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नए साल में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए धामी सरकार की पहल

News web media uttarakhand :   नए साल की शुरूआत में ही राज्य के पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को धामी सरकार मजबूत करने में जुट गई है। इसी कड़ी में सरकार की ओर से स्वास्थ्य अधिकारी, फार्मासिस्ट, नर्स, लैब टेक्नीशियन, चतुर्थ कर्मचारियों समेत 10 पदों पर नियुक्तियां करने को लेकर आदेश जारी हो गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य विभाग पर्वतीय जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर जुटा हुआ है। इसको लेकर सबसे पहले राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा स्टाफ की कमी के साथ ही चिकित्सा उपकरणों की कमी दूर करने के निर्देश मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार को दिए हैं।

इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने पिथौरागढ़ जिले के धारचुला विकासखंड के जौलजीबी गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के संचालन के लिए 10 पदों के सृजन के लिए मंजूरी प्रदान की है। इन पदों में स्वास्थ्य अधिकारी, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन और तीन पद चतुर्थ कर्मचारियों के लिए हैं।
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने कहा है कि इन पदों पर नियुक्ति के लिए महामहिम राज्यपाल से अनुमति मिल गयी है। जौलजीबी में इंडियन पब्लिक हेल्थ स्टैंडर्ड के मानकों के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए चिकित्सा स्वास्थ्य महानिदेशालय ने विभाग से 10 पदों के सृजन के लिए अनुमति मांगी थी। स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार ने बताया कि सरकार ने इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए इन पदों पर नियुक्तियों की अनुमति प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक चिकित्सा अधिकारी, चार स्टाफ नर्स, एक फार्मासिस्ट, एक लैब टेक्निशियन, एक सेनेटरी वर्कर कम वॉचमैन, दो मल्टीस्किल्ड ग्रुप डी की नियुक्ति करने का मंजूरी दी गयी है।

यह पद फिलहाल अस्थायी होंगे। जरूरत के मुताबिक पदों का सृजन बढ़ाया जा सकता है और सेवाओं को समाप्त किया जा सकेगा। स्वास्थ्य सचिव ने कहा राज्य में प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने पर कार्य किया जा रहा है। इसको लेकर चिकित्सा स्टाफ की नियुक्ति के साथ जरूरी उपकरण भी खरीदे जा रहे हैं ताकि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर ही मरीजों को बेहतर ईलाज मिल सके।

बिजली दर बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर आप भी दे सकते हैं सुझाव, जानिए कहां और कब तक

News web media Uttarkhand : उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल के बिजली दर बढ़ोतरी के प्रस्ताव को लेकर आम लोगों से सुझाव मांगे हैं। इसके लिए 31 जनवरी की डेडलाइन तय की गई है। जिसके आधार पर बिजली दरों का फैसला होगा, जो एक अप्रैल से लागू होगा।
उत्तराखंड के 27 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर नए साल में महंगी बिजली का बोझ बढ़ने जा रहा है। इससे पहले इसको लेकर जनसुनवाई होगी। बिजली दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर जनता सुझाव 31 जनवरी तक दे सकते हैं। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने इस प्रस्ताव को सार्वजनिक करते हुए ये सुझाव मांगे हैं।
नियामक आयोगकी ओर से जारी सूचना के मुताबिक, सभी उपभोक्ता और अन्य हित धारक इस टैरिफ प्रस्ताव पर 31 जनवरी तक अपने सुझाव भेज सकते हैं। नियामक आयोग को डाक के अलावा ई-मेल secy.uerc@gov.in पर भी सुझाव भेजे जा सकते हैं।

यूपीसीएल ने बीपीएल से लेकर सभी उपभोक्ताओं की बिजली दरें बढ़ाने की मांग की है। यूपीसीएल ने फिलहाल जो प्रस्ताव दिया है, उसमें बिजली दरों में बढ़ोतरी के लिए 27 प्रतिशत को आधार बनाया है। इसके तहत बीपीएल उपभोक्ताओं से फिक्स चार्ज में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। घरेलू उपभोक्ताओं से 60 रुपये प्रति किलोवाट से बढ़ाकर 70 रुपये प्रति किलोवाट, अघरेलू श्रेणी में भी 25 किलोवाट तक 80 से बढ़ाकर 104 और 25 किलोवाट से ऊपर वालों को 90 से बढ़ाकर 117 रुपये प्रति किलोवाट का प्रस्ताव मिला है। दुकान संचालकों आदि के लिए भी फिक्स चार्ज में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया गया है। कुल मिलाकर यूपीसीएल ने घरेलू उपभोक्ताओं से 20 प्रतिशत, अघरेलू से 30 प्रतिशत, गवर्नमेंट पब्लिक यूटिलिटी की दरों में 32 प्रतिशत, प्राइवेट ट्यूबवेल की दरों में 15 प्रतिशत, एलटी व एचटी इंडस्ट्री से 28 प्रतिशत, मिक्स लोड श्रेणी में 28 प्रतिशत, रेलवे ट्रैक्शन में 32 प्रतिशत और इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन से 21 प्रतिशत बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है।

 

उत्तराखंड पहुंचे शहीद गौतम और वीरेंद्र के पार्थिव शरीर, सीएम धामी ने दी श्रद्धांजलि

News web media uttarakhand :  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचकर जम्मू कश्मीर में माँ भारती की सेवा करते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले कोटद्वार निवासी राइफलमैन गौतम कुमार और चमोली के वीरेन्द्र सिंह के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले हमारे इन शहीदों को देश हमेशा याद रखेगा। राज्य सरकार हर पल सैनिक परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने शहीद गौतम कुमार और वीरेन्द्र सिंह के परिजनों से बात कर ढांढस बंधाया। मुख्यमंत्री ने दिवंगत आत्माओं की शांति और दुःख की इस घड़ी में उनके परिजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की।

बता दें कि बृहस्पतिवार को जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले के बफलियाज इलाके में हुए आतंकी हमले में गढ़वाल मंडल के दो वीर बलिदानी हो गए थे। इनमें पौड़ी जिले के कोटद्वार निवासी राइफलमैन गौतम कुमार (29) और चमोली जिले के बमियाला गांव के वीरेंद्र सिंह थे। पहले बलिदानी के पार्थिव शरीर को दो दिन पहले उत्तराखंड लाया जाना था, लेकिन कई कारणों से नहीं लाया जा सका।

गौतम की तैनाती 89 आर्म्ड कोर में थी, वहीं वीरेंद्र 15वीं गढ़वाल राइफल्स में तैनात थे। वीरेंद्र का परिवार रुड़की में रहता है, लेकिन उनका अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव बमियाला में किया जाएगा।

 

 

IPS अरुण मोहन जोशी समेत चार बने आइजी, तीन अन्य को भी मिली पदोन्नति

News web media Uttarakhand : 23 नवंबर 2023 को उत्तराखंड सचिवालय में मुख्य सचिव उत्तराखंड शासन की अध्यक्षता में भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की डीपीसी सम्पन्न हुई। डीपीसी में वर्ष 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी पुलिस उप महानिरीक्षक स्वीटी अग्रवाल, अरुण मोहन जोशी, अनंत शंकर ताकवाले तथा राजीव स्वरूप को दिनांक 01 जनवरी 2024 से पुलिस महानिरीक्षक पद पर पदोन्नति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। स्वीटी अग्रवाल के प्रतिनियुक्ति पर होने के कारण उन्हें परफॉर्मा पदोन्नति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इनके अलावा वर्ष 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी पुलिस अधीक्षक सुखबीर सिंह को दिनांक 01 जनवरी 2024 से पुलिस उप महानिरीक्षक पद पर पदोन्नति प्रदान करने का निर्णय लिया गया। वर्ष 2011 बैच के आईपीएस अधिकारी पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार तथा धीरेंद्र गुंज्याल को दिनांक 01 जनवरी 2024 से सेलेक्शन ग्रेड प्रदान करने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि सभी पदोन्नति दिनांक 01 जनवरी 2024 से लागू होंगी।

उत्तराखंड के युवाओं को विदेश में भी अवसर,मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना बन रही वरदान

News web media Uttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव प्रयासों में जुटे हैं। उत्तराखण्ड ही नहीं अब विदेशों में भी नौकरी का मौका सरकार दे रही है। मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना युवाओं के लिए वरदान बन रही है। योजना के तहत 15 युवाओं ने जापान में सेवायोजन के लिए ली जाने वाली नेट-4 दक्षता परीक्षा में सफलता हासिल की है। सफल युवाओं में से दो अभ्यर्थियों को जापान के चीदा प्रान्त में जॉब मिला है। उन्हें वेतन के रूप में प्रति माह 200000 येन (जापानी मुद्रा) मिलेंगे। दोनों अभ्यर्थी फरवरी में जापान जाएंगे।

मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर प्रदेश में कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के अन्तर्गत विदेश रोजगार प्रकोष्ठ गठित किया गया है। यह प्रकोष्ठ राज्य के युवाओं को विदेश में रोजगार उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहा है। योजना के तहत 33 अभ्यर्थियों को जापानी भाषा का तीन माह प्रशिक्षण दिया गया। जापान की सेवायोजन नेट-4 दक्षता परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले विद्यार्थियों और युवाओं ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद कहा है। विद्यार्थियों का कहना है कि विदेश जाकर काम करने का अवसर मिलना एक बहुत बड़ी बात है।

 

देहरादून के प्रसिद्ध उद्योगपति सुधीर विंडलास को सीबीआई ने गिरफ्तार किया

News Web media Uttarakhand : देहरादून के चर्चित उद्योगपति व रियल स्टेट के कारोबारी सुधीर विंडलास को सीबीआई ने गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। विंडलास के साथ उनके परचेज मैनेजर रवि दयाल व प्रशांत समेत तीन अन्य को भी हिरासत में लेने की खबर है। विंडलास की गिरफ्तारी को लेकर रियल स्टेट सेक्टर में हलचल मच गई। गौरतलब है कि लगभग पांच साल पहले विंडलास पर धोखाधड़ी से जमीन कब्जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था। एसआईटी जांच भी हुई थी लेकिन विंडलास के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अक्टूबर 2022 में शासन ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। और 18 जनवरी 2023 को सीबीआई ने विंडलास के प्रतिष्ठानों में छापे भी मारे थे। दून के प्रसिद्ध उद्योगपति विंडलास कई साल से हॉलीवुड व बॉलीवुड फिल्मों में प्रयोग होने वाले पारंपरिक हथियारों का निर्माण भी करते रहे हैं। इधर, लम्बे समय से रियल स्टेट व जमीनों के धंधे से भी जुड़े हुए थे। कुछ साल पहले जमीन कब्जाने के आरोप में काफी विवादित भो हो गए थे।

इस बाबत अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने केन्द्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय को शासन की सीबीआई जांच सम्बन्धी संस्तुति से से अवगत कराते हुए आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के केंद्र को भेजे संस्तुति पत्र में कहा गया है कि माफिया सुधीर कुमार विण्डलास व उसके मैनेजर प्रशान्त आदि द्वारा फर्जी कूटरचित दस्तावेज तैयार करके ग्राम जौहड़ी गांव में भूमि पर कब्जा करने के सम्बन्ध में जनपद देहरादून के थाना राजपुर में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज है। गौरतलब है कि बिल्डर सुधीर विंडलास के दून में रियल स्टेट के कई प्रोजेक्ट चल रहे हैं। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने भी विंडलास के प्रकरण में तीखी टिप्पणी की है।

उत्तराखंड सरकार का बड़ा फैसला, खत्म की स्थाई निवास प्रमाण पत्र की बाध्यता, आदेश जारी

News web media Uttarakhand :  उत्तराखंड में धामी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। ये फैसला स्थाई निवास प्रमाण पत्र को लेकर लिया है। बताया जा रहा है कि मूल निवास प्रमाण-पत्र धारकों को अब स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता नहीं होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर सचिव विनोद सुमन ने किया आदेश जारी।

मिली जानकारी के अनुसार जारी आदेश में कहा गया है कि शासन के संज्ञान में यह तथ्य लाया गया था कि राज्य में सेवायोजन, शैक्षणिक संस्थाओं, प्रदेश में अन्य विभिन्न कार्यों हेतु उत्तराखण्ड के मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को सम्बन्धित विभागों, संस्थाओं व संस्थानों द्वारा स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जबकि इस सम्बन्ध में सामान्य प्रशासन विभाग के शासनादेश संख्या 60/CM/xxxi (13)G/07-87(3)/2007 दिनांक 28 सितम्बर 2007 के द्वारा मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों के लिये स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता न होने के सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश पूर्व में ही दिये गये हैं। जिन प्रयोजनों के लिये स्थाई निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता है, उन प्रयोजनों के लिये मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने हेतु बाध्य न किया जाए। उक्त आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।

वहीं सचिव विनोद सुमन ने बताया कि राज्य में सेवायोजन, शैक्षणिक संस्थाओं, प्रदेश में अन्य विभिन्न कार्यों हेतु अब स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि जिन प्रयोजनों के लिए स्थाई निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता है, उनके लिए मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए जाने हेतु बाध्य न किया जाए।

 

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में एस.एस.बी. द्वारा प्रशिक्षित राज्य के गुरिल्ला स्वयं सेवकों की समस्याओं को सुना

 

News web media uttarakhand : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सचिवालय में एस.एस.बी. द्वारा प्रशिक्षित राज्य के गुरिल्ला स्वयं सेवकों की समस्याओं को सुना। विभिन्न जनपदों से गुरिल्ला स्वयं सेवक वर्चुअल माध्यम से जुड़े थे। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न विभागों में प्रशिक्षित गुरिल्ला स्वयं सेवकों को आजीविका से जोड़ने के लिए प्रयास किये जाएं। उन्होंने कहा कि गुरिल्ला स्वयं सेवकों की जिन समस्याओं का त्वरित समाधान हो सकता है, वे किये जाएं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार से भी गुरिल्ला प्रशिक्षकों के लिए मदद के लिए प्रस्ताव भेजकर अनुरोध किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम, निजी सुरक्षा एजेंसियों में सुरक्षा कर्मी, होमगार्ड में प्रशिक्षक, फॉरेस्ट फायर वॉचर, पुलिस विभाग के अन्तर्गत ग्राम चौकीदार, लोक निर्माण विभाग में विभिन्न कार्यों, वन विभाग की विभिन्न योजनाओं एवं अन्य क्षेत्रों में गुरिल्ला स्वयं सेवकों की सेवाओं का लाभ कैसे लिया जा सकता है, इस दिशा में ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी को निर्देश दिये कि सबंधित विभागों द्वारा राज्य के प्रशिक्षित गुरिल्ला स्वयं सेवकों को आजीविका से जोड़ने और उनके प्रशिक्षण का लाभ राज्य को भी मिल सके, इस दिशा में जो भी कार्यवाही की जा सकती है, इसके अनुपालन में समय-समय पर बैठक ली जाए।

बैठक में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, आनन्द बर्द्धन, डीजीपी अभिनव कुमार, कमांडेंट जनरल होमगार्ड केवल खुराना, डीआईजी/ अपर सचिव गृह श्रीमती निवेदिता कुकरेती, अपर सचिव विनीत कुमार, ललित मोहन रयाल, अत्तर सिंह, संबंधित विभागीय अधिकारी और वर्चुअल माध्यम से एस.एस.बी. द्वारा प्रशिक्षित गुरिल्ला स्वयंसेवक उपस्थित थे।

 

उत्तराखंड में जायरोकॉप्टर सफारी का ट्रायल सफल, जल्द होगी शुरूआत

News web media uttarakhand :  उत्तराखंड की पहली जायरोकॉप्टर सफारी का ट्रायल सफल हो गया है। जायरोकॉप्टर एडवेंचर शुरू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है।

उत्तराखंड से देश की पहली हिमालयी एयर सफारी की शुरूआत की है। उत्तराखंड की पहली जायरोकॉप्टर सफारी का ट्रायल सफल हो गया है। बता दें कि शनिवार को हरिद्वार के बैरागी कैंप में जायरोक्राप्टर की उड़ान का ट्रायल किया गया जो कि सफल हो गया है। अब प्रदेश में जल्द ही इसकी शुरूआत की जाएगी। पर्यटक इसका आनंद ले पाएंगे।

पर्यटन विभाग को जायरोकॉप्टर से एयर सफारी के लिए डीजीसीए की मंजूरी मिल गई है। जायरोकॉप्टर सफारी की शुरूआत प्रदेश में सासिक पर्यटन को बढा़वा देने के लिए अनोखी पहल है। बता दें कि जिलाधिकारी हरिद्वार ने खुद इसका ट्रायल किया। जायरोकॉप्टर से आप पहाड़ और नदियों को और ज्यादा करीब से देख सकते हैं।

आपको बता दें कि जाइरोकॉप्टर सफारी एक अनोखा दौरा है। जाइरोकॉप्टर किसी भी स्थान को रोमांचक और मजेदार तरीके से देखने का मौका देता है। बता दें कि जाइरोप्लेन का आविष्कार 1923 में जुआन डे ला सिर्वा द्वारा किया गया था। इसे कई और नामों जैसे जाइरोकॉप्टर, ऑटोगाइरो या रोटोप्लेन के नाम से भी जाना जाता है।

जाइरोकॉप्टर एक छोटे हेलीकॉप्टर की तरह दिखता है लेकिन इसमें रोटर्स को घुमाने वाला कोई इंजन नहीं होता है। रोटर्स बस स्व-चालित होते हैं जिसे ‘ऑटोरोटेट’ कहा जाता है। जाइरोकॉप्टर उड़ान के सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है। जाइरोकॉप्टर किसी भी मौसम में उड़ान भरने में सक्षम हैं।

 

अयोध्या में राम मंदिर से सात किमी दूर बनेगा उत्तराखंड का अतिथि गृह, चिह्नित जगह पर सीएम की सहमति

News web media Uttarakhand :  अयोध्या में बनाए जा रहे भगवान राम के भव्य मंदिर के पास ही उत्तराखंड सरकार राज्य अतिथि गृह का निर्माण करेगी। राज्य अतिथि गृह के लिए राज्य सरकार ने जो भूमि चिह्नित की है, वह राम मंदिर से करीब सात किमी की दूरी पर है।

करीब साढ़े तीन किमी की एरियल दूरी पर स्थित चिह्नित स्थान के लिए उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने ले आउट तैयार कर लिया है। इसी ले आउट के मुताबिक राज्य सरकार ने भूखंड का चयन किया है। यूपी सरकार ने सभी राज्यों के अतिथि गृह बनाने के लिए एक ही स्थान तय किया है। राज्य संपत्ति विभाग की एक टीम पिछले दिनों अयोध्या से इस स्थान का निरीक्षण करके लौट आई है।

टीम ने करीब पांच भूखंड देखे हैं, जिनमें से किसी एक भूखंड पर सरकार को अतिथि गृह का निर्माण करना है। सीएम को भूखंड का प्रस्ताव दिखा दिया है। सीएम ने अनुमोदन दे दिया है। उन्होंने भूखंड आवंटन के बाद अतिथि गृह निर्माण के लिए तेजी से काम करने के निर्देश दिए हैं। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अतिथि गृह का निर्माण होने के बाद उत्तराखंड से अयोध्या जाने वाले राज्य के लोगों को सुविधा होगी।

4000 वर्ग मीटर भूमि पर बनेगा अतिथि गृह

राज्य अतिथि के लिए उत्तराखंड सरकार ने 4000 वर्ग मीटर भूमि की डिमांड की है। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भूमि आवंटन की प्रक्रिया जल्द शुरू हो जाएगी। आवंटन से पहले उत्तरप्रदेश आवास विकास परिषद वहां मास्टर प्लान के तहत अवस्थापना तैयार कर रहा है।

जनवरी तक आवंटित हो जाएगी भूमि

राज्य सरकार अपेक्षा कर रही कि जनवरी माह तक उत्तराखंड को भूखंड का आवंटन हो जाएगा। राज्य सरकार को इसके लिए कीमत देनी होगी। चूंकि ले आउट और अवस्थापना के साथ भूखंडों का आवंटन हो रहा, इसलिए इसकी दरें भी सामान्य से अधिक होगी।

भूखंड आवंटन होने के बाद अतिथि गृह के निर्माण की डीपीआर बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी। हम जल्द भूमि मिलने की उम्मीद कर रहे हैं। जिस स्थान पर भूमि चिह्नित की गई है, वहां से अयोध्या के लिए दो मार्ग हैं। पहले करीब साढ़े किमी और दूसरे करीब सात किमी है। अतिथि गृह के लिए सभी राज्यों को एक ही स्थान पर भी भूमि मिलेगी।