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Rishikesh Aiims: अप्रैल से शुरू होगी उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन ,पीएम मोदी कर सकते हैं उद्घाटन

News Web Media uttarakhand : केंद्र सरकार हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के तहत उत्तराखंड से हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट के लिए ऋषिकेश एम्स को चुना गया है।

एम्स ऋषिकेश में अप्रैल के अंतिम सप्ताह तक प्रदेश का पहला हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट शुरू होने जा रहा है। केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने हेली एबुलेंस के संचालन के लिए एक कंपनी से अनुबंध किया है। केंद्र और प्रदेश सरकार साझा रूप से उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रोजेक्ट का उद्घाटन कर सकते हैं।

20 सितंबर 2022 को केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में विधिवत रूप से एम्स में हेली एंबुलेंस के संचालन की घोषणा की थी। हेली इमरजेंसी मेडिकल सर्विस के प्रभारी और हेली एंबुलेंस सेवा के नोडल अधिकारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए कंपनी के साथ एक साल का टेंडर किया है।

केंद्र और उत्तराखंड सरकार 50-50 फीसदी की साझेधारी में हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन करेगी। अनुबंधित कंपनी एक महीने में 45 घायलों और मरीजों को निशुल्क हेली एंबुलेंस उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बताया, हेली एंबुलेंस पूरे उत्तराखंड के साथ उत्तरप्रदेश के 100 किमी के दायरे में सेवा मुहैया कराएगी। संवाद

सिंगल इंजन का होगा हेलीकॉप्टर, एम्स तैयार करेगा एसओपी
अनुबंधित कंपनी एम्स को सिंगल इंजन वाला एक हेलीकॉप्टर मुहैया कराएगी। इसमें चिकित्सा संसाधन भी कंपनी लगाएगी। एम्स प्रशासन हेली एंबुलेंस के संचालन के लिए मेडिकल मानक संचालन प्रकिया (एसओपी) तैयार कर रहा है। हेली एंबुलेंस का पहले ट्रायल रन होगा। एम्स प्रशासन से हरी झंडी मिलने के बाद सेवा शुरू हो जाएगी।

एम्स कर्मचारियों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
हेली एंबुलेंस पायलट प्रोजेक्ट के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को प्राइमरी ट्रामा केयर, ट्रामा टीम ट्रेंनिंग, एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट, एडवांस ट्रामा केयर फॉर नर्सेज आदि का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। वहीं, रक्षा अनुसंधान एवं स्वास्थ्य संगठन (डीआरडीओ) की ओर से हेली एंबुलेंस के प्रशिक्षण के लिए सिम्युलेटर भी उपलब्ध कराया जाएगा। सिमुलेटर साल के अंत तक मिल जाएगा।

Dehradun News:आठ साल बाद फिर अस्तित्व में आएगी स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल, 63 पदों को फिर किया जाएगा सक्रिय

न्यू वेब मीडिया उत्तराखंड देहरादून  : प्रदेश में आठ साल के बाद स्टेट फॉर्मासिस्ट काउंसिल फिर अस्तित्व में आएगी। स्वास्थ्य मंत्री ने इसके लिए विभागीय अधिकारियों को काउंसिल की गठन की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने फार्मासिस्ट नियमावली को भी जल्द ही जारी करने को कहा है। साथ ही विभाग में चारधाम यात्रा और वीआईपी ड्यूटी के अंतर्गत पूल में रखे गए फार्मासिस्टों के 63 पदों को फिर सक्रिय किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मंगलवार को विधानसभा स्थित सभाकक्ष में डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें एसोसिएशन के विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। मंत्री रावत ने बताया कि आठ वर्षों से भंग चल रही स्टेट फार्मासिस्ट काउंसिल का शीघ्र गठन किया जाएगा।

उन्होंने इसके लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए। बताया कि कांउसिल के गठन के बाद प्रदेश में फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन 2015 का कड़ाई से पालन किया जाएगा। शासन स्तर पर लंबित उत्तराखंड फार्मासिस्ट नियमावली को जारी करने के लिए विभागीय अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दिए गए। मंत्री ने कहा कि संगठन की मांग पर चारधाम यात्रा और वीआईपी ड्यूटी के अंतर्गत पूल में रखे गए फार्मासिस्ट एवं चीफ फार्मासिस्ट के 63 पदों को जल्द सक्रिय किया जाएगा।

फार्मासिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने स्वास्थ्य मंत्री के सामने फार्मासिस्ट का नाम बदलकर फार्मेसी अधिकारी करने, चिकित्सा शिक्षा विभाग में फार्मासिस्टों के रिक्त 119 पदों के सापेक्ष स्वास्थ्य विभाग से विकल्प के आधार पर भरने, बड़े चिकित्सालयों में कार्य के आधार पर फार्मासिस्टों के पद बढ़ाने, फार्मासिस्ट संवर्ग की वरिष्ठता सूची जारी करने, उत्तर प्रदेश की तर्ज पर पोस्टमार्टम भत्ता दिए जाने सहित करीब 10 मांगें रखीं। जिस पर विभागीय मंत्री ने सहमति जताते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक को सभी मांगों पर प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए।

बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. विनीता शाह, निदेशक डॉ. भारती राणा, अपर निदेशक डॉ. मीतू शाह, उप सचिव केके शुक्ला, सहायक निदेशक डॉ. जेएस चुफाल, डिप्लोमा फार्मासिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष जीबी नौटियाल, प्रदेश महामंत्री आरएस ऐरी, संरक्षक पीएस पंवार, प्रदेश कोषाध्यक्ष केआर आर्य, मंडलीय सचिव गढ़वाल आरएस रावत, प्रदेश संप्रेक्षक उर्मिला द्विवेदी आदि शामिल रहे।

Dehradun Bar Association Election: अध्यक्ष पद पर अनिल शर्मा का कब्जा, राजवीर बिष्ट ने सचिव पद पर मारी बाजी

News Web media uttarakhand : इस बार चुनाव में 3488 अधिवक्ताओं को मताधिकार का प्रयोग करना था। लेकिन, 2476 अधिवक्ताओं ने ही मतदान किया था। सोमवार को करीब 71 फीसदी मतदान हुआ था।

देहरादून बार एसोसिएशन की कार्यकारिणी के वार्षिक चुनाव में इस बार अध्यक्ष पद पर चार बार के सचिव रह चुके अनिल शर्मा का कब्जा रहा। अनिल शर्मा ने राजीव शर्मा उर्फ बंटू को 286 वोटों से हराकर अध्यक्ष पद पर कब्जा किया। अनिल शर्मा को 1237 वोट मिले, जबकि बंटू को 951 वोट मिले। तीसरे नंबर पर रहे आलोक घिल्ड़ियाल को 284 वोटों से संतोष करना पड़ा। ऑडिटर पद पर ललित भंडारी ने 1091 वोटों से जीत हासिल की, जबकि राजीव रोहिला को 574 वोट मिले।

हुआ था 71 फीसदी मतदान

बार एसोसिएशन के लिए मतदान सोमवार को हुआ था। इस बार चुनाव में करीब 71 फीसदी मतदान हुआ। चुनाव में 3488 अधिवक्ताओं को मताधिकार का प्रयोग करना था। लेकिन, 2476 अधिवक्ताओं ने ही मतदान किया।

इस बार अध्यक्ष, सचिव, उपाध्यक्ष समेत 11 पदों के लिए कुल 41 अधिवक्ताओं ने नामांकन किया था। इनमें से थ्री प्लस महिला और सेवन प्लस पुरुष कार्यकारिणी सदस्य पर एक-एक अधिवक्ता ने ही नामांकन किया था। ऐसे में वे निर्विरोध निर्वाचित हो गए। बाकी 39 प्रत्याशियों की किस्मत के फैसले आज हुआ।

अध्यक्ष पद
अनिल कुमार शर्मा 1237
राजीव शर्मा 951
आलोक घिल्डियाल 284

सचिव
अजय बिष्ट 343
अनिल पंडित 423
आशुतोष गुलाटी 07
दीपक कुमार 167
मंजीत सिंह रौथाण 33
प्रकाश टी पाल 539
राजबीर बिष्ट 617
राकेश कुमार 12
रनदीप सिंह ग्रेवाल 192
रविंदर सिंह चौहान 88
शम्भू प्रसाद ममगाईं 47

उपाध्यक्ष
अल्पना जदली 393
भानु प्रताप सिसोदिया 839
मानवेन्द्र सिंह रावत 296
परितोष बडोनी 270
विजय कुमार नौटियाल 166
विनोद कुमार सागर 488

सह सचिव
अनिल सिंह बिष्ट 1012
कपिल अरोड़ा 1046
कुलदीप कुमार 117
संजय कुमार सिंहमार 271

ऑडिटर
जितेंद्र सिंह भंडारी 460
ललित भंडारी 1091
प्रभाकर कुमार 316
राजीव कुमार रोहिल्ला 574

पुस्तकालय अध्यक्ष
सुभाष परमार 1027
आरएस भारती 1376

10+ कार्यकारणी सदस्य
राहुल अमोली 1140
राम सूरत ठाकुर 758
सुनीता रानी 540

7+ कार्यकारणी सदस्य
दीपक त्यागी निर्विरोध चुने/विजय हुए

5+ कार्यकारणी सदस्य
अनिल कुमार 948
अरुण कुमार 270
आशीष भर्त्तवाल 927
हज़ारा बानो 273

3+ कार्यकारणी सदस्य
अजय कुमार 1546
बलबीर चौहान 887

3+ कार्यकारीणी सदस्य (महिला)
आराधना चतुर्वेदी निर्विरोध चुनी/विजय हुई

Umesh Pal Hatyakand: जहां-जहां साजिश वहां बुलडोजर,माफिया अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन के आवास पर चला बुलडोजर, दोनों रास्ते सील

प्रयागराज के धूमनगंज थाना इलाके के कालिंदीपुरम कसारी मसारी स्थित शाइस्ता परवीन के आवास पर पीडीए का बुलडोजर कार्रवाई कर रहा है।
मौके पर भारी फोर्स मौजूद है। पीडीए के अफसर मौके पर भी हैं।

प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में पूर्व सांसद अतीक अहमद के करीबियों पर एक्शन चल रहा है। प्रयागराज में अतीक के करीबियों पर बुलडोजर चल रहा है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण अवैध संपत्ति पर कार्रवाई कर रहा है।

प्रयागराज के धूमनगंज थाना इलाके के कालिंदीपुरम कसारी मसारी में यह कार्रवाई चल रही। मौके पर भारी फोर्स मौजूद है। पीडीए के अफसर मौके पर हैं।
चकिया कसारी मसारी स्थित शाइस्ता परवीन के आवास पर पीडीए का बुलडोजर कार्रवाई कर रहा है।

इस दौरान कई थानों की फोर्स आरएएफ के जवान और पीडीए के कर्मचारी मौजूद हैं। कार्रवाई के दौरान रास्ते को दोनों तरफ से सील कर दिया गया है। इस दौरान किसी को आने जाने नहीं दिया जा रहा है। घर से पीडीए के कर्मचारियों ने समान बाहर निकाल दिया है।

विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या के मामले में शाइस्ता परवीन, अतीक अहमद, इनके पुत्रों और अतिक के भाई अशरफ समेत दर्जन भर लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

उमेश पाल हत्याकांड में नामजद अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन फरार है। पुलिस उनकी तलाश में दबिश दे रही है। चकिया में वह अपनी जिस बहन के घर रहती हैं, वहां से वह घटना के दूसरे दिन ही निकल गईं थीं। उसके पास से शाइस्ता का कुछ पता नहीं है। इस मामले में अफसरों का कहना है कि नामजद सभी लोगों की तलाश की जा रही है। शाइस्ता भी उनमें से एक हैं।

आपको बता दें कि उमेश पाल की हत्या में नामजद गुड्डू मियां, 22 साल पहले एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में खोराबार थाने से जेल जा चुका है। उसकी गिरफ्तारी बिहार के बेउर जेल के सामने से हुई थी। वहां एक बड़े नेता के हत्या की सुपारी लेने गया था। जेल के बाहर से तत्कालीन एसओजी प्रभारी ओपी तिवारी ने गुड्डू और सुल्तानपुर के उसके एक साथी को गिरफ्तार किया था।

उस समय पूछताछ में सामने आया था कि बेउर जेल में बंद गोरखपुर के बदमाश ने गुड्डू को पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसी बड़े नेता की हत्या की सुपारी दी थी। इसी सिलसिले में उससे मिलने बेउर जेल आया था। बाद एसओजी टीम को यह भी पता चला कि गुड्डू कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला का खास गुर्गा रह चुका है।

पश्चिम में श्रीप्रकाश के साथ गुड्डू ने कई आपराधिक मामलों को अंजाम दिया था। तत्कालीन पूछताछ टीम में शामिल सूत्र के मुताबिक, गुड्डू मियां ने बताया था कि उसके गिरोह के सभी बदमाश अब मारे जा चुके हैं। वह अकेला बचा है।

आपको बता दें कि चर्चित बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की शुक्रवार शाम स्वचालित हथियार से गोली मार कर हत्या कर दी गई। उनकी सुरक्षा में लगे दो गनर भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इनमें से एक की मौत हो गई। जबकि दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गया। घटना शुक्रवार की शाम 5:15 बजे उस वक्त हुई जब उमेश जिला कचहरी से कार से धूमनगंज स्थित अपने घर पहुंचे थे। घटना के बाद हमलावर बाइक से भाग निकले थे। सुरक्षा में तैनात गनर संदीप निषाद की भी उपचार के दौरान मौत हो गई, जबकि दूसरे गनर राघवेंद्र सिंह की हालत नाजुक बनी हुई है।

शहर पश्चिम के विधायक रहे राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को धूमनगंज इलाके में हत्या कर दी गई थी। इस मामले में उनके रिश्तेदार और दोस्त उमेश पाल मुख्य गवाह थे। उमेश ने लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में राजू पाल हत्याकांड की पैरवी की थी। इसी कारण अतीक गिरोह से उनकी खुलेआम दुश्मनी हो गई थी। मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं।

 

Breaking Haldwani –सीएम धामी के आने का विरोध करने पर युवा कांग्रेसियों की पुलिस से तीखी झड़प, कई कार्यकर्ता गिरफ्तार

News web media uttarakhand : हल्द्धानी रामलीला मैदान में होने वाले कार्यक्रम में सीएम धामी शामिल होंगे, लेकिन उनके आगमन से पहले ही यहां विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस की बीच तीखी झड़प हुई

हल्द्वानी में बुधवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी के आने से पहले युवा कांग्रेसियों ने उनके विरोध की तैयारी शुरू कर दी थी। बुद्ध पार्क में सुबह से ही युवा कांग्रेसी जुटने लगे थे। इधर भारी संख्या में पुलिस बल भी बुद्ध पार्क के पास मौजूद रहा।

मौके पर सिटी मजिस्ट्रेट रिचा सिंह और सीओ भूपेंद्र सिंह धोनी भी मौजूद थे। कुछ ही देर बाद पुलिस ने युवा कांग्रेसियों को पार्क के अंदर से पकड़ना शुरू किया और बाद में दो बसों में भरकर उन्हें ले गए। इस दौरान पुलिस और युवा कांग्रेसियों के बीच कई बार धक्का-मुक्की की भी नौबत आ गई।

नकल विरोधी अध्यादेश को लेकर सीएम का आभार जताने के लिए भाजयुमो आभार रैली का आयोजन करने जा रही है। राम लीला मैदान में आयोजित होने वाले इस रैली में सीएम धामी शामिल होंगे।

MP Board Exam 2023: एमपी बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे 18 लाख से ज्यादा छात्र, 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा दो मार्च से होगी

MP Board Exam 2023: एमपी बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षा आज से, 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो मार्च से होगी

Madhya Pradesh Board Exam 2023 Begins: मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (MPBSE) की ओर से बुधवार से मध्य प्रदेश बोर्ड 2023 की कक्षा 10वीं की परीक्षा आयोजित की जा रही हैं। माध्यमिक परीक्षा सुबह नौ बजे से राज्यव्यापी परीक्षा केंद्रों पर शुरू होगी और दोपहर 12 बजे तक चलेगी। मध्य प्रदेश बोर्ड और राज्य सरकार की ओर से बोर्ड परीक्षा के लिए विशेष बंदोबस्त किए गए हैं। कक्षा 10वीं के छात्रों के लिए पहली परीक्षा बुधवार को हिंदी विषय के पेपर की होगी।

MP Board Exam 2023: 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो मार्च से

जहां मध्य प्रदेश बोर्ड 10वीं की परीक्षा एक मार्च से 27 मार्च, 2023 तक आयोजित की जाएंगी वहीं, मध्य प्रदेश बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (MPBSE) की ओर से कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो मार्च से एक अप्रैल, 2023 तक आयोजित की जाएंगी। जुलाई 2023 में परीक्षा में विफल होने वाले छात्रों को एमपी बोर्ड की पूरक परीक्षा में शामिल होना होगा। पूरक परीक्षा भी इस बोर्ड परीक्षा के साथ ही आयोजित की जा रही है।

MP Board Exam 2023: परीक्षा तीन घंटे की होगी

एमपी बोर्ड परीक्षा तीन घंटे की अवधि के लिए सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी। उम्मीदवार एमपीबीएसई की आधिकारिक वेबसाइट- mpbse.nic.in पर एमपी बोर्ड 10वीं, 12वीं टाइम-टेबल 2023 विषय कोड, तिथियों और परीक्षा समय के साथ देख सकते हैं।

MP Board Exam 2023: परीक्षा में इन बातों का भी रखें ख्याल

  1. छात्र प्रवेश पत्र लेकर ही परीक्षा केंद्र पर पहुंचे, बिना इसके उन्हें परीक्षा केंद्र पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
  2. छात्र परीक्षा शुरू होने से पहले केंद्र पर पर आ जाएं, ताकि भीड़ से बचा जा सके।
  3. छात्र परीक्षा के दौरान कोरोना गाइडलाइन का पालन करना न भूलें।
  4. छात्र परीक्षा में कोई भी नकल सामग्री या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस लेकर न जाएं।
  5. छात्र प्रश्न पत्र को अच्छे से पढ़कर समझ लें फिर उत्तर लिखना शुरू करें।

‘आप देश को उबाल पर रखना चाहते हैं? हिंदू धर्म की महानता को कम मत आंकें’: सुप्रीम कोर्ट ने शहरों के नाम बदलने की अश्विनी उपाध्याय की याचिका खारिज की

News Web media uttarakhand : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भाजपा नेता और एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय का एक याचिका पर फटकार लगाई। उन्होंने कई ऐतिहासिक स्‍थलों का नाम बदलने के लिए याचिका दायर किया था। उन्होंने दावा किया ‌था कि उन स्‍थलों का नाम “बर्बर विदेशी आक्रमणकारियों” के नाम पर रखा गया है।

जस्टिस केएम जोसेफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने उपाध्याय से पूछा कि क्या वह ऐसी याचिकाएं दायर करके “देश को उबाल पर रखना चाहते हैं।”

जस्टिस जोसेफ ने कहा,
“आप इसे मुद्दे को जीवित रखना चाहते हैं, देश को उबाल पर रखना चाहते हैं? एक विशेष समुदाय की ओर उंगलिया उठाई गई हैं। आप समाज के एक विशेष वर्ग को नीचा दिखा रहे हैं। भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है, यह एक धर्मनिरपेक्ष मंच है।” ज‌स्टिस नागरत्ना ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “हिंदू धर्म जीने का एक तरीका है, जिसके कारण भारत ने सभी को आत्मसात किया है। यहा कारण है कि हम एक साथ रहने में सक्षम हैं। अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति ने हमारे समाज में विद्वेष डाला है। आइए हम वहां से पीछे न हटें।”

याचिका में उपाध्याय ने प्रस्तुत किया कि वेदों और पुराणों में उल्लिखित कई ऐतिहासिक स्थानों का नाम “विदेशी लूटेरों” के नाम पर रखा गया है। “हमारे पास लोदी, गजनी, गोरी के नाम पर सड़कें हैं… पांडवों के नाम पर एक भी सड़क नहीं है, इंद्रप्रस्थ का निर्माण युधिष्ठिर ने किया था ….फरीदाबाद का नाम उस व्यक्ति के नाम पर रखा गया जिसने शहर को लूटा। भारत के साथ औरंगज़ेब, लोदी, गजनी आदि का क्या संबंध है?” जस्टिस जोसेफ ने पूछा कि धार्मिक पूजा का सड़कों से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि मुगल सम्राट अकबर ने विभिन्न समुदायों के बीच सद्भाव बनाने का लक्ष्य रखा था।

जस्टिस बीवी नागरत्ना ने तब पूछा कि इतिहास से ‘आक्रमण’ को कैसे दूर किया जा सकता है। “यह एक ऐतिहासिक तथ्य है। क्या आप इतिहास से आक्रमणों को दूर कर सकते हैं? हम पर कई बार आक्रमण हो चुका है। क्या पहले हुई चीजों को दूर करने के बजाय हमारे देश में अन्य समस्याएं नहीं हैं? यह महसूस करते हुए कि पीठ इस मामले पर विचार करने की इच्छुक नहीं है, उपाध्याय ने गृह मंत्रालय के समक्ष एक अभ्यावेदन दायर करने की स्वतंत्रता के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी। हालांकि, पीठ ने कहा कि वह इस तरह का रास्ता नहीं अपनाने देगी।

पीठ ने कहा,

“हमें इस तरह की याचिकाओं के जर‌िए समाज को नहीं तोड़ना चाहिए, कृपया देश को ध्यान में रखें, किसी धर्म को नहीं।” जस्टिस नागरत्ना ने याचिकाकर्ता से कहा कि “हिंदू धर्म में कोई कट्टरता नहीं है”। जस्टिस जोसेफ ने कहा कि हिंदू धर्म की एक महान परंपरा है और इसे कमतर नहीं आंकना चाहिए।

उन्होंने कहा, “

हिंदू धर्म तत्वमीमांसा की दृष्टि से सबसे बड़ा धर्म है। उपनिषदों, वेदों, भगवद गीता में हिंदू धर्म ने जो ऊंचाइयां पाई हैं, किसी भी धर्म परंपरा में वह संभव नहीं हैं। हमें उस पर गर्व होना चाहिए। कृपया इसे कम न करें। हमें अपनी महानता को समझना होगा।” उन्होंने कहा, हमारी महानता हमें उदार होने की ओर ले जाती है। मैं एक ईसाई हूं। लेकिन मैं हिंदू धर्म का भी उतना ही प्रशंसक हूं। मैं इसका अध्ययन करने की कोशिश कर रहा हूं। आप हिंदू दर्शन पर डॉ एस राधाकृष्णन के कार्यों को पढ़ें।”

जस्टिस नागरत्ना ने दोहराया, “हिंदू धर्म जीवन का एक तरीका है। हिंदू धर्म में कोई कट्टरता नहीं है।” जस्टिस जोसेफ ने कहा कि केरल में हिंदू राजाओं ने चर्चों के लिए जमीन दान में दी है। यह भारत का इतिहास है। कृपया इसे समझें।” पीठ ने देश की धर्मनिरपेक्ष प्रकृति और भाईचारे पर विभिन्न टिप्पणियों के साथ याचिका को खारिज कर दिया।

UKPSC Exams: अब हर साल होंगी PCS परीक्षाएं, UPSC पैटर्न पर बनेगा सिलेबस, जानें पूरा प्लॉन

News web Media Uttarakhand Dehradun : उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जा रही पीसीएस मुख्य परीक्षा 2021 का आयोजन 23 से 26 फरवरी तक किया गया है. यूकेपीएससी (UKPSC) अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने इस परीक्षा आयोजन को सफल बताया है. उन्होंने बताया कि पीसीएस मुख्य परीक्षा में 4115 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया, जिनका उपस्थिति प्रतिशत 73.01 फीसदी रहा.

हर साल होगा PCS परीक्षा का आयोजनःइसको लेकर आयोग ने ये फैसला लिया है कि अभ्यर्थियों को राज्य सिविल सेवा के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए अब पीसीएस परीक्षा का आयोजन प्रतिवर्ष कराया जाएगा. इसकी शुरुआत इसी साल से होगी. आगामी पीसीएस प्रीलिमिनरी एग्जाम 2023 को जुलाई 2023 में कराया जाएगा.

UPSC पैटर्न पर बनेगा सिलेबसःआगामी पीसीएस परीक्षा 2023 से परीक्षा पाठ्यक्रम को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न के अनुसार बनाया जाएगा. इसके लिए आयोग ने अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है और इसकी संस्तुति उत्तराखंड शासन की ओर से दे दी गई है.
इसके साथ-साथ आयोग समानांतर तौर पर अन्य परीक्षाओं का आयोजन करवा रहा है, जिसके सबसे पहले-
1) 5 मार्च, 2023 को कनिष्ठ सहायक परीक्षा का आयोजन राज्य के लगभग 412 परीक्षा केंद्रों पर किया जाएगा, जिसमें 145239 परीक्षार्थी भाग लेंगे.
2) 9 अप्रैल, 2023 को वन आरक्षी परीक्षा 617 परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की जाएगी, जिसमें 206431 परीक्षार्थी होंगे.
3) 23 अप्रैल, 2023 को सहायक लेखाकार परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
4) उत्तराखंड न्यायिक सेवा (सिविल जज) परीक्षा 2023 के लिए 30 अप्रैल 2023 को प्रारम्भिक परीक्षा का आयोजन होगा. इसको लेकर फरवरी, 2023 में ही रिक्ति विज्ञापन जारी किया जाएगा.

महिला आरक्षण अधिनियम का पालन –

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग अध्यक्ष द्वारा ये भी बताया गया है कि उत्तराखंड की महिलाओं के लिए उत्तराखंड सरकार द्वारा लाए गये क्षैतिज आरक्षण ‘उत्तराखंड लोक सेवा ( महिलाओं के लिए क्षैतिज आरक्षण) अधिनियम, 2022 को समस्त परीक्षाओं में नियमानुसार लागू किया जा रहा है.

BREAKING -दिल्ली हाईकोर्ट में अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज

News Web media Uttarakhand । दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केंद्र की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसे राष्ट्रीय हित में और यह सुनिश्चित करने के लिए पेश किया गया है कि सशस्त्र बल अच्छी तरह से सुसज्जित हों। योजना, इसकी भर्ती प्रक्रिया और उम्मीदवारों की नियुक्ति को चुनौती देती हुई याचिकाएं दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा, अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज की जाती हैं।पीठ ने भारतीय सशस्त्र बलों में प्रवेश योजना की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखते हुए 23 याचिकाओं को खारिज कर दिया।अदालत ने कहा कि उसे इस योजना में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नजर नहीं आता।बेंच ने 15 दिसंबर 2022 को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।(आईएएनएस)

NEET PG 2023: 5 मार्च को ही होगी नीट पीजी की परीक्षा, SC ने खारिज की याचिका

News web media uttarakhand : नीट पीजी 2023 (NEET PG Exam 2023) के कैंडिडेट्स की परीक्षा 5 मार्च 2023 को ही होगी. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने परीक्षा को टालने की मांग करने वाली याचिका खारिज (petition dismissed) करते हुए कहा कि लाखों छात्र परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. कुछ छात्रों की मांग पर इसे स्थगित करना सही नहीं होगा. वहीं, परीक्षा को स्थगित करने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं का कहना था कि परीक्षा की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं है. इंटर्नशिप चल रही है जिसमें वे दिन के 12 घंटे काम करते हैं. ऐसे में तैयारी करने का मौका नहीं मिल रहा है.