उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरिद्वार में कुंभ को दिव्य, भव्य और सुरक्षित तरीके से कराया जा रहा है। सोमवती अमावस्या पर शाही स्नान के समापन तक करीब 35 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है। संत समाज और श्रद्धालु कुंभ मेले की व्यवस्थाओं से संतुष्ट हैं। सचिवालय में पत्रकारों से वर्चुअली बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कुंभ मेले में कोरोना वाइरस को लेकर केंद्र सरकार की गाइडलाइन का पालन किया जा रहा है।
महामारी के दौर में विपरीत परिस्थितियों के बीच कुंभ के आयोजन की चुनौती सरकार ने स्वीकार की। मेले में संत समाज की हर सुविधा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। संत समाज और श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना न करना पड़े, इस संबंध में अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। सीएम ने सहयोग के लिए जताया आभारमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रशासन से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक सुबह आठ बजे तक करीब 15 लाख श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। शाम छह बजे तक स्नान करने वालों की संख्या बढ़कर 28 लाख तक पहुंच गई और शाही स्नान का समापन होने तक करीब 35 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान है।
शाही स्नान संपन्न होने पर उन्होंने संत समाज और श्रद्धालुओं के साथ ही कुंभ के आयोजन से जुड़े अधिकारियों के सहयोग के लिए उनका आभार जताया। नरेंद्र गिरी ने किया नियमों का पालनकुंभ में कोविड-19 के नियमों का पालन करने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कुंभ में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के लिए हर अखाड़े के स्नान का समय निर्धारित है। संत समाज के स्वागत में कसर नहीं रखी गई है। इससे पहले महाशिवरात्रि पर हुए स्नान में संत समाज का अभिनंदन हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा से किया गया था।
सोमवार को भी हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की गई। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरी ने कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद नियमों का पालन किया। गंगा में स्नान की इच्छा छोड़कर वह होम क्वारंटाइन हैं। कुंभ की मरकज से तुलना ठीक नहीं उन्होंने कहा कि कुंभ की किसी भी तरह मरकज से तुलना ठीक नहीं है। कुंभ में खुले स्थान पर 16 घाटों में स्नान की व्यवस्था कराई गई। ऋषिकेश में नीलकंठ क्षेत्र से लेकर हरिद्वार तक कुंभ क्षेत्र फैला हुआ है।