उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा रदद,इंटर मीडिएट बोर्ड की परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित किया गया है। एक जून के बाद इस परीक्षा पर विचार किया जाएगा।

उत्तराखंड सरकार ने सीबीएसई की तर्ज पर उत्तराखंड बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षाओं को रदद करने का निर्णय किया है। एक लाख 48 हजार 355 छात्र-छात्राओं को अब परीक्षा नहीं देनी होगी। वहीं, इंटर मीडिएट बोर्ड की परीक्षाओं को फिलहाल स्थगित किया गया है। एक जून के बाद इस परीक्षा पर विचार किया जाएगा।
रविवार को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा सचिव आर मीनाक्षीसुंदरम को इसके निर्देश दे दिए। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने बीते रोज इसके संकेत दे दिए थे। सीएम तीरथ रावत से सहमति मिलने के बाद शिक्षा मंत्री ने बोर्ड परीक्षाओं के बाबत यह निर्णय किया है। सीबीएसई पहले ही हाईस्कूल की परीक्षाएं रद्द और 12 वीं की परीक्षा स्थगित कर चुकी है।

राज्य में चार मई से बोर्ड परीक्षाएं थी, कोरोना महामारी की वजह से इस शैक्षिक सत्र में वैसे भी स्कूल ज्यादा समय के लिए नहीं खुल पाए थे। आनलाइन के जरिए ही बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार सरकार पहले परीक्षाओं को समय पर कराने के पक्ष में थी, पर राज्य में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने पर सरकार को अपना इरादा बदलना पड़ा। अब इसके औपचारिक आदेश होने बाकी हैं।

बेहतर अंक के लिए मिलेगा मौका
हाईस्कूल के जिन छात्र-छात्राओं को लगेगा कि वो ज्यादा बेहतर अंक हासिल कर सकते हैं, उन्हें परीक्षा का मौका दिया जाएगा। बकौल पांडे, इंटर की परीक्षा के दौरान हाईस्कूले के ऐसे छात्र-छात्राओं को परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा।

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा, ‘हाईस्कूलों के छात्रों को अगली कक्षाओं में प्रोन्नत किया जाएगा। अंक तय करने का फार्मूला भी तय किया जा रहा है। हाईस्कूल की परीक्षा देने के इच्छुक छात्रों को भविष्य में होने वाली इंटर की परीक्षा के साथ अलग से इम्तहान कराया जाएगा। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता शिक्षक और छात्रों की जीवन सुरक्षा है। इसलिए यह निर्णय लेना पड़ा है।’उन्होंने कहा कि 10वीं के छात्र जिन्हें लगता है कि बिना परीक्षा के उनका रिजल्ट अच्छा नहीं होगा उन्हें इंटर परीक्षा के साथ ही पेपर देने का मौका दिया जाएगा। एक जून के बाद आगे फैैसला लिया जाएगाा।

नरेंद्र मोदी ने कहा- कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रतीकात्मक होना चाहिए कुंभ मेला,जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर बोले- भारी संख्या में कुम्भ स्नान करने न आएं श्रद्धालु

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस से संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के मद्देनजर शनिवार को संत समाज से उत्तराखंड के हरिद्वार में चल रहे कुंभ को ‘प्रतीकात्मक’ रखने की अपील की ताकि इस महामारी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जा सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज फोन पर स्वामी अवधेशानंद गिरी से बात करते हुए अनुरोध किया कि कुंभ मेला कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अब केवल प्रतीकात्मक होना चाहिए। अब तक दो शाही स्नान समाप्त हो गए हैं। वहीं, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा हम प्रधानमंत्री की अपील का सम्मान करते हैं। मैं लोगों से निवेदन करता हूं कि बड़ी संख्या में कोविड-19 की स्थिति के मद्देनजर स्नान को न आएं और सभी नियमों का पालन करें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर बताया कि आचार्य महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि से आज फोन पर बात की। सभी संतों के स्वास्थ्य का हाल जाना। सभी संतगण प्रशासन को हर प्रकार का सहयोग कर रहे हैं। कहा मैंने इसके लिए संत जगत का आभार व्यक्त किया। मैंने प्रार्थना की है कि दो शाही स्नान हो चुके हैं और अब कुंभ को कोरोना के संकट के चलते प्रतीकात्मक ही रखा जाए। इससे इस संकट से लड़ाई को एक ताकत मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवाहन का संत महात्माओं ने किया स्वागत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए हरिद्वार कुंभ के बाकी शाही स्नानं को प्रतीकात्मक करने के आवाहन का हरिद्वार के तमान संत महात्माओं ने स्वागत किया है। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि सहित निरंजनी अखाड़ा के आचार महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरि, जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री महंत हरि गिरि, निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रविंद्र पुरी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद और शंकराचार्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी आनंद भारती ने प्रधानमंत्री के आह्वान का स्वागत किया और इसे राष्ट्र, काल और परिस्थिति के अनुरूप बताया।
प्रधानमंत्री से बातचीत के बाद स्वामी अवधेशानंद ने भी लोगों से भारी संख्या में कुंभ का स्नान करने के लिए हरिद्वार नहीं पहुंचने और सभी नियमों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी के आह्वान का हम सम्मान करते हैं ! जीवन की रक्षा महत पुण्य है। मेरा धर्म परायण जनता से आग्रह है कि कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारी संख्या में स्नान के लिए नहीं आएं एवं नियमों का निर्वहन करें!।’

कोविड-19 के कारण एक माह की अवधि के लिए सीमित कर दिए गए महाकुंभ के तीन शाही स्नान-महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या और बैसाखी हो चुके हैं जबकि रामनवमी के पर्व पर आखिरी शाही स्नान होना है। कुंभ के लिए हरिद्वार पहुंचे साधु-संत और श्रद्धालु खासी संख्या में कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं।

उत्तराखंड में कोरोना वायरस का संक्रमण दर भी तेजी से बढ़ रहा है। , हर 82 सेकेंड में औसतन एक मामला दर्ज

उत्तराखंड में कोरोना वायरस के प्रसार की रफ्तार चरम पर पहुंच गई है। बीते एक पखवाड़े (एक अप्रैल से 15 अप्रैल) में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के 15833 मामले आए हैं, जबकि जनवरी से मार्च तक यानी तीन माह में राज्य में 9491 मामले आए थे। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि हालात किस कदर भयावह हो रहे हैं।
बीते 15 दिन की स्थिति का विश्लेषण करने पर पता चलता है कि हर 82 सेकेंड में संक्रमण का औसतन एक मामला दर्ज हो रहा है। एक अप्रैल को प्रदेश में 500 लोग संक्रमित मिले थे। 15 अप्रैल को यह आंकड़ा साढ़े चार गुना बढ़कर 2220 पर पहुंच गया। एक अप्रैल को प्रदेश में 2236 सक्रिय मामले थे, जिनकी संख्या अब बढ़कर 12484 पहुंच गई है। रिकवरी दर भी 94.59 से घटकर 85.83 फीसद पर आ गई है।

उत्तराखंड में दून और हरिद्वार कोरोना के हॉटस्पॉट बने हुए हैं। पिछले 15 दिन में इन दो जनपदों में 11142 लोग संक्रमित मिले हैं। यह प्रदेश के कुल मामलों का 70 फीसद है। इस दौरान देहरादून में 6644 और हरिद्वार में 4498 मामले आए हैं। दून, विकासनगर, ऋषिकेश और मसूरी में फिलवक्त 40 से अधिक कंटेनमेंट जोन हैं।

देहरादून जनपद की स्थिति अब भयावह होती जा रही है। हर दिन सबसे ज्यादा मामले यहीं आ रहे हैं। गुरुवार को जनपद में अब तक के सर्वाधिक 914 मामले आए। स्थिति इसलिए ज्यादा चिंताजनक है, क्योंकि यहां संक्रमण दर भी तेजी से बढ़ रही है। गुरुवार को दून में सैंपल पॉजिटिविटी रेट 16.89 फीसद पर पहुंच गया। एक सप्ताह पहले आठ अप्रैल को यह 3.72 फीसद था।

संक्रमण की स्थिति
मामले
जनवरी: 5209
फरवरी: 863
मार्च: 3419
अप्रैल (15 तक): 15833

मौत
जनवरी: 135
फरवरी: 48
मार्च: 25
अप्रैल (15 तक): 85

संक्रमण दर
जनवरी: 1.45
फरवरी: 0.31
मार्च: 1.02
अप्रैल (15 तक): 3.33

कोरोना के बढ़ते केसों के बीच कुंभ को समे।टने की शुरुआत कर दी है। सरकार जहां कुंभ को तय अवधि (30 अप्रैल) तक कराना चाहती है।

हरिद्वार में कोरोना के तेज फैलाव के बीच सरकार जहां कुंभ को तय अवधि (30 अप्रैल) तक कराने पर अडिग है, वहीं अखाड़ों ने कुंभ को समेटने की शुरुआत कर दी है। निरंजनी अखाड़े ने 17 अप्रैल को कुंभ मेला खत्म करने का निर्णय लिया है। पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी ने मीडिया को बताया कि, हरिद्वार में कोरोना की स्थिति अच्छी नहीं है। संत कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। 27 अप्रैल के शाही स्नान पर चंद संत पैदल जाकर गंगा स्नान करेंगे। उन्होंने कहा कि, 17 अप्रैल को छावनी उठ जाएगी और संत अपने-अपने अखाड़ों में चले जाएंगे। उधर, पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी ने गुरुवार को हरियाणा की साध्वी अन्नपूर्णा भारती और बेंगलुरु के स्वामी राघवेंद्र भारती को अखाड़े का नया महामंडलेश्वर बनाया है। अखाड़ा पंचों की उपस्थिति में दोनों संतों का पट्टाभिषेक संपन्न हुआ। रविंद्र पुरी ने कहा कि गुरुवार को भी पट्टाभिषेक पहले से तय था अन्यथा इसका आयोजन भी नहीं करना था।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हुए कोरोना पॉजिटिव। मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीटर के माध्यम से जानकारी दी

देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर ने बेहद भयानक रूप ले लिया। इसकी चपेट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी आ गए हैं। आज उनकी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ अब सेल्फ आइसोलेशन में गए हैं।
मुख्यमंत्री ने खुद इसकी जानकारी ट्वीटर के माध्यम से दी है मुख्यमंत्री ने लिखा है कि शुरुवाती लक्षण दिखने पर मैने कोविड की जांच करवाई और मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है।

मैं सेल्फ आइसोलेशन में हूं और चिकित्सकों के परामर्श का पूर्णतः पालन कर रहा हूं। सभी कार्य वर्चुअली संपादित कर रहा हूं।

प्रदेश सरकार की सभी गतिविधियां सामान्य रूप से संचालित हो रही है। इस बीच जो लोग मेरे संपर्क में आए हैं वह अपनी जांच अवश्य करा लें और एहतियात बरतें।

सीएम योगी आदित्यनाथ का मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण टेस्ट कराया गया था। जिसकी आज मिली रिपोर्ट के अनुसार वह कोरोना पॉजिटिव हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब लखनऊ में अपने सरकारी आवास में सेल्फ आइसोलेशन में गए हैं। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव एसपी गोयल, सचिव अमित सिंह, ओएसडी अभिषेक कौशिक भी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।

CBSE कक्षा 10 वीं की परीक्षा रद्द, 12 वीं की परीक्षाएं स्थगित

माननीय प्रधानमंत्री ने विकासशील क्षेत्रों के मद्देनजर विभिन्न स्तरों पर आयोजित होने वाली परीक्षाओं की समीक्षा के लिए आज एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री, श्री रमेश पोखरियाल निशंक, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, स्कूल और उच्च शिक्षा सचिव और अन्य शीर्ष अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि छात्रों की भलाई सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र छात्रों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके शैक्षणिक हितों को नुकसान न पहुंचे।
अगले महीने से होने वाली X और XII बोर्ड परीक्षा का अवलोकन किया गया। CBSE द्वारा आयोजित कक्षा X और XII की बोर्ड परीक्षा 4 मई, 2021 से शुरू होने वाली है। देश में महामारी की स्थिति कई राज्यों में COVID 19 सकारात्मक मामलों का पुनरुत्थान देख रही है, कुछ राज्यों में दूसरों की तुलना में अधिक प्रभावित हुए हैं। । इस स्थिति में, 11 राज्यों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं। स्टेट बोर्ड के विपरीत, सीबीएसई में एक अखिल भारतीय चरित्र है, और इसलिए, पूरे देश में एक साथ परीक्षा आयोजित करना आवश्यक है। महामारी और स्कूल बंद होने की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, और छात्रों की सुरक्षा और कल्याण को ध्यान में रखते हुए, यह निम्नानुसार तय किया गया है:
1. कक्षा 12 वीं के लिए बोर्ड परीक्षा 4 मई से 14 जून, 2021 के बीच आयोजित की जाती है। इन परीक्षाओं को उसके बाद आयोजित किया जाएगा। बोर्ड द्वारा 1 जून 2021 को स्थिति की समीक्षा की जाएगी, और विवरण बाद में साझा किया जाएगा। परीक्षाओं की शुरुआत से पहले कम से कम 15 दिनों का नोटिस दिया जाएगा।

2. दसवीं कक्षा के लिए 4 मई से 14 जून तक आयोजित होने वाली बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। कक्षा दसवीं बोर्ड के परिणाम बोर्ड द्वारा विकसित किए जाने वाले एक उद्देश्य मानदंड के आधार पर तैयार किए जाएंगे। कोई भी उम्मीदवार जो इस आधार पर उसे / उसे आवंटित अंकों से संतुष्ट नहीं है, उसे परीक्षा में बैठने के लिए एक अवसर दिया जाएगा, जब वह परीक्षा आयोजित करने के लिए अनुकूल होगा।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बोले, हरिद्वार महाकुंभ को दिव्य भव्य और सुरक्षित तरीके से कराया जा रहा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में कुंभ को दिव्य, भव्य और सुरक्षित तरीके से कराया जा रहा है। सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान के समापन तक करीब 35 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। संत समाज और श्रद्धालु कुंभ मेले की व्यवस्थाओं से संतुष्ट हैं। सचिवालय में पत्रकारों से वर्चुअली बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कुंभ मेले में कोरोना वाइरस को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है।

महामारी के दौर में विपरीत परिस्थितियों के बीच कुंभ के आयोजन की चुनौती सरकार ने स्वीकार की। मेले में संत समाज की हर सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। संत समाज और श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े, इस संबंध में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने सहयोग के लिए जताया आभारमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक सुबह आठ बजे तक करीब 15 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। शाम छह बजे तक स्नान करने वालों की संख्या बढ़कर 28 लाख तक पहुंच गई और शाही स्नान का समापन होने तक करीब 35 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है।
शाही स्नान संपन्न होने पर उन्होंने संत समाज और श्रद्धालुओं के साथ ही कुंभ के आयोजन से जुड़े अधिकारियों के सहयोग के लिए उनका आभार जताया। नरेंद्र गिरी ने किया नियमों का पालनकुंभ में कोविड-19 के नियमों का पालन करने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कुंभ में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए हर अखाड़े के स्नान का समय निर्धारित है। संत समाज के स्वागत में कसर नहीं रखी गई है। इससे पहले महाशिवरात्रि पर हुए स्नान में संत समाज का अभिनंदन हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा से किया गया था।
सोमवार को भी हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद नियमों का पालन किया। गंगा में स्नान की इच्छा छोड़कर वह होम क्वारंटाइन हैं। कुंभ की मरकज से तुलना ठीक नहीं उन्होंने कहा कि कुंभ की किसी भी तरह मरकज से तुलना ठीक नहीं है। कुंभ में खुले स्थान पर 16 घाटों में स्नान की व्यवस्था कराई गई। ऋषिकेश में नीलकंठ क्षेत्र से लेकर हरिद्वार तक कुंभ क्षेत्र फैला हुआ है।

कोरोना वाइरस को मात देने के लिए उत्तराखंड के गांव-गांव जाकर होगी बुजुर्गों की जांच, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश। उत्तराखंड में तीसरे दिन भी एक हजार से ज्यादा लोग संक्रमित, सात की मौत

मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने कहा कि कोरोना की जांच का दायरा न्याय पंचायत स्तर तक ले जाया जाएगा। बुजुर्गों की जांच को गांव-गांव तक जाने को कहा गया है। सचिवालय में सोमवार शाम सीएम ने कहा कि कोविड 19 के नियंत्रण को केंद्र से भरपूर मदद मिल रही है। वैक्सीन, पीपीई किट व दवाएं मांग के अनुसार मिल रही हैं। वैक्सीनेशन की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। राज्य की टेस्टिंग क्षमता में भी इजाफा हुआ है। संक्रमण की जांच को अफसरों को पीएचसी-सीएसची के साथ न्याय पंचायत स्तर तक जाने को कहा है।

खासकर बुजुर्गों की जांच को सरकार गंभीर है। अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जरूरत पड़ने पर गांव-गांव जाकर बुजुर्गों की जांच करें व संक्रमितों को पर्याप्त उपचार दें। वैक्सीन की कमी को खारिज करते हुए सीएम ने कहा कि राज्य को पर्याप्त वैक्सीन मिल रही है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा, जहां प्रत्येक मीडियाकर्मी का भी वैक्सीनेशन कराया गया जबकि यह मानकों में नहीं था।

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर बेकाबू होती जा रही है। प्रदेश में सोमवार को 1334 व्यक्तियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जबकि सात मरीजों की मौत हुई है। इनमें तीन मरीज एम्स ऋषिकेश और तीन श्री महंत इंदिरेश अस्पताल में भर्ती थे। इनके अलावा मैक्स अस्पताल में भर्ती एक मरीज की भी मौत हुई है।  इसके साथ ही राज्य में कुल मरीजों की संख्या एक लाख दस हजार से अधिक हो गई है। जबकि मरने वालों का आंकड़ा 1767 हो गया है।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, सरकारी व निजी लैब से 36 हजार, 432 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें 35098 मामलों में रिपोर्ट निगेटिव आई है। देहरादून में फिर सबसे अधिक 554 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। हरिद्वार में भी 408 व्यक्तियों की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। नैनीताल में 114, ऊधमसिंह नगर में 89, पौड़ी में 70, टिहरी में 56, रुद्रप्रयाग में नौ, अल्मोड़ा, चमोली, चंपावत व उत्तरकाशी में सात-सात और बागेश्वर व पिथौरागढ़ में तीन-तीन लोग संक्रमित मिले हैं। इधर, विभिन्न जिलों में 605 मरीज ठीक भी हुए हैं। प्रदेश में अब तक कोरोना के एक लाख, 10 हजार, 146 मामले आए हैं। इनमें 98492 लोग स्वस्थ्य हो चुके हैं। वर्तमान में कोरोना के 7846 सक्रिय मामले हैं। वहीं कोरोना संक्रमित 1767 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। राज्य में 52 कंटेन्मेंट जोन बने हैं।

सीएम तीरथ सिंह रावत ने भगवान शिव की आराधना की प्रतीक पुण्यदायी मौनी और सोमवती अमावस्या की हार्दिक शुभकामनाएं दी और उन्होने कहा भगवान गौरीशंकर का आशीर्वाद हमेशा बने रहे।

देहरादून हरिद्वार – मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भगवान शिव की आराधना की प्रतीक पुण्यदायी मौनी और सोमवती अमावस्या की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि भगवान गौरीशंकर के आशीर्वाद से सभी के जीवन में हमेशा सुख-शांति बनी रहे।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि महाकुंभ को भव्य, दिव्य और सुरक्षित बनाने की दिशा में हम निरंतर कार्य कर रहे हैं। इस पावन अवसर पर कुंभ में गंगा स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करें। हमने बॉर्डर पर आरटीपीसीआर की व्यवस्था की गई है। बाहरी राज्यो से आने वाले सभी श्रद्धालुओं को टेस्टिंग के बाद ही स्नान के लिए आगे भेजा जा रहा है। कुंभ 12 साल में एक बार आता है इसलिए सभी श्रद्धालुओं और साधु-संतों के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही मेरा सभी से आग्रह है कि कोरोना वाइरस को लेकर भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन अवश्य करें।

पहला शाही स्नान पूरी श्रद्धा के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ था। आने वाले शाही स्नानों के लिए भी हमने उचित व्यवस्था कर रखी है। भारत सरकार ने हमें सभी चीजें जैसे मास्क, पीपीई किट आदि उपलब्ध करवाई हैं, जिसके लिए हम उनके आभारी हैं। हमारे पास कोई कमी नहीं है। कोरोना को लेकर राज्य में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि आगे भी नियंत्रण में रहेंगी।

हरिद्वार-महाकुंभ शाही स्नान में उमड़ा भक्तों को जन सैलाब। सूचना विभाग द्वारा दूरदर्शन के सहयोग से कुम्भ मेला के शाही स्नान पर्वों की लाईव कवरेज व प्रसारण की हाईटेक व्यवस्था की गई, यहां से देखे लाइव प्रसारण

हरिद्वार:- हरिद्वार महाकुंभ मेला के दिव्य-भव्य एवं सुरक्षित आयोजन को लेकर उत्तराखण्ड सरकार के द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए हैं। आस्था और विश्वास के इस महापर्व को लेकर दुनियाभर के लोगों में गजब का आकर्षण और सहयोग देखने को मिलता है। इस बार कोरोना वाइरस की चुनौतियों के अभूतपूर्व दौर में लोगों को घर बैठे कुम्भ के विभिन्न आयामों एवं स्नानपर्वों से साक्षात्कार कराने के लिए उत्तराखंड सरकार ने अनेक प्रबंध किए गए हैं।
राज्य के सूचना विभाग द्वारा दूरदर्शन के सहयोग से कुम्भ मेला के शाही स्नान पर्वों की लाईव प्रसारण व कवरेज की हाईटेक व्यवस्था की गई है। इसी सिलसिले में चैत्र/सोमवती अमावस्या शाही स्नान का पूर्वाह्न 9.00 बजे से सायं 4.00 बजे तक लाईव कवरेज कर दूरदर्शन के नेशनल चैनल एवं ओटीटी प्लेटफार्म्स पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। इस व्यवस्था के जरिए देश-विदेश में लोग घर बैठे कुम्भ स्नान का साक्षात्कार कर सकेंगे।
हरिद्वार कुम्भ मेला के शाही स्नान के लाईव प्रसारण की क्लीन फीड मीडिया के लिए निःशुल्क उपलब्ध रहेगी। लाईव प्रसारण की क्लीन फीड को सेटेलाईट GSat17 3820mhZ SR 4.25 से डाउनलिंक कर प्राप्त किया जा सकता है। सभी मीडिया प्लेटफार्म इस लाईव फीड का निःशुल्क उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही कुंम्भ मेला की कवरेज की लाईव स्ट्रीमिंग, वीडियो फुटेज, स्टिल फोटोग्राफ्स तथा प्रेस विज्ञप्तियों को एफ.टी.पी. सर्वर के माध्यम से मीडिया को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। वेब ब्राउजर इंटरनेट एक्सप्लोर पर एफटीपी यूआरएल ftp://103.159.45.156:21 पर User Name: ftpuser1 Password: 7kumbh@2021 दर्ज कर एफटीपी सर्वर पर उपलब्ध डाटा को एक्सेस किया जा सकता है। मेले के सभी शाही स्नान पर्वों के दौरान यह व्यवस्थायें उपलब्ध रहेंगी। सूचना विभाग उत्तराखण्ड सरकार के सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स एवं दूरदर्शन के ओटीटी प्लेटफार्म्स पर भी शाही स्नान की लाईव स्ट्रीमिंग की जाएगी।
एलईडी स्क्रीन के माध्यम से राज्य के सभी जिला मुख्यालयों सहित प्रमुख स्थलों पर कुम्भ मेला के शाही स्नान के लाईव प्रसारण को दिखाने की व्यवस्था भी की गई है।
कुम्भ मेला की कवरेज के लिए मीडियाकर्मियों एवं मीडिया प्रतिष्ठानों की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा गया है। इसके लिए चण्डीद्वीप नीलधारा में आधुनिक सुविधाओं से युक्त मीडिया सेंटर की स्थापना की गई है।
कुम्भ मेला की लाईव कवरेज एवं प्रसारण को लेकर सूचना विभाग एवं दूरदर्शन के द्वारा अपनी तैयारियों को अंतिम रूप किया जा चुका है। दूरदर्शन के दिल्ली, देहरादून, लखनऊ, अहमदाबाद, रांची आदि केन्द्रों से लगभग 200 कर्मी हरिद्वार पहुंच चुके हैं। जो हरकी पैड़ी सहित मेला क्षेत्र के प्रमुख स्नान घाटों, अखाड़ो, पमुख स्थानों से कुम्भ मेला की विभिन्न रूप छवियों को लोगों के सम्मुख प्रस्तुत करेंगे।