Army Cheetah helicopter crashed: अरुणाचल में भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलटों की तलाश जारी

भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर (Cheetah Helicopter) : अरुणाचल प्रदेश के मंडला पहाड़ी इलाके के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. पायलटों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन (Search Operation) शुरू कर दिया गया है. सेना के सूत्र ने इस बात की जानकारी दी. यह सेन्गे से मिसामारी की ओर उड़ रहा था. हादसे के वक्त हेलीकॉप्टर में पायलट और को-पायलट थे.

गुवाहाटी के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत (Lt. Col. Mahendra Rawat) ने पुष्टि की कि ऑपरेशनल सॉर्टी पर चीता हेलीकॉप्टर का आज सुबह करीब 9.15 बजे एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) से संपर्क टूट गया था.

पिछले साल भी क्रैश हुआ था चीता हेलीकॉप्टर

इससे पहले साल 2022 में भी इंडियन आर्मी का चीता हेलीकॉप्ट तवांग के पास क्रैश हो गया था. इस हादसे में दो पायलटों में से एक की मौत हो गई थी. असम के तेजपुर में सेना के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया था कि तवांग के पास अग्रिम क्षेत्र में उड़ान भर रहा सेना का एक चीता हेलीकॉप्टर 5 अक्टूबर 2022 में सुबह करीब 10 बजे एक नियमित उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. दोनों पायलटों को पास के एक अस्पताल ले जाया गया था लेकिन एक को नहीं बचाया जा सका.मृतक पायलट की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल सौरभ यादव के रूप में हुई थी.

पिछले 6 सालों में सेना के 18 हेलिकॉप्टर क्रैश 

पिछले पांच सालों में भारतीय मिलिट्री यानी तीनों सेनाओं के 18 हेलिकॉप्टर क्रैश हो चुके हैं. यह जानकारी पिछले साल 17 दिसंबर को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में राज्य रक्षामंत्री अजय भट्ट ने दी थी. 2017 से लेकर 2021 तक 15 हादसे हुए थे. इसके बाद तीन हादसे और हो चुके हैं. इसमें से दो हादसे साल 2022 में अक्टूबर महीने में ही हुए थे. इसमें रुद्र और चीता हेलिकॉप्टर शामिल थे.

Adani-Hindenburg Row:अडानी-हिंडनबर्ग केस में सुप्रीम कोर्ट ने बनाई एक्सपर्ट कमेटी, SEBI को 2 महीने में जांच रिपोर्ट सौंपने का आदेश

News web media uttarakhand : अडानी हिंडनबर्ग केस में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है. कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस एएम सप्रे करेंगे. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि SEBI इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

अडानी-हिंडनबर्ग केस में जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक्सपर्ट कमेटी के गठन का आदेश दिया है. कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता रिटायर जस्टिस एएम सप्रे करेंगे. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि SEBI इस मामले में जांच जारी रखेगी और 2 महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सेबी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट और मार्केट वायलेशन समेत दोनों आरोपों पर पहले से जांच कर रही है. ऐसे में सेबी की जांच जारी रहेगी. SEBI  को 2 महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है.

6 सदस्यीय टीम करेगी जांच

इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले में जांच के लिए 6 सदस्यीय एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया है. इस कमेटी में रिटायर जस्टिस एएम सप्रे केल अलावा ओपी भट्ट, जस्टिस केपी देवदत्त, केवी कामत, एन नीलकेणी, सोमेशेखर सुंदरेशन शामिल हैं.

गौतम अडानी ने SC के फैसले का स्वागत किया

उद्योगपति गौतम अडानी ने ट्वीट कर कहा कि अडानी ग्रुप सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता है. सत्य की जीत होगी.

क्या है मामला?

अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग ने हाल ही में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है. हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर मार्केट में हेरफेर और अकाउंट में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई है. हालांकि, गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार और भ्रामक बताया था. उन्होंने दावा किया कि इस रिपोर्ट में जनता को गुमराह किया गया.

सुप्रीम कोर्ट ने दिए जांच के आदेश

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं. याचिकाकर्ताओं ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी ग्रुप पर लगाए आरोपों की जांच की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में जांच के लिए 6 सदस्यों की कमेटी का गठन किया है

अडानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की मांग वाली याचिकाओं पर 17 फरवरी को CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने सुनवाई की थी. ब कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में केंद्र के सुझावों को स्वीकार करने से साफ तौर पर इनकार कर दिया था और कहा था. कि हम इस मामले में पूरी तरह से पारदर्शिता बनाए रखना चाहते हैं. दरअसल, सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की ओर से केंद्र सरकार के सुझावों वाला सीलबंद लिफाफा बेंच को सौंपा गया था.

MP News: बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का भाई गिरफ्तार, दलित परिवार को धमकाने-मारने का है आरोप

News web media Uttarakhand  : बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के भाई शालिग्राम शुक्ला को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शालिग्राम को कोर्ट में पेश किया गया है।

मध्य प्रदेश की छतरपुर जिला पुलिस ने बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के छोटे भाई सौरभ उर्फ शालिग्राम गर्ग के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है. ‘छोटे महाराज’ के नाम से फेमस शालिग्राम पर आरोप है कि उसने एक शादी समारोह में घुसकर दलित परिवार को तमंचे की नोंक पर धमकाया, जातिसूचक गालियां दीं और मारपीट भी की.

घटना छतरपुर जिले के गढ़ा गांव की है. 11 फरवरी को गांव में एक दलित परिवार की बेटी का विवाह समारोह आयोजित हो रहा था. उसी दौरान रात करीब 12 बजे के आसपास बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का छोटा भाई शालिग्राम गर्ग विवाह समारोह में पहुंचा और लोगों से गाली-गलौज और मारपीट करने लगा.

इस दौरान सिगरेट मुंह में फंसाए और शराब के नशे में शालिग्राम ने महिलाओं से अभद्रता की और देसी कट्टा दिखाकर जान से मारने की धमकी भी दी. इसके साथ ही उसने हवाई फायर भी किया और शादी रोकने की कोशिश की. जिस कारण से बाराती दहशत में आ गए और खाना पीना खाकर वापस अपने गांव अक्टोहा लौट गए।

घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने आरोपी शालिगराम के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कर लिया था।

Umesh Pal Hatyakand: जहां-जहां साजिश वहां बुलडोजर,माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के आवास पर चला बुलडोजर, दोनों रास्ते सील

प्रयागराज के धूमनगंज थाना इलाके के कालिंदीपुरम कसारी मसारी स्थित शाइस्ता परवीन के आवास पर पीडीए का बुलडोजर कार्रवाई कर रहा है।
मौके पर भारी फोर्स मौजूद है। पीडीए के अफसर मौके पर भी हैं।

प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद के करीबियों पर एक्शन चल रहा है। प्रयागराज में अतीक के करीबियों पर बुलडोजर चल रहा है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण अवैध संपत्ति पर कार्रवाई कर रहा है।

प्रयागराज के धूमनगंज थाना इलाके के कालिंदीपुरम कसारी मसारी में यह कार्रवाई चल रही। मौके पर भारी फोर्स मौजूद है। पीडीए के अफसर मौके पर हैं।
चकिया कसारी मसारी स्थित शाइस्ता परवीन के आवास पर पीडीए का बुलडोजर कार्रवाई कर रहा है।

इस दौरान कई थानों की फोर्स आरएएफ के जवान और पीडीए के कर्मचारी मौजूद हैं। कार्रवाई के दौरान रास्ते को दोनों तरफ से सील कर दिया गया है। इस दौरान किसी को आने जाने नहीं दिया जा रहा है। घर से पीडीए के कर्मचारियों ने समान बाहर निकाल दिया है।

विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में शाइस्ता परवीन, अतीक अहमद, इनके पुत्रों और अतिक के भाई अशरफ समेत दर्जन भर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

उमेश पाल हत्याकांड में नामजद अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार है। पुलिस उनकी तलाश में दबिश दे रही है। चकिया में वह अपनी जिस बहन के घर रहती हैं, वहां से वह घटना के दूसरे दिन ही निकल गईं थीं। उसके पास से शाइस्ता का कुछ पता नहीं है। इस मामले में अफसरों का कहना है कि नामजद सभी लोगों की तलाश की जा रही है। शाइस्ता भी उनमें से एक हैं।

आपको बता दें कि उमेश पाल की हत्या में नामजद गुड्डू मियां, 22 साल पहले एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में खोराबार थाने से जेल जा चुका है। उसकी गिरफ्तारी बिहार के बेउर जेल के सामने से हुई थी। वहां एक बड़े नेता के हत्या की सुपारी लेने गया था। जेल के बाहर से तत्कालीन एसओजी प्रभारी ओपी तिवारी ने गुड्डू और सुल्तानपुर के उसके एक साथी को गिरफ्तार किया था।

उस समय पूछताछ में सामने आया था कि बेउर जेल में बंद गोरखपुर के बदमाश ने गुड्डू को पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसी बड़े नेता की हत्या की सुपारी दी थी। इसी सिलसिले में उससे मिलने बेउर जेल आया था। बाद एसओजी टीम को यह भी पता चला कि गुड्डू कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला का खास गुर्गा रह चुका है।

पश्चिम में श्रीप्रकाश के साथ गुड्डू ने कई आपराधिक मामलों को अंजाम दिया था। तत्कालीन पूछताछ टीम में शामिल सूत्र के मुताबिक, गुड्डू मियां ने बताया था कि उसके गिरोह के सभी बदमाश अब मारे जा चुके हैं। वह अकेला बचा है।

आपको बता दें कि चर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार शाम स्वचालित हथियार से गोली मार कर हत्या कर दी गई। उनकी सुरक्षा में लगे दो गनर भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से एक की मौत हो गई। जबकि दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना शुक्रवार की शाम 5:15 बजे उस वक्त हुई जब उमेश जिला कचहरी से कार से धूमनगंज स्थित अपने घर पहुंचे थे। घटना के बाद हमलावर बाइक से भाग निकले थे। सुरक्षा में तैनात गनर संदीप निषाद की भी उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है।

शहर पश्चिम के विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उनके रिश्तेदार और दोस्त उमेश पाल मुख्य गवाह थे। उमेश ने लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में राजू पाल हत्याकांड की पैरवी की थी। इसी कारण अतीक गिरोह से उनकी खुलेआम दुश्मनी हो गई थी। मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं।

 

BREAKING -दिल्ली हाईकोर्ट में अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज

News Web media Uttarakhand । दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसे राष्ट्रीय हित में और यह सुनिश्चित करने के लिए पेश किया गया है कि सशस्त्र बल अच्छी तरह से सुसज्जित हों। योजना, इसकी भर्ती प्रक्रिया और उम्मीदवारों की नियुक्ति को चुनौती देती हुई याचिकाएं दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा, अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं।पीठ ने भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखते हुए 23 याचिकाओं को खारिज कर दिया।अदालत ने कहा कि उसे इस योजना में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता।बेंच ने 15 दिसंबर 2022 को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।(आईएएनएस)

Earthquake: ‘हिमालय क्षेत्र में कभी भी आ सकता है बड़ा भूकंप’, वैज्ञानिक ने दावा किया है इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है।

डॉ. पूर्णचंद्र राव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में भूकंप आ सकता है। डॉ. राव ने कहा कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है।

नेशनल जियो फिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) के वैज्ञानिक ने दावा किया है कि हिमालय क्षेत्र में जल्द ही बड़ा भूकंप आ सकता है। उन्होंने कहा कि भूकंप की तीव्रता काफी हो सकती है जो क्षेत्र में भारी तबाही ला सकता है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि संरचनाओं को मजबूत करके  जान-माल के नुकसान को कम किया जा सकता है। एएनआई की खबर के अनुसार, हैदराबाद स्थित एनजीआरआई के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. पूर्णचंद्र राव का कहना है कि धरती की परत कई प्लेट्स से मिलकर बनी है और इन प्लेट्स में लगातार विचलन होता रहता है। भारतीय प्लेट्स हर साल पांच सेंटीमीटर तक खिसक गई हैं और इसकी वजह से हिमालय क्षेत्र में काफी तनाव बढ़ गया है। इसी के चलते हिमालय क्षेत्र में भारी भूकंप आ सकता है।

8 मैग्नीट्यूड रह सकती है भूकंप की तीव्रता
डॉ. पूर्णचंद्र राव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, नेपाल के पश्चिमी हिस्से और उत्तराखंड में भूकंप आ सकता है। डॉ. राव ने कहा कि रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 8 रह सकती है। डॉ. राव ने कहा कि तुर्किये में आए भूकंप में इतनी भारी संख्या में लोगों की मौत की वजह औसत निर्माण रहा। उन्होंने कहा कि हम भूकंपों को नहीं रोक सकते लेकिन सरकार की गाइडलाइन का पालन करके मजबूत इमारतों के निर्माण किए जाने चाहिए।

कंप को लेकर बेहद संवेदनशील है हिमालय क्षेत्र
बता दें कि हिमालय क्षेत्र भूकंप को लेकर संवेदनशील रहा है। हाल के दिनों में इस इलाके में कई छोटे-छोटे भूकंप आए हैं जो यह संकेत दे रहे हैं कि इस इलाके में जमीन के भीतर कई ऐसी चीजें हो रही हैं, जो भविष्य में किसी बड़े भूकंप का कारण बन सकती हैं। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के प्रमुख वैज्ञानिक अजय पॉल ने बताया है कि भारतीय और यूरेशियन प्लेट्स के टकराने से हिमालय क्षेत्र अस्तित्व में आया। उनका कहना है कि यूरेशियन प्लेट के भारतीय प्लेट पर पड़ रहे दबाव से भारी ऊर्जा इस इलाके में पैदा होती है और वही ऊर्जा भूकंप के जरिए जमीन से निकलती है।

हिमालय क्षेत्र में चुके हैं चार बड़े भूकंप
बीते दिनों वाडिया इंस्टीट्यूट की रिसर्च में ही खुलासा हुआ था कि हिमालय क्षेत्र के सबसे बड़े ग्लेशियर में से एक गंगोत्री ग्लेशियर बीते 87 सालों में 1.7 किलोमीटर तक खिसक गया है। हिमालय क्षेत्र के अन्य ग्लेशियर में भी ऐसा ही  कुछ हो रहा है। इसके अलावा जोशीमठ में हुआ भू धंसाव भी एक बड़े खतरे की तरफ इशारा कर रहा है। बीते 150 सालों में हिमालय क्षेत्र में चार बड़े भूकंप आए हैं। इनमें साल 1897 में शिलॉन्ग का भूकंप, 1905 में कांगड़ा का भूकंप, 1934 में बिहार-नेपाल का भूकंप और 1950 में असम का भूकंप शामिल हैं। इनके अलावा साल 1991 में उत्तरकाशी में, 1999 में चमोली में और 2015 में नेपाल में भी बड़ा भूकंप आया था।

गिरफ्तार हुई निर्दयी मां: सात साल की बेटी को कोयले से जलाया, पंखे पर लटकाया; 18 से ज्यादा ताजा चोट के निशान मिले

आरोपी मां को गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस उसके पति आनंद कुमार की भूमिका की जांच कर रही है। पुलिस इस बात की जांच करने में लगी हुई है कि रेनू ने जब मासूम को गोद लिया था तो फिर उसके साथ दरिंदगी व बेरहमी से क्यों मारपीट करती थी ।

दिल्ली के आरके पुरम इलाके में 7 वर्षीय बच्ची के साथ दरिंदगी के मामले में आरके पुरम थाना पुलिस को बीती रात बड़ी सफलता मिली है। आरके पुरम थाना पुलिस ने मासूम के साथ दरिंदगी करने वाली रेनू कुमारी व उसके पति आनंद कुमार को बीती रात रुड़की से पकड़ लिया। दोनों को दिल्ली ले आया गया है। पुलिस रेनू को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेगी।

दूसरी तरफ पुलिस उसके पति आनंद कुमार की भूमिका की जांच कर रही है। पुलिस इस बात की जांच करने में लगी हुई है कि रेनू ने जब मासूम को गोद लिया था तो फिर उसके साथ दरिंदगी व बेरहमी से क्यों मारपीट करती थी। आरके पुरम थाना पुलिस बच्ची के साथ बेरहमी से मारपीट करने के मामले में रेनू कुमारी के बेटे जॉनी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी हैं।

गौरतलब है कि बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि उसके शरीर पर 18 से ज्यादा चोटों के निशान हैं। यह वह चोट है जो अभी दिखाई दे रही हैं और ताजा हैं।  पुलिस अधिकारियों के अनुसार पुरानी चोटों के भी काफी निशान बने हुए हैं।

हाथ बांधकर बच्ची को घंटों पंखे से लटकाया

सफदरजंग अस्पताल की आरोपी नर्स व बेटे ने सारी हदें पार करते हुए बच्ची को गर्म चिमटे से दागकर कोयलों से जलाया और गर्म पतीले पर बैठाकर यातनाएं दीं। इतना ही नहीं निजी अंगों को भी चोट पहुंचाई।
नर्स के बेटे ने बच्ची को कई घंटे पंखे से भी लटकाकर रखा। बिना कपड़ों के बच्ची को बालकनी में कड़ाके की सर्दी में बैठा दिया गया। बच्ची से जब दर्द सहन नहीं हुआ था तो उसने स्कूल में शिक्षिका को सारी बात बताई। इसके बाद आरके पुरम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी नर्स के बेटे जॉनी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि आरोपी नर्स फरार है।

दर्द की इंतहा हुई तो बच्ची ने टीचर को बताई सारी बात

दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी मनोज सी ने बताया कि बच्ची से दरिदंगी की शिकायत आरकेपुरम थाना पुलिस को नौ फरवरी को मिली थी। बच्ची के शरीर पर जलने व चोट के निशान थे। जांच में पता लगा कि आरोपी ने बच्ची को कुछ साल पहले गोद लिया था। बच्ची आरकेपुरम में एक स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ती है। जब बच्ची खड़े होने में दर्द से कराहने लगी तो शिक्षिका को सारी बात बताई। शिक्षिका ने इसकी जानकारी चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) और पुलिस को दी।

छाती पर घूसे मारती थी मां, निजी अंगों पर भी पहुंचाए चोट

बच्ची ने शिकायत में कहा है कि मां ने उसकी जीभ को चाकू से काटा और हथेली को कोयले से जलाया है। मां डंडे और तार से मारती थी। चार्जर की तार से कई बार गला दबाने की कोशिश की गई। उसकी छाती पर घूसे भी मारती थी। जनवरी में निजी अंगों पर चाकू से चोट पहुंचाकर गर्म चूल्हे पर बैठा दिया गया। गर्मी के दिनों पर बिना कपड़ों के छत पर सुलाया और सर्दियों में बिना कपड़ों के बालकनी में लिटा दिया। वहीं, आरोपी महिला के बेटे जॉनी ने पंखे से कई घंटे लटकाए रखा। अश्लील हरकत भी की। कई बार बेल्ट से मारा गया। जब कामवाली नहीं आती थी तब बच्ची से सारा काम भी करवाया जाता था।

18 से ज्यादा ताजा चोट के निशान मिले

आरकेपुरम में दरिंदगी की शिकार सात वर्षीय मासूम के निजी अंगों समेत शरीर पर ताजा चोटों के 18 से ज्यादा निशान मिले हैं। पुलिस को मिली मेडिकल रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है। रिपोर्ट से पता लगा है कि बच्ची के निजी अंगों पर काटने के निशान भी हैं। हालांकि, बच्ची के साथ शारीरिक छेड़छाड़ की पुष्टि नहीं हुई है। बच्ची ने भाई जाॅनी पर छेड़छाड़ व अश्लील हरकत का आरोप लगाया था।

दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस के अनुसार, मेडिकल रिपोर्ट से बच्ची के शरीर पर ताजा चोटों के 18 से ज्यादा निशान मिले हैं। ये वे चोटें हैं जो दिख रही हैं। सभी चोटें बच्ची के शरीर पर पीठ, कमर के नीचे, हाथ और गर्दन आदि जगहों पर हैं। बच्ची के शरीर पर पुरानी चोटों के भी काफी निशान हैं। काफी जख्म तो ऐसे हैं जो भर गए हैं। डर की वजह से बच्ची काफी दिनों से यातनाएं सहन कर रही थी। जब दर्द उससे सहन नहीं हुआ तो उसने स्कूल शिक्षिका को ये बात बताई।

सोते हुए डर जाती है बच्ची, उठकर चिल्लाने लगती है

इसके बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्ची को 12 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के जरिए बच्ची ने नौ फरवरी को आरके पुरम थाना पुलिस को शिकायत दी थी। बयान नहीं होने से पुलिस ने 10 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी। बच्ची सीडब्ल्यूसी की निगरानी में बाल गृह में रह रही है। बताया जा रहा है कि सोते हुए बच्ची डर जाती है और उठकर चिल्लाने लगती है। पुलिस बच्ची पर पूरी निगरानी रख रही है।

Turkey Earthquake: भूकंप के चलते तुर्किये और सीरिया में कुल 41 हजार लोगों की मौत! मनोचिकित्सक बोले- उबरने में लगेगा लंबा समय

शरणार्थी शिविर में काम कर रहीं मनोचिकित्सक हासिबे एबरु का कहना है कि भूकंप का लोगों की मनोस्थिति पर गहरा असर पड़ा है। लोग भारी पीड़ा और तनाव से गुजर रहे हैं।

बीते हफ्ते तुर्किये और सीरिया में आए शक्तिशाली भूकंप से बड़ी संख्या में बच्चे बेघर हो गए हैं। साथ ही प्रभावित बच्चे अभी तक भूकंप से लगे सदमे से उबर नहीं पाए हैं और कई तनाव के शिकार हो गए हैं। शरणार्थी कैंपों में बच्चों को पढ़ा रहीं एक महिला अध्यापक ने बताया कि बच्चे अभी तक भूकंप के बारे में बात करते हैं और वह बिल्डिंग ब्लॉक बनाकर पूछते हैं कि क्या ये बिल्डिंग भूकंप के लिहाज से ठीक है? क्या यह पर्याप्त मजबूत है? इसके अलावा बच्चे खिलौनों से खेलते हुए भी भूकंप के बारे में बात करते रहते हैं।

बता दें कि भूकंप के चलते तुर्किये और सीरिया में कुल 41 हजार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। कई लोग कई दिनों तक मलबे में दबे रहने के बाद सुरक्षित बाहर निकाले गए हैं। इस दौरान उन्होंने जिस डर और ठंड का सामना किया, उसके तनाव से वह अब तक उबर नहीं पाए हैं। कई लोगों ने भूकंप में अपनों को खो दिया है और कई लोगों का भूकंप में सबकुछ तबाह हो गया है।

शरणार्थी शिविर में काम कर रहीं मनोचिकित्सक हासिबे एबरु का कहना है कि भूकंप का लोगों की मनोस्थिति पर गहरा असर पड़ा है। लोग भारी पीड़ा और तनाव से गुजर रहे हैं। कई लोगों को लगता है कि वह पागल हो जाएंगे।  एबरु बताती हैं कि वह लोगों से कहती हैं कि वह जो महसूस कर रहे हैं, यह सामान्य है। जैसे जैसे वह सुरक्षित वातावरण में जाएंगे तो उनकी परेशानी कम होती जाएगी। लोगों पर लगातार नजर रखी जा रही है।

डॉक्टरों का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों को मानसिक आघात लगा है। जिसके चलते उन्हें स्ट्रेस डिसऑर्डर और पैनिक अटैक आ रहे हैं।

National Aadi Mahotsav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी 16 फरवरी को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय आदि महोत्सव का उद्घाटन

11 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 500 आदिवासी कारीगर और कलाकार शामिल होंगे। जबकि 13 राज्यों के आदिवासी रसोइए मिलेट्स में जायके का तड़का लगाएंगे, जिसमें रागी हलवा, कोदो की खीर, मांडिया सूप समेत अन्य व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी 16 फरवरी को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। सरकार जनजातीय मास्टर शिल्प और महिलाओं को सीधे बाजार तक पहुंच उपलब्ध करवाने के मकसद से इस महोत्सव का आयोजन कर रही है। दर्शकों को 16 से 27 फरवरी तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में आदिवासी शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और व्यापार से सीधे रूबरू होने का मौका मिलेगा।

खास बात यह है है कि 11 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 500 आदिवासी कारीगर और कलाकार शामिल होंगे। जबकि 13 राज्यों के आदिवासी रसोइए मिलेट्स में जायके का तड़का लगाएंगे, जिसमें रागी हलवा, कोदो की खीर, मांडिया सूप, रागी बड़ा, बाजरा की रोटी, बाजरा का चुरमा, मडुआ की रोटी,भेल, कश्मीरी रायता, कबाब रोगन जोश आदि का जायका खास तौर पर मिलेगा।
जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट सर्कल पर आयोजित होने वाले ””आदि महोत्सव का आगाज करेंगे। आदिवासी व्यंजनों, जनजातीय समुदायों के कारीगरों और शिल्पकारों के प्रोडेक्ट को दर्शाती प्रदर्शनी भी देखेंगे। आत्मनिर्भर भारत मुहित के तहत जनजातीय समुदायों की पूर्ण भागीदारी और भागीदारी सुनिश्चित करने के मकसद से इसका आयोजन किया जा रहा है। जैविक उत्पादन को बढ़ावा देना मुख्य मकसद है। दिल्ली के अलावा देश के अन्य शहरों में भी इस प्रकार के महोत्सव आयोजित किए जा रहे हैं।

आदिवासी कारीगरों के डिजाइन कपड़े भी दिखेंगे
आदिवासी कारिगरों द्वारा तैयार कपड़ों में शीर्ष डिजाइनरों के डिजाइन दिखेंगे। देश समेत विदेशी मार्केट को देखते हुए केंद्र सरकार के संगठन ट्राइफेड जनजातीय उत्पादों में गुणवत्ता और समकालीन डिजाइन सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष डिजाइनरों के साथ काम कर रहा है। महोत्सव में आदिवासी हस्तशिल्प, हथकरघा, पेंटिंग, आभूषण, बेंत और बांस, मिट्टी के बर्तन, भोजन और प्राकृतिक उत्पाद, उपहार और वर्गीकरण, जनजातीय व्यंजन और 200 स्टालों के माध्यम से इसे प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनी-सह-बिक्री की सुविधा होगी।

बाजरा पर मुख्य फोकस
महोत्सव में 13 राज्यों के आदिवासी रसोइय शामिल हो रहे हैं। बाजरा आदिवासी समुदायों का मुख्य आहार है और संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया है। इसी के तहत यहां पर जनजातीय बाजरा के उत्पादन और खपत को बढ़ाने के लिए जनजातीय कारीगरों को बाजरा (श्री अन्ना) उत्पादों और व्यंजनों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसके अलावा बाजरा से बने व्यंजन भी खास तौर पर मिलेंगेे। यहां पर तमिलनाडूृ, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर आदि के आदिवासी जायका का लुत्फ भी मिलेगा।

 

उत्तराखण्ड सरकार ने नकल और गड़बड़ी रोकने के लिये कड़ा कानून लाया है

सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने यह पहले ही तय कर लिया था कि भर्ती परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाएंगे। देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून हम लेकर आ रहे हैं।

विस्तार

उत्तराखंड में जल्द ही देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून लागू होने वाला है। इसमें नकल माफिया को उम्रकैद, 10 करोड़ तक जुर्माना और नकल माफिया से मिलकर नकल करने वाले अभ्यर्थियों को भी 10 साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है। प्रस्ताव राजभवन भेज दिया है। अगर राजभवन इस पर 12 फरवरी से पहले मुहर लगा देता है तो यह कानून पटवारी-लेखपाल भर्ती से ही लागू हो जाएगा।

नकल माफिया पर यह होगी कार्रवाई

  • कोई व्यक्ति, परीक्षा केंद्र के प्रबंधतंत्र, कोचिंग संस्थान, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा के आयोजन में किसी भी जुड़े लोग पेपर लीक या अनुचित साधनों में शामिल पाए गए तो उन्हें आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने की सजा मिलेगी।
  • कोई परीक्षार्थी अगर नकल करते हुए पकड़ा गया तो तो उसे तीन साल की जेल और कम से कम पांच लाख के जुर्माने की सजा मिलेगी। अगर वही परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में दोषी पाया जाता है तो उसे दस साल कारावास की सजा और कम से कम 10 लाख जुर्माना लगेगा।
  • अगर कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोपपत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच साल के लिए उस पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। दोष सिद्ध होने पर 10 साल के लिए सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार कर दिया जाएगा। अगर कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो उसे पांच से दस साल सजा के साथ ही आजीवन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार कर दिया जाएगा।
  • गैर जमानती अपराध बना पेपर लीक, संपत्ति कुर्क होगी
  • प्रदेश में अब नकल का अपराध संज्ञेय, गैर जमानती और अशमनीय बन जाएगा। इसके अलावा नकल माफिया अनुचित साधनों का इस्तेमाल कर जो भी संपत्ति अर्जित करेंगे, उसे सरकार कुर्क कर लेगी।