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केदारनाथ धाम में स्थापित होगी 60 क्विंटल वजनी भव्य कांस्य ‘ओम’ की प्रतिमा

News web media uttarakhand : बाबा केदारनाथ धाम के गोल प्लाजा में 60 क्विंटल वजनी कांस्य ‘ओम’ की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। इस आंकड़े को स्थापित करने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सफल परीक्षण किया है। अधिकारियों के मुताबिक जरूरी काम पूरा होते ही इसे स्थायी रूप से स्थापित कर दिया जाएगा। गुजरात के बड़ौदा में 60 क्विंटल वजनी ओम की कांस्य प्रतिमा बनाई गई है। चारों पक्षों को तांबे से वेल्ड किया जाएगा।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और पीडब्ल्यूडी ने हाइड्रा मशीन की मदद से गोल प्लाजा में ओम आकृति को स्थापित करने का ट्रायल किया, जो पूरी तरह सफल रहा। ईई विनय झिकवां ने कहा, “साथ ही बीच के हिस्से के साथ-साथ किनारों को भी सुरक्षित किया जाएगा, ताकि यह बर्फबारी से क्षतिग्रस्त न हो। एक सप्ताह में ओम की प्रतिमा स्थायी रूप से स्थापित कर दी जाएगी।”

जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित ने कहा कि ओम की आकृति स्थापित होने से केदारनाथ गोल प्लाजा की भव्यता और भी बढ़ जाएगी।  मयूर दीक्षित ने कहा, “ओम आकृति स्थापित करने के लिए डीडीएमए द्वारा आवश्यक कार्रवाई पूरी की जा रही है।

 

 

उत्तराखंड: सभी निकायो में 24 मई को चलेगा विशेष सफाई अभियान

News Web media Uttarakhand : प्रदेश के सभी नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायतों में 24 मई को विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा।अभियान के तहत निकाय के प्रत्येक वार्ड में जनप्रतिनिधि एवं नागरिकों के सहयोग से स्वच्छता अभियान संचालित होगा, जिसमें वार्ड के सभी आवासीय एवं व्यवासायिक क्षेत्रों में सफाई की जाएगी। नागरिकों को गीला व सूखा कूड़ा अलग करने के प्रति जागरूक किया जाएगा।शहरी विकास निदेशालय ने इसके निर्देश जारी करते हुए अभियान की तस्वीरें भी निदेशालय को उपलब्ध कराने को कहा है।शहरी विकास निदेशक नवनीत पांडेय ने बताया कि आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय देशभर में स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है।

अभियान के तहत निकाय के सभी बाजारों, मंडी, हाट, सरकारी, अर्द्ध सरकारी कार्यालयों की भी सफाई होगी। वहीं, स्टेट हाईवे, अन्य सड़कों के किनारे पड़ा कूड़ा भी साफ करना होगा। भीड़ वाले सार्वजनिक स्थलों, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, टैक्सी स्टैंड, पार्क, मॉल भी इसमें शामिल होंगे। सभी निकायों के अधिशासी अधिकारियों, नगर आयुक्तों को सफाई अभियान की रिपोर्ट तस्वीरों के साथ निदेशालय को अनिवार्य रूप से भेजनी होगी।

खुल गए रुद्रनाथ मंदिर के कपाट, आगामी छह माह तक कर पाएंगे श्रद्धालु भगवान शिव के मुख के दर्शन

News web media Uttarakhand : चतुर्थ केदार रुद्रनाथ मंदिर के कपाट धार्मिक परंपरानुसार पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए हैं। इसी के साथ अब छह माह तक भगवान ​शिव के मुख के दर्शन श्रद्धालु कर सकेंगे। रूद्रनाथ मंदिर को फूलों से सजाया गया है।  शनिवार की सुबह पुजारी जनार्दन प्रसाद तिवारी की अगुवाई में श्रद्धालु नारद कुंड में स्नान कर भगवान रुद्रनाथ के जला​भिषेक के लिए जल लाए। सुबह 6.10 मिनट पर पुजारी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ रुद्रनाथ मंदिर के कपाट खोले। कपाट खुलने के साथ भोलेनाथ के अ​भिषेक के बाद बुग्याली फूलों से श्रृंगार हुआ। फिर आम श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पूजा अर्चना की।

मान्यता है कि शिव के मुख के दर्शन भारत में एकमात्र चतुर्थ केदार रुद्रनाथ धाम में होते हैं। शास्त्र मान्यता है कि रुद्रनाथ में स्वर्गारोहणी यात्रा पर जा रहे पांडवों को शिव ने मुख के दर्शन दिए थे। रुद्रनाथ की यात्रा दुर्गम मानी जाती है। गोपेश्वर के मंडल-चोपता हाईवे पर तीन किमी की दूरी तय कर सगर गांव से रुद्रनाथ की 19 किमी पैदल यात्रा शुरू होती है। इस यात्रा में पनार सहित अन्य मखमली बुग्याल, बर्फ से आच्छादित पर्वत श्रृंखला देखते बनती है।

केदारनाथ वन्य जीवप्रभाग क्षेत्र में होने के चलते यहां पर दुर्लभ कस्तूरा मृत, स्नो लेपर्ड, भालू आदि वन्य जीव अपने प्राकृतिक आवास में विचरण करते हुए दिख सकते हैं। इस धार्मिक यात्रा में सगर गांव से घोडे़-खच्चर भी उपलब्ध हैं। इन दिनों इस यात्रा मार्ग पर पितृधार से आगे बर्फ भी जमी हुई है। हालांकि रुद्रनाथ धाम में मंदिर के आसपास बर्फ नहीं है। रुद्रनाथ भगवान गुफा में विराजमान हैं। इस गुफा को मंदिर का आकार दिया गया है।

 

 

उत्तराखंड: वन्दे मेट्रो की सफलता के बाद अब देहरादून से काठगोदाम तक वंदे मेट्रो चलाने की तैयारी

News web media uttarakhand : राजधानी देहरादून से काठगोदाम तक का सफर अब और भी जल्दी और आसानी से तय हो सकेगा। देहरादून से काठगोदाम के बीच वंदे मेट्रो चलाने की तैयारी की जा रही है। इस ट्रेन के संचालन से यात्रियों को सफर में काफी आसानी होगी। इससे दोनों शहरों के बीच की दूरी को कम समय में तय किया जाएगा।

देहरादून से काठगोदाम के बीच वंदे मेट्रो चलाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू

वंदे भारत ट्रेन की सफलता के बाद अब रेलवे क्षेत्रीय स्तर पर भी वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी रहा है। अत्याधुनिक सुविधाओं से भरपूर वंदे मेट्रो ट्रेन के चलने से यात्रियों को काफी सुविधाएं होंगी।

प्रदेश में देहरादून से काठगोदाम के बीच वंदे मेट्रो चलाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। वंदे मेट्रो ट्रेन को दो ऐसे शहरों के बीच चलाया जाएगा जिनके बीच की दूरी 100 से 300 किलोमीटर होगी। वंदे मेट्रो ट्रेन हाइड्रोजन बेस्ड स्वदेशी ट्रेन होगी। इस ट्रेन को भारतीय इंजीनियर्स ही डिजाइन कर रहे हैं। इस ट्रेन का निर्माण भारत में ही किया जाएगा।

तीन हो जाएगी ट्रेनों की संख्या

देहरादून और काठगोदान के बीच वंदे मेट्रो ट्रेन का संचालन हुआ तो यह इस रूट पर चलने वाली तीसरी ट्रेन होगी। वर्तमान में देहरादून से काठगोदाम के बीच रोजाना दोपहर 3:55 बजे नैनी जन शताब्दी और रात 11:30 बजे से काठगोदाम एक्सप्रेस चलती है। ऐसे में तीसरी ट्रेन चलने से इस रूट के यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी। कुमाऊं से गढ़वाल आवागमन करने वाले यात्रियों के लिए वंदे मेट्रो ट्रेन एक बेहतर विकल्प होगा।

 

उत्तराखंड की अंकिता ध्यानी ने 26 वीं राष्ट्रीय सीनियर फेडरेशन कप में जीता स्वर्ण पदक

News web media Uttarakhand : उत्तराखंड में गोल्डन गर्ल के नाम विख्यात अंकिता ध्यानी ने एक बार फिर से उत्तराखंड का नाम रोशन किया है. जनपद पौड़ी गढ़वाल की जयहरीखाल ब्लॉक की अंकिता ध्यानी ने झारखंड के रांची स्टेडियम में उत्तराखंड का परचम लहराया है. उत्तराखंड की गोल्डन गर्ल अंकिता ने 26 वीं राष्ट्रीय सीनियर फेडरेशन कप में 1500 मीटर की दौड़ प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीत कर आगामी एशियन एथलेटिक्स प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए क्वालीफाई कर लिया है.

अंकिता ध्यानी ने झारखंड में रांची के बिरसा मुंडा स्टेडियम में 26वींं राष्ट्रीय सीनियर फेडरेशन कप में 1500 मीटर की दौड़ में बेहतर प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा किया. अंकिता ने स्वर्ण पदक जीत के साथ ही थाइलैंड में 12-16 जुलाई को आयोजित होने वाली एशियन एथलेटिक्स खेल प्रतियोगिता के लिए क्वालीफाई कर लिया है.

जनपद पौड़ी गढ़वाल के जयहरीखाल ब्लॉक निवासी गांव मेरुडा के महिमानंद ध्यानी माता लक्ष्मी के गरीब परिवार में अंकिता ने जन्म लिया. जयहरीखाल ब्लॉक में खेल सुविधा के अभाव में अंकिता ने बचपन में गांव के खेतों पर दौड़ना सीखा. अंकिता की बचपन की चाह ने खेल विधा में आज बड़ा मुकाम हासिल किया है.

राष्ट्रीय सीनियर फेडरेशन कप में स्वर्ण पदक विजेता बनने पर अंकिता के घर गांव में खुशी की लहर है. अंकिता पूर्व में एथलेटिक्स गेम्स के 5000 मीटर की दौड़ में एशियन गेम्स के लिए अपना दावा भी पेश कर चुकी है. मौजूदा समय में अंकिता ध्यानी बेंगलुरू में राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में आगामी प्रतियोगताओं के लिए प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है‌ं.

पेपर लीक मामले में आयोग ने की बड़ी कार्रवाई, 180 अभ्यर्थियों पर लगा पांच साल का बैन

News web media uttarakhand : आयोग ने पेपर लीक मामले में आरोपी 180 अभ्यर्थियों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है। आरोपी अभ्यर्थी अब पांच साल तक आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।

प्रदेश में एक के बाद एक पेपर लीक के मामले सामने आने के बाद लोगों में आक्रोश था। जिसके बाद नकल रोधी कानून लाकर सरकार ने आरोपियों पर सख्त कार्रवाई शुरू की। इस मामले में अब आयोग ने बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने चार भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक, नकल के आरोपी 180 अभ्यर्थियों पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया है।

अभ्यर्थियों को जारी किया गया था कारण बताओ नोटिस

पेपर लीक मामले में आरोपी इन अभ्यर्थियों को इस से पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा 2021, वन दरोगा ऑनलाइन परीक्षा 2021, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा 2021 और वीपीडीओ भर्ती परीक्षा 2016 में पेपर लीक में संलिप्त 180 अभ्यर्थियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।

कुछ अभ्यर्थियों के तो नोटिस डाक के माध्यम से वापस आ गए थे। जिनके लिए आयोग ने फिर से 29 अप्रैल को वेबसाइट पर अलग से सूची जारी करते हुए जवाब मांगा था।

अब तक इतने अभ्यर्थी हुए डिबार

अब तक प्रदेश में स्नातक स्तरीय परीक्षा में 112 अभ्यर्थी, वन दरोगा ऑनलाइन परीक्षा में 20 अभ्यर्थी, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा में 14 अभ्यर्थी और ग्राम पंचायत विकास अधिकारी परीक्षा में 34 अभ्यर्थी डिवार किए गए हैं। डिबार हुए सभी अभ्यर्थी अब आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे।

19 अभ्यर्थियों पर भी लटकी तलवार

प्रदेश में 19 अभ्यर्थियों पर भी तलवार लटकी हुई है। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की एलटी भर्ती के साथ ही कई अन्य परीक्षाओं के 19 और अभ्यर्थी ऐसे हैं जिन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इन 19 अभ्यर्थियों से भी 17 मई की शाम छह बजे तक जवाब मांगा गया था। जल्द ही आयोग इन सभी पर भी कार्रवाई कर सकता है।

कितने की स्पीड से चलेगी ट्रेन कैसे तय करता है लोको पायलट! जानिए

News web media Uttarakhand : लोको पायलट को ये कैसे पता चलता है कि ट्रेन को कितने की स्पीड पर लेकर आगे जाना है. आपने देखा ही होगा कि कई बार ट्रेन अचानक तेज चलने लगती है और फिर थोड़ी ही देर में बिलकुल धीमी हो जाती है. वैसे तो इसमें सिग्नल के ग्रीन, येलो या रेड होने का अहम /योगदान होता है. लेकिन फिर भी एक सवाल मन में रह जाता है कि ट्रेन की एग्जेक्ट स्पीड आखिर कैसे तय होती है. बहुत कम ही लोग इस बारे में जानते होंगे कि आखिर ट्रेन की अधिकतम स्पीड लोको पायलट कैसे तय करता है.

मुख्यत: 2 बातों पर निर्भर करता है कि कोई ट्रेन किसी सेक्शन में अधिकतम कितने की स्पीड से चलेगी. ये दोनों ही बातें एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं. सबसे पहले ट्रेन की स्पीड इस बात से इस बात पर निर्भर करती है कि उस सेक्शन में अधिकतम कितनी गति से चलने की अनुमति दी गई है. मान लीजिए किसी सेक्शन में ट्रेन की अधिकतम स्पीड 90 किलोमीटर प्रति घंटा ही हो सकती है. तो ट्रेन ज्यादा से ज्यादा उतनी स्पीड तक ही चलेगी. भले ही ट्रेन की खुद की अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा ही क्यों न हो. इस बारे में सारी जानकारी लोको पायलट को ट्रेन ले जाने से पहले टाइम टेबल में दी जाती है

ट्रेन की खुद की स्पीड
दूसरा फैक्टर होता है ट्रेन की खुद की अधिकतम स्पीड. अगर किसी सेक्शन की अनुमति प्राप्त अधिकतम स्पीड 130 किलोमीटर है लेकिन ट्रेन की अपनी सर्वोच्च स्पीड केवल 90 किलोमीटर प्रति घंटा है तो फिर वह ट्रेन उतनी ही गति से चल पाएगाी. ट्रेन की स्पीड को कब अधिकतम और न्यूनतम पर ले जाना है यह सिग्नल से पता चलता है. ग्रीन सिग्नल होने पर ट्रेन फुल स्पीड से निकल सकती है. वहीं, येलो सिग्नल का मतलब होता है कि स्पीड को घटा दें और अगले सिग्नल पर स्टॉप (रेड सिग्नल) के लिए तैयार रहें.

येलो सिग्नल पर कितनी गिरानी होती है स्पीड
भारतीय रेलवे के अनुसार, जहां ऑटोमैटिक सिग्नल काम कर रहे होते हैं वहां पीला सिग्नल देखते ही लोको पायलट को स्पीड 30 किलोमीटर प्रति घंटे घटा देनी चाहिए. उसे तब तक ट्रेन को उसी स्पीड पर चलाना चाहिए जब तक की आगे सिग्नल ग्रीन नहीं मिल जाता. अगर धुंध व कोहरा है तो ऑटोमैटिक सिग्नल वाले रास्ते पर ट्रेन की स्पीड ग्रीन सिग्नल होने पर भी 60 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए.

परिवार संग पैदल यमुनोत्री धाम यात्रा के लिए रवाना हुई कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य

News web media Uttarakhand : प्रदेश में आज मौसम साफ बना हुआ है। वहीं कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य यमुनोत्री धाम यात्रा  पर है। बुधवार सुबह कैबिनेट मंत्री अपने परिवार के साथ पैदल यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई। यमुनोत्री धाम के दर्शन के बाद कैबिनेट मंत्री उत्तरकाशी के लिए रवाना होगी और वहीं रात्रि विश्राम कर गुरुवार को गंगोत्री धाम पहुंचकर मां गंगा के दर्शन करेगी।

केदारनाथ धाम में भी सुबह से ही मौसम साफ बना हुआ है। धाम में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। मंगलवार सुबह सभी यात्रियों को सोनप्रयाग से केदारनाथ के लिए रवाना किया। मंगलवार को केदारनाथ धाम में 21526 भक्तों ने दर्शन किए।

बता दें बाबा केदार के दर्शन के लिए एक श्रद्धालु को तीन से पांच सेकंड का समय मिल रहा है। लेकिन अब दिनों दिन बढ़ती यात्रा में यह समय भी कम हो सकता है।

 

श्री हेमकुंड साहिब यात्रा-2023 की तैयारी तेज, संवेदनशील स्थानों पर SDRF तैनात

News web media uttarakhand:-  वर्तमान समय में उत्तराखंड राज्य में चारधाम यात्रा चल रही है। श्रीकेदारनाथ, श्री बद्रीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन किये जा रहे है। चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं की सहज, सुगम व सुरक्षित यात्रा हेतु SDRF की टीमें अनेक संवेदनशील स्थानों पर तैनात है। SDRF टीमों द्वारा बुजुर्गों, महिलाओं, असहायों व बच्चों को दर्शन में सहयोग किये जाने के साथ ही अस्वस्थ अथवा किसी कारण चोटिल होने वाले श्रद्धालुओं का प्राथमिक उपचार भी किया जा रहा है।

आगामी 20 मई 2023 से जनपद चमोली में स्थित सिक्खों के पवित्र धाम श्री हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने से यात्रा आरम्भ हो जाएगी। इस यात्रा में भी देश भर से प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने यहां आते है साथ ही प्रसिद्ध फूलों की घाटी भी इसी क्षेत्र में होने से पर्यटकों का आवागमन भी अत्यधिक रहता है। उच्च तुंगता क्षेत्र व खड़ी चढ़ाई होने के कारण श्रद्धालुओं को यहां पैदल पहुचने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है।

SDRF जवानों द्वारा श्री हेमकुण्ड साहिब के कपाट खुलने से पूर्व गोविन्दघाट से श्री हेमकुण्ड साहिब तक 18 किलोमीटर पैदल चलकर सम्पूर्ण यात्रा मार्ग का स्थलीय निरीक्षण किया जा चुका है।  श्री हेमकुंड साहिब यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं व पर्यटकों की सुरक्षा के दृष्टिगत SDRF को 02 महत्वपूर्ण स्थानों भ्यूंडार व घांघरिया में व्यवस्थापित किया गया है। विगत वर्षों में भी SDRF द्वारा यात्रा के दौरान संवेदनशील स्थानों पर तैनात रहकर सुरक्षित यात्रा में सहयोग किया गया था व साथ ही अनेक रेस्क्यू कार्यो से कई श्रद्धालुओं का जीवन सुरक्षित किया था।

 

पहाड़ी इलाकों में आने वाले दिनों में मौसम खऱाब, केदारनाथ के पंजीकरण पर लगी रोक 24 मई तक

News web media uttarakhand : मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अगले कुछ दिन मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान जताया है। वहीं बात की जाए केदारनाथ की तो केदारनाथ में भी यात्रा शुरू होने से अब तक बर्फबारी जारी है। जिसके चलते केदारनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण पर 15 मई तक लगी रोक को बढाकर 24 मई तक कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, 24 मई तक नए पंजीकरण पर रोक रहेगी लेकिन जो यात्री पहले से ही पंजीकरण कर चुके हैं वे यात्रा कर सकेंगे। बता दें कि 25 अप्रैल से अभी तक धाम में कुल 2,89149 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।