सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) परीक्षा में लड़कियों को शामिल करने का बड़ा ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (National Defence Academy, NDA) में लड़कियों को भी शामिल करने का फैसला किया है।
केंद्र ने कहा कि NDA में लड़कियों को शामिल करने की अनुमति देने का फैसला कल (मंगलवार) लिया गया है। केंद्र का कहना है कि तीन सेना प्रमुखों से सलाह मशविरा करने के बाद यह फैसला लिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूरी प्रक्रिया और टाइम लाइन देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे उम्मीद है कि रक्षा बल उस महत्वपूर्ण भूमिका को महत्व देंगे जो महिलाएं निभा रही हैं। मामले पर 22 सितंबर को फिर सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 18 अगस्त को पात्र महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश के लिए पांच सितंबर को होने वाली परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी। साथ ही न्यायालय ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को इस आदेश के मद्देनजर एक उपयुक्त अधिसूचना जारी करने और इसका उचित प्रचार करने का भी निर्देश दिया।
शीर्ष अदालत ने, हालांकि कहा था कि परीक्षा का परिणाम याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कुश कालरा की याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया था। इस याचिका में संबंधित अधिकारियों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा में योग्य महिला उम्मीदवारों को शामिल होने और एनडीए में ट्रेनिंग की अनुमति देने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 10 मार्च को एक याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा था, जिसमें योग्य और इच्छुक महिला उम्मीदवारों को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल होने से केवल लैंगिक आधार पर बाहर करने का मुद्दा उठाया गया था। याचिका में कहा गया था कि यह समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
शीर्ष अदालत ने केंद्र, यूपीएससी और अन्य को नोटिस जारी कर उस याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें कहा गया था कि पात्र महिला उम्मीदवारों को एनडीए में प्रवेश करने से स्पष्ट रूप से बाहर रखा गया है और यह केवल उनके लैंगिक आधार पर किया गया है।