Dehradun News: दूनवासियों को लगा झटका, एक अप्रैल से कूड़ा उठान महंगा; अब प्रतिमाह देनी होगी इतनी रकम

Dehradun News: देहरादून  के लोगों को अब घर में कूड़ा उठाने के लिए पहले से ज्यादा बढ़ा हुआ शुल्क देना होगा. एक अप्रैल से ये नई दरें लागू हो जाएंगी. आवासीय भवनों से लेकर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के यूजर चार्ज नगर निगम ने बढ़ा दिये हैं. आवासीय घरों से पहले कूड़ा उठान के 50 रुपये लिए जाते थे, वह अब एक अप्रैल से 20 रुपये की बढ़ोतरी होने के बाद 70 रुपये हो जाएंगे. इसके साथ ही बीपीएल कार्ड धारकों को तीस रूपये प्रति महीना देना होगा.

तीन कंपनियां कर रहीं घर-घर कूड़ा उठान

नगर निगम की ओर से अनुबंधित तीन कंपनियां 98 वार्ड में कूड़ा उठान कार्य कर रही हैं। मै. सनलाइट प्राइवेट लिमिटेड 25 वार्ड से कूड़ा उठान कर रही है। जबकि, मै. इकान वेस्ट साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड 26 वार्ड से कूडृा उठा रही है। ये दोनों ही कंपनियां कूड़ा उठान शुल्क स्वयं वसूल करती हैं।

जबकि, निगम की ओर से 47 वार्ड में कूड़ा उठान के लिए मै. वाटर ग्रेस इकान सनलाइट प्राइवेट लिमिटेड के साथ ही हाल ही में अनुबंध किया गया है। इन 47 वार्ड में नगर निगम की ओर से ही शुल्क वसूली का कार्य किया जाता है। जबकि, हर्रावाला और नथुवावाला दो वार्ड में एनजीओ के माध्यम से कूड़ा उठान होता है।

कूड़ा उठान का प्रतिमाह नया शुल्क

  • श्रेणी, पुराना शुल्क, नया शुल्क
  • मलिन बस्ती/बीपीएल आवास, 20 रुपये, 30 रुपये
  • सामान्य आवास, 50 रुपये, 70 रुपये
  • छोटे रेस्तरां, 150 रुपये, 300 रुपये
  • माध्यम रेस्तरां, 400 रुपये, 600 रुपये
  • बड़े रेस्तरां, 1000 रुपये, 2000 रुपये
  • 20 बेड तक होटल आदि, 300 रुपये, 1000 रुपये
  • 21 से 40 बेड के होटल, 200 रुपये, 2500 रुपये
  • 41 से अधिक बेड के होटल, 300 रुपये, 5000 रुपये
  • निजी शिक्षण संस्थान नान बोर्डिंग, 200 रुपये, 500 रुपये
  • निजी शिक्षण संस्थान बोर्डिंग,1000 रुपये, 2000 रुपये
  • चिकित्सा प्रतिष्ठान (बायोमेडिकल वेस्ट से इतर)
  • 20 बेड तक, 250 रुपये, 800 रुपये
  • 21 से 50 बेड, 500 रुपये, 1500 रुपये
  • 51 से अधिक बेड, 1000 रुपये, 5000 रुपये
  • क्लीनिक, 75 रुपये, 200 रुपये
  • पैथोलाजी, 250 रुपये, 800 रुपये
  • दुकान, 50 रुपये, 100 रुपये
  • शोरूम, 150 रुपये, 500 रुपये
  • छोटे माल/मेगा स्टोर, 500 रुपये, 2000 रुपये
  • बहुमंजिला माल, 1000 रुपये, 10000 रुपये
  • बेकरी, 150 रुपये, 500 रुपये
  • छोटी फैक्ट्री, 300 रुपये, 1000 रुपये
  • मध्यम फैक्ट्री, 500 रुपये, 2000 रुपये
  • बड़ी फैक्ट्री, 1000 रुपये, 5000 रुपये
  • 50 कर्मचारियों वाले कार्यालय, 100 रुपये, 200 रुपये
  • 51 से 200 कर्मचारी, 300 रुपये, 500 रुपये
  • 200 से अधिक कर्मचारी, 500 रुपये, 1000 रुपये
  • फ्लैट-अपार्टमेंट में पहली बार शुल्क
  • 40 फ्लैट तक की सोसाइटी, 2000 रुपये
  • 40 से 100 फ्लैट तक की सोसाइटी, 5000 रुपये
  • 100 से अधिक फ्लैट की सोसाइटी, 10000 रुपये
  • चार व पांच सितारा होटल, 1000 रुपये
  • धर्मशाला, 200 रुपये प्रतिमाह
  • बारातघर (चेरिटेबल), 1500 रुपये प्रतिमाह
  • बारातघर (निजी), 2000 प्रति उत्सव
  • सब्जी फल विक्रेता, जूस प्रतिष्ठान, 300 रुपये प्रतिमाह
  • मांस, मछली की 10 किलो तक बिक्री, 400 रुपये प्रतिमाह
  • मांस, मछली की 10 किलो से अधिक बिक्री, 600 रुपये प्रतिमाह
  • सार्वजनिक स्थान पर मेले-प्रदर्शनी, 2000 रुपये प्रति उत्सव
  • निर्माण संबंधी ढहान सामग्री, 1000 रुपये आधी ट्राली
  • निर्माण संबंधी ढहान सामग्री, 2000 रुपये फुल ट्राली

फर्जी रसीद काटकर निगम को लगा रहे चूना

नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि शहर में निगम के नाम से फर्जी रसीद बनाकर घरों से कूड़ा उठान का शुल्क वसूले जाने का मामला संज्ञान में आया है। कोर्ट रोड क्षेत्र में इस प्रकार की वसूली की शिकायत मिली है। इसे देखते हुए मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी अविनाश खन्ना ने शहर कोतवाली पुलिस को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है।

 

SGRR मेडिकल कॉलेज के छात्रों को हाईकोर्ट से झटका, बढ़ी फीस को 3 किस्तों में जमा करने के निर्देश

देहरादून : माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल उत्तराखंड ने श्री गुरु राम राय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एंड हेल्थ साइंसेज देहरादून के फीस निर्धारण संबंधित याचिका पर सुनवाई की. मामले में कोर्ट ने मेडिकल छात्रों को कोई राहत नहीं दी है. कोर्ट ने छात्रों से प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति द्वारा निर्धारित फीस की पहली किस्त 30 प्रतिशत 10 दिन के भीतर जमा करने को कहा है. साथ ही शेष फीस तीन किस्तों में जमा करने के निर्देश दिए हैं.

इसके साथ ही कोर्ट ने सभी पक्षकारों से 10 अगस्त तक जवाब पेश करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त की तिथि नियत की गई है. आज मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में हुई.

आपके संगयान में लाना है कि छात्र साहिल भार्गव सहित 148 छात्रों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर किया था. जिसमें कहा गया कि एमबीबीएस वर्ष 2018 बैच के छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग के दौरान एमबीबीएस की फीस  प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति द्वारा निर्धारित नहीं की गई थी. इस कारण राज्य सरकार के प्रतिनिधि के रूप में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव उत्तराखंड ओम प्रकाश ने इस आशय का एक पत्र जारी किया था और उल्लेख किया था कि छात्र-छात्राओं द्वारा जो फीस उस समय दी जा रही है, वह एक प्रोविजनल व्यवस्था के अंतर्गत है. इस बात की जानकारी होते हुए मेडिकल छात्र-छात्राओं ने 100 रुपये के स्टाम्प पेपर पर लिखता दिया था की. उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश पर राज्य में प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति द्वारा जो भी फीस निर्धारित की जाएगी, छात्र-छात्राएं उस फीस का भुगतान करेंगे. जिसको कोर्ट में छात्रों ने चुनौती दी थी तदु उपरान्त मनानी उच्च न्यायलय ने फैसला उनके विरोध दिया है ।

Influenza B virus: दून अस्पताल में 65 वर्षीय वृद्धा में मिला इंफ्लुएंजा-बी वायरस, ICU में भर्ती,इस वायरस के कई मरीज मिल चुके

News web media uttarakhand : दून अस्पताल में 35 वर्षीय एक मरीज इन्फ्लूएंजा एच3एन2 पॉजिटिव आने के बाद अब सरस्वती विहार की 65 वर्षीय एक वृद्धा इन्फ्लूएंजा-बी पॉजिटिव मिली है। वृद्धा को भी आईसीयू में भर्ती कराया गया है। फिलहाल दोनों मरीजों की हालत बेहतर है। दोनों को सांस की समस्या हो रही है।

दून अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. धनंजय डोभाल ने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस नया वायरस नहीं है। हर साल इसके रूप बदलते रहते हैं। इस वायरस का नया रूप एच3एन2 है। इंफ्लुएंजा-बी वेरिएंट पहले आया था पर यह अभी खत्म नहीं हुआ है। अगर मरीज की इम्यूनिटी कमजोर होती है तो मरीज वायरस की चपेट में आ जाता है।

डॉ. डोभाल ने कहा कि एच3एन2 के बाद अस्पताल में इन्फ्लूएंजा-बी वेरिएंट का मरीज भी मिला है। इसमें मरीज सर्दी, खांसी, बुखार और सांस की समस्या से पीड़ित होते हैं। जिन मरीजों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन मरीजों पर वायरस का प्रभाव अधिक हो जाता है। हालांकि, डरने की बात नहीं है। इस वायरस के कई मरीज मिल चुके हैं लेकिन मरीजों को भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है।

Uttarakhand Earthquake: देहरादून से यूपी-उत्तराखंड दिल्ली में भूकंप के झटके, लोग दहशत से घरों के बाहर निकले

देहरादून -:राजधानी देहरादून समेत गढ़वाल के कई जिलों में भूकंप महसूस किया गया। उत्तराखंड में मंगलवार

रात करीब 10:21 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। राजधानी देहरादून समेत गढ़वाल के कई जिलों में भूकंप महसूस किया गया। जानकारी के अनुसार, चमोली, देहरादून, मसूरी, हरिद्वार, रुड़की, चमोली और उत्तरकाशी में भूकंप के तेज झटके महसूस हुए। गंगा के मायके मुखबा तक महसूस भूकंप के झटके महसूस हुए। भूकंप महसूस होते ही लोग घरों और दुकानों से बाहर निकल आए।  राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान का फायजाबाद रहा। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 6.6 मापी गई।

उत्तरकाशी के समस्त तहसील/ थाना चोकियो से भूकंप के झटके महसूस हेतु है इसके अतिरिक्त जिला मुख्यालय मे व मनेरी क्षेत्र में हल्का भूकम्प झटका महसूस किया गया किसी प्रकार कोई हानि नहीं हुयी है।।
उत्तरकाशी में 10:22 भूकंप के झटके महसूस किए गए मसूरी में महसूस किए गए भूकंप के झटके भूकंप का केंद्र बिंदु हिंदूउत्तरकाशी इस माह कब-कब आया भूकंप

  • 5 मार्च- देर रात तीन झटके। 12:40 पहला झटका, 12:45 दूसरा झटका, 01:01 तीसरा झटका (तीव्रता 2.5 रिक्टर स्केल)
  • 8 मार्च- होली के दिन सुबह 10:07 (तीव्रता 2.5 रिक्टर स्केल)
  • 21 मार्च- रात 10:20बजे

भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश रीजन में था। जहां भूकंप का मैग्नीट्यूड 6.7 था। दिल्ली और रुड़की में इसकी इंटेंसिटी 4 से 5 के बीच होगी। जो ज्यादा खतरनाक नहीं है। इस भूकंप का उत्तराखंड में भविष्य में भूकंप की आशंका से कोई सीधा संबंध नहीं है।

कुश क्षेत्र में बताया जा रहा है।

 

देहरादून में महिला वार्डन से छेड़छाड़ के बाद स्टूडेंट्स का फूटा गुस्सा, कॉलेज में तोड़फोड़

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में कॉलेज की महिला वार्डन से छेड़छाड़ होने पर छात्र-छात्रा क्रोधित हो गए और उन्होंने कॉलेज कैंपस में तोड़फोड़ शुरू कर दी छात्रों ने कॉलेज प्रशासन पर मामले की अनदेखी करने का आरोप लगाया है. हालांकि इस मामले में कॉलेज प्रशासन की तरफ से अभी कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई गई है.

उत्तराखंड के देहरादून में महिला वार्डन के साथ छेड़छाड़ होने के बाद यूआईटी कॉलेज में छात्रों ने जबरदस्त बवाल काटा. इस दौरान भारी संख्या में कैंपस के स्टूडेंटस इकट्ठा हुए और प्रदर्शन करने लगे. गुस्साए छात्रों की तोड़फोड़ का वीडियो सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रहा है.

वार्डन से छेड़छाड़ की शिकायत पर कॉलेज प्रशासन के संज्ञान नहीं लेने पर पर छात्र-छात्राएं आक्रोशित हो गए और कॉलेज कैंपस के अंदर जबरदस्त तोड़फोड़ शुरू कर दी. दरअसल कॉलेज कैंपस के चीफ वार्डन पर महिला वार्डन ने गंभीर आरोप लगाए हैं.

पुलिस को दी गई तहरीर में महिला वार्डन का आरोप है कि कैंपस के ही चीफ वार्डन ने 12 तारीख को महिला वार्डन के साथ छेड़खानी की जिसकी शिकायत के बाद भी कॉलेज प्रशासन ने संज्ञान नहीं लिया.

नवरात्रि पर्व को नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाएगी धामी सरकार, देवी पूजा के लिये सभी जिलों को मिलेंगे एक-एक लाख रुपये

देहरादूनः 22 मार्च से चैत्र नवरात्र शुरू हो रहे हैं। चैत्र नवरात्र राज्य भर में नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाये जाएंगे। प्रत्येक जिले में देवी उपासना के कार्यक्रम आयोजन के लिए संस्कृति विभाग ने सभी जिलाधिकारियों को एक-एक लाख रुपये अवमुक्त कर दिए हैं।
चैत्र नवरात्रि के शुभ अवसर पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाएगी। वैदिक तथा पुराणों में चैत्र नवरात्रि को विशेष महत्व दिया है। इसे आत्मशुद्धि तथा मुक्ति का आधार माना गया है। चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा का पूजन करने से नकरात्मक ऊर्जा खत्म होती है। चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अतः चैत्र नवरात्रों की उत्तराखंड राज्य में व्यापक धार्मिक महत्ता के दृष्टिगत इस दौरान प्रदेश में सभी प्रमुख देवी मंदिरों एवं शक्तिपीठों में धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन जाएगा।

संस्कृति विभाग के सचिव हरिचन्द्र सेमवाल के हवाले से कहा गया है कि प्रदेश के समस्त जनपदों के प्रमुख देवी मन्दिरों / शक्ति पीठों में मातृशक्ति के सामर्थ्य एवं शक्ति का प्रतीक नवरात्रों के अवसर पर 22 मार्च से 30 मार्च तक नवरात्रि नारी शक्ति उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। दुर्गा सप्तमी, रामचरितमानस, देवी गायन और देवी जागरण आदि पाठ आयोजित कराए जाएंगे। महिलाओं एवं बालिकाओं की इन कार्यक्रमों में विशेष रूप से सहभागिता की जाएगी।नइन कार्यक्रमों के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए संस्कृति विभाग द्वारा प्रत्येक जिलाधिकारी को एक-एक लाख की धनराशि प्रदान की जाएगी।

 

Mussoorie से देहरादून के लिए चली बस के ब्रेक फेल, खतरें में पड़ी 35 जान; चालक की सूझबूझ से टला हादसा

देहरादून: एक रोडवेज चालक ने अपनी समझदारी से 30 ज्यादा यात्रियों की जान बचा ली। मामला मसूरी का है। उत्तराखंड रोडवेज की बस देहरादून की ओर जा रही थी। जानकारी के अनुसार पिक्चर पैलेस बस स्टैंड से थोड़ा जा दूर पहुंचते ही बस के ब्रेक फेल हो गए। तीखी ढलान होने के कारण बस की स्पीड भी बढ़ गई थी। ऐसे में चालक मोहम्मद आमिर  ने सूझबूझ दिखाई और किसी तरह दीवार का सहारा देकर बस को रोका। ब्रेक फेल होने की सूचना मिलते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया था।

ब्रेक फेल होने के बाद रोडवेज की लापरवाही सामने आई है। रोडवेज द्वारा मसूरी समेत अन्य पर्वतीय क्षेत्रों के लिए पुरानी बसों का संचालन होता है। कई बार यात्रा के दौरान बसों के खराब होने के मामले भी सामने आए हैं। इससे मसूरी आने जाने वाले पर्यटकों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है लेकिन विभाग ने अब तक पर्यटन नगरी मसूरी में नई बसों का संचालन नहीं किया है और पुरानी बसों से ही काम चलाया जा रहा है जिनकी हालत काफी खराब बताई जा रही है।

उत्तराखंड में कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं वो तो गनीमत रहा है कि चालकों ने अपने अनुभव का इस्तेमाल कर लोगों की जान बचाई है। रोडवेज की भी जिम्मेदारी बनती है कि वह गाड़ियों की फिटनेस का ध्यान रखें। निगम के लिए कार्य कर रहे चालकों और यात्रियों की जिंदगी के साथ लापरवाही बिल्कुल नहीू होनी चाहिए। उत्तराखंड पर्यटकों की पसंद माना जाता है और ऐसे में सुरक्षा प्रदान करना विभाग का फर्ज है।

Dehradun: 10वीं और 12वीं की फर्जी मार्कशीट बनाकर करता था सौदा

देहरादून में घंटाघर के पास कांप्लेक्स में 10वीं और 12वीं की फर्जी मार्कशीट बनाकर बेचने वाले गिरोह के सरगना को भी एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने अपने साथी के साथ मिलकर फर्जी ट्रस्ट बनाया था। उसका साथी पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। गिरोह में और भी सदस्य हो सकते हैं। पुलिस और एसटीएफ उनकी तलाश में जुटी है।

एसटीएफ के एसएसपी आयुष अग्रवाल ने बताया कि दो फरवरी को एमडीडीए कांप्लेक्स में चल रहे इस धंधे का कोतवाली पुलिस ने भंडाफोड़ किया था। यहां एक ऑफिस में छापा मारकर राजकिशोर राय को गिरफ्तार किया गया था।

जांच में पता चला कि आरोपियों ने एनसीआरई नाम से ट्रस्ट खोला था। ये लोग केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय में ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन बताते थे। इसी के जरिये 10वीं और 12वीं की मार्कशीट बनाकर आठ से 10 हजार में बेचते थे। शुरुआती जांच में पता चला था कि सैकड़ों लोगों को ऐसी मार्कशीट बनाकर बेची गई है।

इस मुकदमे का पर्यवेक्षण एसटीएफ कर रही है। इसी क्रम में पता चला कि राजकिशोर राय का एक और साथी सहेंद्र पाल इस गिरोह का सरगना है। रविवार को सहेंद्र पाल निवासी खतौली को मुजफ्फरनगर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह राजकिशोर राय को बीते आठ साल से जानता है। राजकिशोर ने ही उसे फर्जी मार्कशीट बनाने की योजना बताई थी। इसके लिए उन्होंने फर्जी ट्रस्ट खोला। इसमें वह खुद सदस्य था और राजकिशोर के साथ मिलकर फर्जी मार्कशीट छापता था।

फर्जी मार्कशीट से कई लोग कर रहे सरकारी नौकरी
शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला था कि उसने ये मार्कशीट देहरादून और स्थानीय लोगों नहीं बांटी है। इन्हें बिहार और आसपास के राज्यों के निवासियों को बेचा जाता था। बताया जा रहा है फर्जी मार्कशीट से बिहार में कई लोग सरकारी नौकरियां भी कर रहे हैं। एसटीएफ और पुलिस इस तथ्य की भी जांच कर रही है।

Dehradun News: धरने पर बैठे एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस 2018 बैच के छात्र, फीस बढ़ोतरी पर जताया विरोध

न्यूज मीडिया उत्तराखंड देहरादून : एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस 2018 बैच के छात्र कॉलेज गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। कॉलेज प्रशासन व पुलिस ने छात्रों को समझाने का प्रयास किया पर वह नहीं माने। उक्‍त छात्र फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे हैं।

सोमवार को छात्रों ने फीस बढ़ोतरी पर विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों का कहना था कि उनका कोर्स समाप्ति की ओर है और अब बस इंटर्नशिप बचती है, लेकिन कॉलेज प्रशासन ने एकाएक फीस बढ़ा दी है। उन्हें पांच साल का अतिरिक्त शुल्क जमा करने को कहा जा रहा है। जो कुल तकरीबन 37 लाख तक बनता है।

कहा कि किसी भी मध्यम वर्गीय परिवार के लिए इतनी बड़ी रकम दे पाना मुमकिन नहीं है। शुल्क न दे पाने की स्थिति में कॉलेज प्रशासन उन्हें इंटर्नशिप न करवाने की धमकी दे रहा है। उन्होंने प्राचार्य व अन्य लोगों के सामने अपनी समस्या रखी लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं है।

इधर कॉलेज प्रशासन के अनुसार शुल्क संबंधित मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित था। कोर्ट से निर्णय होने के बाद ही फीस बढ़ाई गई। छात्रों को विकल्प दिया गया है कि वह छह किश्त में पैसा जमा कर दें, जिसके वह पोस्ट डेटेड चेक दे सकते हैं। इसके अलावा वह कोर्ट जा सकते हैं।

Dehradun Jhande JI: आरोहण के दौरान हजारों की संख्या में देश-विदेश से आई संगत, 4 बजकर 12 मिनट पर झंडे जी का आरोहण पूर्ण हुआ।

न्यूज मीडिया उत्तराखंड देहरादून : देहरादून में रविवार को जयकारों की गूंज के साथ श्री झंडे जी का आरोहण किया गया। इस मौके पर श्रद्धालुओं ने महाराज श्री देवेंद्र दास का आर्शीवाद भी लिया। रविवार सुबह आठ बजे महराज श्री देवेंद्र दास की अगुवाई में श्री झड़े जी को नीचे उतारा गया था। इसके बाद श्री झंडे जी की पूजा अर्चना हुई और श्री झंडे जी पर गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई।

शाम 4 बजकर 12 मिनट पर झंडे जी का आरोहण पूर्ण हुआ। आरोहण के दौरान हजारों की संख्या में देश-विदेश से आई संगत और दूनवासियों ने झंडे जी के सामने श्रद्धा के साथ शीश नवाए और हाथ जोड़े हुए खड़े रहे। हर कोई झंडा जी के समक्ष मत्था टेकने के लिए बेताब दिखा।

झंडे जी पर शीश नवाने के लिए देश-विदेश से संगतें पहुंची थी। उत्तराखंड के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश सहित विदेशों से आई संगतें झंडे जी आरोहण की साक्षी बनी। श्री दरबार साहिब में श्रद्धालु भजन-कीर्तन के साथ ही गुरु महिमा का गुणगान करते रहे। श्रद्धालुओं ने ढोल की थाप पर जमकर नृत्य किया।

झंडे जी आरोहण का लाइव आकर्षण देखने के लिए श्री दरबार साहिब मेला समिति की ओर से इस बार एलईडी स्क्रीनों की व्यवस्था की गई थी। दरबार साहिब परिसर के अंदर स्क्रीन लगाई गई थी। इसके अलावा यूट्यूब व फेसबुक पेज पर भी मेले का लाइव प्रसारण प्रसारित हुआ। दरबार साहिब व झंडे जी के सामने का पूरा हिस्सा संगतों से पूरी तरह भरा रहा।

श्रद्धालुओं ने दरबार साहिब स्थित पवित्र सरोवर में डुबकी लगाई। सुबह से ही श्रद्धालु यहां स्नान कर रहे थे। दोपहर बाद सरोवर के चारों तरफ संगतों के जुटने से यहां का नजारा भी दर्शनीय लगने लगा। साथ ही बच्चों ने भी सरोवर के स्नान का आनन्द उठाया।

बता दें कि पंजाब में जन्मे गुरु राम राय महाराज के जन्म उत्सव के तौर पर शुरू हुआ यह मेला आज भारत ही नहीं बल्कि एशिया के बड़े मेलों में शुमार है। कहा जाता है कि गुरु रामराय महाराज ने यहां डेरा डाला था।

बताया जाता है कि सिखों के सातवें गुरु हरराय महाराज के बड़े पुत्र गुरु रामराय महाराज ने अल्पायु में ही खूब ज्ञान अर्जित कर लिया था। छोटी उम्र में ही बैराग धारण कर वह संगठन के साथ भ्रमण पर निकल गए। अपने भ्रमण के दौरान वे 1675 में चैत्र कृष्ण पंचमी के दिन दून पहुंचे। माना जाता है कि उनकी प्रतिष्ठा में झंडा मेला की शुरुआत हुई जो आज एक बड़े वार्षिक समारोह का रूप ले चुका है।

बताया जाता है कि महाराज ने चारों दिशाओं में तीर चलाए और जहां तक तीर गए उतनी जमीन पर अपनी संगत को ठहरने का हुक्म दिया। गुरु रामराय महाराज के यहां डेरा डालने के कारण इसे डेरादून कहा जाने लगा, जो बाद में देहरादून हो गया।