मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बोले, हरिद्वार महाकुंभ को दिव्य भव्य और सुरक्षित तरीके से कराया जा रहा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में कुंभ को दिव्य, भव्य और सुरक्षित तरीके से कराया जा रहा है। सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान के समापन तक करीब 35 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। संत समाज और श्रद्धालु कुंभ मेले की व्यवस्थाओं से संतुष्ट हैं। सचिवालय में पत्रकारों से वर्चुअली बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कुंभ मेले में कोरोना वाइरस को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है।

महामारी के दौर में विपरीत परिस्थितियों के बीच कुंभ के आयोजन की चुनौती सरकार ने स्वीकार की। मेले में संत समाज की हर सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। संत समाज और श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े, इस संबंध में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने सहयोग के लिए जताया आभारमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक सुबह आठ बजे तक करीब 15 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। शाम छह बजे तक स्नान करने वालों की संख्या बढ़कर 28 लाख तक पहुंच गई और शाही स्नान का समापन होने तक करीब 35 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है।
शाही स्नान संपन्न होने पर उन्होंने संत समाज और श्रद्धालुओं के साथ ही कुंभ के आयोजन से जुड़े अधिकारियों के सहयोग के लिए उनका आभार जताया। नरेंद्र गिरी ने किया नियमों का पालनकुंभ में कोविड-19 के नियमों का पालन करने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कुंभ में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए हर अखाड़े के स्नान का समय निर्धारित है। संत समाज के स्वागत में कसर नहीं रखी गई है। इससे पहले महाशिवरात्रि पर हुए स्नान में संत समाज का अभिनंदन हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा से किया गया था।
सोमवार को भी हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद नियमों का पालन किया। गंगा में स्नान की इच्छा छोड़कर वह होम क्वारंटाइन हैं। कुंभ की मरकज से तुलना ठीक नहीं उन्होंने कहा कि कुंभ की किसी भी तरह मरकज से तुलना ठीक नहीं है। कुंभ में खुले स्थान पर 16 घाटों में स्नान की व्यवस्था कराई गई। ऋषिकेश में नीलकंठ क्षेत्र से लेकर हरिद्वार तक कुंभ क्षेत्र फैला हुआ है।

सीएम तीरथ सिंह रावत ने भगवान शिव की आराधना की प्रतीक पुण्यदायी मौनी और सोमवती अमावस्या की हार्दिक शुभकामनाएं दी और उन्होने कहा भगवान गौरीशंकर का आशीर्वाद हमेशा बने रहे।

देहरादून हरिद्वार – मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भगवान शिव की आराधना की प्रतीक पुण्यदायी मौनी और सोमवती अमावस्या की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि भगवान गौरीशंकर के आशीर्वाद से सभी के जीवन में हमेशा सुख-शांति बनी रहे।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि महाकुंभ को भव्य, दिव्य और सुरक्षित बनाने की दिशा में हम निरंतर कार्य कर रहे हैं। इस पावन अवसर पर कुंभ में गंगा स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित करें। हमने बॉर्डर पर आरटीपीसीआर की व्यवस्था की गई है। बाहरी राज्यो से आने वाले सभी श्रद्धालुओं को टेस्टिंग के बाद ही स्नान के लिए आगे भेजा जा रहा है। कुंभ 12 साल में एक बार आता है इसलिए सभी श्रद्धालुओं और साधु-संतों के लिए व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं। साथ ही मेरा सभी से आग्रह है कि कोरोना वाइरस को लेकर भारत सरकार द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन अवश्य करें।

पहला शाही स्नान पूरी श्रद्धा के साथ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ था। आने वाले शाही स्नानों के लिए भी हमने उचित व्यवस्था कर रखी है। भारत सरकार ने हमें सभी चीजें जैसे मास्क, पीपीई किट आदि उपलब्ध करवाई हैं, जिसके लिए हम उनके आभारी हैं। हमारे पास कोई कमी नहीं है। कोरोना को लेकर राज्य में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और मुझे पूर्ण विश्वास है कि आगे भी नियंत्रण में रहेंगी।

हरिद्वार-महाकुंभ शाही स्नान में उमड़ा भक्तों को जन सैलाब। सूचना विभाग द्वारा दूरदर्शन के सहयोग से कुम्भ मेला के शाही स्नान पर्वों की लाईव कवरेज व प्रसारण की हाईटेक व्यवस्था की गई, यहां से देखे लाइव प्रसारण

हरिद्वार:- हरिद्वार महाकुंभ मेला के दिव्य-भव्य एवं सुरक्षित आयोजन को लेकर उत्तराखण्ड सरकार के द्वारा व्यापक इंतजाम किए गए हैं। आस्था और विश्वास के इस महापर्व को लेकर दुनियाभर के लोगों में गजब का आकर्षण और सहयोग देखने को मिलता है। इस बार कोरोना वाइरस की चुनौतियों के अभूतपूर्व दौर में लोगों को घर बैठे कुम्भ के विभिन्न आयामों एवं स्नानपर्वों से साक्षात्कार कराने के लिए उत्तराखंड सरकार ने अनेक प्रबंध किए गए हैं।
राज्य के सूचना विभाग द्वारा दूरदर्शन के सहयोग से कुम्भ मेला के शाही स्नान पर्वों की लाईव प्रसारण व कवरेज की हाईटेक व्यवस्था की गई है। इसी सिलसिले में चैत्र/सोमवती अमावस्या शाही स्नान का पूर्वाह्न 9.00 बजे से सायं 4.00 बजे तक लाईव कवरेज कर दूरदर्शन के नेशनल चैनल एवं ओटीटी प्लेटफार्म्स पर सीधा प्रसारण किया जाएगा। इस व्यवस्था के जरिए देश-विदेश में लोग घर बैठे कुम्भ स्नान का साक्षात्कार कर सकेंगे।
हरिद्वार कुम्भ मेला के शाही स्नान के लाईव प्रसारण की क्लीन फीड मीडिया के लिए निःशुल्क उपलब्ध रहेगी। लाईव प्रसारण की क्लीन फीड को सेटेलाईट GSat17 3820mhZ SR 4.25 से डाउनलिंक कर प्राप्त किया जा सकता है। सभी मीडिया प्लेटफार्म इस लाईव फीड का निःशुल्क उपयोग कर सकते हैं। इसके साथ ही कुंम्भ मेला की कवरेज की लाईव स्ट्रीमिंग, वीडियो फुटेज, स्टिल फोटोग्राफ्स तथा प्रेस विज्ञप्तियों को एफ.टी.पी. सर्वर के माध्यम से मीडिया को उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। वेब ब्राउजर इंटरनेट एक्सप्लोर पर एफटीपी यूआरएल ftp://103.159.45.156:21 पर User Name: ftpuser1 Password: 7kumbh@2021 दर्ज कर एफटीपी सर्वर पर उपलब्ध डाटा को एक्सेस किया जा सकता है। मेले के सभी शाही स्नान पर्वों के दौरान यह व्यवस्थायें उपलब्ध रहेंगी। सूचना विभाग उत्तराखण्ड सरकार के सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स एवं दूरदर्शन के ओटीटी प्लेटफार्म्स पर भी शाही स्नान की लाईव स्ट्रीमिंग की जाएगी।
एलईडी स्क्रीन के माध्यम से राज्य के सभी जिला मुख्यालयों सहित प्रमुख स्थलों पर कुम्भ मेला के शाही स्नान के लाईव प्रसारण को दिखाने की व्यवस्था भी की गई है।
कुम्भ मेला की कवरेज के लिए मीडियाकर्मियों एवं मीडिया प्रतिष्ठानों की सुविधा का भी पूरा ध्यान रखा गया है। इसके लिए चण्डीद्वीप नीलधारा में आधुनिक सुविधाओं से युक्त मीडिया सेंटर की स्थापना की गई है।
कुम्भ मेला की लाईव कवरेज एवं प्रसारण को लेकर सूचना विभाग एवं दूरदर्शन के द्वारा अपनी तैयारियों को अंतिम रूप किया जा चुका है। दूरदर्शन के दिल्ली, देहरादून, लखनऊ, अहमदाबाद, रांची आदि केन्द्रों से लगभग 200 कर्मी हरिद्वार पहुंच चुके हैं। जो हरकी पैड़ी सहित मेला क्षेत्र के प्रमुख स्नान घाटों, अखाड़ो, पमुख स्थानों से कुम्भ मेला की विभिन्न रूप छवियों को लोगों के सम्मुख प्रस्तुत करेंगे।

हरिद्वार कुंभ :- कोरोना संकट के बीच हरिद्वार में आज कुंभ का दूसरा शाही स्नान, हर की पैड़ी पर ब्रह्म कुंड को अखाड़ों के लिए आरक्षित

कोरोना संकट के बीच हरिद्वार में आज कुंभ का दूसरा शाही स्नान है। शाही स्नान को लेकर पुलिस प्रशासन से लेकर अखाड़ों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है।सोमवती अमावस्या पर होने वाले कुंभ के पहले शाही स्नान के लिए निरंजनी अखाड़े का काफिला हरकी पैड़ी पहुंचा। सबसे पहले इसी अखाड़े ने शाही स्नान किया। इसके बाद श्री पंचदशानम् जूना अखाड़ा शाही स्नान के लिए पहुंचा। इसके साथ अग्नि, आह्वान, किन्नर अखाड़ा स्नान कर रहे हैं। आपको बता दें कि हरकी पैड़ी पर ब्रह्म कुंड को अखाड़ों के लिए आरक्षित रखा गया है। इस दौरान आम श्रद्धालु हरकी की पैड़ी पर प्रवेश नहीं कर सकेंगे। उन्हें अन्य घाटों पर स्नान करना होगा। शाही स्नान सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू होकर शाम साढ़े पांच बजे तक चलेगा। सभी तेरह अखाड़ों के लिए अलग-अलग समय निर्धारित किया गया है।

नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह देव ने भी सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान किया। वह निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के साथ शाही स्नान जुलूस में शामिल हुए। वह रथ पर सवार रहे और शाही स्नान किया।

शाही स्नान से एक दिन पहले उत्तराखंड में कोरोना के डरावने वाले आंकड़े सामने आए हैं. पिछले 24 घंटे में 1,333 संक्रमण के नए केस सामने आए जबकि 8 लोगों की मौत हो गई। वहीं देहरादून में 582, हरिद्वार में 386, नैनीताल में 122 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। हर की पौड़ी पर रविवार को स्थलीय परीक्षण के दौरान नौ लोग कोरोना से संक्रमित पाए गए।

ये है शाही स्नान का क्रम
1. सबसे पहले निरंजनी अखाड़ा अपने साथी आनंद के साथ अपनी छावनी से सुबह 8.30 बजे चलेगा। हर की पौड़ी पर पहुंचकर निरंजनी अखाड़े के संत शाही स्नान करेंगे।
2. उसके बाद 9 बजे का समय जूना अखाड़ा व अग्नि अखाड़ा, आवाहन और किन्नर अखाड़ा को स्नान के लिए दिया गया है। जूना अखाड़े से निकलकर हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड में स्नान करेगा।
3. उसके बाद महानिर्वाणी अपने साथी अटल के साथ कनखल से हर की पौड़ी की ओर रुख करेगा। इस अखाड़े के संत यहां से 9.30 बजे शाही स्नान के लिए निकलेंगे।
4. उसके बाद तीनों बैरागी अखाड़े श्री निर्मोही अणी, दिगंबर अणी, निर्वाणी अणी 10:30 बजे अपने हाथों से चलकर हर की पौड़ी पहुंचेंगे।
5. उसके बाद श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़ा 12:00 बजे अपने अखाड़े से हर की पौड़ी की ओर रुख करेगा।
6. श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा लगभग 2:30 बजे अपने अखाड़े से हर की पौड़ी की ओर रुख करेगा।
7. आखिर में श्री निर्मल अखाड़ा 3 बजे के करीब अपने अखाड़े से हर की पौड़ी की ओर रूख करेगा।

कुंभ मेला आईजी संजय गुंजयान ने बताया कि हम लोगों से लगातार कोविड नियमों के पालन का आग्रह कर रहे हैं लेकिन भारी भीड़ के कारण यह व्यावहारिक रूप से असंभव है। आईजी का कहना है कि भारी भीड़ को देखते हुए यहां घाट पर सामाजिक दूरी जैसे नियम का पालन करा पाना नामुमकिन है। अगर हमने ऐसा कराने की कोशिश की तो भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो सकती है इसलिए हम ऐसा नहीं कर रहे हैं।

कुंभ हरिद्वार: कोविड नियमों के तहत ही संत गंगा में लगाएंगे आस्था की डुबकी, 12 और 14 अप्रैल के मुख्य शाही स्नान को देखते हुए यातायात व्यवस्था बनाए के लिये रूट प्लान जारी

श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि ने कहा कि कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। देशभर में स्थिति चिन्ताजनक होती जा रही है। हरिद्वार में कुंभ मेला चल रहा है। ऐसे में जूना अखाड़ा के तमाम साधु संत कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए शाही स्नान में शामिल होंगे। उन्होंने सभी साधु संतों से कोविड गाइड लाइन का पालन करने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी मिलकर इस महामारी से लड़ने में सहयोग करें। मीडिया को जारी बयान में श्रीमहंत हरिगिरि ने संक्रमण की तेज लहर को देखते हुए केंद्र व राज्य सरकार से कोरोना की रोकथाम को लेकर अभी से व्यापक कार्ययोजना बनाते हुए धरातल पर ठोस कार्रवाई का आह्वान किया है।

उन्होंने कहा कि महामारी के कारण पहले ही व्यापारी, मजदूर वर्गों के साथ अन्य वर्ग काफी प्रभावित हो चुके हैं। प्रभावित वर्ग इससे उबरने की कोशिश कर ही रहा था कि कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर से सभी के लिए तनाव की स्थिति बना दी है। ऐसी स्थिति में पलायन की संभावना भी तेजी से दिखाई दे रही है। उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार से कहा कि कोरोना संक्रमण की तेजी से बढ़ती रफ्तार को देखते हुए अभी से जरूरी कदम उठाएं, ताकि संक्रमण के कारण व्यापारी, मजदूर वर्गों को राहत मिल सके।

हरिद्वार कुंभ के लिए 12 और 14 अप्रैल के मुख्य शाही स्नान को लेकर लाखों श्रद्धालुओं के हरिद्वार पहुंचने की उम्मीद को देखते हुए यातायात व्यवस्था बनाए रखने और भीड़ को नियंत्रित के लिए रूट प्लान जारी किया गया है। भारी वाहनों की गुरुवार मध्यरात्रि से शहर में एंट्री बंद कर दी गई है। वहीं, छोटे और हल्के वाहनों को भीड़ बढ़ने पर शहर में आने से रोका जाएगा। शही स्नान को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने सख्ती करनी शुरू कर दी है।

देहरादून, ऋषिकेश से आने वाले वाहन उत्तर हरिद्वार तक आएंगे : देहरादून ऋषिकेश मार्ग से आने वाले वाहनों को दूधियाबंध कृषि भूमि पर बनी पार्किंग पर पार्क कराया जायेगा। इस पार्किग के भर जाने पर देहरादून, ऋषिकेश की तरफ से आने वाली सभी बड़ी गाड़ियां मोतीचूर रेलवे फाटक के पास मोतीचूर-रोह पर बने पार्किंग में पार्क की जाएंगी। छोटे वाहनों को हरिपुर कलां मार्ग से होकर सप्तऋषि आश्रम के सामने सप्तऋषि पार्किंग स्थल पर पार्क कराया जाएगा।

सहारनपुर से आने वाले धीरवाली पार्किंग तक आएंगे : सहारनपुर की ओर से आने वाले बड़े और छोटे वाहन बड़कला, छुटमलपुर, गागलहेड़ी से भगवानपुर होते हुए ईमलीखेड़ा, धनौरी पुल पार कर करते हुए कांवड़ पटरी से काली माता तिराहे के सामने से बीएचईएल तिराहे से सलेमपुर पिकेट मोड़ से राजा बिस्कुट तिराहे से सिडकुल मार्ग किरबी चौराहे से चिन्मय डिग्री कॉलेज से शिवालिक नगर तिराहे, बीएचईएल मध्य मार्ग से लाकर सेक्टर-04 फाउंड्री गेट के सामने बनी धीरवाली पार्किंग तक आ सकेंगे।

दिल्ली से आने वाले वाहन दक्षद्वीप तक आएंगे
दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर की ओर से आने वाले वाहन मंगलौर और रुड़की से लक्सर रोड, सुल्तानपुर फेरुपुर से मातृसदन होकर दक्षद्वीप पार्किंग में आएंगे। इन वाहनों को सिंहद्वार से बहादराबाद-रुड़की होकर वापस भेजा जाएगा। इस मार्ग पर यातायात का दवाब ज्यादा होने पर इन्हें मेरठ, मवाना, बिजनौर अथवा मुजफ्फरनगर, जानसठ, मीरापुर, बिजनौर, नजीबाबाद रोड से लाकर गौरीशंकर पार्किंग पर भी पार्क कराया जाएगा और इसी मार्ग से इनको वापस भेजा भी जाएगा।

रोडवेज बसों के लिए ये रहेगी व्यवस्था
दिल्ली से आने वाली रोडवेज की बसों को पुरकाजी के पास से लक्सर रोड के लिए डायवर्ट किया जायेगा। ये बसें लक्सर मार्ग से होते हुए दक्षद्वीप में बने अस्थाई बस अड्डे तक आएंगी। सहारनुपर से आने वाली रोडवेज की बसों को छुटमलपुर, गागलहेड़ी से भगवानपुर होते हुए ईमलीखेड़ा, धनौरी पुल से धीरवाली पार्किंग में बने अस्थाई बस अड्डे पर पार्क कराया जाएगा। नजीबाबाद कोटद्वार मार्ग से आने वाली रोडवेज बसों को 4.2 किमी से गौरीशंकर के पार्किंग में भेजा जाएगा। ऋषिकेश-देहरादून की ओर से आने वाली उत्तराखंड, हिमाचल की रोडवेज बसों को दूधाधारी चौक से मोतीचूर रेलवे स्टेशन के पास बने निर्धारित पार्किंग स्थल पर पार्क कराया जाएगा।

बाहरी राज्यों के भारी वाहन दून होकर जाएंगे पहाड़: हरिद्वार कुंभ में रूट डायवर्ट होने पर बाहरी राज्यों से पहाड़ी जिलों में जाने वाले भारी वाहन वाया देहरादून होकर गुजरेंगे। वाहनों का संचालन रात दस बजे से सुबह पांच बजे के बीच होगा। इसे लेकर गुरुवार को एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बैठक लेकर

चारधाम : कोरोना की दूसरी लहर के चलते यात्री उत्तराखंड आने (चारधाम यात्रा) से भी कतराने लगे पर्यटक,होटलों की बुकिंग हो रही रद

देश-विदेश के पर्यटकों को चारधाम समेत उत्तराखंड के अन्य पर्यटक स्थलों के दर्शन कराने वाली ट्रेवल एजेंसियों के कारोबार पर इस बार भी कोरोना की मार पड़ने लगी है। कोरोना की दूसरी लहर के चलते यात्री उत्तराखंड आने से कतराने लगे हैं। चार धाम के लिए जो एडवांस बुकिंगें आई थी, वह कैंसिल होने लगी हैं। ऐसे में कारोबारियों की चिंता बढ़ने लगी है। दून शहर में करीब 250 ट्रेवल एजेंसियां हैं, जो पर्यटकों को चारधाम, हेमकुंड, फूलों की घाटी, चोपता, हर्षिल समेत अन्य पर्यटकों के लिए वाहन सुविधा देते हैं। एजेंसियों से हजार लोग प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार पा रहे हैं, लेकिन कोरोना संकट शुरू होने के बाद ट्रेवल एजेंसियों का काम पूरी से प्रभावित है। पिछले साल करोड़ रुपये की बुकिंगें कैंसिल हुई। एजेंसियों के पास जो एडवांस आया था, उसे वापस लौटाना पड़ा। आर्थिक संकट से जूझ एजेंसियों ने अपने कर्मचारी नौकरी से हटा दिए थे। इस सीजन में कारोबार पटरी लौटने की उम्मीद थी। कई एजेंसियों के पास एडवांस बुकिंगें भी दिसंबर से आने लगी थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर उम्मीदों पर पानी फेरने लगी है। चारधाम यात्रा की अधिकांश बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं।
देहरादून। शहर में करीब 250 ट्रेवल एजेंसी हैं। कोरोना से पहले की अपेक्षा इस बार चारधाम यात्रा की बहुत कम एडवांस बुकिंगें मिली हैं। हिमालय टैक्सी सर्विस आराघर के राजेंद्र काला ने बताया कि पहले एक एजेंसी को 200 से 250 एडवांस बुकिंग मिल जाती थी, लेकिन इस बार 15 से 20 बुकिंगें मिल पाई हैं। इसमें पचास फीसदी से ज्यादा कैंसिल हो चुकी हैं। हमारी एजेंसी को 18 बुकिंगें मिली थी, सभी कैंसिल हो चुकी है।
हमारी एजेंसी को चारधाम की 18 बुकिंगें मिली थीं। इस हमने एडवांस नहीं लिया, लेकिन कोरोना के बढ़ते खतरे के बाद से लोग बुकिंग कैंसिल करवाने लगे हैं। जून महीने की बुकिंग भी कैंसिल हो गई है।
राजेंद्र काला, हिमालय टैक्सी सर्विस
चारधाम के लिए यात्रियों के फोन आए हैं, लेकिन अभी कंफर्म बुकिंग किसी नहीं है। हम खुद भी एडवांस नहीं ले रहे हैं। सरकार रोज नियम बदल रही है। कुंभ देख लो, यात्रियों को बोर्डर से वापस भेजा रहा है। ऐसे में हम एडवांस लेकर अपनी बदनामी थोड़ी झेलेंगे।
इंद्रजीत सिंह, हेमकुंड ट्रेवल, त्यागी रोड
मसूरी के होटलों में 35 फीसदी बुकिंग रद
कोरोना की दूसरी लहर में पर्यटन कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। पुरानी बुकिंग कैंसिल हो रही है और नई नहीं हो रही है। सरकार की ओर से कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी होने के बाद अप्रैल महीने में मसूरी में 35 फीसदी बुकिंग कैंसिल हो चुकी है। इसका असर इस वीकेंड पर देखने को मिला। होटल विष्णु पैलेस के एमडी राम कुमार गोयल ने बताया कि सरकार के नई गाइडलाइन जारी करने से पहले होटल में अप्रैल माह के लिए 50 फीसदी तक की बुकिंग थी, लेकिन बाद में यह लगभग सारी कैंसिल हो गई। अप्रैल में फिलहाल कोई बुकिंग नहीं है।

जीएमवीएन के मैनेजर पीएस कंडारी ने बताया कि अप्रैल के लिए होटल में केवल 7 प्रतिशत बुकिंग हैं जिसमें से एक बुकिंग कैंसिल हो गई है। उन्होंने बताया कि आज होटल में एक भी कमरा नहीं लगा हुआ है, और आगे के लिए भी बुकिंग नहीं मिल रही हैं। होटल जेपी के जीएम अनिल शर्मा ने बताया कि होटल में अप्रैल माह के लिए ऑनलाइन एक भी बुकिंग नहीं है। आज होटल में 10 प्रतिशत तक की बुकिंग है आगे दो शादियों की बुकिंग हैं, एक ग्रुप ने आना है। बताया कि कुछ पुरानी बुकिंग हैं जो कैंसिल करना चाह रहे हैं, लेकिन हम उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे हैं।

उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी का कहना है कि अप्रैल माह में काफी बुकिंग कैंसिल हुई है और आगे के लिए भी बुकिंग नहीं आ रही हैं। होटल एसोसिएशन के महासचिव संजय अग्रवाल ने बताया कि अभी होटल में मात्र 10 प्रतिशत तक बुकिंग है और आगे भी बुकिंग नहीं बन पा रही हैं। अप्रैल में 35% तक की बुकिंग कैंसिल हुई है। आगे भी कोई बुकिंग नहीं है। होटल रमाडा के मैनेजर हर्ष मणि सेमवाल ने बताया कि अप्रैल माह में जितनी भी बुकिंग थी उनमें से अधिकांश बुकिंग कैंसिल हो गई हैं। व्यापार संघ के अध्यक्ष रजत अग्रवाल का कहना था कि नई गाइडलाइन जारी होने के बाद पर्यटकों की संख्या में गिरावट आने के बाद का असर व्यापार पर भी पड़ा है।
टैक्सी कारोबार भी हो रहा है प्रभावित
उतरांखंड टैक्सी मैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष सुंदर सिंह पंवार ने बताया कि चारधाम यात्रा के लिए जो बुकिंग हुई थी, सारी रद्द हो गई हैं। चारधाम यात्रा के लिए 85 प्रतिशत तक की बुकिंगें थी जो कैसिंल हो गई है। गाइडलाइन के बाद मसूरी पहुंचे पर्यटक भी बुकिंग नहीं ले रहे हैं।

कारोबार बीते साल के झटके से उबर रहा है। नई गाइडलाइन के बाद रामनगर में 50 फीसदी बुकिंग निरस्त हो गई हैं। यह लगातार दूसरा साल है, जब कारोबार पीक सीजन में डाउन है। सरकार को ध्यान देना चाहिए।
हरि सिंह मान, अध्यक्ष, रिजॉर्ट एसोसिएशन रामनगर

जनवरी से मार्च तक होटलों में अच्छी संख्या में पर्यटक आ रहे थे। नई गाइड लाइन के चलते सैलानी कम हुए हैं। कोरोना मरीज बढ़ने से होटलों में 30 से 40 प्रतिशत बुकिंग कैंसिल हुई है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के पर्यटक सर्वाधिक बुकिंग कैंसिल कर रहे हैं।
दिनेश साह, अध्यक्ष, नैनीताल होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष

कुंभ:हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर 11 अप्रैल से ट्रेनों पर रहेगी रोक, जानें कब तक रहेगा प्रतिबंध, शाही स्नान को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर 11 अप्रैल से ट्रेनें नहीं आएंगी। ट्रेनों को ज्वालापुर, रुड़की और लक्सर के रेलवे स्टेशन पर रोका जाएगा। 12 और 14 अप्रैल के शाही स्नान को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। 14 अप्रैल तक यह व्यवस्था रहेगी। एसपी जीआरपी मंजूनाथ टीसी ने शुक्रवार को ब्रीफिंग में जवानों को बताया कि इस दौरान श्रद्धालुओं को ज्वालापुर रेलवे स्टेशन पर उतारा जाएगा। ज्वालापुर स्टेेशन फुल होने पर लक्सर और रुड़की में ट्रेनों को रोका जाएगा। यहां से शटल बसों से यात्रियों को लाया जाएगा पर वापसी हरिद्वार स्टेशन से होगी। जीआरपी ने मुरादाबाद मंडल में पत्र भेज अपील की है कि 11 से 14 अप्रैल के बीच देहरादून और ऋषिकेश जाने वाली ट्रेनों को ज्वालापुर में ही रोका जाए। लेकिन अभी तक इसकी अनुमति नहीं मिल पाई है।

बता दें कि कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को 12 राज्यों से आने वाले लोगों के लिए आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट पेश करना अनिवार्य कर दिया है। यह रिपोर्ट 72 घंटे से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने परामर्श जारी करते हुए कहा कि यह नियम महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से सड़क, हवाई मार्ग और रेलगाड़ियों से आने वाले लोगों पर एक अप्रैल से लागू होगा। कुंभ मेले में हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए पोर्टल तैयार कर लिया गया है। रजिस्ट्रेशन के लिए कुंभ की ऑफिसियल वेबसाइट www.haridwarkumbhmela2021.com ऑनलाइन आवेदन प्रकिया को पूरा करना होगा। अनुमति मिलने के बाद ही हरिद्वार की सीमा से एंट्री हो सकेगी।

हरिद्वार कुंभ 2021 के शाही स्नान
पहला शाही स्नान: 11 मार्च, दिन गुरुवार, महाशिवरात्रि के दिन हो चुका है।
दूसरा शाही स्नान: 12 अप्रैल, दिन सोमवार, सोमवती अमावस्या के दिन।
तीसरा मुख्य शाही स्नान: 14 अप्रैल, दिन बुधवार, मेष संक्रांति के दिन।
चौथा शाही स्नान: 27 अप्रैल, दिन मंगलवार, बैसाख पूर्णिमा के दिन।

झंडा जी का ऐतिहासिक आरोहण आज पूरी धार्मिक रीति-रिवाज के साथ किया जाएगा।झंडारोहण के चलते झंडे जी मेला इलाके में आज ट्रैफिक डायवर्ट रहेगा।

कोरोना के कारण लगातार दूसरे साल झंडा जी मेला नगर परिक्रमा के बाद संपन्न हो जाएगा। झंडा जी का ऐतिहासिक आरोहण शुक्रवार को पूरी धार्मिक रीति-रिवाज के साथ किया जाएगा। श्री दरबार साहिब मेला प्रबंधन का दावा है कि बड़ी संख्या में दून से संगतें नाराजगी के साथ वापस लौटी हैं।  प्रेम, सद्भावना, भाईचारा, मानवता, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक श्री झंडा जी मेला इस साल धार्मिक अनुष्ठानों को पूरा कर सूक्ष्म स्वरूप में किया जाएगा। शुक्रवार सुबह सात बजे से पुराने श्री झंडा जी को उतारने का कार्यक्रम शुरू होगा, जो दोपहर तक जारी रहेगा। अपराह्न 3 बजे से पूर्व श्री दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज की अगुवाई में श्री झंडा जी का आरोहण होगा। मेला व्यवस्थापक कैलाश चंद्र जुयाल ने बताया कि चार अप्रैल को नगर परिक्रमा होगी। कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस साल नगर परिक्रमा का रूट छोटा व परिवर्तित रहेगा। नगर परिक्रमा के साथ इस वर्ष के श्री झंडा जी मेले का समापन हो जाएगा।

दरबार साहिब से लौटी पूरब की संगत: झंडा आरोहण से पहले ही परंपरागत तरीके से पूरब की संगत ने दरबार साहिब से विदाई ले ली है। गुरुवार को श्रीमहंत देवेन्द्र दास ने पूरब की संगत को पगडी, ताबीज, प्रसाद देकर विदा किया। कोविड के कारण पूरब की संगत के लौटने की प्रक्रिया एक दिन पहले शुरू हुई है। उधर, कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच आयोजन समिति की ओर से झंडा जी आरोहण के दौरान कड़ी व्यवस्था की गई है।

गुरु मंत्र पाकर धन्य हुईं संगतें
श्री गुरु राम राय दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने श्री झंडा जी मेला की पूर्व संध्या पर संगतों को गुरुमंत्र दिया। गुरु मंत्र पाकर संगत धन्य-धन्य हो गईं। संगतों ने गुरुमंत्र को आत्मसात करते हुए श्री गुरु महाराज का आशीर्वाद लिया। श्रीमहंत देवेन्द्र दास महाराज ने गुरु महिमा को समझाया। कहा कि जो व्यक्ति गुरु के बताए मार्ग पर चलता है, उसे पृथ्वी पर स्वर्ग की अनुभूति मिल जाती है।

झंडा मेला इलाके में ट्रैफिक डायवर्ट
देहरादून। झंडारोहण के चलते झंडे जी मेला इलाके में आज ट्रैफिक डायवर्ट रहेगा। एसपी ट्रैफिक एसके सिंह ने बताया कि इसके लिए बैरिकेडिंग लगाकर पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि सहारनपुर चौक, गऊघाट तिराहा,  दर्शनी गेट,  तालाब के चारों ओर, भंडारी चौक (गुरुद्वारे की ओर आने वाले सभी मार्गों) पर बैरियर लगाकर वाहनों का प्रवेश रोका जाएगा।  यातायात का भारी दबाव होने पर निरंजन पुर मण्डी से सहारनपुर चौक की ओर कमला पैलेस तिराहे कि ओर व बल्लीवाला से सहारनपुर चौक की ओर आने वाले यातायात को बल्लीवाला चौक से डायवर्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि झंडे जी मेले में आने वाले लोग भी अपना निजी वाहन लाने से बचें। इससे पहचान से बच पाएंगे। मेला स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनज़र कड़े इंतजाम किए गए हैं। गुरुवार को एडीएम वित्त वीर सिंह बुदियाल साहब, एसपी सिटी सरिता डोभाल, सिटी मजिस्ट्रेट कुशुम चैहान, एसडीएम सदर, सीओ सिटी शेखर सुयाल, एसएचएओ कोतवाली एसएस नेगी ने परिसर का निरीक्षण किया

उत्तराखण्ड राज्य सरकार द्धारा कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता से कुंभ और चारधाम यात्रा पर पड़ सकता है असर

कोरेाना रेाकने के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू किए सख्त प्रतिबंध का असर कुंभ मेल और चारधाम यात्रा पर असर पड़ सकता है। उत्तराखंड में प्रवेश के लिए 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच की अनिवार्यता से श्रद्धालुओं की संख्या घटने की आशंका है। सरकार भी इस पहलू को लेकर चिंतित है, लेकिन जिस प्रकार कोरोना संक्रमण दोबारा सिर उठाने लगा है, उसमें सख्ती करना भी लाजिमी हो गया है। वर्तमान में कुंभ मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आ रहे हैं।  सरकारी आंकड़ृों के अनुसार हर दिन एक लाख के करीब श्रद्धालु पवित्र गंगा में डुबकी लगाने आ रहे हैं।

11 मार्च को हुए शाही स्नान में करीब 35 लाख श्रद्धालु हरिद्वार आए थे। पर, अब एक अप्रैल से आरटीपीसीआर टेस्ट की बाध्यता लागू होने जा रही है। जिन 12 राज्यों के श्रद्धालुओं, पर्यटकों पर प्रतिबंध लगाया गया है, उन्हीं में से कुंभ और चारधाम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग आते हैं। दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के श्रद्धालुओं को उत्तराखंड में प्रवाह सबसे ज्यादा रहता है। न केवल कुंभ बल्कि चार धाम यात्रा और मानसून के दौरान कांवड़ यात्रा में भी इन राज्यों से लोग उत्तराखंड में उमड़ पड़ते हैं।

कुंभ तो अभी चल ही रहा है। मई के महीने से चारधाम यात्रा भी शुरू होने जा रही है। मई के दूसरे पखवाड़े में केदारनाथ धाम और बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की तारीख तय हो चुकी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरटीपीसीआर टेस्ट की अनिवार्यता की शर्त से लोग हिचकेंगे। लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह जरूरी भी है। यदि कोई संक्रमित व्यक्ति प्रवेश कर जाता है तो औरों की सुरक्षा को भी खतरे में डाल सकता है।

इन राज्यों पर सख्ती: दिल्ली, यूपी, महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तमिलनाड़ु, गुजरात, हरियाणा और राजस्थान

यात्री घटे तो पर्यटन-ट्रांसपोर्ट कारोबार को लगेगा झटका
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा सीजन को पर्यटन और ट्रांसपोर्ट कारोबार के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। पिछले साल कोरोना लॉकडाउन के कारण यह सेक्टर करीब करीब चौपट ही हो गया था। अब इस सेक्टर में थोड़ी रौनक लौटी है। अब डर है कि कहीं कोरोना ने दोबारा सिर उठा लिया तो फिर से मुश्किलों का वही दौर शुरू हो सकता है।

‘कुछ राज्यों में कोरेाना संक्रमण दोबारा बढ़ रहा है। इस संक्रमण का दायरा सीमित रखने के लिए ऐहतियात बरतना जरूरी है। कुंभ स्नान के लिए पूरे देश भर से श्रद्धालु हरिद्वार आ रहे हैं। ऐसे में लोगों को कोरोना के संक्रमण बचाने के लिए सख्त कदम उठाए जाने जरूरी है। इसीलिए आज एडवाइजरी जारी की गई है। मेरी अपील है कि कोरेाना से सुरक्षित रहने के लिए सभी लोग स्वास्थ्य सुरक्षा मानकों का पालन करें। सेनेटाइजर, सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क के मानक को कड़ाई से पालन किया जाए।
सुबोध उनियाल, काबीना मंत्री/सरकारी प्रवक्ता