उत्तराखंड में आज से हरेला लोकपर्व शुरू, हरेला पर्व से मानी जाती है उत्तराखंड में सावन की शुरुआत, पुष्कर सिंह धामी ने पौधरोपण कर की शुरुआत

देवभूमि उत्तराखंड में आज से हरेला लोकपर्व का उत्सव शुरू हो गया है। वैसे तो उत्तराखंड में कई महत्वपूर्ण लोक पर्व हैं और इनमें से एक है ‘हरेला’। हरेला उत्तराखंड का लोक पर्व ही नहीं बल्कि हरियाली का प्रतीक भी है। उत्तराखंड में सावन की शुरुआत हरेला पर्व से मानी जाती है।इस पर्व का विशेष महत्व होता है और इस साल यह पर्व आज यानि 16 जुलाई को मनाया जा रहा है। हमारे पूर्वज बहुत दूरदर्शी थे इसलिए उन्होंने विज्ञान को लोक पर्व से पिरोकर रखा। लोकपर्व हरेला से पौधरोपण को बढ़ावा मिलता है। इससे वायुमंडल में आक्सीजन, भूजल संग्रहण के साथ वातावरण में हरियाली रहती है।  यह लोकपर्व खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने  अपने आवास पर पौधरोपण कर हरेला पर्व की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि हरेला पर्व हरियाली का प्रतीक है। इसको हरित क्रांति के रूप में मनाना होगा, तभी हम पर्यावरण को संरक्षित रख सकते हैं। इसमें जन जन की भागीदारी होनी चाहिए।  मान्यता है कि हरेला पर्व पर लगाया पौधा सूखता नहीं है।

जुलाई माह के शुरु के 9 दिन में मक्‍का, गेहूं, उड़द, सरसों और भट को रिंगाल की टोकरी में रोपित किया जाता है। कुछ दिनों में ही इसमें अंकुरित होकर पौधे उग जाते हैं, उन्हें ही हरेला कहते हैं। इसके बाद 10वें दिन हरेला त्योहार के दिन इसे काटा जाता है और फिर इसका पूजन करते हैं और इसे हरेला पतीसना कहा जाता है। फिर यह देवता को अर्पित किया जाता है और घर की बुजुर्ग महिला सभी सदस्यों को हरेला लगाती है इन पौधों को देवताओं को अर्पित किया जाता है। इसके बाद घर के बुजुर्ग इसे काटते हैं और छोटे लोगों के कान और सिर पर रखकर आशीर्वाद देते हैं।

हरेला पर्व पर इस बार भाजपा प्रदेशभर में पौधरोपण का अभियान चलाकर पांच लाख पौधे रौपेगी। भाजपा की ओर से जगह-जगह आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम के तहत प्रदेश में करीब 60 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। आज वन विभाग द्वारा आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में पौधरोपण के बाद सीएम  ने कहा कि देहरादून को क्लीन सिटी ग्रीन सिटी बनाने का अभियान शुरू किया गया है। संस्थाओं द्वारा वृक्षारोपण का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है और यह कार्यक्रम अगले एक महीने तक चलेगा।

सीएम ने कहा कि दो साल बाद शुरू हो रही कांवड़ शिव भक्त यात्रा में इस बार लगभग छह करोड़ शिव भक्त देव भूमि उत्तराखंड में पहुंचेंगे। कावड़ यात्रा के संबंध में उन्होंने कहा की यात्रा को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। शिव भक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं उठाने दी जाएगी।

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