हरिद्वार कुंभ :- कोरोना संकट के बीच हरिद्वार में आज कुंभ का दूसरा शाही स्नान, हर की पैड़ी पर ब्रह्म कुंड को अखाड़ों के लिए आरक्षित

कोरोना संकट के बीच हरिद्वार में आज कुंभ का दूसरा शाही स्नान है। शाही स्नान को लेकर पुलिस प्रशासन से लेकर अखाड़ों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है।सोमवती अमावस्या पर होने वाले कुंभ के पहले शाही स्नान के लिए निरंजनी अखाड़े का काफिला हरकी पैड़ी पहुंचा। सबसे पहले इसी अखाड़े ने शाही स्नान किया। इसके बाद श्री पंचदशानम् जूना अखाड़ा शाही स्नान के लिए पहुंचा। इसके साथ अग्नि, आह्वान, किन्नर अखाड़ा स्नान कर रहे हैं। आपको बता दें कि हरकी पैड़ी पर ब्रह्म कुंड को अखाड़ों के लिए आरक्षित रखा गया है। इस दौरान आम श्रद्धालु हरकी की पैड़ी पर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्हें अन्य घाटों पर स्नान करना होगा। शाही स्नान सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू होकर शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। सभी तेरह अखाड़ों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है।

नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह देव ने भी सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान किया। वह निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ शाही स्नान जुलूस में शामिल हुए। वह रथ पर सवार रहे और शाही स्नान किया।

शाही स्नान से एक दिन पहले उत्तराखंड में कोरोना के डरावने वाले आंकड़े सामने आए हैं. पिछले 24 घंटे में 1,333 संक्रमण के नए केस सामने आए जबकि 8 लोगों की मौत हो गई। वहीं देहरादून में 582, हरिद्वार में 386, नैनीताल में 122 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। हर की पौड़ी पर रविवार को स्थलीय परीक्षण के दौरान नौ लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए।

ये है शाही स्नान का क्रम
1. सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा अपने साथी आनंद के साथ अपनी छावनी से सुबह 8.30 बजे चलेगा। हर की पौड़ी पर पहुंचकर निरंजनी अखाड़े के संत शाही स्नान करेंगे।
2. उसके बाद 9 बजे का समय जूना अखाड़ा व अग्नि अखाड़ा, आवाहन और किन्नर अखाड़ा को स्नान के लिए दिया गया है। जूना अखाड़े से निकलकर हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड में स्नान करेगा।
3. उसके बाद महानिर्वाणी अपने साथी अटल के साथ कनखल से हर की पौड़ी की ओर रुख करेगा। इस अखाड़े के संत यहां से 9.30 बजे शाही स्नान के लिए निकलेंगे।
4. उसके बाद तीनों बैरागी अखाड़े श्री निर्मोही अणी, दिगंबर अणी, निर्वाणी अणी 10:30 बजे अपने हाथों से चलकर हर की पौड़ी पहुंचेंगे।
5. उसके बाद श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा 12:00 बजे अपने अखाड़े से हर की पौड़ी की ओर रुख करेगा।
6. श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा लगभग 2:30 बजे अपने अखाड़े से हर की पौड़ी की ओर रुख करेगा।
7. आखिर में श्री निर्मल अखाड़ा 3 बजे के करीब अपने अखाड़े से हर की पौड़ी की ओर रूख करेगा।

कुंभ मेला आईजी संजय गुंजयान ने बताया कि हम लोगों से लगातार कोविड नियमों के पालन का आग्रह कर रहे हैं लेकिन भारी भीड़ के कारण यह व्यावहारिक रूप से असंभव है। आईजी का कहना है कि भारी भीड़ को देखते हुए यहां घाट पर सामाजिक दूरी जैसे नियम का पालन करा पाना नामुमकिन है। अगर हमने ऐसा कराने की कोशिश की तो भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है इसलिए हम ऐसा नहीं कर रहे हैं।

कुंभ हरिद्वार: कोविड नियमों के तहत ही संत गंगा में लगाएंगे आस्था की डुबकी, 12 और 14 अप्रैल के मुख्य शाही स्नान को देखते हुए यातायात व्यवस्था बनाए के लिये रूट प्लान जारी

श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा कि कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। देशभर में स्थिति चिन्ताजनक होती जा रही है। हरिद्वार में कुंभ मेला चल रहा है। ऐसे में जूना अखाड़ा के तमाम साधु संत कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए शाही स्नान में शामिल होंगे। उन्होंने सभी साधु संतों से कोविड गाइड लाइन का पालन करने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी मिलकर इस महामारी से लड़ने में सहयोग करें। मीडिया को जारी बयान में श्रीमहंत हरिगिरि ने संक्रमण की तेज लहर को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार से कोरोना की रोकथाम को लेकर अभी से व्यापक कार्ययोजना बनाते हुए धरातल पर ठोस कार्रवाई का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा कि महामारी के कारण पहले ही व्यापारी, मजदूर वर्गों के साथ अन्य वर्ग काफी प्रभावित हो चुके हैं। प्रभावित वर्ग इससे उबरने की कोशिश कर ही रहा था कि कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर से सभी के लिए तनाव की स्थिति बना दी है। ऐसी स्थिति में पलायन की संभावना भी तेजी से दिखाई दे रही है। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से कहा कि कोरोना संक्रमण की तेजी से बढ़ती रफ्तार को देखते हुए अभी से जरूरी कदम उठाएं, ताकि संक्रमण के कारण व्यापारी, मजदूर वर्गों को राहत मिल सके।

हरिद्वार कुंभ के लिए 12 और 14 अप्रैल के मुख्य शाही स्नान को लेकर लाखों श्रद्धालुओं के हरिद्वार पहुंचने की उम्मीद को देखते हुए यातायात व्यवस्था बनाए रखने और भीड़ को नियंत्रित के लिए रूट प्लान जारी किया गया है। भारी वाहनों की गुरुवार मध्यरात्रि से शहर में एंट्री बंद कर दी गई है। वहीं, छोटे और हल्के वाहनों को भीड़ बढ़ने पर शहर में आने से रोका जाएगा। शही स्नान को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सख्ती करनी शुरू कर दी है।

देहरादून, ऋषिकेश से आने वाले वाहन उत्तर हरिद्वार तक आएंगे : देहरादून ऋषिकेश मार्ग से आने वाले वाहनों को दूधियाबंध कृषि भूमि पर बनी पार्किंग पर पार्क कराया जायेगा। इस पार्किग के भर जाने पर देहरादून, ऋषिकेश की तरफ से आने वाली सभी बड़ी गाड़ियां मोतीचूर रेलवे फाटक के पास मोतीचूर-रोह पर बने पार्किंग में पार्क की जाएंगी। छोटे वाहनों को हरिपुर कलां मार्ग से होकर सप्तऋषि आश्रम के सामने सप्तऋषि पार्किंग स्थल पर पार्क कराया जाएगा।

सहारनपुर से आने वाले धीरवाली पार्किंग तक आएंगे : सहारनपुर की ओर से आने वाले बड़े और छोटे वाहन बड़कला, छुटमलपुर, गागलहेड़ी से भगवानपुर होते हुए ईमलीखेड़ा, धनौरी पुल पार कर करते हुए कांवड़ पटरी से काली माता तिराहे के सामने से बीएचईएल तिराहे से सलेमपुर पिकेट मोड़ से राजा बिस्कुट तिराहे से सिडकुल मार्ग किरबी चौराहे से चिन्मय डिग्री कॉलेज से शिवालिक नगर तिराहे, बीएचईएल मध्य मार्ग से लाकर सेक्टर-04 फाउंड्री गेट के सामने बनी धीरवाली पार्किंग तक आ सकेंगे।

दिल्ली से आने वाले वाहन दक्षद्वीप तक आएंगे
दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर की ओर से आने वाले वाहन मंगलौर और रुड़की से लक्सर रोड, सुल्तानपुर फेरुपुर से मातृसदन होकर दक्षद्वीप पार्किंग में आएंगे। इन वाहनों को सिंहद्वार से बहादराबाद-रुड़की होकर वापस भेजा जाएगा। इस मार्ग पर यातायात का दवाब ज्यादा होने पर इन्हें मेरठ, मवाना, बिजनौर अथवा मुजफ्फरनगर, जानसठ, मीरापुर, बिजनौर, नजीबाबाद रोड से लाकर गौरीशंकर पार्किंग पर भी पार्क कराया जाएगा और इसी मार्ग से इनको वापस भेजा भी जाएगा।

रोडवेज बसों के लिए ये रहेगी व्यवस्था
दिल्ली से आने वाली रोडवेज की बसों को पुरकाजी के पास से लक्सर रोड के लिए डायवर्ट किया जायेगा। ये बसें लक्सर मार्ग से होते हुए दक्षद्वीप में बने अस्थाई बस अड्डे तक आएंगी। सहारनुपर से आने वाली रोडवेज की बसों को छुटमलपुर, गागलहेड़ी से भगवानपुर होते हुए ईमलीखेड़ा, धनौरी पुल से धीरवाली पार्किंग में बने अस्थाई बस अड्डे पर पार्क कराया जाएगा। नजीबाबाद कोटद्वार मार्ग से आने वाली रोडवेज बसों को 4.2 किमी से गौरीशंकर के पार्किंग में भेजा जाएगा। ऋषिकेश-देहरादून की ओर से आने वाली उत्तराखंड, हिमाचल की रोडवेज बसों को दूधाधारी चौक से मोतीचूर रेलवे स्टेशन के पास बने निर्धारित पार्किंग स्थल पर पार्क कराया जाएगा।

बाहरी राज्यों के भारी वाहन दून होकर जाएंगे पहाड़: हरिद्वार कुंभ में रूट डायवर्ट होने पर बाहरी राज्यों से पहाड़ी जिलों में जाने वाले भारी वाहन वाया देहरादून होकर गुजरेंगे। वाहनों का संचालन रात दस बजे से सुबह पांच बजे के बीच होगा। इसे लेकर गुरुवार को एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बैठक लेकर

उत्तराखंड :- 30 अप्रैल तक बंद रहेंगे सभी स्कूल,देहरादून में नाइट कर्फ्यू। कैबिनेट ने लिए कुछ अहम् फैसले,

राज्य में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए कैबिनेट ने राजधानी देहरादून में रात्रि कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। इसके अलावा चकराता व कालसी क्षेत्र को छोड़कर संपूर्ण देहरादून जिला, हरिद्वार जिला, नैनीताल नगर पालिका व हल्द्वानी नगर निगम क्षेत्र में कक्षा एक से 11वीं तक सभी स्कूल 30 अप्रैल तक बंद रखने पर भी कैबिनेट ने मुहर लगाई है। 10वीं व 12वीं की कक्षाओं की आफलाइन पढ़ाई पहले की तरह चलती रहेगी। कैबिनेट ने पिछली त्रिवेंद्र सरकार के गैरसैंण को कमिश्नरी बनाने के निर्णय को भी स्थगित कर दिया है।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक शुक्रवार देर शाम सचिवालय में हुई। इसमें 22 प्रस्तावों पर चर्चा हुई, जबकि दो स्थगित कर दिए गए। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सबसे महत्वपूर्ण निर्णय देहरादून में रात्रि 10 बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू लगाने का लिया गया। देहरादून जिले में पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। राज्य में सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मामले देहरादून में ही हैं। इसके अलावा हरिद्वार, हल्द्वानी व नैनीताल में भी कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी आई है। इसके दृष्टिगत इन स्थानों में 30 अपै्रल तक स्कूल बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

कैबिनेट के फैसले

गैरसैंण कमिश्नरी के फैसले को स्थगित करने का निर्णय
कोविड-19 के चलते प्रोक्योरमेंट नियमों में छूट छह माह यानी सितंबर माह तक रहेगी जारी
टेंडर के बाद परफारमेंस सिक्योरिटी घटाकर तीन फीसद करने का निर्णय, बिडिंग सिक्योरिटी नहीं ली जाएगी
पीएम स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर को दिए जाने वाले ऋण में स्टांप शुल्क नहीं लिया जाएगा
जानकीचट्टी-यमुनोत्री तक पीपीपी मोड में बनने वाले रोपवे के लिए नए निजी निवेशक का होगा चयन, पुरानी कंपनी के साथ विवाद का समाधान करने पर सहमति
चिटफंड कंपनियों पर सख्ती, उत्तराखंड अविनियमित निक्षेप स्कीम पाबंदी नियमावली को मंजूरी, चिटफंड कंपनियों के खिलाफ शिकायत पर जांच कर सकेगी सरकार, संपत्ति सीज करने का अधिकार मिला
उत्तराखंड खनिज (अवैध खनन/परिवहन/भंडारण का निवारण) अधिनियम में संशोधन को गठित होगी कैबिनेट सब कमेटी
पूर्व स्वीकृत खनन पट्टों को निर्धारित अवधि तक जारी रखने की अनुमति, पर्वतीय क्षेत्रों में भंडारण को लेकर अन्य कैबिनेट सब कमेटी का गठन
प्रदेश में 2.20 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद का लक्ष्य, प्रति कुंतल खरीद 20 रुपये बोनस अतिरिक्त देने का निर्णय
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के तहत दो बेटियां होने पर माता व बच्चियों को मिलेगी मुफ्त किट

उत्तराखंड : कैबिनेट का फैसला, देहरादून में रहेगा नाइट कर्फ्यू, रात 10 बजे से सुबह पांच बजे तक बाहर निकलने पर पाबंदी

उत्तराखंड सरकार ने बढ़ते कोरोना केसों को लेकर कैबिनट मीटिंग मे बड़ा फैसला लिया है। देहरादून नगर निगम क्षेत्र में रात्रि 10 बजे से सुबह पांच बजे तक नाइट कर्फ्यू लागू किया जाएगा। शक्रवार शाम को सीएम तीरथ सिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनट मीटिंग में मंत्रियों ने नाइट कफर्यू पर मुहर लगा दी है। मुख्य्मंत्री ने कहा कि नाइट कफर्यू का उल्लंघन करने वालों पर सख्ती की जाएगी। उत्तराखंड में शुक्रवार को कोरोना के 748 केस सामने आए। 327 मरीज ठीक हुए। पांच मरीजों की मौत हुई। कुल 1749 मरीजों की मौत हो चुकी है।

हेल्थ बुलेटिन के अनुसार शुक्रवार को 13 केस अल्मोड़ा, 9 बागेश्वर, तीन चमोली, छह चम्पावत, 335 देहरादून, 229 हरिद्वार, 22 नैनीताल, 30 पौड़ी, आठ पिथौरागढ़, 18 टिहरी, 73 यूएसनगर, दो उत्तरकाशी में केस सामने आए। राज्य में कुल कोरोना पॉजिटिव केस 106246, ठीक हुए मरीज 97327 हो चुके हैं। 5384 एक्टिव केस मौजूद हैं। 24997 मरीजों के सैम्पल रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। सबसे बड़ी राहत की बात है कि रुद्रप्रयाग जिले में एक भी कोरोना का केस सामने नहीं आया है। चिंता की बात है कि प्रदेश में कंटेंनमेंट जोन की संख्या बढ़कर 42 हो गई है। प्रदेश में देहरादून जिले में 25,हरिद्वार में 06,नैनीताल में 10 और टिहरी जिले में एक कंटेंनमेंट जोन बनाया गया है।

मुख़्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने दिए संकेत: नाइट कर्फ्यू पर फैसला ले सकती है सरकार, कैबिनेट में होगा फैसला

उत्तराखंड में बढ़ते कोरोना केसों को लेकर सरकार गंभीर हो गई है। सीएम तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को संकेत दिए हैं कि प्रदेश में कोरोना को लगाम लगाने के लिए नाइट कर्फ्यू लगाया जा सकता है। नाइट कर्फ्यू लागू करने पर अंतिम फैसला आज शुक्रवार शाम को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में लिया जाएगा। बता दें कि प्रदेश में कोरोना की रफ्तार में अचानक तेजी आई है। प्रदेशभर में अबतक कुल मरीजों की संख्या 1,05,498 हो गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 1744 पहुंच गया है। देश के कुछ राज्यों ने कोरोना काबू करने को नाइट कर्फ्यू का प्रयोग लागू भी किया है। सीएम तीरथ का कहना है कि प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी पहलुओं का लगातार अध्ययन किया जा रहा है। जनहित में जो भी उचित होगा, सरकार वही निर्णय करेगी।
उत्तराखंड में गुरुवार को कोरोना के 787 नए मरीज मिले और तीन संक्रमितों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कुल मरीजों की संख्या 105498 हो गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 1744 पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को देहरादून में 239, हरिद्वार में 277, अल्मोड़ा में 16, बागेश्वर में छह, चमोली में दस, चम्पावत में एक, नैनीताल में 132, पौड़ी में आठ, पिथौरागढ़ में छह, रुद्रप्रयाग में 12, टिहरी में 39, यूएस नगर में 34 और उत्तरकाशी में सात नए संक्रमित मरीज मिले हैं।

टीकाकरण का रिकार्ड, एक ही दिन में एक लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही टीकाकरण कराने वालों की संख्या में अप्रत्याशित बढोत्तरी हो गई है। गुरुवार को टीकाकरण के पुराने सभी रिकार्ड ध्वस्त हो गए और रिकार्ड एक लाख से अधिक लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाया। ंस्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को राज्य भर में बनाए गए 718 टीकाकरण बूथों पर कुल 107658 लोगों को टीके लगाए गए। 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से यह पहली बार है जब राज्य में एक ही दिन में एक लाख से अधिक लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए हैं। इसके साथ ही राज्य में टीके की एक डोज लगाने वालों की संख्या एक लाख 66 हजार के पार पहुंच गई है। जबकि एक डोज लगाने वालों का आंकड़ा 10 लाख को पार कर गया है। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ कुलदीप सिंह मार्तोलिया ने बताया कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई जा रही है ताकि कम से कम समय में राज्य की ज्यादा से ज्यादा आबादी को कवर किया जा सके।

 

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में कोरोना गाइडलाइन का पालन न करने पर हो सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए

कोरोना वाइरस :- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर गाइडलाइन का पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच, संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए ट्रेसिंग, माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने और सर्विलांस पर और अधिक गंभीरता से काम किया जाए। उन्होंने कहा कि मृत्यु दर कम करने के लिए चिकित्सीय देखभाल और उपचार को सर्वोच्च प्राथमिकता से लिया जाए।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये देश में कोरोना संक्रमण और वैक्सीनेशन की स्थिति की समीक्षा को लेकर आयोजित बैठक में हिस्सा लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के अधिकारियों के साथ कोरोना संक्रमण के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया था। अब दोबारा बढ़ रहे मामलों को देखते हुए पहले की तरह ही दृढ़संकल्प के साथ काम करना है।
मास्क व शारीरिक दूरी के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा पूरे देश में वैक्सीनेशन का बड़ा अभियान चल रहा है। वैक्सीनेशन में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में है। राज्य में इसकी रफ्तार को और बढ़ाना है। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों में आ रहे लोगों का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जाना है। बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, पंकज पांडेय और एसए मुरुगेशन उपस्थित थे।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर गाइडलाइन का पालन न करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच, संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए ट्रेसिंग, माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने और सर्विलांस पर और अधिक गंभीरता से काम किया जाए। उन्होंने कहा कि मृत्यु दर कम करने के लिए चिकित्सीय देखभाल और उपचार को सर्वोच्च प्राथमिकता से लिया जाए।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये देश में कोरोना संक्रमण और वैक्सीनेशन की स्थिति की समीक्षा को लेकर आयोजित बैठक में हिस्सा लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के अधिकारियों के साथ कोरोना संक्रमण के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में कोरोना संक्रमण को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया गया था। अब दोबारा बढ़ रहे मामलों को देखते हुए पहले की तरह ही दृढ़संकल्प के साथ काम करना है।
मास्क व शारीरिक दूरी के नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा पूरे देश में वैक्सीनेशन का बड़ा अभियान चल रहा है। वैक्सीनेशन में उत्तराखंड देश के अग्रणी राज्यों में है। राज्य में इसकी रफ्तार को और बढ़ाना है। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मानकों में आ रहे लोगों का शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन सुनिश्चित किया जाना है। बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, पंकज पांडेय और एसए मुरुगेशन उपस्थित थे।

उत्तराखंड में स्कूल कुछ समय के लिए फिर हो सकते हैं बंद,रात्रिकालीन कर्फ्यू पर भी विचार

कोरोना संक्रमण बढ़ता देख सरकार एक बार फिर स्कूलों को कुछ समय के लिए बंद करने पर विचार कर रही है। शिक्षा विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर लिया है जो शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों ने इसकी पुष्टि की।  सूत्रों के अनुसार, शिक्षा विभाग ने बोर्ड कक्षाओं को छोड़ बाकी कक्षाएं कुछ समय को बंद करने की सिफारिश की है। विभाग का मानना है कि बोर्ड परीक्षा होने से 10वीं और 12 वीं कक्षाएं को जारी रखना छात्रहित में उचित होगा।  साथ ही उम्र में बड़े होने से बोर्ड के छात्रों से कोरोना के मानकों का पालन आसानी से कराया जा सकता है।

रात्रिकालीन कर्फ्यू पर भी सरकार गंभीर: सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि कोरोना के चलते रात्रिकालीन कर्फ्यू पर भी विचार है। कुछ राज्यों ने कोरोना काबू करने को नाइट कर्फ्यू का प्रयोग लागू भी किया है। स्कूलों पर उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा देना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सभी पहलुओं का लगातार अध्ययन किया जा रहा है। जनहित में जो भी उचित होगा, सरकार वही निर्णय करेगी।उत्तराखंड में गुरुवार को कोरोना के 787 नए मरीज मिले और तीन संक्रमितों की मौत हो गई। इसके साथ ही राज्य में कुल मरीजों की संख्या 105498 हो गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 1744 पहुंच गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को देहरादून में 239, हरिद्वार में 277, अल्मोड़ा में 16, बागेश्वर में छह, चमोली में दस, चम्पावत में एक, नैनीताल में 132, पौड़ी में आठ, पिथौरागढ़ में छह, रुद्रप्रयाग में 12, टिहरी में 39, यूएस नगर में 34 और उत्तरकाशी में सात नए संक्रमित मरीज मिले हैं।

टीकाकरण का रिकार्ड, एक ही दिन में एक लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण
देहरादून। 
राज्य में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही टीकाकरण कराने वालों की संख्या में अप्रत्याशित बढोत्तरी हो गई है। गुरुवार को टीकाकरण के पुराने सभी रिकार्ड ध्वस्त हो गए और रिकार्ड एक लाख से अधिक लोगों ने कोरोना से बचाव के लिए टीका लगाया। ंस्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार गुरुवार को राज्य भर में बनाए गए 718 टीकाकरण बूथों पर कुल 107658 लोगों को टीके लगाए गए। 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से यह पहली बार है जब राज्य में एक ही दिन में एक लाख से अधिक लोगों को कोरोना के टीके लगाए गए हैं। इसके साथ ही राज्य में टीके की एक डोज लगाने वालों की संख्या एक लाख 66 हजार के पार पहुंच गई है। जबकि एक डोज लगाने वालों का आंकड़ा 10 लाख को पार कर गया है। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ कुलदीप सिंह मार्तोलिया ने बताया कि टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाई जा रही है ताकि कम से कम समय में राज्य की ज्यादा से ज्यादा आबादी को कवर किया जा सके।

चारधाम : कोरोना की दूसरी लहर के चलते यात्री उत्तराखंड आने (चारधाम यात्रा) से भी कतराने लगे पर्यटक,होटलों की बुकिंग हो रही रद

देश-विदेश के पर्यटकों को चारधाम समेत उत्तराखंड के अन्य पर्यटक स्थलों के दर्शन कराने वाली ट्रेवल एजेंसियों के कारोबार पर इस बार भी कोरोना की मार पड़ने लगी है। कोरोना की दूसरी लहर के चलते यात्री उत्तराखंड आने से कतराने लगे हैं। चार धाम के लिए जो एडवांस बुकिंगें आई थी, वह कैंसिल होने लगी हैं। ऐसे में कारोबारियों की चिंता बढ़ने लगी है। दून शहर में करीब 250 ट्रेवल एजेंसियां हैं, जो पर्यटकों को चारधाम, हेमकुंड, फूलों की घाटी, चोपता, हर्षिल समेत अन्य पर्यटकों के लिए वाहन सुविधा देते हैं। एजेंसियों से हजार लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पा रहे हैं, लेकिन कोरोना संकट शुरू होने के बाद ट्रेवल एजेंसियों का काम पूरी से प्रभावित है। पिछले साल करोड़ रुपये की बुकिंगें कैंसिल हुई। एजेंसियों के पास जो एडवांस आया था, उसे वापस लौटाना पड़ा। आर्थिक संकट से जूझ एजेंसियों ने अपने कर्मचारी नौकरी से हटा दिए थे। इस सीजन में कारोबार पटरी लौटने की उम्मीद थी। कई एजेंसियों के पास एडवांस बुकिंगें भी दिसंबर से आने लगी थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर उम्मीदों पर पानी फेरने लगी है। चारधाम यात्रा की अधिकांश बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं।
देहरादून। शहर में करीब 250 ट्रेवल एजेंसी हैं। कोरोना से पहले की अपेक्षा इस बार चारधाम यात्रा की बहुत कम एडवांस बुकिंगें मिली हैं। हिमालय टैक्सी सर्विस आराघर के राजेंद्र काला ने बताया कि पहले एक एजेंसी को 200 से 250 एडवांस बुकिंग मिल जाती थी, लेकिन इस बार 15 से 20 बुकिंगें मिल पाई हैं। इसमें पचास फीसदी से ज्यादा कैंसिल हो चुकी हैं। हमारी एजेंसी को 18 बुकिंगें मिली थी, सभी कैंसिल हो चुकी है।
हमारी एजेंसी को चारधाम की 18 बुकिंगें मिली थीं। इस हमने एडवांस नहीं लिया, लेकिन कोरोना के बढ़ते खतरे के बाद से लोग बुकिंग कैंसिल करवाने लगे हैं। जून महीने की बुकिंग भी कैंसिल हो गई है।
राजेंद्र काला, हिमालय टैक्सी सर्विस
चारधाम के लिए यात्रियों के फोन आए हैं, लेकिन अभी कंफर्म बुकिंग किसी नहीं है। हम खुद भी एडवांस नहीं ले रहे हैं। सरकार रोज नियम बदल रही है। कुंभ देख लो, यात्रियों को बोर्डर से वापस भेजा रहा है। ऐसे में हम एडवांस लेकर अपनी बदनामी थोड़ी झेलेंगे।
इंद्रजीत सिंह, हेमकुंड ट्रेवल, त्यागी रोड
मसूरी के होटलों में 35 फीसदी बुकिंग रद
कोरोना की दूसरी लहर में पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। पुरानी बुकिंग कैंसिल हो रही है और नई नहीं हो रही है। सरकार की ओर से कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी होने के बाद अप्रैल महीने में मसूरी में 35 फीसदी बुकिंग कैंसिल हो चुकी है। इसका असर इस वीकेंड पर देखने को मिला। होटल विष्णु पैलेस के एमडी राम कुमार गोयल ने बताया कि सरकार के नई गाइडलाइन जारी करने से पहले होटल में अप्रैल माह के लिए 50 फीसदी तक की बुकिंग थी, लेकिन बाद में यह लगभग सारी कैंसिल हो गई। अप्रैल में फिलहाल कोई बुकिंग नहीं है।

जीएमवीएन के मैनेजर पीएस कंडारी ने बताया कि अप्रैल के लिए होटल में केवल 7 प्रतिशत बुकिंग हैं जिसमें से एक बुकिंग कैंसिल हो गई है। उन्होंने बताया कि आज होटल में एक भी कमरा नहीं लगा हुआ है, और आगे के लिए भी बुकिंग नहीं मिल रही हैं। होटल जेपी के जीएम अनिल शर्मा ने बताया कि होटल में अप्रैल माह के लिए ऑनलाइन एक भी बुकिंग नहीं है। आज होटल में 10 प्रतिशत तक की बुकिंग है आगे दो शादियों की बुकिंग हैं, एक ग्रुप ने आना है। बताया कि कुछ पुरानी बुकिंग हैं जो कैंसिल करना चाह रहे हैं, लेकिन हम उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं।

उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी का कहना है कि अप्रैल माह में काफी बुकिंग कैंसिल हुई है और आगे के लिए भी बुकिंग नहीं आ रही हैं। होटल एसोसिएशन के महासचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि अभी होटल में मात्र 10 प्रतिशत तक बुकिंग है और आगे भी बुकिंग नहीं बन पा रही हैं। अप्रैल में 35% तक की बुकिंग कैंसिल हुई है। आगे भी कोई बुकिंग नहीं है। होटल रमाडा के मैनेजर हर्ष मणि सेमवाल ने बताया कि अप्रैल माह में जितनी भी बुकिंग थी उनमें से अधिकांश बुकिंग कैंसिल हो गई हैं। व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल का कहना था कि नई गाइडलाइन जारी होने के बाद पर्यटकों की संख्या में गिरावट आने के बाद का असर व्यापार पर भी पड़ा है।
टैक्सी कारोबार भी हो रहा है प्रभावित
उतरांखंड टैक्सी मैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए जो बुकिंग हुई थी, सारी रद्द हो गई हैं। चारधाम यात्रा के लिए 85 प्रतिशत तक की बुकिंगें थी जो कैसिंल हो गई है। गाइडलाइन के बाद मसूरी पहुंचे पर्यटक भी बुकिंग नहीं ले रहे हैं।

कारोबार बीते साल के झटके से उबर रहा है। नई गाइडलाइन के बाद रामनगर में 50 फीसदी बुकिंग निरस्त हो गई हैं। यह लगातार दूसरा साल है, जब कारोबार पीक सीजन में डाउन है। सरकार को ध्यान देना चाहिए।
हरि सिंह मान, अध्यक्ष, रिजॉर्ट एसोसिएशन रामनगर

जनवरी से मार्च तक होटलों में अच्छी संख्या में पर्यटक आ रहे थे। नई गाइड लाइन के चलते सैलानी कम हुए हैं। कोरोना मरीज बढ़ने से होटलों में 30 से 40 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हुई है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के पर्यटक सर्वाधिक बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं।
दिनेश साह, अध्यक्ष, नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष

उत्तराखंड : उत्तराखंड में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रुड़की बना नया हॉटस्पॉट, 80 छात्रों को हुआ कोरोना

उत्तराखंड में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। उत्तराखंड में स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) रूड़की के 80 छात्र कोरोना की चपेट में आ चुके हैं जिसके बाद पांच हॉस्टल को सील कर दिया गया है और इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।
आईआईटी रूड़की की मीडिया सेल प्रभारी सोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि एक हॉस्टल को कोविद केयर सेंटर में बदल दिया है। वहीं, आईआईटी रुड़की प्रशासन ने छात्रों को अपने कमरों में ही खुद को आइसोलेट करने के लिए निर्देश दिया है। आपको बता दें कि मंगलवार तक 60 छात्रों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। फिर बुधवार को संस्थान में हरिद्वार जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित आरटी-पीसीआर टेस्ट में 20 और छात्रों कोरोना पॉजिटिव पाए गए।

सोनिका श्रीवास्तव ने बताया कि इंस्टीट्यूट में 80 कोरोना पॉजिटिव छात्रों पाए जाने के बाद हरिद्वार जिला स्वास्थ्य विभाग ने कॉटले, कस्तूरबा, सरोजिनी, गोविंद भवन और विज्ञान कुंज नाम के पांच हॉस्टल को सील कर दिया है और इन्हें कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। उन्होंने बताया कि इंस्टीट्यूट में 3000 छात्र हैं जिसमें से लगभग 1200 छात्र इन 5 हॉस्टल में रहते हैं।

सोनिका ने आगे बताया कि जिला स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में गंगा भवन हॉस्टल को कोविड केयर सेंटर के रूप में बदल दिया है जहां, संक्रमित छात्रों का इलाज किया जा रहा है। इसके अलावा, एक गेस्ट हाउस और एक अन्य प्रतिष्ठान को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है।वहीं, हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एसके झा ने बताया कि हमने संक्रमण का पता लगाने के बाद इंस्टीट्यूट से लगभग 2000 छात्रों और कर्मचारियों के आरटी-पीसीआर नमूने लिए थे। मंगलवार तक, 60 छात्रों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई और फिर बुधवार को 20 और छात्रों की रिपोर्ट में कोरोना संक्रमण पाया गया।

निजी वाहन में मास्क पहनना अनिवार्य, “निजी वाहन में अकेले हैं तो भी वाहन को पब्लिक प्लेस ही माना जाएगा”, अकेले वाहन चलाते समय भी मास्क पहनना अनिवार्य: दिल्ली उच्च न्यायालय

दिल्ली HC ने फैसला सुनाया है कि कोरोना वाइरस महामारी के दौरान किसी वाहन में मास्क पहनना अनिवार्य है, भले ही वाहन मे चालक अकेले हों और उसके पास कोई अन्य व्यक्ति न हो।
न्यायालय ने कहा कि यदि वाहन सार्वजनिक स्थानों से गुजरता है, तो ऐसे अन्य लोग भी हो सकते हैं जो जोखिम उठा सकते हैं। इस संबंध में, न्यायालय ने यह भी नोट किया कि बुजुर्ग व्यक्तियों या सह-रुग्णता वाले व्यक्तियों के घर के भीतर भी मास्क पहनने को प्रोत्साहित किया जाता है। यह कहा गया था कि एक व्यक्ति द्वारा एक वाहन भी एक सार्वजनिक स्थान होगा, तो मास्क पहनना अनिवार्य होगा।
अपनी कारों में अकेले ड्राइविंग करते समय मास्क नहीं पहने हुए पर जुर्माना लगाने की चुनौती वाली याचिकायों मे न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ यह फैसला सुनाया।
अपनी कारों में अकेले ड्राइविंग करते समय मास्क नहीं पहने हुए पर जुर्माना लगाने की चुनौती वाली याचिकायों मे न्यायमूर्ति प्रथिबा एम सिंह की एकल न्यायाधीश पीठ यह फैसला सुनाया। इन सभी याचिकाओं को आज मेरिट के बिना होने से खारिज कर दिया गया, साथ ही कोर्ट ने देखा कि,

“कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक मास्क सुरक्षा कवच की तरह है … मास्क पहनना एक ऐसा उपाय है जिसने लाखों लोगों की जान बचाई गयी है।
यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता वकील थे, जज ने कहा कि अधिवक्ताओं को बिना पूछताछ के महामारी को रोकने के उपायों में पहचान और सहायता करना चाहिए। खासकर उच्चीकृत परिस्थितियों में अनुपालन दिखाने के लिए उनका उच्च कर्तव्य है।

याचिकाकर्ताओं में से एक, अधिवक्ता सौरभ शर्मा ने भी अपने 500 रुपये का जुर्माना भरने के बाद 10 लाख का मुआवजा मांगा था।
याचिकाकर्ताओं के अनुसार, ऐसे जुर्माने का प्रावधान अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी था क्योंकि अकेले यात्रा करना “सार्वजनिक स्थान” नहीं कहा जा सकता है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दायर एक हलफनामे में कहा: सार्वजनिक स्वास्थ्य संविधान की सातवीं अनुसूची की सूची III की प्रविष्टि 6 के आधार पर एक राज्य विषय था।

जब भारत सरकार और राज्य सरकारें कोरोना वाइरस महामारी से निपटने के लिए सहयोग में काम कर रही थीं, लेकिन जब कोई व्यक्ति किसी वाहन में अकेला हो, तो मास्क पहनना अनिवार्य करने पर उसमें से कोई निर्देश शामिल नहीं था।
दूसरी ओर, दिल्ली सरकार ने कहा कि एक निजी वाहन एक निजी क्षेत्र नहीं था और इसमें किसी भी व्यक्ति को अनिवार्य रूप से मास्क पहनना चाहिए।