बिहार में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर राजनीति जारी है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर 2021 में जातिगत जनगणना कराने से इनकार करने को लेकर निशाना साधा है।लालू ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि जनगणना में सांप, बिच्छू तोता, मैना, हाथी, घोड़ा, कुत्ता, बिल्ली, सूअर और सियार समेत सभी पशु-पक्षी, पेड़-पौधे गिने जाएंगे, लेकिन पिछड़े -अति पिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी।
लालू ने भाजपा और संघ से पूछा सवाल
लालू यादव ने भाजपा और संघ से सवाल पूछा है कि आखिर उन्हें पिछड़ों और अति पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों हैं। लालू ने कहा, जातिगत जनगणना कराने से सभी वर्गों का भला होगा और सब की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। लालू ने आरोप लगाया कि भाजपा और संघ पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा धोखा कर रहा है।
लालू ने कहा अगर केंद्र सरकार जनगणना फॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फीसदी से अधिक लोगों की जातीय जनगणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने हुए सांसदों और मंत्रियों पर धिक्कार है।लालू ने जनता से ऐसे सांसदों और मंत्रियों का सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की।
नीतीश कुमार की पार्टी को उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम उठाएगी।जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने भी कहा कि अभी जातिगत जनगणना शुरू नहीं हुई है. भले ही केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जातिगत जनगणना कराने में तकनीककठिनाई की बात कही है, मगर केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अब तो कोई निर्णय नहीं लिया है
बिहार सरकार में मंत्री संजय कुमार झा ने कहा, जातिगत जनगणना का नीतीश कुमार पिछले 30 सालों से उठा रहे हैं। इस मुद्दे पर हमारे पार्टी का रुख बिल्कुल साफ है हमें उम्मीद है कि जाति का जनगणना के मुद्दे पर कोई सकारात्मक कदम उठाया जाएगा।हम सबको प्रधानमंत्री के निर्णय का इंतजार है।