हाईकोर्ट नैनीताल ने सरकार को पहाड़ के दूरस्थ इलाकों में मोबाइल टेस्टिंग वैन की व्यवस्था करने, अस्पतालों में आईसीयू-ऑक्सीजन बेड बढ़ाने और सीटी स्कैन मशीन लगाने के निर्देश दिए हैं। क्वारंटाइन सेंटरों की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर दायर याचिकाओं पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार से पूछा कि क्या गैर सरकारी अस्पताल कोविड मरीजों को 25 प्रतिशत बेड उपलब्ध करवा रहे हैं। सरकार को विस्तृत रिपोर्ट छह मई तक पेश करने के आदेश दिए गए हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 मई की तारीख तय की गई है। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और आलोक वर्मा की खंडपीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए सरकार से कहा कि मोबाइल वैन, मोबाइल टीमों का गठन, कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने, कोविड अस्पतालों के कर्मियों को सुरक्षा उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
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उत्तराखंड में दोपहर दो बजे बंद होंगे बाजार, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर शेष बाजार बंद हो जाएंगे।रात्रि कालीन कफर्यू भी रात सात बजे से ही लागू हो जाएगा।
उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में अब प्रतिदिन दोपहर दो बजते ही, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर शेष बाजार बंद हो जाएंगे। साथ ही रात्रि कालीन कफर्यू भी रात नौ बजे के बजाय सात बजे से ही लागू हो जाएगा। उक्त आदेश आज बुधवार से ही लागू होंगे। जैसे जैसे कोविड संक्रमण बेकाबू हो रहा है, सामान्य जन जीवन पर सख्ती भी बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में सरकार ने अब प्रदेश के सभी शहरी क्षेत्रों में रोजाना दोपहर दो बजे बाद आवश्यक सेवाओं के इतर अन्य बाजार बंद करने का निर्णय लिया है।
मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से जारी आदेश के अनुसार पूरे प्रदेश में अब रात्रि कालीन कफर्यू भी शाम सात बजे से ही लागू हो जाएगा। पहले इसके लिए रात नौ बजे का समय तय था। कफर्यू सुबह पांच बजे तक जारी रहेगा। रविवार को पूरे प्रदेश में सम्पूर्ण कोविड कफर्यू रहेगा। कफ्र्यू के दौरान बाहर से आने जाने वाले यात्री, शादी समारोह वालों को पूर्व निर्धारित शर्त के अनुसार आने जाने की छूट रहेगी। इसी तरह दूसरे राज्यों के नागरिकों को अब उत्तराखंड में प्रवेश के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर पूर्व पंजीकरण करवाना होगा।
कोरोना के बढ़ते केसों के बीच उत्तराखंड में बदला नाइट कर्फ्यू का टाइम, जानें कब से बंद होंगी दुकानें
साथ ही 72 घंटे के भीतर की आरटी पीसीआर नैगेटिव रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी। दूसरे राज्यों से अपने घर लौट रहे राज्य के नागरिकों को भी इसी प्रकार पंजीकरण करवाना होगा, हालांकि उनके लिए कोविड जांच की अनिवार्यता नहीं रखी गई है, अलबत्ता उन्हें अपने घर पर ही क्वारंटीन होना पड़ेगा। इधर, सरकार ने जिला स्तरीय कार्मिकों के अवकाश सीधे निदेशालय स्तर से मंजूर किए जाने पर रोक लगाते हुए, इसके लिए जिलाधिकारी को अधिकृत कर दिया है। उक्त सभी आदेश आज यानि बुधवार 21 अप्रैल से ही लागू होंगे।
उत्तराखंड में मंगलवार को कोरोना के 3012 नए मरीज मिले और 27 संक्रमितों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों का कुल आंकड़ा एक लाख 29 हजार पहुंच गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 1919 पहुंच गया है। राज्य लगातार बढ़ते संक्रमण की वजह से एक्टिव मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। मंगलवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार राज्य के अस्पतालों में भर्ती और होम आईसोलेशन में रह रहे मरीजों का कुल आंकड़ा 21 हजार 14 पहुंच गया है। हालांकि मंगलवार को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती 737 लोगों को ठीक होने के बाद डिस्चार्ज किया गया लेकिन तीन हजार से अधिक नए मरीज मिलने से अस्पतालों का दबाव जरा भी कम नहीं हो पाया।
उत्तराखंड में आंदोलन, हड़ताल करने पर कर्मचारियों को बर्खास्त चेतावनी का कर्मचारियों पर असर नहीं
उत्तराखंड में आंदोलन, हड़ताल करने पर कर्मचारियों को बर्खास्त करने की चेतावनी का कोई असर नजर नहीं आ रहा है। कर्मचारी संगठनों के तेवर लगातार सख्त होते जा रहे हैं। बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश भर में अपना जनजागरण कार्यक्रम जारी रखा। साफ किया कि तय आंदोलन कार्यक्रम वापस नहीं लिया जाएगा। मांगे न मानी गईं, तो 28 मई से हड़ताल तय है। बिजली कर्मचारी अधिकारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने सरकार से कर्मचारियों की बजाय ऐसे अफसरों को बर्खास्त करने की मांग की, जिन्होंने कर्मचारियों को मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया, लेकिन उसे पूरा नहीं किया।
मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने कहा कि आंदोलन, हड़ताल करने का कर्मचारियों को कोई शौक नहीं है। जब साढ़े तीन साल पहले हुए समझौते की कोई सुध ही नहीं लेगा, तो कर्मचारियों के पास क्या रास्ता बचा है, अपनी मांग उठाने का। अब सरकार कर्मचारियों से उनका लोकतांत्रिक अधिकार भी छीनना चाहती है। यदि ऐसा होता है, तो ये लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होगा। बावजूद इसके कर्मचारी डरने वाले नहीं हैं। क्योंकि जब कोई न तो मांगे पूरी करेगा और न ही वार्ता करेगा, तो कर्मचारी क्यों अपने आंदोलन से पीछे हटेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार से कुछ भी अनोखा नहीं मांगा जा रहा है। बल्कि उनके जो अधिकार छीने गए हैँ, उन्हें ही वापस मांगा जा रहा है। दिसंबर 2017 को जो समझौता हुआ, उसे पूरा किया जाए। इस बीच उसे न तो पूरा किया गया। न ही इस बीच कोई वार्ता की गई। 12 साल से टीजी टू से जेई पद पर प्रमोशन नहीं हुआ है। इंसेटिव बोनस नहीं दिया जा रहा है। एसीपी का 9,14,19 वर्ष पर लाभ नहीं मिल रहा। समय वेतनमान का लाभ नहीं मिल रहा है। वेतन विसंगति के मसले दूर नहीं हो रहे। ऐसे में कोई भी आंदोलन का कार्यक्रम वापस नहीं लिया जाएगा।
संयोजक इंसारुक हक ने कहा कि जिसे सरकार आंदोलन कह रही है, वो असल में जन जागरण अभियान है। इसमें कर्मचारियों को न सिर्फ उनकी मांगों को लेकर जागरुक किया जा रहा है। बल्कि लाइन लॉस कम किए जाने को भी प्रेरित किया जा रहा है।
डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ भी विरोध में
सरकार के आदेश के खिलाफ उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ भी विरोध में है। महासचिव अजय बेलवाल ने कहा कि कोई हड़ताल नहीं होनी चाहिए। जनता को प्रभावित नहीं होना चाहिए। सरकार के आदेश का समर्थन करते हैं, लेकिन बर्खास्तगी की यही कार्रवाई उनके साथ भी होनी चाहिए, जो आश्वासनों को लटकाते हैं। 15 साल से वरिष्ठता सूची को लटकाए हुए हैं। समय पर प्रमोशन नहीं करते हैं। वेतन, पेंशन का भुगतान समय पर नहीं होता है, तो उसके लिए भी कार्रवाई के वैसे ही सख्त प्रावधान सरकार को करने चाहिए।
महाकुंभ :- कोरोना महामारी के बाद पहली बार हरिद्वार कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी, रामनवमी स्नान एक बार में कितने श्रद्धालु हरकी पैड़ी पर गंगा में लगा सकते है डुबकी
हरिद्वार :- बुधवार को होने वाले रामनवमी स्नान को लेकर पुलिस ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। मंगलवार रात से स्नान ड्यूटी के लिए पुलिसकर्मी तैनात हो जाएंगे। बढ़ते कोरोना के संक्रमण को देखते हुए हरकी पैड़ी पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सख्ती से कराया जाएगा। एक बार में 20 हजार श्रद्धालु हरिद्वार हरकी पैड़ी पर स्नान कर सकेंगे। मंगलवार को इसको लेकर आईजी मेला ऑनलाइन ब्रीफिंग भी करेंगे। कुंभ के तीन प्रमुख शाही स्नान समाप्त होने के बाद अब तीन ही स्नान हरिद्वार में बचे हैं। इसमें 27 को चैत्र पूर्णिमा के दिन शाही स्नान है, जबकि बुधवार को रामनवमी का पर्व और 25 अप्रैल को देव डोलियों का स्नान होना तय है।
बुधवार को होने वाले रामनवमी स्नान को लेकर पुलिस की कोशिश रहेगी कि इस स्नान में स्थानीय लोगों को दिक्कतें न हो। इस पर्व स्नान में कम ही बढ़ रहने की उम्मीद जताई जा रही है। मंगलवार से सीमाओं पर और फोर्स बढ़ा दी जाएगी। 72 घंटे भीतर की आरटीपीसीआर नेगेटिव रिपोर्ट लाने के बाद ही श्रद्धालु को आने दिया जाएगा। पुलिसकर्मियों को संक्रमण से बचाव के लिए फेस शील्ड, मास्क और सेनेटाइजर भी दिए जाएंगे। वहीं कुंभ के रामनवमी पर्व स्नान से पहले हरकी पैड़ी पर सन्नाटा पसरा रहा।
कोरोना महामारी के बाद हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई है। पिछले वर्ष 2010 के कुंभ में 10 लाख श्रद्धालुओं ने हरिद्वार में गंगा स्नान किया था। कोरोना महामारी के बीच हरिद्वार में चल रहे कुंभ के दौरान अचानक से कोरोना संक्रमण की बढ़ोतरी के बाद हरिद्वार सुनसान सा नजर आ रहा है। अचानक यात्रियों की संख्या कम हो गई है। स्नान से 48 घंटे पहले हरिद्वार में सन्नाटा पसरा नजर आया है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब कुंभ का पर्व स्नान से पहले इस तरह की स्थिति हरिद्वार में बनी हुई है।
स्नान को लेकर तैयार है ट्रैफिक प्लान
पुलिस ने ट्रैफिक प्लान भी तैयार किया है, लेकिन भीड़ कम होने की उम्मीद है। इसी को देखते हुए माना जा रहा है कि ट्रैफिक प्लान लागू करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ट्रैफिक प्लान पुराने वाला ही है। दिल्ली से आने वाले वाहनों को जरूरत पड़ने पर रुड़की लक्सर से डायवर्ट कर दक्षद्वीप पार्किंग लाया जाएगा। देहरादून से आने वालों को दूधाधारी और नजीबाबाद से आने वालों को गौरी शंकर पार्किंग में लाया जाएगा।
स्नान की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंगलवार रात से फोर्स तैनात हो जाएगी। जरूरत पड़ने पर ट्रैफिक प्लान लागू किया जाएगा। पुलिस सख्ती से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराएगी।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट के बिना राज्य में आने की अनुमति नहीं
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में आने वाले दूसरे राज्यों के लोगों को आरटीपीसीआर की नेगेटिव रिपोर्ट के बिना अनुमति न दी जाए। उत्तराखंड वापस आने वाले प्रवासी लोगों के लिए रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए पिछली बार के पोर्टल को दोबारा एक्टिव किया जाए। घर लौटने पर प्रवासियों के लिए होम क्वारंटाइन अनिवार्य किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं जाए। कहा कि कोविड सेंटरों को सुदृढ़ किया जाए। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते ग्राफ पर लगाम लगाने के लिए कोरोना जांच में तेजी लाई जाए।
सीएम तीरथ ने राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों को अगले आदेश तक बंद करने के आदेश दे दिए हैं। जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिग में प्रदेश में कोविड की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने जारी किए गए दिशा निर्देशों का पालन पूरी सख्ती से कराया जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर जिले में कोविड केयर सेंटरों को मजबूत किया जाए। सीएम ने कहा कि प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को बंद किया जाए। राज्य की सीमाओं पर पूरी गंभीरता से जांच की जाए।
उत्तराखंड में राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है मृत्यु दर, जानें कोरोना कितने पॉजिटिव मरीजों की ले चुका है जान
उत्तराखंड में कोरोना के कुल नये केस 2160 मिले। 24 मरीजों की मौत भी हुई। मौत का कुल आंकड़ा 1892 पहुंच गया है। एक्टिव केस 18864 पहुंच गए हैं। राज्य में 532 मरीज ठीक भी हुए। संक्रमण दर अब 3.75 प्रतिशत और रिकवरी दर 81.54 प्रतिशत पहुंच गई है। राज्य में कोरोना के कुल केस 126193 पहुंच गए हैं। 102899 मरीज ठीक भी हो गए हैं। राज्य में सोमवार को 28170 केस निगेटिव मिले। 36023 केस जांच को भेजे गए। अभी भी 25743 सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। सोमवार को 79 केस अल्मोड़ा, सात बागेश्वर, 22 चमोली, 15 चंपावत, 649 देहरादून, 461 हरिद्वार, 322 नैनीताल, 114 पौड़ी, चार पिथौरागढ़, 32 रुद्रप्रयाग, 142 टिहरी, 224 यूएसनगर, 89 उत्तरकाशी में पॉजिटिव केस पाए गए। कुल कंटेनमेंट जोन 90 पहुंच गए हैं।
देहरादून:- कोरोना वाइरस के संक्रमण से बचाव को लेकर उच्च न्यायालय के निर्देशों पर जिला स्तरीय माॅनीटिरिंग कमेटी गठित
देहरादून:- माननीय उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप जिला स्तर पर कोरोना वाइरस के संक्रमण से बचाव को लेकर गठित जिला स्तरीय माॅनीटिरिंग कमेटी की बैठक सिविल जज सी0डि0 सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नेहा कुशवाहा की अध्यक्षता में जिला कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई।
कोरोना वाइरस के संक्रमण एवं बचाव के सम्बन्ध में कमेटी के सदस्यों से विचार विमर्श करते हुए श्रीमती नेहा कुशवाहा ने उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के परिपेक्ष्य में जिला स्तर पर गठित समिति को अवगत कराया कि जनपद स्तर पर कन्टेंनमेंट जोन एवं कोविड केयर सेन्टरों में भारत सरकार के चिकित्सा एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाईडलाईन का पूर्ण पारदर्शिता के साथ अनुपालन सुनिश्चित कराया जाय। उन्होंने बताया कि लोगों को कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग एवं सेनिटाइजेशन के सम्बन्ध में जागरूक किया जाय तथा विशेष साफ-सफाई व्यवस्था चलाते हुए परिवारों के बुढे बुजुर्गों एवं बच्चों के साथ ही मुधमेह, हाई एवं लो ब्लड प्रेशर, टीबी, हदृय रोग से ग्रसित लोगों पर विशेष निगरानी की जाय। उन्होंने कहा कि कन्टेंनमेंट जोन में लोगों की विशेष निगरानी के साथ ही क्षेत्रान्तर्गत फल-सब्जी, खाद्य सामग्री, दवा, दूग्ध एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित की जाय। उन्होंने कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए जागरूकता की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि अनावश्यक घरों से बाहर ना निकलें, लोगों से मिलने पर दूर से अभिवादन करें, हाथ ना मिलायें तथा ना ही गले मिलें, कोविड-19 सकं्रमण से बचाव हेतु मास्क के साथ शारीरिक दूरी महत्वपूर्ण हथियार हैं। अपने हाथ समय-समय पर हैंड सैनिटाइजर या साबुन से धोयें। उन्होंने बताया कि कन्टेंनमेंट जोन एवं कोविड केयर सेन्टरों का रेंडमली निरीक्षण किया जायेगा ताकि वहां पर लोगों की किसी प्रकार की परेशानी से सम्बन्धितों को अवगत कराया जा सके। उन्होंने साफ-सफाई व्यवस्थाओं के लिए नगर निगम के कूड़ा वाहनों के माध्यम से भी प्रचार कराये जाने पर बल दिया। उन्होंने कोविड-19 संक्रमण के बचाव हेतु सेलीब्रिटी का उपयोग करने तथा होर्डिंग्स, पम्पलेट, बैनर, फ्लैक्स के माध्यम से भी जन जागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने विभिन्न व्यवथाएं भी सुदृढकरने पर बल दिया।
बैठक में सैम्पलिंग एवं सर्विलांस की जानकारी देते हुए अपर जिलाधिकारी प्रोटोकाॅल गिरिश चन्द्र गुणवंत द्वारा अवगत कराया गया कि सीमा पर आ रहे लोगों की सैम्पलिंग के साथ ही आरटीपीसीआर रिपोर्ट चैकिंग की कार्यवाही की जा रही है। जिला प्रशासन द्वारा मास्क ना पहने तथा सेाशल डिस्टेसिंग का पालन ना करने वालो पर चालान की कार्यवाही की जा रही है, जिसे बढाकर 500 रू0 किया गया है। जिला स्तरीय माॅनीटिरिंग समिति की बैठक में जानकारी देते हुए नोडल अधिकारी डाॅ राजीव दीक्षित ने अवगत कराया कि आरटीपीसीआर एवं एन्टीजन टेस्ट के माध्यम से भी लोगों की सैम्पलिंग का कार्य चलाया जा रहा है तथा अब तक 3.50 लाख लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि आशारोड़ी, कुल्हाल, एयरपोर्ट, आईएसबीटी, दर्रारेट तथा रेलवे स्टेशन पर बाहरी जनपदों/राज्यों से आने वाले यात्रियों की सैम्पलिंग तथा आरटीपीसीआर रिर्पोट चैकिंग की जा रही है।
विभिन्न पब्लिक परिवहन सेवाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने तथा सम्बन्धित वाहन चालकों व वाहन स्वामियों को हिदायत दी गई है कि वे दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें। बैठक में परिवहन विभाग को सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का परिपालन सुनिश्चित करने हेतु आटो, टैम्पो एवं बसों में स्टीकर के साथ ही 50 प्रतिशत यात्रियों को कैरियर करने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में बार एसोएिशन के अध्यक्ष एवं शासकीय अधिवक्ता मनमोहन कण्डवाल द्वारा कोविड-19 संक्रमण के बचाव के सम्बन्ध में मा0 उच्च न्यायालय द्वारा जारी दिशा निर्देशों का अनुपालन करने हेतु अपने सुझाव रखे साथ ही रजिस्ट्री आफिस में भीड़ देखते हुए वहां पर कम से कम लोगों के आवागमन के साथ ही थर्मल स्क्रीनिंग की जाए। बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रोटोकाॅल जी.सी गुणवंत, शासकीय अधिवक्ता राजीव आचार्य समेत अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा जरूरत पड़ी तो सेना के अस्पतालों में भी होगा कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज,मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को किया आश्वस्त
चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को आश्वस्त किया कि कोरोना महामारी के दौरान जरूरत पड़ी तो सेना के अस्पतालों में भी आम लोगों का इलाज किया जाएगा। सोमवार दोपहर एक बजे जनरल रावत बीजापुर स्थित सेफ हाउस पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और उनकी पत्नी डा. रश्मि त्यागी रावत ने गुलदस्ता व स्मृति चिन्ह देकर उनका स्वागत किया। दोनों में राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में संचार कनेक्टिविटी को मजबूत करने व अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान सीएम तीरथ ने उन्हें बताया कि राज्य में कोरोना केस लगातार बढ़ने पर अब सख्ती बरती जा रही है।
उन्होंने सीडीएस बिपिन रावत से यह भी आग्रह किया कि यदि राज्य में इसी तरह कोरोना के मामलों में इजाफा होता रहा तो राज्य सरकार सेना से संसाधन उपलब्ध कराने की अपेक्षा रखेगी। जनरल रावत ने मुख्यमंत्री को पूरा भरोसा दिया और कहा कि सेना हर पल नागरिकों के साथ खड़ी है और जरूरत पड़ने पर सेना के अस्पतालों में भी उनका इलाज कराया जाएगा। जनरल बिपिन रावत के साथ ही उनकी धर्मपत्नी मधुलिका रावत, रिटायर लेफ्टीनेंट जनरल जयवीर सिंह नेगी व उनकी धर्मपत्नी भी मौजूद रही। सीएम तीरथ ने उन्हें दोपहर का भोज भी दिया। लगभग एक घंटें तक सीडीएस रावत सेफ हाउस में रहे।
उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए, कोरोना नियंत्रण से जुड़े पिछले आदेश उत्तराखंड में फिर लागू, नियम तोड़ने पर सख्ती
उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस पर नियंत्रण के लिए सख्त निर्देश जारी किए गए हैं। वर्ष 2020 में जितने भी आदेश, कोरोना नियंत्रण से जुड़े थे, उन्हें दोबारा लागू कर दिया गया है। प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज पांडे की ओर से जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं।
सरकार के निर्देश
-स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़ी वस्तुओं की कोई जमाखोरी नहीं करेगा।
-सरकारी-निजी संस्थानों को कोविड मानकों का पालन करना होगा।
-सही सूचनाओं का प्रसारण कराना होगा। ताकि भ्रम की स्थिति न फैले।
-उत्तराखंड में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का काम सख्ती के साथ होगा।
-प्राइवेट लैबों में कोरोना सैंपलों की टेस्टिंग नियमानुसार की जाएगी।
-सभी तरह के होम आइसोलेशन वाले मरीजों का ख्याल रखा जाए। नियमित रूप से दिन में एक बार इनसे बात की जाए। इसके लिए कंट्रोल रूम में निगरानी के लिए अफसर तैनात किए जाएंगे।
-कोविड केयर सेंटरों में दवा, उपकरण, एंबुलेंस, सीसीटीवी से निगरानी के साथ सरकारी-निजी अस्पताल, होटलों में कमरों की व्यवस्था हो।
-मरीज के पॉजिटिव आने के चार घंटे में उन्हें मेडिकल किट दी जाए।
-अस्पतालों को नियमित देनी होगी जानकारी: शासन ने कहा है कि कोविड इलाज वाले निजी अस्पतालों को पीआरओ नियुक्त करने होंगे, जो रोजाना दवा-उपकरणों और मरीजों की स्थिति का अपडेट देंगे।
कोविड इलाज की जरूरी दवाइयों की कालाबाजारी पर तीरथ सरकार सख्त हो गई है। सीएम तीरथ सिंह रावत ने उन्होंने अफसरों को ऐसे दवा विक्रेताओं को चिन्हित कर उनके लाइसेंस निरस्त करने के निर्देश दिए। राज्य में रेडमेसिविर इंजेक्शन की भारी कमी है और कुछ दवा विक्रेता इसकी कालाबाजारी कर रहे हैं। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान लगातार इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा रहा है। सीएम ने कहा कि कोविड से संबंधित सभी जरूरी उपकरण सरकारी अस्पतालों में उपलब्घ होने चाहिए।
दवाइयों की कीमतों पर भी नियंत्रण रखा जाए और जिन जिलों में ज्यादा मामले आ रहे हैं, वहां नोडल अधिकारी भी तैनात करें। उन्होंने आगे की स्थिति का आंकलन करते हुए उसके अनुसार कोविड अस्पताल बनाने व अधिक से अधिक टेस्टिंग पर फोकस के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने कहा कि कोविड नियमों का पालन कराने के लिए जनजागरूकता बहुत जरूरी है। किन-किन बातों का ध्यान रखा जाना है, इसके बारे में विभिन्न माध्यमों से जानकारी दी जाए। बैठक में डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, शैलेश बगोली, एसए मुरुगेशन, महानिदेशक (सूचना) रणवीर सिंह चौहान आदि मौजूद रहे।
होम आइसोलेशन में कोविड किट दें
तीरथ ने कहा कि होम आइसोलेशन के लिए जरूरी प्रोटोकाल का पूरा पालन कराया जाए। होम आईसोलेशन वालों को जरूरी किट दी जाए और उनसे लगातार संपर्क भी रखा जाए। उन्होंने कोविड केयर सेंटरों को मजबूत करने व वैक्सीनेशन अभियान में भी तेजी लाने के निर्देश दिए।
नरेंद्र मोदी ने कहा- कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रतीकात्मक होना चाहिए कुंभ मेला,जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर बोले- भारी संख्या में कुम्भ स्नान करने न आएं श्रद्धालु
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर शनिवार को संत समाज से उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ को ‘प्रतीकात्मक’ रखने की अपील की ताकि इस महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन पर स्वामी अवधेशानंद गिरी से बात करते हुए अनुरोध किया कि कुंभ मेला कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अब केवल प्रतीकात्मक होना चाहिए। अब तक दो शाही स्नान समाप्त हो गए हैं। वहीं, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा हम प्रधानमंत्री की अपील का सम्मान करते हैं। मैं लोगों से निवेदन करता हूं कि बड़ी संख्या में कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर स्नान को न आएं और सभी नियमों का पालन करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बताया कि आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। कहा मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवाहन का संत महात्माओं ने किया स्वागत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरिद्वार कुंभ के बाकी शाही स्नानं को प्रतीकात्मक करने के आवाहन का हरिद्वार के तमान संत महात्माओं ने स्वागत किया है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि सहित निरंजनी अखाड़ा के आचार महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत हरि गिरि, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रविंद्र पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद और शंकराचार्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी आनंद भारती ने प्रधानमंत्री के आह्वान का स्वागत किया और इसे राष्ट्र, काल और परिस्थिति के अनुरूप बताया।
प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद स्वामी अवधेशानंद ने भी लोगों से भारी संख्या में कुंभ का स्नान करने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंचने और सभी नियमों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं ! जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए नहीं आएं एवं नियमों का निर्वहन करें!।’
कोविड-19 के कारण एक माह की अवधि के लिए सीमित कर दिए गए महाकुंभ के तीन शाही स्नान-महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या और बैसाखी हो चुके हैं जबकि रामनवमी के पर्व पर आखिरी शाही स्नान होना है। कुंभ के लिए हरिद्वार पहुंचे साधु-संत और श्रद्धालु खासी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।
सल्ट उप चुनाव:आज ईवीएम में कैद होगा सल्ट के सात प्रत्याशियों का भाग्य, धीमी गति से चल रहा मतदान
सल्ट विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के साथ ही वर्तमान विधानसभा के लिए तीसरी बार उपचुनाव में शनिवार को वोटिंग जारी है। 49193 पुरुष व 47048 महिलाएं यानी कुल 96241 मतदाता शनिवार को भाजपा व कांग्रेस समेत सात प्रत्याशियों का भाग्य इवीएम का बटन दबा मशीन में बंद करेंगे। इस सीट पर मुख्य दलों के प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला है। 151 बूथों के लिए इतनी ही पोलिंग पार्टियां निष्पक्ष व पारदर्शी मतदान प्रक्रिया के लिए तैनात कर दी गई हैं। इसी सीट पर प्राथमिक विद्यालय झिमार सबसे बड़ा बूथ है। यहां 1211 मतदाता हैं। 200 मतदाताओं वाला प्राथमिक विद्यालय भवाली सबसे छोटा बूथ है।
सल्ट विधानसभा सीट के लिए मतदान प्रक्रिया शनिवार की सुबह सात बजे से शुरू हो जाएगी। शाम पांच बजे तक चलने वाले लोकतंत्र के इस पर्व पर निष्पक्ष, पारदर्शी व शांपिूर्ण मतदान को प्रशासन व पुलिस ने तैयारी पूरी कर ली है। पल पल की खबर के लिए जिला मुख्यालय व रिटर्निंग अफसर मुख्यालय भिकियासैंण में नियंत्रण कक्ष ने काम शुरू कर दिया है।
जिला मुख्यालय स्थित नियंत्रण कक्ष में पर्यटन विकास अधिकारी राहुल चौबे, सहायक निदेशक डेयरी सुनील अधिकारी समेत चार अधिकारी नजर रखेंगे। भिकियसैंण में आपदा प्रबंधन अधिकारी राकेश जोशी को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उनके साथ दो और अधिकारी तैनात किए गए हैं।
– महेश जीना (भाजपा)
– गंगा पंचोली (कांग्रेस)
– जगदीश चंद्र, (उपपा)
– शिव सिंह (सवर्जन दल)
– नंदकिशोर (पीपल्स पार्टी डेमोक्रटिव)
– पान सिंह रावत (निर्दल)
– सुरेंद्र सिंह (निर्दल)
डोर टू डोर दौड़, पुलिस सतर्क
सल्ट उपचुनाव के लिए शनिवार को मतदान के मद्देनजर गुरुवार को भाजपा व कांग्रेेस प्रत्याशियों के समर्थकों ने घर घर दस्तक दी। दोनों दलों के पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता देर रात तक जनसंपर्क में जुटे रहे। रात्रि शांतिभंग न हो इसके लिए पुलिस प्रशासन सतर्क है।
चार साल में तीसरा उपचुनाव
प्रदेश विधानसभा का गठन मार्च 2017 में हुआ। इसके एक साल के भीतर ही फरवरी 2018 में थराली से भाजपा विधायक मगनलाल शाह का आकस्मिक निधन हो गया। बाद में मई 2018 में हुए उपचुनाव में यहां से मगनलाल शाह की पत्नी मुन्नी देवी निर्वाचित हुईं। इसी प्रकार जून 2019 में पिथौरागढ़ से विधायक और सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत का कैंसर के चलते निधन हुआ। रिक्त सीट पर नवंबर 2019 में हुए उपचुनाव में प्रकाश पंत की पत्नी चंद्रा पंत निर्वाचित हुई। इस तरह सल्ट में अब तीसरा उपचुनाव होगा।