रूसी राष्ट्रपति से भारत को मिल रहा एक और तोहफा, अगले साल भारतीय बिना बीजा कर सकेगे रूस की यात्रा

News web media Uttarakhand : भारतीय नागरिकों के लिए रूस यात्रा को आसान बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. दोनों देशों के रिश्ते अब और प्रगाढ़ होने जा रहे हैं. क्योंकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत को एक और तोहफा देने जा रहे हैं. दरअसल, अगले साल से भारतीय बिना बीजा के रूस की यात्रा कर सकेंगे.

ऐसा माना जा रहा है कि 2025 के वसंत में शुरू होने वाली एक नई प्रणाली के साथ भारतीय जल्द ही रूस में वीज़ा-मुक्त यात्रा कर पाएंगे. इससे पहले जून में, रिपोर्टें सामने आई थीं कि रूस और भारत ने एक-दूसरे के लिए वीजा प्रतिबंधों को कम करने के लिए द्विपक्षीय समझौते पर चर्चा की थी. वीजा-मुक्त समूह पर्यटक आदान-प्रदान लागू करें.

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बता दें कि, वर्तमान में रूस भारतीयों के लिए ई-वीजा जारी करता है. ये सुविधा अगस्त 2023 से मिल रही है. ई-वीजा प्राप्त करने के लिए लगभग चार दिनों का वक्त लगता है. पिछले साल जारी किए गए ई-वीजा की संख्या के मामले में भी भारत ने शीर्ष पांच देशों में अपनी जगह बनाई. तब रूस ने भारतीय यात्रियों को 9,500 ई-वीजा जारी किए थे.

बता दें कि वर्तमान में भारतीय नागरिकों को रूसी में प्रवेश करने, रहने और बाहर निकलने के लिए देश में रूसी दूतावास/वाणिज्य दूतावास द्वारा जारी वीजा की जरूरत होती है. इनमें ज्यादातर भारतीय व्यवसाय, पर्यटन या फिर आधिकारिक उद्देश्यों के लिए रूस की यात्रा करते हैं. साल 2023 में रिकॉर्ड 60,000 से अधिक भारतीयों ने मास्को की यात्रा की थी, जो 2022 की तुलना में 26 प्रतिशत अधिक थी. रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल की शुरुआत में व्यावसायिक पर्यटन के लिए गैर-सीआईएस देशों में भारतीय तीसरे स्थान पर रहे हैं. 2024 की पहली तिमाही में रूस ने भारतीयों के लिए लगभग 1,700 ई-वीजा जारी किए गए थे.

बता दें कि फिलहाल रूस वर्तमान में अपने वीज़ा-मुक्त पर्यटक विनिमय कार्यक्रम के तहत चीन और ईरान के यात्रियों को वीज़ा-मुक्त प्रवेश की अनुमति दे रखी है. यह पहल मॉस्को के लिए सफल साबित हुई है, जिसे भारत के साथ भी इसे दोहराने की उम्मीद है. वहीं वर्तमान में भारत के लोग दुनियाभर के 62 देशों में बिना वीज़ा के यात्रा कर सकते हैं. हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2024 में भारत 82वें स्थान पर है. एक भारतीय पासपोर्ट धारक इंडोनेशिया, मालदीव और थाईलैंड जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर बिना वीजा के यात्रा कर सकता है.

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के बाद भारतीय रुपये में ऐतिहासिक गिरावट

News web media Utttarakhand : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों के बाद डॉलर में मजबूती बढ़ती जा रही है. इसके बाद डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में गिरावट बढ़ गई और ये अपने रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है. बुधवार को रुपये में 84.19 रुपये प्रति डॉलर के निचले लेवल देखे जा रहे हैं और ये ऐतिहासिक निचला स्तर है.

आज सुबह डॉलर के मुकाबले रुपये में 5 पैसे की गिरावट के साथ कारोबार खुला था. डॉलर के मुकाबले 5 पैसे गिरकर 84.16 रुपये प्रति डॉलर पर करेंसी की शुरुआत हुई थी. इससे पहले मंगलवार को रुपया 84.11 के लेवल पर बंद हुआ था.

रुपये में कमजोरी इतनी ज्यादा हो गई है कि अब ऐसा लग रहा है कि देश के केंद्रीय बैंक को इस मामले में दखल देना होगा और रुपये की कमजोरी थामने के उपाय करने होंगे. अमेरिकी डॉलर में मजबूती का रिवर्स असर भारतीय रुपये पर आ गया है और ये गिरावट के साथ खुला और लगातार निचले स्तर तोड़ता जा रहा है.

जुकरबर्ग ने जेफ बेजोस को पछाड़ा, बनें दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति

News web media Uttarakhand : फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप की पेरेंट कंपनी मेटा के को-फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग वर्तमान में दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं. जुकरबर्ग ने जेफ बेजोस को पछाड़ दिया है.

ब्लूमबर्ग बिलियनेर्स इंडेक्स के अनुसार, तीन अक्टूबर को जुकरबर्ग की कुल संपत्ति 206.2 अरब डॉलर हो गई है. यह पूर्व अमेजन सीईओ बेजोस की कुल संपत्ति 205 अरब डॉलर है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मार्क जुकरबर्ग दुनिया के सबसे रईस इंसान एलन मस्क से महज 50 अरब डॉलर पीछे हैं.

खबर के मुताबिक, जुकरबर्ग की मेटा में अपनी 13 प्रतिशत हिस्सेदारी है. उनकी कुल संपत्ति में 78 अरब डॉलर की बढ़ोत्तरी हुई है. जुकरबर्ग का दूसरा सबसे रईस इंसान बनना बताता है कि इस बार मेटा के बढ़ते मुनाफे से निवेशक खुश हैं.

रिपोर्ट की मानें तो गुरुवार को मेटा का शेयर रिकॉर्ड ऊंचाई 582.77 डॉलर पर बंद हुआ है. यह जनवरी की शुरुआत से लगभग करीब 68 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी को दिखाता है. जनवरी में मेटा के शेयरों की कीमत 346.29 डॉलर थे. वॉल स्ट्रीट ने मेटा का सालभर उत्साह बढ़ाया.

कंपनी की तिमाही आय रिपोर्ट विश्लेषकों के अनुमान से अधिक रही है. बता दें, मेटा ने जुलाई में बताया था कि उसकी दूसरी तिमाही की बिक्री 22 प्रतिशत से बढ़कर 39.07 बिलियन डॉलर हो गई है.

पाकिस्तान में चुनाव से एक दिन पहले दो अलग-अलग जगहों पर बड़े धमाके, 26 की मौत

News web media Uttarakhand :  पड़ोसी देश पाकिस्तान में गुरुवार को आम चुनाव होने वाले हैं. इन चुनाव से एक दिन पहले यानी बुधवार को दो-दो जगहों पर बड़े धमाके हुए. इन धमाकों में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं बड़ी संख्या में लोग इन धमाकों में घायल भी हुए हैं. बलूचिस्तान में अलग-अलग जगहों पर ये धमाके हुए हैं.

यह बम विस्फोट एक राजनीतिक दल और स्वतंत्र उम्मीदवार के चुनाव कार्यालयों पर हुआ है. प्रांतीय सरकार के प्रवक्ता जान अचकई के अनुसार, पहला हमला बलूचिस्तान प्रांत के पशीन जिले में हुआ. हमले में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई.

वहीं घायलों को करीब के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस ने कहा कि उनमें से कुछ की हालत गंभीर है. आपको बता दें कि बुधवार को, बलूचिस्तान के किला सैफुल्लाह शहर में राजनेता फजलुर रहमान की जमीयत उलेमा इस्लाम पार्टी के चुनाव कार्यालय पर एक-एक बम विस्फोट हुआ, इसमें कम से कम दस लोगों की मौत हो गई.

पाकिस्तान में आम चुनाव होने के एक दिन पहले इन हमलों की किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली है. बलूचिस्तान बीते काफी समय से अशांत रहा है. यहां पर जनता सरकार के कामों से खुश नहीं है. यहां पर विरोध के सुर सरकार के खिलाफ बढ़ते जा रहे हैं. पाकिस्तान सरकार की ओर से हजारों पुलिस और अर्धसैनिक बलों की यहां तैनाती की गई है. इसके बावजूद यहां पर आए दिन इस तरह के हमले देखने को मिल रहे हैं.

अफगानिस्तान और ईरान की सीमा पर मौजूद बलूचिस्तान प्रांत के पास प्रचूर मात्रा में खनिज पद्धार्थ हैं. यहां पर दो दशकों से ज्यादा समय से बलूच राष्ट्रवादियों का विद्रोह रहा है. बलूच राष्ट्रवादी आरंभ से ही प्रांतीय संसाधनों में अपने हिस्सेदारी चाहते थे. अब उन्होंने स्वतंत्रता को लेकर विद्रोह शुरू कर दिया है. पाकिस्तानी तालिबान और अन्य आतंकवादी समूहों की इस प्रांत में मजबूत मौजूदगी है.

यूक्रेन की सीमा के पास रूसी सेना का प्लेन क्रैश, 65 लोगों के मारे जाने की खबर

News web media Uttarakhand :  रूस का एक भारी लिफ्ट मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट IL-76, जो कि 65 यूक्रेनी युद्धबंदियों (POWs) को लेकर जा रहा था, देश के के बेलगोरोड क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. दुर्घटना के एक वीडियो में दिखाया गया है कि विमान तेजी से ऊंचाई खो रहा है और सीधे जमीन की ओर जा रहा है, IL-76 विमान पायलट के नियंत्रण से बाहर हो जाता है और एक आवासीय क्षेत्र के पास दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है.

एएफपी ने मॉस्को के रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया, “मॉस्को के समयानुसार सुबह लगभग 11 बजे (0800 GMT), एक IL-76 विमान नियमित उड़ान के दौरान बेलगोरोड क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.” इसमें कहा गया, “प्लेन पर यूक्रेनी सेना के 65 पकड़े गए सैनिक थे, जिन्हें अदला-बदली के लिए बेलगोरोड क्षेत्र में ले जाया जा रहा था. इसके साथ चालक दल के छह सदस्य और तीन एस्कॉर्ट भी थे.”

इस बीच, रूस ने दावा किया है कि विमान युद्धबंदियों को लेकर जा रहा था, लेकिन एएफपी ने यूक्रेन के स्थानीय मीडिया के हवाले से खबर दी है कि उसके रक्षा बलों ने विमान को मार गिराया क्योंकि वह विमान युद्धबंदियों के बजाय एस-300 जमीन से हवा में मार करने वाली एयर डिफेंस सिस्टम के लिए मिसाइलें ले जा रहा था.

रूस के संसद अध्यक्ष व्याचेस्लाव वोलोडिन ने कीव पर युद्धबंदियों को ले जा रहे विमान को मार गिराने का आरोप लगाया है. वोलोडिन ने एक पूर्ण सत्र में सांसदों से कहा, “उन्होंने अपने ही सैनिकों को हवा में गोली मार दी. हमारे पायलट, जो एक मानवीय मिशन को अंजाम दे रहे थे, को गोली मार दी गई.”

क्षेत्रीय गवर्नर व्याचेस्लाव ग्लैडकोव ने टेलीग्राम पर कहा कि दुर्घटना क्षेत्र की राजधानी के उत्तर-पूर्व में कोरोचान्स्की जिले में हुई. ग्लैडकोव ने कहा, “अब एक जांच टीम और आपातकालीन सेवाएं साइट पर काम कर रही हैं. मैंने अपना काम करने का कार्यक्रम बदल दिया है और जिले की यात्रा की है.”

अमेरिका के लेविस्टन शहर में भीषण गोलीबारी में 22 की मौत, 50 से ज्यादा घायल

News web media uttarakhand : अमेरिका के मेन (Maine) राज्य के लेविस्टन शहर में बुधवार देर रात सामूहिक गोलीबारी की घटना में 22 लोगों की मौत हो गई और 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के बाद संदिग्ध हमलावर फरार है, जिसकी तलाश जारी है। सुरक्षा अधिकारियों ने राइफल के साथ संदिग्ध हमलावर की दो तस्वीरें फेसबुक पर साझा की हैं और संदिग्ध की पहचान करने में जनता से मदद की अपील की है।

लेविस्टन में मेडिकल सेंटर ने एक बयान में कहा कि गोलीबारी की घटना में बड़े पैमाने पर लोग हताहत हुए हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है। घायलों को लेने के लिए क्षेत्र के अस्पतालों के साथ समन्वय किया जा रहा है। एंड्रोस्कोगिन काउंटी शेरिफ के कार्यालय से जो दो तस्वीरें शेयर किया गया है, उसमें संदिग्ध रायफल के साथ फायरिंग की स्थिति में था। काउंटी शेरिफ ने संदिग्ध की पहचान के लिए स्थानीय लोगों से मदद मांगी है।

मेन स्टेट पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक सक्रिय शूटर के बारे में चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा, ‘हमने लोगों को उनके स्थानों पर ही रहने के लिए कहा है। कानून प्रवर्तन विभिन्न इलाकों में छानबीन कर रहे हैं।’

यूएस अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन को इस घटना के बारे में जानकारी दी गई है। पिछले साल मई 2022 के बाद से यह अबतक का सबसे घातक सामूहिक गोलीबारी है। पिछले साल मई में टेक्सास के एक स्कूल में गोलीबारी के दौरान 19 बच्चों के साथ दो शिक्षकों की मौत हो गई थी।

 

 

‘आप देश को उबाल पर रखना चाहते हैं? हिंदू धर्म की महानता को कम मत आंकें’: सुप्रीम कोर्ट ने शहरों के नाम बदलने की अश्विनी उपाध्याय की याचिका खारिज की

News Web media uttarakhand : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय का एक याचिका पर फटकार लगाई। उन्होंने कई ऐतिहासिक स्‍थलों का नाम बदलने के लिए याचिका दायर किया था। उन्होंने दावा किया ‌था कि उन स्‍थलों का नाम “बर्बर विदेशी आक्रमणकारियों” के नाम पर रखा गया है।

जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने उपाध्याय से पूछा कि क्या वह ऐसी याचिकाएं दायर करके “देश को उबाल पर रखना चाहते हैं।”

जस्टिस जोसेफ ने कहा,
“आप इसे मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं, देश को उबाल पर रखना चाहते हैं? एक विशेष समुदाय की ओर उंगलिया उठाई गई हैं। आप समाज के एक विशेष वर्ग को नीचा दिखा रहे हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है, यह एक धर्मनिरपेक्ष मंच है।” ज‌स्टिस नागरत्ना ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “हिंदू धर्म जीने का एक तरीका है, जिसके कारण भारत ने सभी को आत्मसात किया है। यहा कारण है कि हम एक साथ रहने में सक्षम हैं। अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति ने हमारे समाज में विद्वेष डाला है। आइए हम वहां से पीछे न हटें।”

याचिका में उपाध्याय ने प्रस्तुत किया कि वेदों और पुराणों में उल्लिखित कई ऐतिहासिक स्थानों का नाम “विदेशी लूटेरों” के नाम पर रखा गया है। “हमारे पास लोदी, गजनी, गोरी के नाम पर सड़कें हैं… पांडवों के नाम पर एक भी सड़क नहीं है, इंद्रप्रस्थ का निर्माण युधिष्ठिर ने किया था ….फरीदाबाद का नाम उस व्यक्ति के नाम पर रखा गया जिसने शहर को लूटा। भारत के साथ औरंगज़ेब, लोदी, गजनी आदि का क्या संबंध है?” जस्टिस जोसेफ ने पूछा कि धार्मिक पूजा का सड़कों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मुगल सम्राट अकबर ने विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव बनाने का लक्ष्य रखा था।

जस्टिस बीवी नागरत्ना ने तब पूछा कि इतिहास से ‘आक्रमण’ को कैसे दूर किया जा सकता है। “यह एक ऐतिहासिक तथ्य है। क्या आप इतिहास से आक्रमणों को दूर कर सकते हैं? हम पर कई बार आक्रमण हो चुका है। क्या पहले हुई चीजों को दूर करने के बजाय हमारे देश में अन्य समस्याएं नहीं हैं? यह महसूस करते हुए कि पीठ इस मामले पर विचार करने की इच्छुक नहीं है, उपाध्याय ने गृह मंत्रालय के समक्ष एक अभ्यावेदन दायर करने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। हालांकि, पीठ ने कहा कि वह इस तरह का रास्ता नहीं अपनाने देगी।

पीठ ने कहा,

“हमें इस तरह की याचिकाओं के जर‌िए समाज को नहीं तोड़ना चाहिए, कृपया देश को ध्यान में रखें, किसी धर्म को नहीं।” जस्टिस नागरत्ना ने याचिकाकर्ता से कहा कि “हिंदू धर्म में कोई कट्टरता नहीं है”। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि हिंदू धर्म की एक महान परंपरा है और इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।

उन्होंने कहा, “

हिंदू धर्म तत्वमीमांसा की दृष्टि से सबसे बड़ा धर्म है। उपनिषदों, वेदों, भगवद गीता में हिंदू धर्म ने जो ऊंचाइयां पाई हैं, किसी भी धर्म परंपरा में वह संभव नहीं हैं। हमें उस पर गर्व होना चाहिए। कृपया इसे कम न करें। हमें अपनी महानता को समझना होगा।” उन्होंने कहा, हमारी महानता हमें उदार होने की ओर ले जाती है। मैं एक ईसाई हूं। लेकिन मैं हिंदू धर्म का भी उतना ही प्रशंसक हूं। मैं इसका अध्ययन करने की कोशिश कर रहा हूं। आप हिंदू दर्शन पर डॉ एस राधाकृष्णन के कार्यों को पढ़ें।”

जस्टिस नागरत्ना ने दोहराया, “हिंदू धर्म जीवन का एक तरीका है। हिंदू धर्म में कोई कट्टरता नहीं है।” जस्टिस जोसेफ ने कहा कि केरल में हिंदू राजाओं ने चर्चों के लिए जमीन दान में दी है। यह भारत का इतिहास है। कृपया इसे समझें।” पीठ ने देश की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति और भाईचारे पर विभिन्न टिप्पणियों के साथ याचिका को खारिज कर दिया।

Turkey Earthquake: भूकंप के चलते तुर्किये और सीरिया में कुल 41 हजार लोगों की मौत! मनोचिकित्सक बोले- उबरने में लगेगा लंबा समय

शरणार्थी शिविर में काम कर रहीं मनोचिकित्सक हासिबे एबरु का कहना है कि भूकंप का लोगों की मनोस्थिति पर गहरा असर पड़ा है। लोग भारी पीड़ा और तनाव से गुजर रहे हैं।

बीते हफ्ते तुर्किये और सीरिया में आए शक्तिशाली भूकंप से बड़ी संख्या में बच्चे बेघर हो गए हैं। साथ ही प्रभावित बच्चे अभी तक भूकंप से लगे सदमे से उबर नहीं पाए हैं और कई तनाव के शिकार हो गए हैं। शरणार्थी कैंपों में बच्चों को पढ़ा रहीं एक महिला अध्यापक ने बताया कि बच्चे अभी तक भूकंप के बारे में बात करते हैं और वह बिल्डिंग ब्लॉक बनाकर पूछते हैं कि क्या ये बिल्डिंग भूकंप के लिहाज से ठीक है? क्या यह पर्याप्त मजबूत है? इसके अलावा बच्चे खिलौनों से खेलते हुए भी भूकंप के बारे में बात करते रहते हैं।

बता दें कि भूकंप के चलते तुर्किये और सीरिया में कुल 41 हजार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। कई लोग कई दिनों तक मलबे में दबे रहने के बाद सुरक्षित बाहर निकाले गए हैं। इस दौरान उन्होंने जिस डर और ठंड का सामना किया, उसके तनाव से वह अब तक उबर नहीं पाए हैं। कई लोगों ने भूकंप में अपनों को खो दिया है और कई लोगों का भूकंप में सबकुछ तबाह हो गया है।

शरणार्थी शिविर में काम कर रहीं मनोचिकित्सक हासिबे एबरु का कहना है कि भूकंप का लोगों की मनोस्थिति पर गहरा असर पड़ा है। लोग भारी पीड़ा और तनाव से गुजर रहे हैं। कई लोगों को लगता है कि वह पागल हो जाएंगे।  एबरु बताती हैं कि वह लोगों से कहती हैं कि वह जो महसूस कर रहे हैं, यह सामान्य है। जैसे जैसे वह सुरक्षित वातावरण में जाएंगे तो उनकी परेशानी कम होती जाएगी। लोगों पर लगातार नजर रखी जा रही है।

डॉक्टरों का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों को मानसिक आघात लगा है। जिसके चलते उन्हें स्ट्रेस डिसऑर्डर और पैनिक अटैक आ रहे हैं।

व्हाइट हाउस का खुलासा: सिर्फ विमान समझौते तक सीमित नहीं थी बाइडन-मोदी की चर्चा, जानें और किस मुद्दे पर हुई बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बातचीत की और इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (14 फरवरी) को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बातचीत की। इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी के महत्व पर चर्चा की। इसके अलावा आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और अपनी साझा प्राथमिकताओं पर सहयोग का विस्तार करने के लिए क्वाड जैसे समूहों में एक साथ काम करना जारी रखने के लिए प्रतिबद्धता जताई। एअर इंडिया और बोइंग सौदे को ऐतिहासिक और इसे परस्पर लाभकारी सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण करार दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बोइंग और अन्य अमेरिकी कंपनियों को भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विस्तार करने और अवसरों का उपयोग करने के लिए भी आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने हाल ही में वाशिंगटन डीसी में क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (आईसीईटी) पर पहल की पहली बैठक का स्वागत किया और अंतरिक्ष, सेमी-कंडक्टर, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।

दोनों नेताओं ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी भागीदारों के महत्व पर भी चर्चा की। और दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे लिए आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए क्वाड जैसे समूहों में एक साथ काम करना जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रेस सचिव जीन-पियरे  के अनुसार, उन्होंने बोइंग से 200 से अधिक अमेरिकी निर्मित विमान खरीदने के लिए एयर इंडिया के ऐतिहासिक समझौते पर चर्चा की। जीन-पियरे ने कहा राष्ट्रपति बाइडन ने नोट किया कि कैसे बिक्री 44 राज्यों में 1 मिलियन से अधिक अमेरिकी नौकरियों का समर्थन करेगी और एयर इंडिया को भारत में हवाई परिवहन की बढ़ती मांगों को पूरा करने में मदद करेगी।

बोइंग-एयर इंडिया सौदे की घोषणा करते हुए बाइडेन ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर वह भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और गहरा करने की उम्मीद कर रहे हैं। व्हाइट हाउस की एक घोषणा के अनुसार, बोइंग और टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया एक समझौते पर पहुंच गए हैं, जिसके तहत एयरलाइन 190 B737 MAX, 20 B787, और 10 B777X को कुल 220 फर्म ऑर्डर के लिए खरीदेगी, जिसका मूल्य 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।

सौदे में अतिरिक्त 50 बोइंग 737 मैक्स और 20 बोइंग 787 के लिए ग्राहक विकल्प भी शामिल होंगे, सूची मूल्य पर कुल 45.9 बिलियन अमरीकी डालर के कुल 290 हवाई जहाज। एयर इंडिया का ऑर्डर बोइंग का डॉलर मूल्य में अब तक का तीसरा और विमानों की संख्या के मामले में दूसरा सबसे बड़ा ऑर्डर है।

National Aadi Mahotsav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी 16 फरवरी को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय आदि महोत्सव का उद्घाटन

11 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 500 आदिवासी कारीगर और कलाकार शामिल होंगे। जबकि 13 राज्यों के आदिवासी रसोइए मिलेट्स में जायके का तड़का लगाएंगे, जिसमें रागी हलवा, कोदो की खीर, मांडिया सूप समेत अन्य व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी 16 फरवरी को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। सरकार जनजातीय मास्टर शिल्प और महिलाओं को सीधे बाजार तक पहुंच उपलब्ध करवाने के मकसद से इस महोत्सव का आयोजन कर रही है। दर्शकों को 16 से 27 फरवरी तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में आदिवासी शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और व्यापार से सीधे रूबरू होने का मौका मिलेगा।

खास बात यह है है कि 11 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 500 आदिवासी कारीगर और कलाकार शामिल होंगे। जबकि 13 राज्यों के आदिवासी रसोइए मिलेट्स में जायके का तड़का लगाएंगे, जिसमें रागी हलवा, कोदो की खीर, मांडिया सूप, रागी बड़ा, बाजरा की रोटी, बाजरा का चुरमा, मडुआ की रोटी,भेल, कश्मीरी रायता, कबाब रोगन जोश आदि का जायका खास तौर पर मिलेगा।
जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट सर्कल पर आयोजित होने वाले ””आदि महोत्सव का आगाज करेंगे। आदिवासी व्यंजनों, जनजातीय समुदायों के कारीगरों और शिल्पकारों के प्रोडेक्ट को दर्शाती प्रदर्शनी भी देखेंगे। आत्मनिर्भर भारत मुहित के तहत जनजातीय समुदायों की पूर्ण भागीदारी और भागीदारी सुनिश्चित करने के मकसद से इसका आयोजन किया जा रहा है। जैविक उत्पादन को बढ़ावा देना मुख्य मकसद है। दिल्ली के अलावा देश के अन्य शहरों में भी इस प्रकार के महोत्सव आयोजित किए जा रहे हैं।

आदिवासी कारीगरों के डिजाइन कपड़े भी दिखेंगे
आदिवासी कारिगरों द्वारा तैयार कपड़ों में शीर्ष डिजाइनरों के डिजाइन दिखेंगे। देश समेत विदेशी मार्केट को देखते हुए केंद्र सरकार के संगठन ट्राइफेड जनजातीय उत्पादों में गुणवत्ता और समकालीन डिजाइन सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष डिजाइनरों के साथ काम कर रहा है। महोत्सव में आदिवासी हस्तशिल्प, हथकरघा, पेंटिंग, आभूषण, बेंत और बांस, मिट्टी के बर्तन, भोजन और प्राकृतिक उत्पाद, उपहार और वर्गीकरण, जनजातीय व्यंजन और 200 स्टालों के माध्यम से इसे प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनी-सह-बिक्री की सुविधा होगी।

बाजरा पर मुख्य फोकस
महोत्सव में 13 राज्यों के आदिवासी रसोइय शामिल हो रहे हैं। बाजरा आदिवासी समुदायों का मुख्य आहार है और संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया है। इसी के तहत यहां पर जनजातीय बाजरा के उत्पादन और खपत को बढ़ाने के लिए जनजातीय कारीगरों को बाजरा (श्री अन्ना) उत्पादों और व्यंजनों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसके अलावा बाजरा से बने व्यंजन भी खास तौर पर मिलेंगेे। यहां पर तमिलनाडूृ, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर आदि के आदिवासी जायका का लुत्फ भी मिलेगा।