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International Yoga Festival 2023: मुख्यमंत्री एक मार्च को करेंगे अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का शुभारंभ

News web media Uttarakhand : तीर्थनगरी ऋषिकेश में हर साल की भांति इस साल भी एक मार्च को अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव का आगाज होगा। 1 से 7 मार्च तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव का शुभारंभ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे। महोत्सव में योग की बारीकियों को सीखने के साथ ही मन की शांति और स्वस्थ शरीर के लिए अनुभव भी प्राप्त होगा। इसके साथ ही यहां आने वाले योग साधक नृत्य, संगीत के साथ योग के विभिन्न आयामों पर भी चर्चा करेंगे।
एक मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज समेत कई अन्य अतिथियों की उपस्थिति में महोत्सव की शुरुआत होगी। महोत्सव में योगाचार्य पद्मश्री शिवानंद, पद्मश्री भारत भूषण व पद्मश्री रजनीकांत विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

इसके अलावा ईशा फाउंडेशन, आर्ट ऑफ लिविंग, रमामणि अयंगर स्मृति योग संस्थान, कैवल्यधाम, कृष्णमाचार्य योग मंदिरम और शिवानंद योगा स्कूल के प्रशिक्षकों की मौजूदगी में साधक योग की बारीकियों को सीख सकेंगे।


योग साधकों के लिए सात दिन की दिनचर्या तय रहेगी और अलग-अलग विषयों पर साधकों को प्रशिक्षिण दिया जाएगा। प्रतिदिन सुबह योग सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा ड्रोन शो का आयोजन किया जाएगा।


योग एक साधना है जिसके जरिए शरीर, मन और आत्मा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसको ध्यान में रखकर अलग-अलग विषयों पर परिचर्चा का आयोजन भी होगा। जिसमें डा. अनिल थपलियाल, डा. नवदीप जोशी, डा. प्रिया आहूजा, डा. रोहित सब्बरवाल, प्रो. वीके अग्निहोत्री, प्रो. सुनील जोशी, डा. उर्मिला पांडे जैसे विशेषज्ञ अपने विचार व्यक्त करेंगे। डॉ0 सुनील जोशी उप कुलपति उत्तराखण्ड आयु वि0 द्वारा नाड़ी परीक्षण एवं मर्म चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जायेगा। इसके अलावा रूजुता दिवेकर सेलेब्रिटी पोषण विशेषज्ञ के साथ ही रागिनी मक्कड़, नितिश भारती, अनूज मिश्रा, सुजीत ओझा जैसे कलाकार अपने नृत्य, कला, संगीत के जरिए साधकों का मन मोहेंगे। लोक नृत्य और संगीत की अद्भुत प्रस्तुति भी महोत्सव में चार चांद लगाएगी।

भारत योग के माध्यम से विश्व को शांति का संदेश दे रहा है। इसलिए इस अंतरराष्ट्रीय महोत्सव में दुनिया भर से लोग योग की बारीकियां सीखने के लिए आते हैं। वैसे भी योग नगरी के नाम से प्रसिद्ध ऋषिकेश के नैसर्गिक सुंदरता भी ऐसी है लोग खुद बखुद यहां प्रकृति का आनंद लेने के लिए आ जाते हैं। लेकिन महोत्सव के कारण लोग और भी आकर्षित हो जाते हैं कि यहां के घूमने के बहाने योग की साधना भी हो जाएगी। यानी यहां आकर प्रकृति के साथ साक्षात्कार तो होगा ही, साथ ही योग साधना के जरिए ईश्वर से भी साक्षात्कार का अनुभव प्राप्त होगा।


उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील जोशी की ओर से महोत्सव में नाड़ी परीक्षण एवं मर्म चिकित्सा शिविर लगाया जाएगा। इसके अलावा रागिनी मक्कड़, नितिश भारती, अनुज मिश्रा, सुजीत ओझा समेत अन्य कलाकार नृत्य, कला, संगीत की प्रस्तुति देंगे।

 

 

Dehradun: आरटीई को ताक पर रखकर अशासकीय स्कूलों के हजारों छात्रों से ले ली परीक्षा की फीस, अब रद्द करने के आदेश

प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों में आज से वार्षिक गृह परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। आरटीई के तहत सरकारी अशासकीय स्कूलों में कक्षा एक से 8वीं तक के छात्र-छात्राओं से ट्यूशन फीस नहीं ली जाती लेकिन वार्षिक गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्र के नाम पर विभाग की ओर से अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग फीस तय की गई है। 

प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) को ताक पर रखकर कक्षा 6 से 8वीं तक के हजारों छात्र-छात्राओं से वार्षिक परीक्षाओं की फीस ले ली गई है। गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्रों के नाम पर प्रति छात्र 10 से 12 रुपये लिए गए हैं।

आरटीई के तहत सरकारी और अशासकीय स्कूलों में कक्षा एक से 8वीं तक के छात्र-छात्राओं से ट्यूशन फीस नहीं ली जाती लेकिन वार्षिक गृह परीक्षाओं के प्रश्नपत्र के नाम पर विभाग की ओर से अलग-अलग कक्षाओं के लिए अलग-अलग फीस तय की गई है। विभिन्न जिलों की जनपदीय परीक्षा समिति की ओर से यह फीस तय की गई है।

हरिद्वार जिले की जिला परीक्षा समिति ने कक्षा 6 से 8वीं में प्रश्नपत्र के लिए 10 रुपये प्रति छात्र फीस तय की है। जबकि 9वीं और 11वीं में प्रति छात्र 12 रुपये फीस तय की गई है। पौड़ी जिले में कक्षा 6 से 8वीं तक 12 रुपये फीस है। टिहरी जिले में भी 6 से 11वीं तक के छात्रों से वार्षिक फीस ली गई है।

उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा के मुताबिक सरकारी स्कूलों के 8वीं तक के छात्रों से परीक्षा फीस नहीं ली जा रही है। जबकि अशासकीय स्कूलों में इसे जमा कराया जा रहा है। हरिद्वार जिले में शिक्षकों के विरोध के बाद मुख्य शिक्षा अधिकारी केके गुप्ता ने फिलहाल फीस वसूली पर रोक लगा दी है।

फीस वसूली के आदेश रद्द
उनका कहना है कि इस संबंध में महानिदेशालय से स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा विभिन्न जिलों में मुख्य शिक्षा अधिकारियों की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं कि वार्षिक परीक्षा प्रश्नपत्रों के लिए नकद पैसा जमा किया जाए। दूसरी ओर, देर शाम पौड़ी जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी ने फीस वसूली के आदेश को रद्द कर दिया।

बेटी के विवाह के चलते मैं अवकाश पर था। इस दौरान डीईओ बेसिक एसपी सिंह के पास प्रभारी सीईओ का प्रभार था। उनकी ओर से कक्षा 6 से 8 तक के प्रश्नपत्रों के लिए शुल्क लिए जाने का आदेश किया गया। इसे संशोधित किया जाएगा। आरटीई के तहत 8वीं तक के छात्रों से फीस न लेने का आदेश है, इनकी छात्रों की फीस सरकार वहन करती है। इसके बाद भी यदि किसी प्रधानाचार्य ने फीस ले ली तो इसे छात्रों को लौटाया जाएगा।

Accident in Uttarakhand: मां संग स्कूल जा रही थी आठ वर्षीय बच्ची, ट्राले की चपेट में आई स्कूटी; दर्दनाक मौत

News web Accident in Uttarakhand: हाईवे पर ट्राले की चपेट में आने से आठ वर्षीय बालिका की मौत हो गई। सोमवार सुबह करीब 8 बजे नेहा जोशी पुत्री रमेश जोशी निवासी ग्राम पचपकरिया अपनी मां हरु देवी के साथ स्कूटी से स्कूल जा रही थी।

इस दौरान स्कूटी टनकपुर से खटीमा की ओर जा रहे ट्राला संख्या जीजे 12- बीडब्लू 1523 से चपेट में आ गई। हादसे में नेहा गंभीर रूप से घायल हो गई। उपचार के लिए पुलिस की मदद से टनकपुर संयुक्त चिकित्सालय ले जाया गया।

जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। नेहा मैक्सटन स्ट्रांग स्कूल में पढ़ती थी। पुलिस ने ट्राला कब्जे में ले लिया। चालक को भी हिरासत में लिया गया है। घटना के बाद स्वजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। पुलिस ने शव का पंचनामा भर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

Uttarakhand:उत्तराखंड सहित 11 हिमालयी राज्यों को विशेष दर्जा दिया जाएगा,महाधिवेशन में राजनीतिक प्रस्ताव पास

News web media Uttarakhand : पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में शामिल पूर्व पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल ने नार्थ ईस्ट के साथ ही उत्तराखंड सहित सभी हिमालयी राज्यों को इस श्रेणी में रखे जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।

केंद्र में कांग्रेस की सरकार आने पर उत्तराखंड सहित 11 हिमालयी राज्यों को विशेष दर्जा दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ के रायपुर में हुए पार्टी के महाधिवेशन में पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है। इस कमेटी में उत्तराखंड कांग्रेस के दो दिग्गज नेता पूर्व पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल भी शामिल थे।

उत्तराखंड राज्य को वर्ष 2001 में केंद्र की अटल विहारी वाजपेयी सरकार ने विशेष राज्य का दर्जा दिया था, लेकिन बाद में इसे वापस ले लिया गया। अखिल भारतीय कांग्रेस के रायपुर में हुए महाधिवेशन में तमाम प्रस्ताव पास किए गए। इनमें नार्थ ईस्ट राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव भी रखा गया था।

पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी में शामिल पूर्व पीसीसी अध्यक्ष प्रीतम सिंह और गणेश गोदियाल ने नार्थ ईस्ट के साथ ही उत्तराखंड सहित सभी हिमालयी राज्यों को इस श्रेणी में रखे जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना आदि ने दोनों नेताओं को इसके लिए बधाई दी है। पूर्व सीएम हरीश ने इसे गोदियाल-प्रीतम इफेक्ट नाम दिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राजनीतिक प्रस्ताव में उत्तराखंड सहित हिमाचल, जम्मू कश्मीर और पर्वतीय राज्यों के लिए विशेष दर्जे का राज्य बनाने का वादा किया गया है। यह भविष्य के लिए एक शुभ संकेत है।

Uttarakhand weather: तीन हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी देखने को मिलेगी ,बिजली गिरने के साथ ही ओलावृष्टि भी हो सकती है।

Uttarakhand Weather Update: प्रदेश में आज से एक मार्च तक मौसम खराब बना रहेगा। कई जिलों में बारिश के साथ ओलावृष्टि हो सकती है। वहीं, उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर जिलों के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी देखने को मिलेगी।

उत्तराखंड में पश्चिमी विक्षोभ के एक बार सक्रिय होने और उत्तर पूर्वी हवाओं के दबाव के चलते अगले 24 घंटे में उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ में बारिश होने की संभावना है। साथ ही ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी व बिजली गिरने की संभावना है। जबकि राज्य के शेष जिलों में फिलहाल मौसम शुष्क रहेगा।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक सोमवार से दो मार्च तक राज्य के पर्वतीय इलाकों खासकर उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। साथ ही 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी भी हो सकती है। कुछ इलाकों में बिजली गिरने के साथ ही ओलावृष्टि भी हो सकती है।

फरवरी में हुई सामान्य से कम बारिश

बता दें कि पिछले कई दिनों से राज्य के मैदान से लेकर पहाड़ तक गर्मी देखने को मिल रही है। पर्वतीय इलाकों में दिन में अधिकतम तापमान 20 डिग्री का आंकड़ा छू रहा है। ऐसे में लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि, आने वाले दिनों में गर्मी से राहत मिल सकती है। उल्लेखनीय पहलू यह है कि फरवरी माह में इस साल सामान्य से बेहत कम बारिश हुई है। पूरे फरवरी माह में सिर्फ तीन बार ही पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के बाद हल्की बारिश देखने को मिली है।

Pushkar Singh Dhami: टिहरी पहुंचे सीएम धामी, दी पांच अरब 33 करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात

Pushkar Singh Dhami: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद टिहरी गढ़वाल को सौगात देते हुए विभिन्न विभागों की पांच अरब 33 करोड़ 20 लाख 89 हजार की विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया। जिसमें जनपद के सभी 6 विधानसभाओं की विकास योजनायें शामिल रही।

सीएम धामी ने 1 अरब 58 करोड़ 21 लाख 4 हजार की विकास योजनाओं का लोकार्पण और 3 अरब 74 करोड़ 99 लाख 85 हजार की विकास योजनाओं का शिलान्यास किया।

कुल 45 योजनाओं का लोकार्पण व 93 योजनाओं का शिलान्यास

टिहरी, धनोल्टी, घनसाली, प्रतापनगर, नरेंद्रनगर व देवप्रयाग विधानसभाओं के लिए क्रमश: 56 करोड़ 5 लाख 87 हजार, 21 करोड़ 92 लाख 35 हजार, 1 अरब 64 करोड़ 89 लाख 82 हजार, 76 करोड़ 99 लाख 84 हजार, 1 अरब 36 लाख 30 हजार व 47 करोड़ 8 लाख 27 हजार की विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया गया।

जबकि इसके अतिरिक्त समस्त विधानसभाओं के लिए 65 करोड़ 88 लाख 27 हजार की योजनाओं का भी लोकार्पण व शिलान्यास किया गया। सीएम ने कुल 45 योजनाओं का लोकार्पण व 93 योजनाओं का शिलान्यास किया।

शनिवार को सीएम धामी दो दिवसीय भ्रमण पर टिहरी पहुंचे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नई टिहरी पीआईसी मैदान में पहुंचे। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री टिहरी प्रभारी मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी टिहरी पहुंचे। टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय, घनसाली विधायक शक्तिलाल शाह, देवप्रयाग विधायक विनोद कंडारी, धनोल्टी विधायक प्रीतम सिंह पंवार, विजय सिंह पंवार ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।

Earthquake Alert: उत्तराखंड के हिमालयी इलाकों में बड़े भूकंप की आशंका, आपदा प्रबंधन विभाग अलर्ट

पिथौरागढ़. तुर्की और सीरिया में 6 फरवरी को आए भूकंप ने भारी तबाही मचाई है. अब भारत में भी इससे भयंकर भूकंप आने की आशंका जताई गई है. यह आशंका राष्ट्रीय भू-भौतिकीय अनुसंधान संस्थान में भूकंप विज्ञान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. एन पूर्णचंद्र राव ने जताई है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि तुर्की से भी बड़े भूकंप का खतरा उत्तराखंड के हिमालयी इलाकों पर मंडरा रहा है, जिसके बाद से ही भूकंप को लेकर हिमालयी इलाकों के लोग सहमे हुए हैं.

भू-वैज्ञानिक एन पूर्णचंद्र राव के अनुसार, उत्तराखंड के हिमालयी इलाकों की प्लेटों पर तनाव काफी बढ़ा है, जो कभी भी निकल सकता है, जिससे एक बड़ा भूकंप उत्तराखंड में आ सकता है, जिसका असर दिल्ली तक रहेगा.

पिथौरागढ़ जिले की अगर बात की जाए, तो यह क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से सिस्मिक जोन 5 में आता है और यहां छोटे भूकंप आते रहते हैं. बीते दिन ही यहां फिर धरती डोली, जिसकी तीव्रता 4.4 रही. कई वैज्ञानिकों का कहना है कि छोटे भूकंप आने से बड़े भूकंप का खतरा कम रहता है. हिमालयी इलाकों में छोटे भूकंप आने से धरती की प्लेटों का प्रेशर रिलीज होते रहता है, जिससे बड़े भूकंप की आशंका कम रहती है. उत्तराखंड में बड़े भूकंप की आशंका को देखते हुए पिथौरागढ़ का आपदा प्रबंधन विभाग भी अलर्ट हो गया है.

भूकंप से नुकसान कम करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है और इससे निपटने के लिए हर ब्लॉकों में आवश्यक सामग्री पहुंचाई गई है, जिससे समय रहते तुरंत राहत मिल सके. बताते चलें कि उत्तराखंड में पिछले 30 सालों में 1999 में चमोली में अब तक का सबसे बड़ा भूकंप आया है, जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल में 6.8 रही और इस भूकंप में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

Uttarakhand: सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आएंगी भोजन माताएं, रिटायरमेंट पर मिलेगी सम्मान राशि

News Web Media uttarakhand : महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के तहत कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सेवानिवृत्त होने पर महिला कल्याण कोष से 30 हजार की धनराशि दी जाती है। जबकि सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए मिड डे मील बनाने वाली भोजन माताओं के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें कुछ नहीं मिलता।

उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में कार्यरत भोजन माताओं को 60 साल की उम्र में सेवानिवृत्ति पर सम्मान राशि देने की तैयारी है। इसके लिए पांच करोड़ का कॉरपस फंड बनाया जाएगा। जिसके ब्याज से हर साल औसतन सेवानिवृत्त होने वालीं 600 भोजन माताओं को 10 से 25 हजार की सम्मान राशि दी जाएगी। विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। वहीं उन्हें सामाजिक सुरक्षा के दायरे में भी लाने का प्रस्ताव है।

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग के तहत कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के सेवानिवृत्त होने पर महिला कल्याण कोष से 30 हजार की धनराशि दी जाती है। जबकि सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए मिड डे मील बनाने वाली भोजन माताओं के सेवानिवृत्त होने पर उन्हें कुछ नहीं मिलता। सरकार की ओर से अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की तर्ज पर अब भोजन माताओं को भी सम्मान राशि देने की तैयारी है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा गया है।

प्रस्ताव दो तरह का है। पहले प्रस्ताव में कहा गया है कि भोजन माताओं से हर महीने 144 रुपये अंशदान लिया जाए या फिर सरकार की ओर से इसे जमा किया जाए, ऐसा करने से सेवा से हटने पर उन्हें 8654 से लेकर 51923 की धनराशि मिलेगी। जबकि 60 साल में सेवानिवृत्त होने पर उन्हें 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपये तक की धनराशि दी जाएगी।

3000 रुपये मानदेय को बढ़ाकर 5000 करने का भी है प्रस्ताव
प्रदेश में भोजन माताओं को अभी हर महीने तीन हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है। इसमें 900 रुपये केंद्र सरकार की ओर से एवं 2100 रुपये राज्य सरकार की ओर से दिया जाता है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक 3000 रुपये मानदेय को बढ़ाकर 5000 किए जाने का केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है।

पहला प्रस्ताव

यदि मानदेय से 144 रुपये कटौती की जाती है, या सरकार अंशदान देती है तो


कार्य अवधि साल       सेवा से हटने पर     मौत पर
5                                8654               60577
10                               17308             60577
15                               25962             60577
20                               34615             60577
25                                43269             60577
30                                51932             60577


दूसरा प्रस्ताव

60 साल में सेवानिवृत्त होने पर मिलने वाली सम्मान राशि

कार्य अवधि वर्ष में              धनराशि
0-5                                  10000
6-10                                15000
11-20                               20000
21-30                               25000

Corona In Uttarakhand: प्रदेश में शून्य हुई कोरोना मरीजों की संख्या, एक हफ्ते से नहीं आया एक भी एक्टिव केस

Uttarakhand Corona Update:  प्रदेश में 15 मार्च 2020 को कोरोना का पहला मामला सामने आया था। तब से लेकर अब तक प्रदेश में कुल 4 लाख 49 हजार 472 कोविड पॉजिटिव केस दर्ज किए गए।

उत्तराखंड में पिछले एक सप्ताह से कोविड-19 का एक भी सक्रिय मरीज सामने नहीं आया है। जिसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भले ही प्रदेश में कोरोना का एक भी सक्रिय केस न हो, लेकिन मौसम को देखते हुए सभी को सर्तक रहने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क जरूर पहनें। साथ ही जिन लोगों ने टीकाकरण का कोर्स पूरा नहीं किया है, वे समय पर अपना टीकाकरण अवश्य कराएं। 

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर अधिकारियों को विशेष सावधानी और जागरूकता अभियान संचालित करने के निर्देश समय-समय पर दिए गए। जिसका नतीजा है कि प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से एक भी मरीज सामने नहीं आया है। वहीं, अस्पतालों व मेडिकल कॉलेजों में कोरोना की जांच लगातार की जा रही है। 

15 मार्च को सामने आया था पहला मरीज

प्रदेश में 15 मार्च 2020 को कोरोना का पहला मामला सामने आया था। तब से लेकर अब तक प्रदेश में कुल 4 लाख 49 हजार 472 कोविड पॉजिटिव केस दर्ज किए गए। इस वर्ष 1 जनवरी 2023 के अब तक राज्य में केवल 78 मामले सामने आए हैं। विभागीय सक्रियता व आम लोगों की जागरूकता व सावधानी के चलते तीन साल बाद अब प्रदेशभर में पिछले एक सप्ताह से कोरोना का एक भी एक्टिव केस नहीं है। ये प्रदेशवासियों के लिये राहत देने वाली बात है। 

Uttarakhand:देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी में कई ब्यूटी पार्लरों के बड़ा कारोबार, टैक्स चोरी को लेकर की गई कार्रवाई

News web Media Uttarakhand: राज्य कर विभाग को देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी में कई ब्यूटी पार्लरों के बड़ा कारोबार करने की सूचना मिली। लेकिन कारोबार के अनुसार टैक्स जमा नहीं कर किया जा रहा था। इस पर विभाग ने चार प्रतिष्ठित पार्लरों के आठ ठिकानों पर छापा मार कर कार्रवाई की। ब्यूटी पार्लरों के खिलाफ टैक्स चोरी को लेकर यह पहली कार्रवाई हुई है।

राज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने जीएसटी चोरी पर पहली बार ब्यूटी पार्लरों पर छापा मारा है। चार प्रतिष्ठित पार्लरों के देहरादून, ऋषिकेश व मसूरी में आठ ठिकानों और एक कास्मेटिक सप्लायर के खिलाफ कार्रवाई की गई है। प्रारंभिक जांच में लाखों की टैक्स चोरी का अनुमान है।

राज्य कर विभाग के उपायुक्त यशपाल सिंह ने बताया कि विभाग को सूचना मिल रही थी कि देहरादून, ऋषिकेश, मसूरी में कई ब्यूटी पार्लर बड़ा कारोबार कर रहे हैं। लेकिन कारोबार के अनुसार टैक्स जमा नहीं कर रहे हैं। इस पर विभाग ने चार प्रतिष्ठित पार्लरों के आठ ठिकानों पर छापा मार कर कार्रवाई की। ब्यूटी पार्लरों के खिलाफ टैक्स चोरी को लेकर यह पहली कार्रवाई हुई है।

उन्होंने बताया कि ब्यूटी पार्लर सेवाओं पर 18 प्रतिशत जीएसटी निर्धारित है। पार्लरों ग्राहकों से पैसे तो लेते हैं। लेकिन जीएसटी बिल नहीं देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे पार्लर व सैलूनों पर विभाग की ओर से निगरानी रखी जा रही है। ब्लूटी पार्लरों के जब्त दस्तावेजों की जांच की जा रही है। लाखों की टैक्स चोरी का अनुमान है।