उत्तराखंड: आज परिसंपत्तियों के मसले को सुलझाने के लिए लखनऊ में योगी-धामी करेंगे बैठक, उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के बीच क्या है परिसंपत्ति विवाद?

उत्तराखंड राज्य गठन के बाद से ही परिसंपत्तियों के बटवारे का मसला अभी तक नहीं सुलझ पाया है। इसे लेकर समय-समय पर मुख्यमंत्री से लेकर सचिव स्तर तक की बैठकें हो चुकी हैं।उत्तर प्रदेश से अलग होकर उत्तराखंड राज्य बना है, तभी से दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों के बंटवारे का विवाद बरकरार है। अब इस विवाद को सुलझाने के लिए बड़े स्तर पर कोशिश की जा रही है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दो दिन के लखनऊ दौरे पर है और आज उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्ति विवाद को लेकर बैठक होगी। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद यूपी ने अभी तक उसे पूरी परिसंपत्तियां ट्रांसफर नहीं की है। जिसके बाद आज सीएम पुष्कर सिंह धामी यूपी दौरे पर हैं। आज की बैठक में सीएम धामी सिंचाई, ऊर्जा, परिवहन, कृषि, आवास-विकास, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, वन एवं कृषि विभाग के लंबित मुद्दे चर्चा करेंगे। वहीं सीएम धामी के साथ कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद, मुख्य सचिव एसएस संधू और सचिव पुनर्गठन रंजीत सिन्हा भी लखनऊ पहुंचे हैं।

इस बारे में बीजेपी ने दावा किया है कि चुनाव से पहले इस मसले को सुलझा लिया जाएगा। उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा चूंकि इस समय दोनों राज्यों और केंद्र में बीजेपी की ही सरकारें हैं इसलिए इस विवाद के सुलझने का यह सही समय है। योगी और धामी की बैठक से पहले यह भी कहा जा रहा है चूंकि योगी उत्तराखंड के हैं और धामी उप्र से गहरा ताल्लुक रखते हैं इसलिए दोनों सीएम आपसी सामंजस्य से दोनों राज्यों के बीच चल रहे इस झगड़े को ठीक से सुलझा सकते हैं।

उत्तराखंड राज्य बनने के बाद भी अभी तक परिसंपत्तियों के बंटवारे का मामला अभी तक सुलझा नहीं है और इस संबंध में पिछली बैठक अगस्त 2019 में हुई थी। हालांकि इस बैठक के दौरान कई मुद्दों पर सहमति बनी, लेकिन ज्यादातर मामलों में कोई फैसला नहीं हो सका और उत्तराखंड को परिसंपत्तियां ट्रांसफर नहीं हुई। दोनों राज्यों के बीच सिंचाई विभाग के तहत हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और चंपावत में करीब 1315 हेक्टेयर जमीन पर फैसला होना है। इसके साथ ही उत्तराखंड को 351 भवनों के हस्तांतरण पर सहमति बनने के बाद भी ये भवन नहीं मिले हैं। जिसको लेकर आज दोनों राज्यों के बीच बातचीत होगी।

उत्तर प्रदेश ने अभी तक उत्तराखंड को हरिद्वार में सिंचाई के लिए गंगानहार से 665 क्यूसेक पानी देने के लिए मंजूरी नहीं दी है। वहीं उत्तराखंड के नाम पर किच्छा में सिंचाई विभाग की 0.346 हेक्टेयर भूमि ट्रांसफर करने को लेकर भी फैसला होना है। वहीं ऊर्जा निगम में मनेरी-भाली जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम से 420 करोड़ रुपये का ऋण लिया गया था और इसका इस्तेमाल दूसरे काम के लिए किया जाता था। यह राशि भी उत्तराखंड को देनी है और इस पर भी फैसला होना बाकी है। इसके साथ ही आज की बैठक में। रामगंगा बांध, शारदा नहर, खटीमा पावर हाउस, मोहम्मदपुर पावर हाउस में बिजली उत्पादन में आ रही समस्याओं पर भी बातचीत होगी।

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने अभी तक उत्तराखंड परिवहन निगम को यात्री कर के 36 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। वहीं उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास बोर्ड की परिसंपत्तियों के वितरण फार्मूले पर भी दोनों राज्यों के भी फैसला लिया जाना है। जबकि उत्तर प्रदेश वन निगम ने सहमति के बावजूद उत्तराखंड वन निगम को 77.31 करोड़ का भुगतान नहीं किया है। जिसे आज सीएम धामी यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने उठाएंगे। इसके अलावा उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम और उत्तराखंड बीज एवं तराई बीज निगम के बीच खातों के सामंजस्य का मामला अभी कृषि विभाग में लंबित है।

उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच पिछले 21 सालों से परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर विवाद हल नहीं हो सका है।  उत्तराखंड के सिंचाई विभाग की 5500 से करीब 13,000 हेक्टेयर ज़मीन और 4000 इमारतों को लेकर विवाद है, जिन पर अब तक यूपी का ही कब्ज़ा है। उत्तराखंड परिवहन विभाग की 5000 करोड़ रुपये की संपत्ति को लेकर यूपी के साथ विवाद है, तो हरिद्वार में कुंभ और कांवड़ मेले की ज़मीन पर कब्ज़े को लेकर भी विवाद है।

टिहरी डैम पर भी अब तक उप्र मालिकाना हक लिये हुए है. कुल मिलाकर 11 विभागों की ज़मीन, भवन और संपत्तियों पर उत्तराखंड दावा करता है, जो अब तक यूपी के अधिकार में हैं और इनसे यूपी ही राजस्व वसूल रहा है।इस परिसंपत्ति विवाद को लेकर कई मामले विभिन्न अदालतों में भी पेंडिंग हैं। राजस्व, सिंचाई, जल विद्युत परियोजनाएं, परिवहन, पर्यटन व कार्मिकों के आवंटन से जुड़े विभागों के मामले उलझे हुए हैं।इन्हीं को हल करने के लिए दोनों मुख्यमंत्री बैठक करने वाले हैं।

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