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श्रमिकों के बाहर आने के बाद पुष्कर सिंह धामी ने पीएम मोदी का शुक्रिया

News web media Uttarakhand : सीएम धामी ने कहा हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी लगातार इस रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़े थे, वह सुबह-शाम दोनों टाइम लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी लेते थे, अपना जो सहयोग देना था वो देते थे। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से यह काम दिया था कि किसी भी तरह से इन सबको बाहर निकालना है। अगर उनका इतना संबल ना होता, सारी हमारी एजेंसिया लगीं तो यह कठिन काम भी आसान हो गया।

मुख्यमंत्री ने कहा जैसे ही सभी श्रमिक भाई बाहर आए, प्रधानमंत्री का फोन आया था और कहा कि सभी का मेडिकल चेकअप करना है, उनके परिजनों का कुशल लेना है, श्रमिकों को घर पहुंचाने का काम करना है। जितने भी लोग इस काम में लगे थे, खासकर हमारे हमारे उत्तराखंड के देवी-देवताओं ने भी बहुत काम किया।
नितिन गडकरी जी यहां आए उन्होंने भी हर तरह से इसे देखा। जनरल वीके सिंह का मैं विशेष रुप से धन्यवाद देता हूं, वो यहां लगातार कैंप बनाकर रहे और कठिन काम में अपना सहयोग प्रदान कर रहे थे। आने वाले समय में उत्तराखंड में जितने भी टनल हैं उनकी समीक्षा करेंगे। भारत सरकार ने भी सेफ्टी ऑडिट कर दिया है ताकि भविष्य में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा श्रमिकों व उनके परिजनों के चेहरे की ख़ुशी ही मेरे लिये इगास-बगवाल। हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में निर्माणाधीन टनल में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। सभी श्रमिक भाइयों का अस्थाई मेडिकल कैम्प में प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संचालित इस चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी ताक़त से जुटी केंद्रीय एजेंसियों, सेना, अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स एवं प्रदेश प्रशासन की टीमों का हृदयतल से आभार। प्रधानमंत्री जी से हम सभी को एक अभिभावक के रूप में मिले मार्गदर्शन एवं कठिन से कठिन स्थिति में उनके द्वारा प्रदान की गई हर संभव सहायता, इस अभियान की सफलता का मुख्य आधार रही। 17 दिनों बाद श्रमिक भाइयों का अपने परिजनों से मिलना अत्यंत ही भावुक कर देने वाला क्षण है।

उत्तरकाशी बचाव अभियान सफल , अब तक 41 में से 15 मजदूर आए बाहर

News web media Uttarakhand :  उत्तरकाशी : चारधाम ऑलवेदर परियोजना की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों की जिंदगी बचाने के लिए बचाव अभियान (Uttarkashi Tunnel Rescue Operation) आज सफल हुआ। उत्तरकाशी टनल हादसे में 17वें दिन बड़ी सफलता मिली है। आखिरकार टनल में फंसे 41 मजदूरों को सही सलामत बाहर निकालने का काम आखिरी पड़ाव पर है। मंगलवार को सुरंग में ब्रेकथ्रू हुआ और स्केप टनल के जरिए मजदूरों को बाहर निकाला जा रहा है।खबरों के मुताबिक अब तक 15 मजदूर बाहर निकाल लिए गए हैं। उनके स्वागत के लिए फूल माला भी लाई गई है।

पीएम मोदी आठ दिसंबर को आएंगे देहरादून, करेंगे निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन

News web media Uttarakhand :  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ दिसंबर को फिर उत्तराखंड आने वाले हैं। पीएम मोदी देहरादून में आठ दिसबंर को निवेशक सम्मेलन उद्धाटन करेंगे।

आठ दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देहरादून आएंगे। मिली जानकारी के मुताबिक दून में पीएम मोदी वैश्विक निवेशक सम्मेलन का उद्घाटन करंगे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उनसे उत्तराखंड आने का अनुरोध किया था।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश सरकार को प्रधानमंत्री कार्यालय से प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में आने की जानकारी मिल गई है। जिला प्रशासन और पुलिस विभाग प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों में चुट गया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री धामी के स्तर पर बैठकें बुलाई जा सकती हैं।

उत्तराखंड के इन इलाकों में बारिश और बर्फबारी के आसार

News web media Uttarakhand :  उत्तराखंड में एक बार फिर से मौसम बदलने जा रहा है। आज सोमवार से तीन दिनों तक बारिश और बर्फबारी का यलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़, नैनीताल सहित कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी के आसार हैं।

मौसम विभाग के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में मौसम साफ रहने का अनुमान है। ऊपरी इलाकों में होने वाली बारिश और बर्फबारी से निचले क्षेत्रों में ठंड बढ़ने के आसार हैं। नवंबर माह के आखिर में तापमान में गिरावट आने और पहाड़ से मैदान तक कड़ाके की ठंड पड़ सकती है।मौसम विज्ञान केंद्र ने 27 नवंबर को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में झमाझम बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है जिसको लेकर येलो अलर्ट की चेतावनी जारी की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र ने जिन 11 जिलों के लिए बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। उनमें उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत और नैनीताल जिला शामिल हैं। केंद्र ने चेतावनी दी है कि इन जिलों में कहीं-कहीं ओलावृष्टि व बिजली भी गिर सकती है। वहीं हरिद्वार और उधम सिंह नगर जनपदों में भी आंशिक बादल के साथ हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है। जबकि हरिद्वार और उधम सिंह नगर में घना कोहरा छा सकता है। घने कोहरे के कारण सड़क और रेल यातायात प्रभावित होने की भी संभावना है।

 

रेस्क्यू ऑपरेशन में आई सबसे बड़ी मुश्किल, बुरी तरह फंस गयी है ऑगर मशीन

News web media Uttarakhand :  उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों 41 श्रमिकों को रेस्क्यू करने के लिए 14 दिन से कोशिशें जारी हैं लेकिन बार-बार रेस्क्यू की राह में कई तरह की परेशानियां आयी हैं जिससे अभी तक श्रमिकों को बाहर निकलाने का रास्ता नहीं बन पाया है. ताजा अपडेट के मुताबिक, सुरंग में ऑगर मशीन के जरिए ऑपरेशन अब बेहद मुश्किल हो गया है.मशीन के आगे अब तक की सबसे बड़ी बाधा सामने आ गई है.  शुक्रवार शाम को ड्रिलिंग के दौरान सरियों का जाल मशीन के सामने आ गया जिसकी वजह से ऑगर मशीन के ब्लेड सरियों के जाल में फंस गए. ऑगर मशीन का अगला हिस्सा लोहे के पाइप के आखिरी मुहाने पर बुरी तरह फंस गया है.

इस मशीन के ऑपरेशन में अब तक किए सबसे बड़ी मुश्किल है. ऑगर मशीन के ब्लड को वहां से निकलना बेहद मुश्किल हो रहा है और फिलहाल एजेंसियों के पास कोई रास्ता नहीं है कि जाल को काटकर मशीन को पीछे लाया जाए. मशीन में क्षमता है कि वह पाइप को दबा करके मलबे के पार ले जाए लेकिन सरिया का जाल मिलने की वजह से अब यह रास्ता भी बंद हो गया है. अब से थोड़ी देर बाद मीटिंग साइट पर सबसे बड़ी बैठक होगी, जिसमें वर्टिकल ड्रिलिंग शुरुआत करने का फैसला लिया जाएगा. ओएनजीसी, एसजीवीएनएल अब वर्टिकल ड्रिलिंग की तैयारी में है.

तमाम व्यवधानों और उम्मीदों के बीच अब इस बात पर विचार शुरू हो गया कि क्यों ने फंसे मजदूरों से ही अंदर की तरफ से नौ मीटर मलबा हटवा दिया जाए। दूसरा विचार यह चल रहा है कि ऑगर मशीन की जगह मैनुअली कचरा हटाना शुरू किया जाए। लोहे का अवरोध आने से ऑगर मशीन लक्ष्य से नौ मीटर पहले रुक गई। जिसके बाद अवरोधों को काटकर हटाने का काम तो शुरू हुआ लेकिन इस बात पर भी विचार शुरू हो गया कि क्यों ने फंसे मजदूरों से ही अंदर की तरफ से नौ मीटर मलबा हटवा दिया जाए। अगर ये प्लान काम कर गया तो श्रमिक जल्दी बाहर आ सकेंगे।

 

कोटद्वार में अग्निवीर सेना भर्ती रैली की तैयारियां शुरू

News web media uttarakhand : कोटद्वार में 26 नवंबर से होने वाली अग्निवीर सेना भर्ती रैली की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। भर्ती रैली में पहुंचने वाले युवाओं को काशीरामपुर तल्ला स्थित मैदान में एकत्र किया जाएगा। कोटद्वार के विक्टोरिया क्रास विजेता गबर सिंह कैंप में 26 नवंबर से एक दिसंबर तक अग्निवीर भर्ती रैली आयोजित की गई है। भर्ती रैली में प्रतिभाग करने वाले अभ्यर्थियों की लिखित परीक्षा अप्रैल माह में करवाई जा चुकी है। लिखित परीक्षा में सफल अभ्यर्थी ही इस रैली में शामिल होंगे। 26 नवंबर को 750, 27 नवंबर को 1200 और 28 नवंबर को 1300 युवा रैली में शिरकत करेंगे। अन्य दिवस रिजर्व-डे व अन्य कार्यों के लिए रखे गए हैं।

आपको बता दे कि बीते वर्षों की भांति इस वर्ष भी भर्ती रैली में शिरकत करने वाले अभ्यर्थियों को काशीरामपुर तल्ला स्थित मैदान में एकत्र किया जाएगा, जहां से प्रारंभिक जांच के बाद उन्हें विक्टोरिया क्रास विजेता गबर सिंह कैंप स्थित बलवीर स्टेडियम में भेजा जाएगा। इसी मैदान में युवाओं की शारीरिक दक्षता परीक्षा ली जाएगी। काशीरामपुर तल्ला स्थित मैदान में टेंट लगने शुरू हो गए हैं, जहां युवाओं के प्रवेश पत्रों व अन्य दस्तावेजों की जांच होगी। उपजिलाधिकारी सोहन सिंह सैनी का कहना हैं कि भर्ती रैली की तमाम तैयारियां पूर्ण कर दी गई हैं। बताया कि संबंधित विभागों को जरूरी दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। साथ ही भर्ती क्षेत्र में शांति व्यवस्था के लिए भी पुलिस को निर्देशित किया गया है।

 

 

मुख्यमंत्री धामी बोले, प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन से बचाव कार्य में मिल रही नई ऊर्जा

News web media uttarakhand :  सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को फिर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर बचाव कार्य की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री धामी ने पिछले 24 घण्टे में हुई प्रगति की पूरी जानकारी प्रधानमंत्री से साझा की। कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो जल्द सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा।

सिलक्यारा सुरंग हादसे को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खासे चिंतित हैं। यही कारण है कि घटना के रोज से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपडेट जानकारी ले रहे हैं। अब तक प्रधानमंत्री ने चार बार फोन पर बचाव कार्य की जानकारी और फंसे हुए श्रमिकों के हाल जान चुके हैं। बुधवार को प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री धामी को फोन कर सिलक्यारा, उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों के लिए भोजन, दवाइयां, अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति एवं उन्हें सकुशल बाहर निकालने हेतु चल रहे बचाव कार्यों की जानकारी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को केंद्रीय एजेंसियों, अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स एवं प्रदेश प्रशासन के परस्पर समन्वय के साथ संचालित बचाव कार्यों से अवगत कराया। इस दौरान प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री ने गत 24 घंटों में हुई सकारात्मक प्रगति एवं श्रमिकों और उनके परिजनों की एंडोस्कोपी फ्लेक्सी कैमरे के साथ हुई बातचीत से बढ़े मनोबल की भी जानकारी दी। साथ ही श्रमिकों के लिए नई लाइफलाइन बने 6 इंच के कंप्रेशर पाइप से भेजी जा रही खाद्य सामग्री, दवा एवं जरूरत की वस्तुओं तथा बाहर परिजनों को रहने, खाने और आवागमन की सुविधाएं देनी की जानकारी साझा की गई।

प्रधानमंत्री जी का इस कठिन परिस्थिति से निपटने हेतु निरंतर मार्गदर्शन प्राप्त हो रहा है जो हम सभी को पूरी ताकत से श्रमिक भाइयों को शीघ्र और सुरक्षित बाहर निकालने के लिए नित नई उर्जा प्रदान करता है।

 

 

नीट-पीजी की खाली सीटों पर विशेष काउंसिलिंग से होंगे दाखिले

News web media Uttarakhand : नीट यूजी की तर्ज पर अब नीट पीजी की खाली सीटों पर विशेष काउंसिलिंग से दाखिले किए जाएंगे। इसके लिए एचएनबी चिकित्सा शिक्षा विवि ने विशेष स्ट्रे वैकेंसी राउंड की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 22 से 26 नवंबर तक खाली सीटों के लिए अभ्यर्थी ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।

एचएनबी चिकित्सा विवि के कुलसचिव डॉ. आशीष उनियाल ने बताया, मेडिकल काउंसिलिंग कमेटी (एमसीसी) के दिशानिर्देश के अनुसार नीट पीजी की खाली सीटों को विशेष स्ट्रे वैकेंसी राउंड से भरा जाएगा। इसके लिए विवि ने काउंसिलिंग का शेड्यूल जारी कर दिया है।

22 से 26 नवंबर तक ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा। 22 नवंबर को 11 बजे से ऑनलाइन पंजीकरण शुरू होगी। इसके बाद 27 नवंबर को अखिल भारतीय स्तर पर नीट-पीजी का परिणाम घोषित किया जाएगा। 28 से 30 नवंबर तक मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की तिथि तय की गई है।

 

10वें दिन सुरंग में पहुंचा एंडोस्कोपिक कैमरा, दिखे भीतर फंसे हुए 41 मजदूर

News web media uttarakhand :  उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे को 10 हो गए हैं, लेकिन अभी भी मजदूर अंदर ही फंसे हैं। उन्हें बाहर निकालने की अभी तक की सभी कोशिशें विफल साबित हुई हैं। इस बीच टनल के अंदर फंसे मजदूरों का पहली बार वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि अंदर मजदूरों और सुरंग की हालत कैसी है। यह पहली बार है जब सीसीटीवी कैमरा उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में उस जगह पहुंचा है जहां मजदूर फंसे हैं।

राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के प्रयासों की मदद से टनल के अंदर संकट में फंसे 41 मजदूरों के पास कैमरा पहुंच गया है। ये कैमरा 6 इंच के पाइप के साथ भेजा गया है। इसी पाइप की मदद से खिचड़ी भी भेजी गई है। खिचड़ी को बोतल में बंद करके भेजा गया है। कैमरे की मदद से अंदर की वास्तविक स्थिति का पता चल पा रहा है। अंदर लाइट की पूरी व्यवस्था है, वीडियो में मजदूरों को सिर पर सेफ्टी हेलमेट पहने हुए देखा जा सकता है।

श्रमिकों के परिजनों का पूरा खर्चा उठाएगी धामी सरकार, यात्रा, खाना और मिलेगी ये सुविधाएं

News web media Uttarakhand :  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने का काम तेजी से चल रहा है। इस दौरान यदि श्रमिकों के परिजन हाल जानने को आ रहे हैं तो उनके आने जाने, रहने-खाने का इंतजाम सरकार करेगी। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा दूसरे राज्य के अधिकारियों से बचाव कार्य समेत अन्य जानकारी साझा करने को समन्वय टीम में तीन और अधिकारियों को मौके पर भेज दिया है। सभी अधिकारियों को बचाव कार्य से जुड़ी व्यवस्थाओं में तत्काल योगदान देने के निर्देश दिए गए हैं। सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने को बचाव कार्य सभी स्तर पर युद्धस्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सुरंग में बचाव कार्य के साथ ही श्रमिकों के कुशलक्षेम पूछने आ रहे परिजनों से बेहतर समन्वय स्थापित कर पल पल की जानकारी साझा की जा रही है।
इसके लिए दूसरे राज्यों के श्रमिकों के परिजनों व इन राज्यों के अधिकारियों से संपर्क व समन्वय बनाए रखने को घटना के दिन से ही उत्तरकाशी में पुलिस का कंट्रोल रूम स्थापित किया जा चुका है। वहां से परिजनों को अपडेट जानकारी दी जा रही है। शासन स्तर पर भी वरिष्ठ आईएएस डॉ नीरज खैरवाल को केंद्रीय संस्थानों, एजेंसियों और विशेषज्ञों की टीम से समन्वय की जिम्मेदारी पहले ही दी गई है। साथ ही एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी को भी पहले से मौके पर भेजा गया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने हरिद्वार के एसडीएम मनीष सिंह, डीएसओ हरिद्वार तेजबल सिंह और डीपीएओ रुद्रप्रयाग अखिलेश मिश्रा को टीम में शामिल करने के आदेश दे दिए हैं।

यह सभी अधिकारी जिलाधिकारी उत्तरकाशी के निर्देश पर श्रमिकों के परिजनों के लिए भोजन, आवास और परिवहन के अलावा बचाव कार्य से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण व्यवस्था देखेंगे। सभी को तत्काल मौके पर जिम्मेदारी का निर्वहन करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि श्रमिकों के जो परिजन यहां आना चाह रहे हैं उनके आवागमन का व्यय उत्तराखंड सरकार वहन करेगी। इसके लिए उक्त अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि यहां आने वाले जरूरतमंद परिजनों के मोबाईल रिचार्ज से लेकर भोजन, आवास व आवागमन जैसी जरूरतमंद वाली सभी व्यवस्था की जाय।