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Badrinath Highway: डंपिंग जोन भरे…सड़क किनारे लगे मलबे के ढेर, यात्रा शुरू होने से पहले देखें क्या है हाल

Uttarakhand : बदरीनाथ हाईवे पर ऑल वेदर रोड परियोजना कार्य से निकले मलबे के निस्तारण के लिए एनएचआईडीसीएल को जगह नहीं मिल पा रही है। स्थिति यह है कि डंपिंग जोन भर गए जिस कारण हाईवे किनारे जगह-जगह मलबे के ढेर लगे हुए हैं। अब यात्रा शुरू होने में एक माह से भी कम का समय रह गया है। अगर इस मलबे का निस्तारण नहीं किया गया तो यात्रा के दौरान वाहनों का दबाव बढ़ने से यहां आवाजाही में दिक्कतें झेलनी पड़ेंगी।

ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत बदरीनाथ हाईवे पर वर्ष 2018 से चौड़ीकरण कार्य किया जा रहा है। इन दिनों नंदप्रयाग से कंचनगंगा (120 किमी) तक हाईवे का विस्तार किया जा रहा है। जगह-जगह हो रहे हिल कटिंग कार्य से टनों मलबा निकल रहा है लेकिन इस मलबे के निस्तारण के लिए बदरीनाथ हाईवे पर जगह नहीं मिल पा रही है।

क्षेत्रपाल, छिनका, पाखी, बिरही ,हेलंग,,नंदप्रयाग, चमोली, पीपलकोटी, पुरसाड़ी, मैठाणा, बाजपुर, मायापुर, गडोरा में डंपिंग जोन भर गए हैं, जिससे मलबा का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। बिरही चट्टान, क्षेत्रपाल, मायापुर, छिनका में भी हाईवे किनारे टनों मलबा पसरा है। एनएचआईडीसीएल ने जिला प्रशासन को डंपिंग जोन के लिए जगह चिन्हित करने का आग्रह किया है ताकि समय पर मलबे का निस्तारण किया जा सके।

बदरीनाथ हाईवे पर मलबे के ढेर वाहनों की आवाजाही में परेशानी खड़ी कर रहे हैं। कई जगहों पर मलबे से हाईवे संकरा हो गया है। इसके शीघ्र निस्तारण की व्यवस्था होनी चाहिए।
– मनमोहन चतुरा, पूर्व अध्यक्ष, एनएसयूआई, चमोली।

 

NDRI में जन्मी दुनिया की गिर नस्ल की गाय की पहली क्लोन ‘गंगा’, बढ़ेगा दुग्ध उत्पादन

एएनआई : पशु क्लोनिंग के क्षेत्र में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) ने देश की पहली गाय की क्लोन एवं दुनिया की पहली गिर नस्ल की गाय की क्लोन पैदा की है। जिसका नाम सोमवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने गंगा रखा है। इसे जलवायु परिवर्तन के बीच दुग्ध उत्पादन के लिए क्रांति माना जा रहा है।

कैसे होती है गिर गाय की क्लोनिंग
इस प्रोजेक्ट में शामिल वैज्ञानिकों की टीम ने कहा कि गिर का क्लोन बनाने के लिए ओसाइट्स (अंडक) को  अल्ट्रासाउंड वाली सूइयों का उपयोग करके जीवित जानवरों से अलग किया जाता है और फिर नियंत्रण स्थितियों में 24 घंटे के लिए परिपक्व किया जाता है. इसके बाद बढ़िया किस्म की गायों के शरीर की कोशिकाओं का उपयोग दाता जीनोम के रूप में किया जाता है, जो ओपीयू-व्युत्पन्न एनुक्लाइड ओसाइट्स के साथ जुड़े होते हैं. रासायनिक सक्रियता और इन-विट्रो कल्चर के बाद विकसित ब्लास्टोसिस्ट को गिर बछड़े को जन्म देने के लिए प्राप्तकर्ता माताओं में स्थानांतरित किया जाता है.

‘काफी चुनौतीपूर्ण था क्लोनिंग का काम’
(DARE) के सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के महानिदेशक हिमांशु पाठक और एनडीआईआर के निदेशक और कुलपति धीर सिंह ने इस उपलब्धि के लिए वैज्ञानिकों की टीम को बधाई दी. पाठक ने जानकारी साझा करने हुए कि NDRI  ने कहा कि  उत्तराखंड पशुधन विकास बोर्ड (ULDP) देहरादून के सहयोग से डॉ. एमएस चौहान, पूर्व निदेशक, एनडीआरआई के नेतृत्व में  गिर, साहीवाल और रेड शिंडी जैसी देशी गायों की क्लोनिंग का काम शुरू किया और सफलता प्राप्त की. उन्होंने कहा कि कुछ व्यावहारिक और परिचालन कठिनाइयों के कारण गायों की क्लोनिंग का यह प्रयोग काफी चुनौतीपूर्ण था.

‘क्लोन से अच्छी गिर नस्लों की गायों की कमी होगी पूरी’
उन्होंने कहा कि इस तकनीक में भारतीय डेयरी किसानों के लिए अधिक दूध का उत्पादन करने वाली देशी नस्ल की गायों की आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता है. NDRI के डायरेक्टर धीर सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक की टीम  दो सालों से अधिक समय से क्लोन पशुओं का उत्पादन करने का देशी तरीके इजाद करने पर काम कर रही थी.

दुनिया भर में मशहूर हैं गिर नस्ल की गायें
उन्होंने कहा कि गुजरात की  देशी नस्ल गिर अपने विनम्र स्वभाव और दूध की गुणवत्ता को लेकर डेयरी किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही है. उन्होंने कहा कि भारत के बाहर गिर मवेशी बहुत लोकप्रिय हैं  और ज़ेबू गायों के विकास के लिए ब्राजील, संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको और वेनेजुएला को निर्यात किए गए हैं. गौरतलब है कि संस्थान ने 2009 में दुनिया की पहली क्लोन भैंस का उत्पादन किया था.

 

मुख्यमंत्री धामी ने किया दिल्ली देहरादून एक्सप्रेस वे के कार्यों का निरीक्षण, मार्च 2024 तक पूरा होगा काम, 2.5 घंटे में पहुंचेंगे दिल्ली

News web media Uttarakhand : मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र दो से ढ़ाई घण्टे में पूर्ण होगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से उत्तराखण्ड को बहुत फायदा होगा। दिल्ली और उसके आस-पास के लोगों को उत्तराखण्ड आने में काफी सुगमता होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जिस तेज गति से सड़क कनेक्टिविटी बढ़ रही है। इससे आने वाले समय में राज्य में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आयेगी।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर निर्माण कार्य मे लगे श्रमिकों से बातचीत की और उनका हालचाल जाना। मुख्यमंत्री ने एनएचआई के अधिकारियों से कहा कि इन श्रमिकों के स्वास्थ्य, रहने एवं खाने की व्यवस्थाओं का पूरा ध्यान रखा जाए। एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि मार्च 2024 तक एक्सप्रेसवे के कार्यों को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रयास किये जा रहे हैं, कि उससे पूर्व ही ये कार्य पूर्ण किये जाएं।

दिल्ली रह जाएगी 210 किमी दूर

अभी दिल्ली से देहरादून जाने में करीब पांच से छह घंटे का समय लगता है। गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, रुड़की होते हुए देहरादून जाने के लिए करीब 250 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है। लेकिन, एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यह दूरी 40 किमी घटकर महज 210 किमी रह जाएगी। इससे दो से ढाई घंटे में देहरादून पहुंचा जा सकेगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, अगले साल से देहरादून से दिल्ली की दूरी दो से ढाई घंटे में पूरी होगी। इससे दिल्ली और उसके आसपास के लोगों को उत्तराखंड आने में सुगमता होगी। राज्य में जिस तेज गति से सड़क कनेक्टिविटी बढ़ रही, इससे आने वाले समय में राज्य में आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी।

Uttarakhand: अब 42 की उम्र वाले बन सकेंगे क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी और व्यायाम प्रशिक्षक, बनी नई नियमावली

News web Media uttarakhand : उत्तराखंड में अब 42 की उम्र वाले भी युवा कल्याण विभाग में क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी और व्यायाम प्रशिक्षक बन सकेंगे। राज्य गठन के 22 साल बाद युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधीनस्थ सेवा की नई भर्ती सेवा नियमावली बन गई है। इसमें भर्ती के लिए अधिकतम आयु सीमा को 30 से बढ़ाकर 42 साल किया गया है।

नियमावली के अनुसार व्यायाम प्रशिक्षक और क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी के शत प्रतिशत पदों को आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती से भरा जाएगा। युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधीनस्थ सेवा नियमावली में क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी के लिए शैक्षिक अर्हता किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि या सरकार की ओर से उसके समकक्ष मान्यता प्राप्त कोई अन्य अर्हता रखी गई है, जबकि व्यायाम प्रशिक्षक के पद पर सीधी भर्ती के लिए विशारद की डिग्री को नई नियमावली में खत्म कर दिया गया है।

इसके स्थान पर किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक को अनिवार्य किया गया है। इस पद के लिए एनआईएस पटियाला या उससे संबद्ध अन्य संस्थान से प्रशिक्षण में डिप्लोमा या लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान ग्वालियर से खेल कोचिंग में स्नातकोत्तर डिप्लोमा धारक भी आवेदन कर सकेंगे।

बीपीएड, डीपीएड, बीपीई डिग्री धारक भी इसके लिए अर्ह होंगे। नियमावली में व्यायाम प्रशिक्षक, क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी के लिए शारीरिक दक्षता के मानक को भी स्पष्ट किया गया है। विभाग की ओर इसके लिए महिला और पुरुष अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग न्यूनतम और अधिकतम अंक तय किए गए हैं।

क्षेत्रीय युवा कल्याण अधिकारी के पद पर सीधी भर्ती में ऐसे अभ्यर्थियों को वरियता दी जाएगी, जिसने दो साल तक प्रादेशिक सेना में सेवा की हो, राष्ट्रीय कैडेट कोर का बी या सी प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, जिसे किसी पद के संबंध में युवा कार्य का अनुभव हो या जिसने खेलकूद में दक्षता प्राप्त की हो। विकासखंड कमांडर, हल्का सरदार या दलपति के रूप में कम से कम तीन साल की सेवा की हो।

वाहन मालिक ध्यान दें! रखना होगा इन 6 बातों का ध्यान, वरना सस्पेंड नहीं सीधे कैंसिल होगा डीएल

Uttarakhand Driving License Rules: चालान या जुर्माने के डर के बावजूद यातायात व परिवहन नियम तोड़ने से बाज नहीं आ रहे चालकों के विरुद्ध परिवहन विभाग ने सख्त कार्रवाई की तैयारी कर ली है।

आरटीओ (प्रशासन) सुनील शर्मा ने बताया कि अब सर्वोच्च न्यायालय की ओर से निर्धारित सड़क सुरक्षा से संबंधित छह अपराध में सीधे ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

अब तक लाइसेंस निलंबित करता था विभाग
अभी तक इन अपराध में परिवहन विभाग तीन माह के लिए लाइसेंस निलंबित करता था, लेकिन अब लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई होगी। इसके बाद एक वर्ष तक संबंधित चालक नया लाइसेंस बनाने के लिए आवेदन भी नहीं कर सकेगा।

परिवहन विभाग ने चालक का डीएल यानी ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने की जो तैयारी की है, उसमें शराबी व बेलगाम गति से वाहन चलाने वालों की खैर नहीं होगी।

मोटर वाहन अधिनियम में केंद्र सरकार ने जो संशोधन किए हैं, उनमें दुर्घटना में चालक की गलती पाए जाने पर लाइसेंस निरस्त करने का प्रविधान है। आरटीओ शर्मा ने बताया कि यही नियम उन चालकों पर भी लागू होता है, जिनकी वजह से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।

आरटीओ ने बताया कि शराब पीकर वाहन चलाने और बेलगाम गति व खतरनाक ढंग से वाहन चलाने वालों को लाइसेंस के विरुद्ध निरस्तीकरण की कार्रवाई में सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया जाएगा। आरटीओ ने बताया कि दुपहिया पर हेलमेट न पहनने और ट्रिपल राइडिंग करने पर लाइसेंस तीन माह के लिए निलंबित करने का नियम यथावत रहेगा।

इन अपराध में डीएल होगा निरस्त
-शराब पीकर वाहन चलाना
-मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाना
-बेलगाम गति से वाहन चलाना
-चौराहे-तिराहे पर रेड लाइट जंप करना
-भार वाहन में ओवरलोडिंग करना
-भार वाहन में यात्रियों का परिवहन करना

स्टंटबाजी पर लगेगी लगाम
शहर में सबसे बड़ी समस्या स्टंटबाज बाइकर्स गैंग को लेकर है। शहर के सभी मुख्य इलाकों में इस गैंग का खतरनाक खेल देखने को मिलता है। महिलाओं व युवतियों का इनकी वजह से सड़कों पर चलना मुश्किल हो जाता है। न सिर्फ छेड़खानी बल्कि पर्स, मोबाइल व चेन लूट में भी बाइकर्स गैंग शामिल रहता है।

इन इलाकों में रफ्तार का खेल
मसूरी रोड, राजपुर रोड, सहस्रधारा रोड, सहस्रधारा बाइपास, जीएमएस रोड, कैंट रोड, रेसकोर्स, जोगीवाला रिंग रोड, चकराता रोड, बलबीर रोड, वसंत विहार, क्लेमेनटाउन, सहारनपुर रोड, हरिद्वार बाईपास।

शहर के 18 खतरनाक जोन
घंटाघर, दर्शनलाल चौक, प्रिंस चौक, सहारनपुर चौक, तहसील चौक, जीएमएस रोड, बल्लूपुर चौक, बल्लीवाला चौक, मसूरी डायवर्जन, जाखन तिराहा, आरटीओ तिराहा, आइएसबीटी तिराहा, रिस्पना पुल तिराहा, आराघर जंक्शन, रेसकोर्स चौराहा, केडीएमआइपी चौक, किशननगर तिराहा और सर्वे चौक।

लक्ष्य सेन, चन्दन सिंह को देवभूमि उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार, सीएम धामी ने खिलाड़ियों को किया सम्मानित

News web media uttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्ष 2021 एवं 2022 के राष्ट्रीय स्तर के 168 पदक विजेता खिलाड़ियों एवं 42 प्रशिक्षकों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया। खिलाड़ियों एवं प्रशिक्षकों को कुल 2.08 करोड़ रूपये की धनराशि वितरित की गई। वर्ष 2019-20 के लिए बैडमिन्टन खिलाड़ी लक्ष्य सेन, वर्ष 2020-21 के लिए एथलेटिक्स खिलाड़ी चन्दन सिंह को देवभूमि उत्तराखण्ड खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया।
देवभूमि उत्तराखण्ड द्रोणाचार्य पुरस्कार वर्ष 2019-20 के लिए बैडमिन्टन प्रशिक्षक धीरेन्द्र कुमार सेन, वर्ष 2020-21 के लिए ताईक्वांडो प्रशिक्षक, कमलेश कुमार तिवारी, एवं वर्ष 2021- 22 के लिए तीरंदाजी प्रशिक्षक संदीप कुमार डुकलान को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। साथ ही खेल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिए जाने पर लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार वर्ष 2021-22 से एथलेटिक्स खिलाड़ी सुरेश चन्द्र पाण्डे को सम्मानित किया।

नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास

स दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के युवा खिलाड़ी राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर एवं पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। जब कोई खिलाड़ी अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहा होता है, तो पूरे देश की भावनाएं उससे जुड़ी होती हैं। राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना प्रारंभ की गई है। प्रत्येक जिले के 150 बालक और 150 बालिकाओं ,प्रदेश के कुल 3900 उभरते खिलाड़ियों को खेल छात्रवृत्ति दी जा रही है। सरकारी नौकरियों में खेल कोटे को भी पुनः प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास किये गये हैं।

2024 में 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखण्ड करेगा

खेल मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने एक साल में खेल के क्षेत्र में अनेक निर्णय लिये हैं। राज्य में नई खेल नीति बनाई गई, जिसमें खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा दी जा रही है। पारंपरिक खेलों को भी खेल नीति में जोड़ा है। राज्य के 8 से 14 साल के 3900 बच्चों को प्रतिमाह 1500 रूपये की धनराशि मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी उन्नयन योजना के तहत दी जा रही है। 2024 में 38वें राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी उत्तराखण्ड करेगा।

देहरादून रायपुर विधानसभा क्षेत्र के बड़े हिस्से में नए निर्माण कार्यों पर रोक, आदेश जारी

न्यूज मीडिया उत्तराखंड देहरादून:- रायपुर विधानसभा क्षेत्र के बड़े हिस्से में नए निर्माण कार्यों पर सरकार ने रोक लगा दी है। उत्तर में रायपुर से थानो रोड तक, दक्षिण में मुख्य हरिद्वार रोड तक और पूरब में दूनघाटी महायोजना के भोपालपानी, बड़ासी ग्रांट एवं काली माटी गांव की सीमा तक के क्षेत्र को शामिल कर फ्रीज जोन घोषित किया गया है। देहरादून में नया विधानसभा भवन, सरकारी दफ्तर समेत नई टाउनशिप बनाने के लिए रायपुर विधानसभा क्षेत्र के एक बड़े हिस्से में नए निर्माण कार्यों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। भराड़ीसैंण गैरसैंण में मंत्रिमंडल के फैसले के बाद शासन की ओर से इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। अपर मुख्य सचिव आनंद बर्धन की ओर से जारी आदेश के मुताबिक रायपुर और उसके पास के क्षेत्र में विधानसभा परिसर एवं अन्य सरकारी कार्यालय भवनों का निर्माण होना है। जिसे देखते हुए उत्तर में रायपुर से थानो रोड तक, दक्षिण में मुख्य हरिद्वार रोड तक और पूरब में दूनघाटी महायोजना के भोपाल पानी, बड़ासी ग्रांट एवं काली माटी गांव की सीमा तक के क्षेत्र को शामिल कर फ्रीज जोन घोषित किया गया है। इस क्षेत्र में सभी तरह के निर्माण और विकास गतिविधियों पर महायोजना निर्माण तक रोक रहेगी।

इस योजना पर काम कर रही सरकार :- रायपुर विधानसभा क्षेत्र का अलग मास्टर प्लान बनाया जाएगा। जब तक मास्टर प्लान अस्तित्व में नहीं आता। तब तक इस सीमा क्षेत्र में किसी भी तरह का निर्माण नहीं किया जा सकेगा। मंत्रिमंडल ने इसके लिए अगले आदेश तक इस सीमा क्षेत्र में नक्शा पास करने पर रोक लगाने का प्रस्ताव पास किया था। सरकार, विधानसभा सचिवालय सहित तमाम दफ्तरों को रायपुर में बनाने की योजना पर काम कर रही है।

शहर में यातायात का दबाव होगा कम : सरकार शहरों में यातायात का दबाव कम करने के लिए उन सभी दफ्तरों को बाहरी क्षेत्र में बनाने जा रही है, जिनकी वजह से अक्सर जाम के हालात पैदा होते हैं। इसकी शुरूआत राजधानी से होने जा रही है। सचिवालय व अन्य दफ्तरों को सरकार रायपुर क्षेत्र में बनाएगी। विधानसभा को भी रायपुर में बनाने का प्रस्ताव पहले से प्रक्रिया में था।

Uttarakhand News : नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट होगा हाईकोर्ट, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने दी मंजूरी

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड उच्च न्यायालय नैनीताल से हल्द्वानी स्थानांतरित होने जा रहा है। बता दे कि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्रालय ने उच्च न्यायालय को स्थानांतरित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। हालांकि केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसकी जानकारी दी है। बता दे कि अपने पत्र में केंद्रीय मंत्री ने लिखा है कि राज्य सरकार द्वारा हल्द्वानी में उच्च न्यायलय के लिए आवश्यक अवस्थापना उपलब्ध कराने पर केंद्र सरकार उत्तराखंड उच्च न्यायालय को नैनीताल से हल्द्वानी शिफ्ट करने की अधिसूचना की प्रक्रिया प्रारंभ कर देगी।
हालांकि केंद्रीय मंत्री ने इस संबंध में राज्यपाल ले.ज. गुरमीत सिंह (सेनि.) और मुख्य न्यायायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघवी को भी पत्र लिखकर इसकी जानकारी दे दी है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ने अपने पत्र में राज्य सरकार के प्रस्ताव का जिक्र किया है। सीएम को संबोधित पत्र में उन्होंने लिखा है कि राज्य सरकार उच्च न्यायालय को संचालित करने के लिए बुनियादी ढांचा प्रदान करने और पूरा खर्च वहन करने के लिए उत्तरदायी है।
राज्यपाल के परामर्श से उच्च न्यायालय को नैनीताल स्थानांतरित करने के मामले की जांच की गई है। दोनों सांविधानिक प्राधिकारियों ने इस पर अपनी सहमति दी है।

न्यायाधीशों और कर्मचारियों के आवास बुनियादी ढांचा जुटाना होगा

केंद्रीय मंत्री के मुताबिक, उच्च न्यायालय के लिए बुनियादी ढांचे की उपलब्धता की पुष्टि के बाद राष्ट्रपति के अनुमोदन से अधिसूचना जारी हो जाएगी और मुख्य सीट अपने स्थान से काम करना शुरू कर देगी। हल्द्वानी में चिन्हित स्थल पर न्यायाधीशों और कर्मचारियों के लिए आवास सहित सभी आवश्यक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के बाद उच्च न्यायालय की मुख्य सीट को स्थानांतरित करने की प्रक्रिया आरंभ होगी।

चारधाम यात्रा: एक अप्रैल से बनेंगे वाहनों के ग्रीन कार्ड, इसके बिना नहीं मिलेगी एंट्री

News web media uttarakhand : चारधाम यात्रा पर जाने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए परिवहन विभाग ने ग्रीन कार्ड अनिवार्य किया हुआ है। बिना ग्रीन कार्ड के यात्रा संभव नहीं होगी। एक अप्रैल से परिवहन विभाग के कार्यालय में ग्रीन कार्ड बनने शुरू हो जाएंगे। इसके लिए इन वाहनों को आरटीओ कार्यालय में लंबे फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। यह टेस्ट पास करने के बाद ही व्यावसायिक वाहनों को ग्रीन कार्ड मिलेगा। वहीं, निजी वाहनों के लिए ग्रीन कार्ड-ट्रिप कार्ड की कोई बाध्यता नहीं है।

आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी ने बताया कि चारधाम यात्रा की पूरी अवधि के लिए यह ग्रीन कार्ड मान्य होता है। ग्रीन कार्ड बनवाने के लिए वाहन को आरटीओ कार्यालय में ले जाना पड़ता है। यहां पर वाहनों के समस्त कागज, आरसी, फिटनेस प्रमाण पत्र, बीमा प्रमाण पत्र, प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र, परमिट, वाहन कर जमा करने का प्रमाण पत्र, चालक का लाइसेंस चेक किया जाता है। इसके बाद यह परीक्षण किया जाता है कि संबंधित वाहन चारधाम यात्रा के लिए उपयुक्त है या नहीं।

सभी परीक्षणों पर खरा उतरने के बाद व्यावसायिक वाहन स्वामी को greencard.uk.gov.in वेबसाइट पर जाकर आवेदन करने के बाद ग्रीन कार्ड प्रदान कर दिया जाता है। इस कार्ड के बाद प्रत्येक ट्रिप के लिए वाहन स्वामी को ट्रिप कार्ड लेना होता है। इस ट्रिप कार्ड को भी परिवहन विभाग की वेबसाइट greencard.uk.gov.in पर दिए गए लिंक से ऑनलाइन प्राप्त किया जा सकता है।

परिवहन विभाग की गाइड लाइन

  • यात्रा के प्रत्येक फेरे के लिए ट्रिप कार्ड अवश्य प्राप्त करें।
  • वाहन में मानक के अनुसार लाल, सफेद व पीले रिफ्लेक्टर टेप अवश्य लगे हों।
  • पर्वतीय मार्गों पर सहायता के लिए वाहन में टॉर्च, रस्सी, पंचर किट, हवा भरने का पम्प, स्नो चैन भी रख लें।
  • वाहन में कूड़ादान रखना अनिवार्य है।
  • वोमेटिंग बैग भी आवश्यकतानुसार रख लें।

 

 

Uttarakhand: घर बैठे सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट लगाकर एक लाख रुपये महीना तक कमाएं, पढ़ें पूरी जानकारी और उठाए फायदा

देहरादून: अब आप घर बैठे सौर ऊर्जा परियोजना से एक लाख रुपये तक हर महीने कमा सकेंगे। बता दे कि उत्तराखंड सरकार ने मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए संशोधित अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट पर सरकार 15 दिन के भीतर फैसला ले लेगी।
हालांकि इस योजना के तहत पहले 25 किलोवाट तक के प्रोजेक्ट लगा सकते थे, परन्तु अब सीमा बढ़ाकर 200 किलोवाट कर दी गई है। एमएसएमई योजना के तहत इसमें 30 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। उद्योग विभाग के माध्यम से जिला सहकारी बैंकों से लोन मिलेगा।

खास बात….

  • इस योजना के तहत 20, 25, 50, 100, 200 किलोवाट के सोलर प्लांट लगा सकेंगे।
  • लाभार्थी को एमएसएमई पॉलिसी के तहत सभी लाभ दिए जाएंगे।
  • पात्र व्यक्ति अपनी निजी भूमि या लीज पर जमीन लेकर सोलर प्लांट लगा सकेंगे।
  • योजना के तहत इनवेस्ट उत्तराखंड पोर्टल पर सिंगल विंडो के माध्यम से आवेदन किए जाएंगे।
  • योजना का क्रियान्वयन उरेडा करेगा। यूपीसीएल, उद्योग और सहकारी बैंक सहयोगी संस्था के तौर पर काम करेंगे।

प्रोजेक्ट लगाने के लिए यह पात्रता जरूरी

इस योजना के तहत केवल राज्य के स्थायी निवासी ही आवेदन कर सकते हैं। उनकी आयु 18 साल से अधिक होनी चाहिए। शैक्षिक योग्यता की बाध्यता नहीं है। एक परिवार से एक ही आवेदक को एक सोलर प्लांट आवंटित किया जा सकेगा। इसके लिए आवेदक को शपथ पत्र भी देना होगा।

चार हजार वर्ग मीटर जमीन पर 200 किलोवाट

योजना के तहत 50 किलोवाट के सोलर प्लांट के लिए 750-1000 वर्ग मीटर, 100 किलोवाट के लिए 1500-2000, 200 किलोवाट के लिए 3000-4000 वर्गमीटर जमीन जरूरी होगी। योजना पर 50 हजार प्रति किलोवाट का खर्च अनुमानित होगा। 50 किलावोट से 76000 यूनिट, 100 किलोवाट से 152000 और 200 किलोवाट से 304000 यूनिट बिजली सालाना पैदा होगी। योजना के तहत यूपीसीएल 25 साल के लिए बिजली खरीदेगा, जो भी बिजली यूपीसीएल के पास आएगी, उसका पैसा सीधे लाभार्थी के खाते में जाएगा।