चारधाम यात्रा के लिए एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने कराया ऑनलाइन पंजीकरण, केदारनाथ धाम के लिए सबसे अधिक पंजीकरण 

उत्तराखण्ड स्थित गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ चारों धामों सहित सिक्खों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नित्य प्रति बढ़ती जा रही है।

प्रदेश में तीन मई से शुरू हो रही चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण ने रफ्तार पकड़ ली है। अब तक एक लाख से अधिक तीर्थयात्री ऑनलाइन पंजीकरण करा चुके हैं। इसमें केदारनाथ धाम के दर्शन के लिए सबसे अधिक यात्रियों ने पंजीकरण कराया है। इस बार चारधाम यात्रा में भारी संख्या में तीर्थ यात्रियों के आने की उम्मीद है।

विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर 03 मई को, केदारनाथ धाम के कपाट 06 मई और बदरीनाथ धाम के कपाट 08 मई को खोले जाएंगे। पर्यटन विभाग ने इस बार चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पंजीकरण की व्यवस्था अनिवार्य की दी है।

बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा करने के लिए तीर्थयात्री और श्रद्धालु पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationtouristcare.uk.gov.in पर आनलाइन पंजीकरण कर रहे हैं। तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बार पंजीकरण के साथ ही यात्रियों को क्यूआर कोड जारी किया जा रहा है। इससे न केवल यह पता लग सकेगा कि पंजीकरण करने वाले यात्री ने दर्शन किए हैं या नहीं। बल्कि तीर्थयात्रियों और उनके वाहनों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। क्यूआर कोड यात्रियों को दिये जाने वाले रिस्ट बैंड में रहेगा, जिसे प्रत्येक धाम में स्कैन किया जाएगा। इससे पर्यटन विभाग को यह पता रहेगा कि कौन सा यात्री कहां पर है। जब से प्रदेश सरकार ने ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की है तब से तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। हर दिन पंजीकरण करने वालों की संख्या बढ़ रही है।

राज्य के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि 03 मई से 31 मई तक के लिए श्री यमुनोत्री धाम के लिए 15829, श्री गंगोत्री धाम के लिए 16804, श्री केदारनाथ धाम के लिए 41107 और श्री बद्रीनाथ – 29488 समेत 102508 तीर्थयात्री पंजीकरण कर चुके हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना से सामान्य होती स्थिति के बाद इस बार बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद है। पहली बार तीर्थयात्रियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से पंजीकरण और सत्यापन की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है।

उन्होंने बताया कि पंजीकरण कराने वाले तीर्थयात्रियों के डेटा को संबंधित जिले के जिलाधिकारी और एसएसपी के साथ साझा किया जा रहा है। इससे स्थानीय प्रशासन को इस बात की जानकारी रहेगी कि किस दिन कितने तीर्थयात्री वहां पहुंच रहे हैं। इससे उन्हें स्थानीय स्तर पर व्यवस्था बनाने में मदद मिलेगी और तीर्थयात्री भी बिना किसी परेशानी के मंदिरों में दर्शन कर सकेंगे।

क्यूआर कोड दिए जाने के फायदे

यात्रियों को क्यूआर कोड जारी होने  से न केवल यह पता लग सकेगा कि पंजीकरण करने वाले यात्री ने दर्शन किए हैं या नहीं, बल्कि तीर्थयात्रियों और उनके वाहनों को आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। क्यूआर कोड यात्रियों को दिए जाने वाले रिस्ट बैंड में रहेगा। जिसे प्रत्येक धाम में स्कैन किया जाएगा। इससे पर्यटन विभाग को यह पता रहेगा कि कौन सा यात्री कहां पर है। पर्यटन विभाग के अनुसार चारधाम यात्रा में तीन से 31 मई तक के लिए एक लाख से अधिक यात्रियों ने पंजीकरण किया है।

श्री जावलकर ने बताया कि चारधाम यात्रा से जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) की ओर से टोल फ्री नंबर जारी किए गए हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार, मध्यप्रदेश समेत सुदूर भारत से तीर्थयात्री टोल फ्री नंबर 1364 अथवा 0135-1364 (अन्य प्रदेशों हेतु), 0135-2559898, 0135-2552627 और 0135-3520100 पर मौजूद कर्मचारी से पंजीकरण, यात्रा मार्गों की स्थिति, मौसम की जानकारी, बुकिंग की स्थिति, आनलाइन बुकिंग और हेलीकाप्टर सेवा आदि तमाम जानकारी ले रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा को तीर्थयात्रियों में इस बार कितना उत्साह है इसका अंदाजा कंट्रोल रूम में आने वाली फोन कॉल्स की संख्या से लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में रोजाना करीब 450-500 के बीच तीर्थयात्री कंट्रोल रूम में संपर्क कर रहे हैं।

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