Dehradun: कुंभ क्षेत्र में भीड़ नियंत्रण के लिए लगेंगे भीड़ घनत्व सेंसर, संवेदनशील लोकेशन की होगी जियो फेंसिंग

भीड़ बढ़ते ही प्रशासन के पास सीधे अलर्ट आ जाएगा। आईओटी आधारित भीड़ घनत्व सेंसर के साथ ही संवेदनशील जगहों की जियो फेंसिंग भी होगी।

कुंभ 2027 में भीड़ नियंत्रण के लिए इस बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का खूब इस्तेमाल होगा। भीड़ बढ़ते ही प्रशासन के पास सीधे अलर्ट आ जाएगा। आईओटी आधारित भीड़ घनत्व सेंसर के साथ ही संवेदनशील जगहों की जियो फेंसिंग भी होगी।

हर बार कुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या बड़ी चुनौती है। 2010 के कुंभ में महाशिवरात्रि, फाल्गुन अमावस्या, मेष संक्रांति और चैत्र पूर्णिमा के शाही स्नान में 3.11 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे। इसके बाद अर्द्धकुंभ 2016 में इन चारों स्नान पर 72 लाख और कुंभ 2021 में कोविड के बावजूद 66.25 लाख श्रद्धालु पहुंचे। इस बार राज्य सरकार ने मुख्य स्नान पर 1.5 से दो करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया है। पूरे कुंभ के दौरान चार माह में 17 से 21 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।

इस नाते भीड़ का नियंत्रण बड़ी चुनौती होगा। लिहाजा, भीड़ नियंत्रण व यातायात प्रबंधन के लिए अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा। भीड़ की रियल टाइम क्राउड मॉनिटरिंग होगी। इसके अलावा सभी जगहों पर भीड़ घनत्व सेंसर (क्राउड डेनसिटी सेंसर) लगाए जाएंगे, जो कि भीड़ बढ़ने पर अलर्ट दे देंगे। इसी हिसाब से प्रशासनिक अमला हरकत में आएगा।

कुंभ की सभी संवेदनशील लोकेशन की जियो फेंसिंग होगी, जिससे वहां होने वाली हर हलचल और भीड़ बढ़ने पर सैटेलाइट से पता चल जाएगा। साथ ही हीटमैप आधारित क्राउड फ्लो डैशबोर्ड बनाया जाएगा, जिसमें हर अवधि में भीड़ के आने का फ्लो पता चल सकेगा। इसी कड़ी में आईटी विभाग यहां ईवी चार्जिंग लोकेटर और सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर भी बनाएगा।

कुंभ 2027 के लिए डिजिटल कुंभ के तौर पर भी तैयारी की जा रही है। कुंभ के दौरान व्यवस्थाएं बनाने में अधिक से अधिक एआई व अन्य तकनीकी का इस्तेमाल किया जाएगा।
-नितेश झा, सचिव आईटी

उत्‍तराखंड के चार पालिटेक्निक में AI लैब स्थापित, छात्रों को मिलेगा मॉडर्न टेक्नोलॉजी का साथ

उत्तराखंड सरकार ने राज्य के चार पॉलिटेक्निक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) प्रयोगशालाएं स्थापित करने का फैसला किया है। इसका उद्देश्य छात्रों को AI की नवीनतम तकनीकों से परिचित कराना है, जिसमें मशीन लर्निंग और डीप लर्निंग शामिल हैं। सरकार का मानना है कि इससे राज्य में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा और छात्रों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

अशोक केडियाल, जागरण, देहरादून । उत्तराखंड के तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ी पहल के तहत राज्य के चार राजकीय पालिटेक्निक संस्थानों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) प्रयोगशाला स्थापित की गईं हैं। ये प्रयोगशाला राजकीय पालिटेक्निक पित्थूवाला (देहरादून), रानीपोखरी (देहरादून), काशीपुर (ऊधम सिंह नगर) और द्वाराहाट (अल्मोड़ा) में शुरू की गई हैं। इस पहल से उत्तराखंड तकनीकी रूप से सशक्त युवाओं के निर्माण की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इन अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं के माध्यम से छात्र अब पारंपरिक विषयों को आधुनिक तकनीकी दृष्टिकोण से पढ़ पा रहे हैं, जिससे उनके ज्ञान और कौशल में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डाटा एनालिटिक्स जैसे उभरते हुए विषयों के साथ छात्रों को जोड़ने की दिशा में यह राज्य सरकार की एक अग्रणी पहल मानी जा रही है। इन प्रयोगशालाओं में आवश्यक कंप्यूटर संसाधन, साफ्टवेयर, हाई स्पीड इंटरनेट एवं प्रशिक्षित फैकल्टी की व्यवस्था की गई है, जिससे छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण के साथ-साथ तकनीकी अनुसंधान का भी अवसर मिल रहा है।

प्रविधिक शिक्षा निदेशालय की माने तो राज्य सरकार इस परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है और इसका उद्देश्य युवाओं को भविष्य की तकनीकों से लैस करना है। प्रयोगशालाएं केवल इन चार संस्थानों तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि राज्य के अन्य 71 पालिटेक्निक संस्थानों को भी इससे प्रेरणा और मार्गदर्शन मिलेगा। इससे पूरे राज्य में तकनीकी शिक्षा का स्तर सुधरेगा और युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्राप्त होंगे।

पालीटेक्निक छात्रों की रुचि और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोजेक्ट आधारित लर्निंग और इंडस्ट्री सह सहयोग प्रशिक्षण कार्यक्रम की भी योजना बनाई जा रही है। इससे तकनीकी शिक्षा को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जा सकेगा।

ऐसे मिलेगा एआइ से छात्रों को लाभ

तकनीकी विषयों की समझ और व्यावहारिकता बढ़ेगी। एआइ के ज़रिए इलेक्ट्रानिक्स, मैकेनिकल, सिविल, कंप्यूटर साइंस आदि पारंपरिक विषयों में डाटा विश्लेषण, स्मार्ट कंट्रोल सिस्टम, भविष्यवाणी माडल जैसे आधुनिक आयाम जोड़े जाते हैं। इससे छात्र किसी भी विषय को नई दृष्टि से समझ पाते हैं। आज की इंडस्ट्री आटोमेशन, रोबोटिक्स, स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग पर आधारित है। इसका भी एआइ से लाभ मिलेगा।

समस्या सुलझाने की क्षमता में वृद्धि

एआइ का ज्ञान डिप्लोमा छात्रों को उद्योग की वर्तमान और भविष्य की ज़रूरतों के अनुसार तैयार करता है, जिससे वे सीधे काम के लिए तैयार रहते हैं। एआइ टूल्स और तकनीकों का इस्तेमाल कर छात्र रियल-लाइफ समस्याओं का विश्लेषण और समाधान कर पाते हैं। इससे उनमें जटिलताएं से जूझने, आत्म विश्वास एवं कौशल क्षमता विकसित होती हैं।

 

UKSSSC की सहकारी निरीक्षक भर्ती परीक्षा 16 नवंबर को होगी, आयोग ने जारी की नई डेट

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने सहकारी निरीक्षक भर्ती परीक्षा की नई तिथि घोषित कर दी है। अब यह परीक्षा 16 नवंबर, 2025 को होगी। पहले यह 5 अक्टूबर को होने वाली थी। यह परीक्षा देहरादून और हल्द्वानी के 26 केंद्रों पर होगी। आयोग ने उप पुस्तकालय अध्यक्ष परीक्षा का परिणाम भी जारी कर दिया है।

 देहरादून:  उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) प्रस्तावित सहकारी निरीक्षक पदों की भर्ती परीक्षा 16 नवंबर, 2025 को आयोजित करेगा। पूर्व में प्रस्तावित पांच अक्टूबर को इस परीक्षा को आयोग ने स्थगित कर दिया था। सोमवार को परीक्षा की नयी तिथि घोषित की गई।

सहकारी निरीक्षक वर्ग-दो/ सहायक विकास अधिकारी (सहकारी) के 45 पदों के लिए लिखित परीक्षा देहरादून और हल्द्वानी के 26 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी। प्रवेश पत्र कुछ समय बाद आयोग की वेबसाइट http://www.sssc.uk.gov.in पर अपलोड किए जाएंगे।

आयोग के अध्यक्ष जीएस मार्ताेलिया ने पुष्टि करते हुए बताया कि 16 नवंबर को सहकारी विभाग की समूह-ग की परीक्षा आयोजित की जाएगी। हालांकि आयोग ने बीती 12 अक्टूबर को प्रस्तावित सहायक कृषि अधिकारी वर्ग-एक (रसायन विज्ञान) व प्राविधिक सहायक वर्ग-एक (अभियंत्रण शाखा) के 10 पदों के लिए भर्ती परीक्षा पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। आयोग जल्दी ही इस परीक्षा की भी नई तिथि घोषित करेगा।

Uttarakhand: मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में होगा फायर सेफ्टी ऑडिट, स्वास्थ्य सचिव ने दिए सख्त निर्देश

मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट होगा। स्वास्थ्य सचिव ने इस संबंध में सख्त निर्देश देते हुए हा कि सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

जयपुर के एक अस्पताल आग लगने की घटना के बाद प्रदेश सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों व अस्पतालों में सुरक्षा के लिए फायर सेफ्टी ऑडिट करने का निर्णय लिया है। सचिवालय में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने समीक्षा बैठक में निर्देश सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के निर्देश दिए।

         हर महीने मॉक ड्रिल प्रैक्टिस कर फायर सेफ्टी का ऑडिट किया जाएगा। अस्पतालों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बैठक में निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ. अजय आर्य, दून मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. गीता जैन, उपसचिव जसंविदर कौर, सीएमएस दून मेडिकल कॉलेज डॉ. आरएस बिष्ट मौजूद रहे।

दून मेडिकल कॉलेज में फायर सेफ्टी के लिए सख्त निर्देश

स्वास्थ्य सचिव ने दून मेडिकल कॉलेज में फायर सेफ्टी से जुड़ी कार्यदायी संस्था को निर्देश दिए फायर से संबंधित अनापत्ति प्रमाण पत्र शीघ्र उपलब्ध कराया जाए। सचिव ने अग्निशमन विभाग से भी आवश्यक कार्रवाई करने का आग्रह किया। सचिव ने स्प्रिंकलर, मोटर्स व अन्य फायर सेफ्टी उपकरणों की जांच कर उनका डेमो कराया जाए। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्था के साथ नियमित रूप से प्रतिमाह बैठक की जाए। कार्यदायी संस्था ने बैठक में जानकारी दी कि ओटी बिल्डिंग की फायर एनओसी 30 अक्तूबर 2025 तक व सीएसएसडी विभाग की एनओसी 30 नवंबर 2025 दी जाएगी।

मरीजों व स्टाफ की सुरक्षा सरकार की प्राथमिकता : धामी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा, राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों एवं अस्पतालों में फायर सुरक्षा प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना अनिवार्य है। हमारी प्राथमिकता मरीजों और अस्पताल स्टाफ की सुरक्षा है। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि उत्तराखंड के सभी अस्पताल सुरक्षा मानकों के अनुरूप संचालित हों। किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

देहरादून में दीपावली पर पटाखा बिक्री के लिए बने नियम:भीड़भाड़ वाले इलाकों में दुकानों पर पूरी तरह प्रतिबंध, लाइसेंस के लिए आवेदन शुल्क तय

देहरादून में प्रशासन ने दिवाली को देखते हुए पटाखा बिक्री को लेकर कड़े और सख्त नियम लागू किए हैं। सार्वजनिक रास्तों और आंतरिक सड़क मार्ग पर पटाखा बिक्री पूरी तरह​प्रतिबंधित की गई है। साथ ही अगले साल से पटाखा बिक्री का लाइसेंस सिर्फ खुले मैदान में ही करने का निर्णय लिया गया है।

देहरादून के अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह ने दीपावली के पर्व पर आतिशबाजी के अस्थायी लाईसेंस जारी करने को लेकर व्यापारिक संगठनों के पदाधिकारियों एवं सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की गई।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अगले वर्ष से पटाखा बिक्री केवल चिन्हित खुले मैदानों में ही पटाखा दुकान के लिए लाईसेंस निर्गत किए जाएंगे जिसमें उपस्थित समस्त व्यापारिक संगठनो के पदाधिकारियों ने अपनी सहमति दी है। पटाखा दुकान के लिए 850 रुपए शुल्क निर्धारित किया गया है।

अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह ने व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों से व्यवस्था बनाने में प्रशासन का सहयोग करने की अपेक्षा की है। साथ ही पुलिस, फायर, प्रशासन के अधिकारियों को निर्धारित नियमानुसार लाईसेंस निर्गत करने की कार्यवाही के निर्देश दिए।

शहर में पटाखा दुकान के लिए प्रतिबन्धित क्षेत्र-
  • पल्टन बाजार-कोतवाली से घंटाघर, धामावाला बाजार-कोतवाली से बाबूगंज (आढत बाजार चौक तक) मोतीबाजार -पल्टन बाजार से पुरानी सब्जीमण्डी हनुमान चौक तक, हनुमान चौक-झण्डा मौहल्ला, रामलीला बाजार- बैण्ड बाजार तक, आनंद चौक से लक्ष्मण चौक तक, डिस्पेंसरी रोड का सम्पूर्ण क्षेत्र, घंटाघर से चकराता रोड पर हनुमान मंदिर तक सर्वे चौक से डीएवी कालेज देहरादून जाने वाली रोड़ करनपुर मुख्य बाजार (भीड़-भाड़ वाला क्षेत्र)
  • समस्त सार्वजनिक रास्ता, सड़क एवं आंतरिक मार्ग पटाखा बिक्री हेेतु पूर्णतः प्रतिबन्धित किए गए है। इसके अतिरिक्त ऐसे स्थान जहां फायर के वाहन प्रवेश नही कर सकते हैं पर पटाखे की दुकाने प्रतिबन्धित की गई हैं।
कड़े और सख्त नियम-
  • दुकान के बाहर फुटपाथ, सड़क पर पलंग एवं अन्य रैक लगाकर पटाखा बिक्री करने वालो के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
  • जिला प्रशासन द्वारा पटाखा लाईसेंस के लिए आवेदन शुल्क 850 निर्धारित किया गया है।
  • लाईसेंस के लिए आज से 13 अक्टूबर 2025 तक ही आवेदन किए जा सकते है, इसके बाद आवेदन प्राप्त नही किए जाएंगे।
  • लाईसेंस आवेदन हेतु आधार कार्ड, खाली दुकान के अन्दर स्वामी के फोटोग्राफ, पुलिस,फायर की एनओसी, दुकान का बिजली का बिल, दुकान की रजिस्ट्री या नगर निगम टैक्स रसीद लगानी अनिवार्य होगी तथा पटाखा दुकान हेतु निर्धारित समस्त सुरक्षा मानक पूर्ण करने पर ही पटाखा लाईसेंस निर्गत किए जाएंगे।
  • पटाखा गोदाम से फुटकर विक्रय करने की अनुमति नही दी जाएगी। दीपावली हेतु 17 से 21 अक्टूबर तक ही पटाखा बिक्री की अनुमति दी जाएगी।

गुलदार को लेकर भ्रामक सूचना फेलाने वालो पर होगी पुलिस की कड़ी कार्रवाई

News web media Uttarakhand : राजपुर क्षेत्र में गुलदार द्वारा एक बालक पर हमला किए जाने की घटना के बाद एसएसपी देहरादून के निर्देशों पर राजपुर तथा रायपुर पुलिस द्वारा वन विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर दिन रात नियमित रूप से प्रभावित इलाके में गस्त करते हुए लोगों को सावधानी बरतने हेतु सचेत किया जा रहा है।अराजक तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर गुलदार के हमले का एक वीडियों प्रसारित कर उक्त वीडियो को देहरादून का बताते हुए आमजन के मध्य भय व्याप्त करने का प्रयास किया गया, जिससे इस प्रकार की घटनाओं की रोकथाम में लगी एजेंसीज को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।

उक्त वायरल वीडियो के संबंध में वन विभाग की ओर से दी गयी तहरीर के आधार पर थाना रायपुर पर अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध धारा 469/186 भादवि व धारा – 65 आई0टी0 एक्ट में अभियोग पंजीकृत किया जा रहा है

देहरादून के प्रसिद्ध उद्योगपति सुधीर विंडलास को सीबीआई ने गिरफ्तार किया

News Web media Uttarakhand : देहरादून के चर्चित उद्योगपति व रियल स्टेट के कारोबारी सुधीर विंडलास को सीबीआई ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। विंडलास के साथ उनके परचेज मैनेजर रवि दयाल व प्रशांत समेत तीन अन्य को भी हिरासत में लेने की खबर है। विंडलास की गिरफ्तारी को लेकर रियल स्टेट सेक्टर में हलचल मच गई। गौरतलब है कि लगभग पांच साल पहले विंडलास पर धोखाधड़ी से जमीन कब्जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। एसआईटी जांच भी हुई थी लेकिन विंडलास के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अक्टूबर 2022 में शासन ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। और 18 जनवरी 2023 को सीबीआई ने विंडलास के प्रतिष्ठानों में छापे भी मारे थे। दून के प्रसिद्ध उद्योगपति विंडलास कई साल से हॉलीवुड व बॉलीवुड फिल्मों में प्रयोग होने वाले पारंपरिक हथियारों का निर्माण भी करते रहे हैं। इधर, लम्बे समय से रियल स्टेट व जमीनों के धंधे से भी जुड़े हुए थे। कुछ साल पहले जमीन कब्जाने के आरोप में काफी विवादित भो हो गए थे।

इस बाबत अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केन्द्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय को शासन की सीबीआई जांच सम्बन्धी संस्तुति से से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के केंद्र को भेजे संस्तुति पत्र में कहा गया है कि माफिया सुधीर कुमार विण्डलास व उसके मैनेजर प्रशान्त आदि द्वारा फर्जी कूटरचित दस्तावेज तैयार करके ग्राम जौहड़ी गांव में भूमि पर कब्जा करने के सम्बन्ध में जनपद देहरादून के थाना राजपुर में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज है। गौरतलब है कि बिल्डर सुधीर विंडलास के दून में रियल स्टेट के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी विंडलास के प्रकरण में तीखी टिप्पणी की है।

अभिनव कुमार अग्रिम आदेशों तक होंगे उत्तराखंड के नए कार्यवाहक डीजीपी, आदेश जारी

News web media uttarakhand : अभिनव कुमार अग्रिम आदेशों तक उत्तराखंड के नए कार्यवाहक डीजीपी होंगे. देर शाम शासन ने इसका आदेश जारी कर दिया है. इससे पहले वह हरिद्वार और देहरादून पुलिस कप्तान रहे हैं. कुछ महीनों तक उन्होंने आईजी गढ़वाल के पद पर सेवा दी है. केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआरपीएफ में सेवा दी. जिस वक्त जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई गई, अभिनव कुमार के हाथ में कमान थी.

अभिनव कुमार मीडिया में अक्सर अपने बयानों के लिए चर्चा में रहते हैं. उनका नौ साल पहले सत्यमेव जयते में प्रोग्राम में पुलिस को लेकर दिया बयान अब तक चर्चा में रहता है. अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान से पुलिस की तरफ से माफी मांगने के लिए भी पत्र लिखा था. वर्तमान में वह मुख्यमंत्री के विशेष सचिव हैं. उत्तराखंड गठन के बाद अभिनव कुमार यहां आ गए थे. यहां उन्होंने विभिन्न जिलों की कप्तानी भी संभाली. वह 2009 में डीआईजी और 2014 में आईजी बने.

आईपीएस अभिनव कुमार आईटीबीपी में जम्मू कश्मीर में तैनात रहे. जिस वक्त जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाई गई तब घाटी में कमान उन्हीं के हाथ में थी. डीजीपी के लिए निर्धारित सेवा अवधि की शर्तों को यूपीएससी ने शिथिल करते हुए 25 वर्ष कर दिया तो अभिनव भी इस दायरे में आ गए. पिछले दिनों एडीजी दीपम सेठ और पीवीके प्रसाद के साथ उनका नाम भी पैनल में भेज दिया गया.

सीएम धामी ने किया अबू धाबी में विभिन्न उद्योग समूहों के साथ बैठक, 3550 करोड़ के निवेश पर हुआ करार

News web media Uttarakhand : वैश्विक निवेशक सम्मेलन लिए संयुक्त राज्य अमीरात (यूएई) में रोड शो के दूसरे दिन 3550 करोड़ के निवेश का करार हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में दोनों दिन के रोड शो में 15475 करोड़ के निवेश पर समझौता हुआ।

बुधवार को अबु धाबी में प्रदेश सरकार ने लूलू ग्रुप के साथ रियल एस्टेट सेक्टर में 1000 करोड़, हायपर मार्केट के साथ हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में 500 करोड़ और फूड पार्क में 250 करोड़, एसीटी फैसिलिटिज मिडिल ईस्ट के साथ हॉस्पिटेलिटी सेक्टर में 1500 करोड़, रिजेंट ग्लोबल से फार्मा सेक्टर में 300 करोड़ के निवेश पर एमओयू हुआ। इससे पहले दुबई में 11925 करोड़ के निवेश पर एमओयू किया गया था।

मुख्यमंत्री धामी ने अबू धाबी में विभिन्न उद्योग समूहों के साथ बैठक की। साथ ही उत्तराखंड में निवेश संभावनाओं पर चर्चा कर सरकार की औद्योगिक नीतियों की जानकारी दी। सीएम ने उद्योग घरानों को 8 और 9 दिसंबर को देहरादून में आयोजित होने वाले निवेशक सम्मेलन के लिए निमंत्रण भी दिया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत भी मौजूद रहे।

सीएम ने अबूधाबी में बन रहे हिंदू मंदिर में ईंट रखकर की कारसेवा

निवेश के लिए संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर गए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को अबूधाबी में निर्माणाधीन बीपीएस हिंदू मंदिर में ईंट रखकर कारसेवा की। सीएम ने कहा, यहां हिंदू धर्म को स्थापित करने और मंदिर का निर्माण का जो कार्य चल रहा, यह हम सबके लिए गौरव के क्षण हैं। कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से मंदिर का कार्य हो रहा है। उनके नेतृत्व में भारत को विश्व के अंदर मान-सम्मान और अलग पहचान मिल रही है।

सीएम ने भव्य हिंदू मंदिर के निर्माण के लिए लगे सभी संयोजन और निर्माणकर्ताओं का भी आभार जताया। कहा, यह हिंदू मंदिर सांस्कृतिक विरासत, मूल्यों, सद्भाव और हिंदू परंपराओं को बढ़ावा देने का कार्य भी करेगा। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी उपस्थित थे।

पहाड़ में खोलेगा 2 पम्प स्टोरेज, 15 हजार करोड़ का MOU साइन, 1000 लोगों को मिलेगा रोजगार

News web media uttarakhand : दिसंबर में आयोजित होने वाली ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में बंपर निवेश लाने के लिए धामी सरकार के प्रयास रंग लाते दिख रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी आज दिल्ली में समिट के लिए रोड शो कर रहे हैं। इस बीच जे एस डब्लयू नियो एनर्जी लिमिटेड ने उत्तराखंड में 15 हजार करोड़ निवेश करने का एमओयू साइन किया है।

नई दिल्ली में उत्तराखण्ड ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के रोड शो के दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में यह एमओयू साइन किया गया। MOU के तहत अल्मोड़ा में 1500 मेगावाट के 2 पम्प स्टोरेज का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में पंप स्टोरेज प्लांट, सीमेंट, स्पोर्ट, ट्रेनिंग सेंटर, पेयजल, कुमाऊ के  मंदिरों (मानसखंड मंदिर माला को CSR के तहत ) पुन:र्द्धार व सौंदर्यकरण के क्षेत्र में सहयोग की अपेक्षा की। गौरतलब है कि राज्य सरकार ने राज्य में पीएसपी के विकास को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड पंप स्टोरेज परियोजना नीति तैयार की है, जो डेवलपर्स को प्रमुख प्रोत्साहन प्रदान करती है।

MOU के तहत जे०एस० डब्ल्यू एनर्जी 1500 मेगावाट क्षमता के अल्मोडा में 2 स्व-पहचान वाली पंप स्टोरेज परियोजनाएं स्थापित करने की योजना पर कार्य करेगी, जिसे अगले 5-6 वर्षों में विकसित किया जाएगा। अल्मोडा के जोसकोटे गांव में साइट 1 में यह योजना निचला बांध / जलाशय कोसी नदी से 8-10 किमी की दूरी पर प्रस्तावित है तथा अल्मोड़ा के कुरचौन गांव में साइट 2 में  यह ऊपरी जलाशय कोसी नदी से 16 किमी की दूरी पर प्रस्तावित है। इस योजना से एक बड़ी आबादी को पेयजल की आपूर्ति तथा कृषि के लिए सिचाई की सुविधा प्राप्त होगी। इसके साथ ही इस योजना से 1000 लोगो को रोजगार के अवसर मिलेंगे।