नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान 24 दिसंबर को होंगे सेवानिवृत्त, जस्टिस संजय के मिश्रा को उत्तराखंड हाईकोर्ट का कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश नियुक्त करने की अधिसूचना जारी

केंद्र सरकार ने बुधवार (22 दिसंबर) को उत्तराखंड हाईकोर्ट (भारत के संविधान के अनुच्छेद 223 के अनुसार) के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की। यह नियुक्ति 24 दिसंबर से प्रभावी होगी।

उत्तराखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस मिश्रा, जस्टिस राघवेंद्र सिंह चौहान, मुख्य न्यायाधीश, उत्तराखंड हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त होने पर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय के कर्तव्यों का पालन करेंगे।

हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान 24 दिसंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उन्होंने 7 जनवरी 2021 को उन्होंने तेलंगाना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से नैनीताल हाईकोर्ट में कार्यभार ग्रहण किया था।। उनके बाद वरिष्ठ न्यायधीश संजय कुमार मिश्रा को उत्तराखंड हाईकोर्ट का कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की संस्तुति पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ये नियुक्ति की है। जस्टिस संजय कुमार को नियुक्ति से संबंधित केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय के अपर सचिव राजेन्द्र कश्यप के हस्ताक्षर से जारी अधिसूचना बुधवार को हाईकोर्ट को प्राप्त हो चुकी है। 24 दिसंबर 1959 को जन्मे जस्टिस चौहान ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार 31 दिसंबर 2020 को संभाला था।

उत्तराखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरएस चौहान के सम्मान में नैनीताल हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने एक विदाई समारोह आयोजित किया। नैनीताल क्लब में कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि देवभूमि में काम करने का मौका मिलना हमेशा उनकी यादों में रहेगा। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट की बार ने हमेशा उनका सहयोग किया। सीनियर वकीलों से कहा कि वो अपने जूनियर वकीलों को सहयोग करें ताकि उनका भविष्य बेहतर हो। इस मौके पर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अ‌वतार सिंह रावत ने कहा कि दुर्भाग्य से ​जस्टिस चौहान का कार्यकाल उत्तराखंड में बहुत कम रहा।

जस्टिस संजय मिश्रा उड़ीसा हाईकोर्ट से 11 अक्टूबर 2021 को ही उत्तराखंड हाईकोर्ट ट्रांसफर हुए थे। उन्होंने 1987 में दिल्ली विश्वविद्यालय से विधि की डिग्री हासिल की। वह 1999 में जयपुर ज़िला न्यायालय में अपर ज़िला जज और 2009 में उड़ीसा हाईकोर्ट में जज बने थे। इससे पहले, बालंगीर से ताल्लुक रखने वाले जस्टिस मिश्रा ने 1988 में वकालत शुरू की थी और 1999 में ज़िला जज परीक्षा में अव्वल स्थान हासिल किया था। जस्टिस मिश्रा ने एकलपीठ के तौर पर 39,217 और डिविज़न बेंच के जज के तौर पर 10,450 जजमेंट दिए थे। जस्टिस मिश्रा ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सुंदरगढ़, विशेष न्यायाधीश सीबीआई और रजिस्ट्रार जनरल उड़ीसा हाई कोर्ट भी रह चुके हैं।

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