देश के पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में होने वाले चुनावों के परिणाम दस मार्च को आ जाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इन चुनावों में कांग्रेस की बड़ी जीत का दावा करने वाला एक बयान देकर सियासी प्रतिक्रियाओं को हवा दे दी है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश को छोड़कर अन्य चार राज्यों में कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बना रही है। पुलिस और अन्य विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के पास पोस्टल बैलेट न पहुंचने के सवाल पर हरदा ने कहा कि भाजपा सरकार में कुछ भी हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में अभी दो चरण में मतदान शेष है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी वहां चुनाव प्रचार कर चुके हैं। मंगलवार को लालकुआं लौटे रावत ने कांग्रेस नगर अध्यक्ष गुरदीप सिंह के आवास में पत्रकार वार्ता की। इस दौरान उन्होंने यूक्रेन मामले को राष्ट्रीय संकट मानते हुए कहा कि भारतीयों की जल्द सुरक्षित वापसी कराई जानी चाहिए।
पिथौरागढ़ ज़िले की एक आर्मी यूनिट से मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ के वीडियो पर उत्तराखंड पुलिस द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इन वोटों के लिए दोबारा चुनाव करवाने की मांग की है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि इस बार इन वोटों के लिए चुनाव सभी पार्टियों के पोलिंग एजेंटों की मौजूदगी में करवाया जाना चाहिए।
राज्य में 14 फरवरी को वोटिंग होने के बाद 22 फरवरी को हरीश रावत ने एक वीडियो पोस्ट करते हुए आर्मी जवानों के पोस्टल बैलेट पर सवाल खड़े कर दिए थे। इस वीडियो में एक ही जवान कई लोगों के वोट डालते व हस्ताक्षर करते हुए दिख रहा था। इस वीडियो के बाद चुनाव आयोग ने एक्शन के निर्देश दिए तो पुलिस ने पांच जवानों को समन भी भेजा। इस पूरे प्रकरण पर अब गणेश गोदियाल के साथ ही हरीश रावत का भी बयान आया है। रावत ने कहा, ‘भाजपा सरकार में कुछ भी होना संभव है।’
गणेश गोदियाल ने आर्मी यूनिट में मतदान सिस्टम के बारे में बताया कि एक ओटीपी के ज़रिये हर जवान अपना मतपत्र डाउनलोड करता है। चूंकि दूरस्थ इलाकों में हर जवान के पास यह तकनीक नहीं होती इसलिए यूनिट इनचार्ज के पास एक ओटीपी की व्यवस्था की जाती है और इसी से सभी पोस्टल बैलेट यानी मतपत्र डाउनलोड होते हैं। गोदियाल ने यह व्यवस्था बताते हुए आरोप लगाया कि ‘एक यूनिट के कर्मचारियों द्वारा अन्य यूनिटों में तैनात लोगों के वोट भी डाल दिए गए।’
गोदियाल से बातचीत पर आधारित एक खबर के मुताबिक उनका कहना है, ‘एक व्यक्ति सबके वोट डालता दिख रहा है। ऐसा नहीं होना चाहिए। एक व्यक्ति सबके मतपत्र डाउनलोड करके सब पर टिक नहीं कर सकता। यह पक्षपाती वोटिंग ही हुई।’ गोदियाल का कहना है चूंकि 2017 में ऐसी 30 से ज़्यादा सीटें थीं, जहां 5000 से कम वोटों के अंतर से जीत हार तय हुई इसलिए इस तरह के वोटों को वैध नहीं माना जाना चाहिए। उनका कहना है, ‘भले ही मतगणना में देर हो, लेकिन प्रक्रिया पारदर्शी होना ज़रूरी है।’