उत्तराखंड विधानसभा चुनाव लगभग निपट ही गए हैं और जनता को नए मुख्यमंत्री का इंतजार है। लेकिन इन चुनावों में हार का सामना करने वाली कांग्रेस में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है।पांच राज्यों में कांग्रेस की भारी नाकामी के बाद उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव अभियान के चेहरे रहे हरीश रावत और अन्य कांग्रेसी नेताओं के बीच बहस ज़ोर पकड़ रही है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से खुद को बाहर निकाले जाने की बात कह डाली है।
कांग्रेस पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर टिकट के लिए रुपये एकत्र करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर हमला बोला है। उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव अभियान के प्रमुख रहे रावत पर हाल में, कांग्रेस के ही एक बड़े नेता ने विधानसभा चुनाव के टिकट बेचने का आरोप लगाया है। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया में एक बयान जारी करते हुए रावत ने लिखा कि होली में बुराइयों को जला दिया जाता है और अब कांग्रेस को भी हरीश रावत का होलिका दहन कर देना चाहिए।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘पद और पार्टी टिकट बेचने का आरोप अत्यधिक गंभीर है और यदि यह आरोप एक ऐसे व्यक्ति पर लगाया जा रहा हो, जो मुख्यमंत्री रहा है, जो पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष रहा है, जो पार्टी का महासचिव रहा है और कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य है और आरोप लगाने वाला व्यक्ति भी गंभीर पद पर विद्यमान व्यक्ति हो तो यह आरोप और भी गंभीर हो जाता है। यह आरोप मुझ पर लगाया गया है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस पार्टी इस आरोप के आलोक में मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे।
आखिर क्या है पूरा मामला?
उत्तराखंड में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में नेताओं की तकरार का दौर जारी है। सीएम रहते हरीश रावत के बेहद करीब रहे रणजीत सिंह रावत ने हरीश रावत पर 2022 विधानसभा चुनाव के टिकटों में खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। रावत ने सोशल मीडिया पर साफ-साफ लिखा कि उन पर लगे हुए आरोप बेहद गंभीर हैं और लगाने वाला व्यक्ति भी कांग्रेस के आधिकारिक पद पर है। ऐसे में उन्होंने पार्टी से अपने निष्कासन की मांग की।
कितने गंभीर आरोप लगाए गए?
रणजीत सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत अपनी भोली भाली बातों और मासूम शक्ल के दम पर कई नेताओं का कैरियर बर्बाद कर चुके हैं और कई के सपनों से खेल चुके हैं। रणजीत का दावा है कि हरीश रावत ने टिकटों के वितरण में जबरदस्त पैसों का खेल खेला। हरीश रावत पर आरोप लगाने में वह यही नहीं रुके, उन्होंने यह भी कह दिया कि जिन लोगों से हरीश रावत ने पैसे की वसूली की वह अब पैसे वापस मांग रहे हैं।
हरीश रावत ने प्रीतम सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए भी एक लंबा बयान लिखा था। उन्होंने साफ कहा था कि कांग्रेस ने उत्तराखंड में चुनाव उनकी अगुवाई में लड़ा इसलिए वह ज़िम्मेदारी ले चुके हैं और सभी साथियों को हार के लिए उन्हें खरी खोटी सुनाने का हक भी है।यही नहीं, रावत ने लालकुआं से हार जाने के लिए जो बयान जारी किया, उसमें पार्टी के टिकट वितरण सिस्टम को ही कठघरे में खड़ा कर दिया।
रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा
‘पहले पार्टी ने मुझे रामनगर से चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की। मैं 2017 में भी इस सीट से ही चुनाव लड़ना चाहता था क्योंकि यहां मेरा आधार रहा है। यहां जो स्थानीय उम्मीदवार थे, उन्हें सल्ट सीट पर शिफ्ट किया गया। जब मैंने मन बना लिया और अपने कार्यालय तक का चयन कर लिया था, तब मुझे रामनगर से अचानक शिफ्ट कर लालकुआं से चुनाव लड़ने को कह दिया गया।’
उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव हार जाने के प्रकरण पर हरीश रावत ने यह भी ऐलान कर दिया है कि वह होली के बाद लालकुआं और हरिद्वार के साथ ही अन्य ज़िलों में जाकर मतदाताओं के साथ बातचीत करेंगे और उनका शुक्रिया अदा भी करेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनकी बेटी अनुपमा का हरिद्वार ग्रामीण सीट से जीतना उनकी बड़ी उपलब्धि रही है।