जिला मजिस्ट्रेट ने कहा कि सभी कर्मचारी और छात्र अनिवार्य आरटी-पीसीआर परीक्षण से गुजरेंगे। उन्होंने कहा, “टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने वालों को क्वारंटीन कर दिया गया है। वे सरकारी दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं। उनके संपर्क में आने वालों से संपर्क शुरू किया गया है।”

उत्तराखंड में देहरादून में 303 मामले और हरिद्वार में 185 मामले सहित कुल 791 नए मामलों की पुष्टि हुई है। प्रदेश में कुल मामलों की संख्या 1,03,602 हो चुकी है।

उत्तराखंड में हुआ बड़ा प्रशासनिक उलटफेर,सचिवालय में तैनात 24 आईएएस समेत 30 अफसरों में फेरबदल

देहरादून| मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सचिवालय में तैनात 24 आईएएस समेत 30 अफसरों में फेरबदल किया है। पहले फेरबदल में सीएम की तरफ से कोई बड़ा उलट-फेर नहीं किया गया है। सोमवार देर शाम सीएम की हरी झंडी के बाद कार्मिक विभाग ने यह आदेश किए हैं। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से सैनिक कल्याण हटा कर आयुक्त समाज कल्याण और प्रमुख सचिव आरके सुधांशू से खनन वापस लेकर ग्रामीण निर्माण की जिम्मेदारी दी है। प्रमुख सचिव एल फैनई को सैनिक कल्याण सौंपा गया है। सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम से महानिदेशक शिक्षा वापस लेकर उनका कद बढ़ाकर खनन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है।

सीएम ने अपने सचिव शैलेश बगोली का हल्का ही रखा है, उनसे परिवहन वापस ले लिया है। सचिव डी सैंथिल पांडियन को कौशल विकास एवं सेवायोजन अतिरिक्त दिए हैं, जबकि नितेश कुमार झा से सिंचाई व लघु सिंचाई वापस ले लिया है। डा. पंकज कुमार पांडेय को चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक की नई जिम्मेदारी दी गई है। डा. रंजीत कुमार सिन्हा से कौशल विकास एवं सेवायोजन हटाकर परिवहन, एसए मुरुगेशन से सिडकुल व आयुक्त उद्योग हटाकर सिंचाई व लघु सिंचाई, बृजेश कुमार संत से ग्रामीण निर्माण हटा निदेशक खनन तो चंद्रेश कुमार को आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद की नई जिम्मेदारी दी है।

प्रभारी सचिव वी षणमुगम से सामान्य प्रशासन वापस लेकर नियोजन व निदेशक आडिट, नीरज खैरवाल को उरेडा व विनय शंकर को पांडेय को महानिदेशक (शिक्षा) की अतिरिक्त कार्यभार दिया है। सुरेंद्र नारायण पांडेय से ऊर्जा एवं उरेडा हटाकर आवास आयुक्त, अपर मुख्य प्रशासक, उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण सौंपा है। ये सभी विभाग विनोद कुमार सुमन से वापस लिए हैं।

अपर सचिव सबिन बंसल से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा आयुक्त व एनएचएम निदेशक हटाकर सिडकुल व महानिदेशक उद्योग, युगल किशोर पंत से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा हटा पर्यटन एवं धर्मस्व व अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद, रणवीर सिंह चौहान से परिवहन एवं प्रबंध निदेशक परिवहन, डा.अहमद इकबाल से निदेशक आडिट, सोनिका से पर्यटन, धर्मस्व एवं अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद वापस लिया है। सोनिका को एनएचएम निदेशक व आयुक्त स्वास्थ्य की अतिरिक्त जिम्मेदारी मिली है।

अपर सचिव आशीष कुमार चौहान को परिवहन निगम में प्रबंधक निदेशक, वंदना सिंह को निबंधक सहकारिता की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी है। पीसीएस व अपर सचिव डा. मेहरबान सिंह बिष्ट से खनन व निदेशक खनन वापस लेकर सिंचाई व लघु सिंचाई दिया है। ये दोनों विभाग उदय राज सिंह से वापस लिए हैं। झरना कामठान से बाल अधिकार संरक्षण आयोग में सचिव पद वापस लेकर आलोक कुमार पांडेय को दिय है। सचिवालय सेवा संवर्ग के अपर सचिव प्रदीप रावत से अपर सचिव सीएम की जिम्मेदारी लेकर मदन मोहन सेमवाल को दे दी है।

कोरोना महामारी को देखते हुए देहरादून और हरिद्वार की सभी अदालतों को दो सप्ताह के लिए बंद करने के आदेश नैनीताल हाइकोर्ट का बड़ा फैसला।

नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से कोरोना महामारी को देखते हुए देहरादून व हरिद्वार की सभी अदालतो को तत्काल प्रभाव से आगामी दो सप्ताह के लिये बन्द करने सभी अधिकारी कर्मचारियों के वेक्सिनेशन करने के आदेश नैनीताल हाई कोर्ट ने दिये है।। सोमवार रात हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार धनंजय चतुर्वेदी की ओर से जारी निर्देश के अनुसार देहरादून व हरिद्वार में नियमित रूप से कार्यरत जिला न्यायालयों में अस्थायी रूप से दो सप्ताह के लिए रेगुलर कामकाज नहीं होगा। जरूरी मामलों की ही सुनवाई होगी। न्यायालय के 30 फीसदी कर्मचारियों को ही ड्यूटी पर आने की अनुमति होगी। दोनों जिलों के जिला न्यायाधीशों और पारिवारिक न्यायाधीश से अनुरोध किया गया है कि वह केंद्र के निर्देश अनुसार 45 वर्ष से अधिक के सभी कर्मियों को टीकाकरण की सलाह देंगे। 55 वर्ष से अधिक आयु वाले स्टाफ को उपस्थित होने को बाध्य नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि उत्तराखंड में सोमवार को कोरोना के 547 नए मरीज मिले और दो संक्रमितों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 102811 हो गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा बढ़कर 1729 हो गया है। स्वासथ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार सोमवार को देहरादून जिले में सर्वाधिक 224 नए मरीज मिले हैं। जबकि हरिद्वार में 194, अल्मोड़ा में दो, बागेश्वर में एक, चमोली में दो, चम्पावत में एक, नैनीताल में 33, पौड़ी में 21, रुद्रप्रयाग में दो, टिहरी में 16, यूएस नगर में 51 नए मरीज मिले हैं। राज्य के विभिन्न अस्पतालों से सोमवार को कुल 32 हजार के करीब सैंपल जांच के लिए भेजे गए।