उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद से ही यह समस्या बनी हुई है। भाजपा की दो-तिहाई बहुमत से बनी दूसरी सरकार में इस समस्या के निदान के लिए मंत्रियों की ओर से एसीआर लिखने का अधिकार देने की मांग उठाई जा रही है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की सचिवों की एसीआर (वार्षिक गोपनीय आख्या) लिखने का अधिकार मंत्रियों को दिए जाने की मुहिम असर दिखाने लगी है। महाराज के सुझाव पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में मुख्य सचिव को कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई,पंचायतीराज, संस्कृति, धर्मस्व, ग्रामीण निर्माण, जलागम प्रबंधन एवं भारत नेपाल उत्तराखंड नदी परियोजनाएं मंत्री सतपाल महाराज लंबे समय से शासन में सचिवों की एसीआर लिखने का अधिकार कैबिनेट मंत्रियों को दिए जाने के साथ साथ राज्य में जिला पंचायत अध्यक्ष को जिलाधिकारी और ब्लॉक प्रमुख को बीडीओ की एसीआर लिखने का अधिकार दिये जाने की पैरवी करते आ रहे हैं। गुरुवार को चारधाम यात्रा की व्यवस्था को लेकर हुई बैठक के अंत में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अवगत कराते हुए बताया कि पूर्व में भी इस प्रकार की व्यवस्था रही है।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के विशेष आग्रह पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्य सचिव को आदेशित करते हुए कहा कि इस संबंध में तत्काल एक कमेटी बनाकर इस बात का अध्ययन किया जाए कि कौन-कौन से राज्यों में मंत्रियों को सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार है।
मंत्री महाराज ने कहा कि राज्य में हर स्तर पर जनप्रतिनिधियों को मजबूत किया जाएगा। कई बार अधिकारी जनता के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। लिहाजा निर्वाचित जनप्रतिनिधि को अधिकारियों की लापरवाह कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाने के लिए अधिकार दिए जाने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। ताकि कोई भी अधिकारी विकास कार्यों में लापरवाही न कर सके।