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प्रधानमंत्री ने कोविड-19 वैक्‍सीन की पहली खुराक ली

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्‍स), नई दिल्‍ली में कोविड-19 वैक्‍सीन की पहली खुराक ली है।

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैंने आज एम्‍स में कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक ली है। यह उल्लेखनीय है कि हमारे डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत बनाने के लिए बहुत तेजी से काम किया है। मैं वैक्‍सीन लेने के सभी पात्र व्‍यक्तियों से वैक्सीन लेने का अनुरोध करता हूं। आइए, हम मिलकर भारत को कोविड-19 से मुक्‍त बनाएं।’’

 

प्रधानमंत्री ने माघ पूर्णिमा के अवसर पर लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दीं

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने माघ पूर्णिमा के अवसर पर लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं।

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, “सभी देशवासियों को माघ पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं।”

प्रधानमंत्री ने संत रविदास को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने संत रविदास को उनकी जयंती के अवसर पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, “संत रविदास जी ने सदियों पहले समानता, सद्भावना और करुणा पर जो संदेश दिए, वे देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करने वाले हैं। उनकी जयंती पर उन्हें मेरा सादर नमन।”

पं. सुभाष चन्द्र जोशी जी वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद ( राज्य स्तर मंत्री) उत्तराखंड के अध्यक्ष मनोनीत किया गया .

पं. सुभाष चन्द्र जोशी जी वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद ( राज्य स्तर मंत्री) के अध्यक्ष मनोनीत । देवभूमि जॉर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन , रजि. उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष एवं देवभूमि पत्रकार यूनियन, रजि. के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य , दृष्टि में ही सृष्टि, पत्रिका के सम्पादक , वरिष्ठ पत्रकार, ब्राह्मण समाज महासंघ के संरक्षक , भागवताचार्य, पं.सुभाष चन्द्र जोशी जी को मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी द्वारा वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद , उत्तराखंड सरकार का अध्यक्ष ( राज्य स्तर मंत्री) मनोनीत किये जाने पर पत्रकारों में हर्ष की लहर दौड़ गई । इसके लिए एसोसिएशन व यूनियन ने मुख्यमंत्री जी का आभार प्रकट किया है । प्रदेश भर के पत्रकारों ने एवं धार्मिक संस्थाओं ने जोशी जी को शुभ कामनाएं प्रेषित करते हुए हर्ष प्रकट किया है । डॉ. वी डी शर्मा, प्रदेश महासचिव, देवभूमि जॉर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तराखंड व देवभूमि पत्रकार यूनियन, रजि. उत्तराखंड ।

भारत में कोविड-19 टीकाकरण कवरेज 1.34 करोड के पार 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1000 से कम सक्रिय मामले पिछले 24 घंटों में 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से कोविड के कारण मौत होने का कोई नया मामला दर्ज नहीं हुआ

भारत में कोविड-19 टीकाकरण का कुल कवरेज 1.34 करोड के पार हो गया है।

प्रारंभिक सूचना के अनुसार आज सुबह सात बजे तक 2,78,915 सत्रों में 1,34,72,643 लोगों का टीकाकरण किया जा चुका है। इनमें से 66,21,418 स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं (एचसीडल्ब्यू) को पहली खुराक दी जा चुकी है और 20,32,994 स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं को दूसरी खुराक दी जा चुकी है। इसके साथ ही अग्रिम पंक्ति के 48,18,231 कार्यकर्ताओं (एफएलडब्ल्यू) को पहली खुराक दी गई है।

13 फरवरी 2021 को उन लाभार्थियों को कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक देने का कार्यक्रम शुरू हुआ जिन्हें पहली खुराक दिए हुए 28 दिन पूरे हो चुके थे। अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं का टीकाकरण 2 फरवरी 2021 को शुरू किया गया था।

 

क्र. संख्या  

राज्य/केंद्र शासित प्रदेश

टीकाकरण किए गए लाभर्थी
पहली खुराक दूसरी खुराक कुल खुराक
1
अंडमान निकोबार द्वीप समूह
6,034 2,385 8,419
2
आंध्र प्रदेश
5,03,858 1,30,591 6,34,449
3
अरुणाचल प्रदेश
24,193 6,331 30,524
4
असम
1,89,569 21,468 2,11,037
5
बिहार
5,48,175 76,211 6,24,386
6
चंडीगढ़
18,894 1,568 20,462
7
छत्तीसगढ
3,73,644 48,347 4,21,991
8
दादरा और नगर हवेली
5,252 337 5,589
9
दमन और दीव
2,151 254 2,405
10
दिल्ली
3,62,072 34,567 3,96,639
11
गोवा
17,875 1,918 19,793
12
गुजरात
8,32,737 1,25,357 9,58,094
13
हरियाणा
2,20,672 68,361 2,89,033
14
हिमाचल प्रदेश
1,00,723 17,041 1,17,764
15
जम्मू और कश्मीर
2,30,494 13,391 2,43,885
16
झारखंड
2,80,339 19,440 2,99,779
17
कर्नाटक
5,96,274 1,92,934 7,89,208
18
केरल
4,41,597 88,877 5,30,474
19
लद्दाख
8,753 748 9,501
20
लक्षद्वीप
2,353 688 3,041
21
मध्य प्रदेश
6,49,377 1,31,088 7,80,465
22
महाराष्ट्र
10,10,322 1,31,968 11,42,290
23
मणिपुर
48,938 2,239 51,177
24
मेघालय
28,860 1,350 30,210
25
मिजोरम
20,955 4,876 25,831
26
नगालैंड
28,691 5,425 34,116
27
ओडिशा
4,58,368 1,54,434 6,12,802
28
पुदुचेरी
9,455 1,024 10,479
29
पंजाब
1,49,029 32,863 1,81,892
30
राजस्थान 
7,97,900 1,52,486 9,50,386
31
सिक्किम
16,630 1,228 17,858
32
तमिलनाडु
3,78,411 50,844 4,29,255
33
तेलंगाना
2,84,058 1,14,020 3,98,078
34
त्रिपुरा
88,487 19,527 1,08,014
35
उत्तर प्रदेश
11,67,285 2,03,454 13,70,739
36
उत्तराखंड
1,40,671 14,323 1,54,994
37
पश्चिम बंगाल
8,72,999 1,20,107 9,93,106
38
अन्य
5,23,554 40,924 5,64,478
 
कुल
1,14,39,649 20,32,994 1,34,72,643

टीकाकरण अभियान के 41वें दिन (25 फरवरी 2021) टीके की 8,01,480 खुराकें दी गईं। इनमें से 3,84,834(एचसीडब्ल्यू और एफएलडब्ल्यू)लाभार्थियों को पहली खुराक के लिए 14,600 सत्रों में और 4,16,646 एचसीडव्ल्यू को दूसरी खुराक के लिए टीका लगाया गया।

कुल 1,34,72,643 टीका खुराकों में से 1,14,39,649 (एचसीडब्ल्यू और एफएलडब्ल्यू) को टीके की पहली खुराक और 20,32,994 एचसीडब्ल्यू को टीके की दूसरी खुराक दी जा चुकी है।

कुल पंजीकृत एचसीडब्ल्यू में से 60 प्रतिशत से कम को नौ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में टीका लगाया गया है।

इनमें अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, लद्दाख, चंडीगढ़, नगालैंड, पंजाब और पुदुचेरी शामिल हैं।

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कुल पंजीकृत एफएलडब्ल्यू में से 40 प्रतिशत से कम को 13 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में टीका लगाया गया है।

इनमें चंडीगढ़, नागालैंड, तेलंगाना, मिजोरम, पंजाब, गोवा, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, मणिपुर, असम, अंडमान निकोबार द्वीर समूह, मेघालय और पुदुचेरी शामिल हैं।

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आज की तारीख में भारत में कुल सक्रिय मामलों की संख्या 1,55,986 है जो कि कुल पॉजिटिव मामलों का 1.41 प्रतिशत है। ऐसा कुछ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में प्रतिदिन नए मामलों में हो रही वृद्धि के कारण हुआ है।

21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1,000 से कम सक्रिय मामले दर्ज हुए हैं।

इमें जम्मू कश्मीर (820), आंध्र प्रदेश (611), ओडिशा (609), गोवा (531), उत्तराखंड (491), बिहार (478), झारखंड (467), चंडीगढ़ (279), हिमाचल प्रदेश (244), पुदुचेरी (196), लक्षद्वीप (86), लद्दाख (56), सिक्किम (43), मणिपुर (40), त्रिपुरा (32), मिजोरम (27), मेघालय (20), नागालैंड (13), दमन एवं द्वीवऔर दादरा नगर हवेली (5), अरूणाचल प्रदेश (3) और अंडमान निकोबार द्वीप समूह (2) शामिल हैं।

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20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने पिछले 24 घंटों में कोविड-19 से मौत का एक भी मामला दर्ज नहीं किया है।

इनमें दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू- कश्मीर, आंध्र प्रदेश, झारखंड, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, असम, लद्दाख, त्रिपुरा, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर, मेघालय, सिक्किम, दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।

नीचे दी गई टेबल में पिछले 24 घंटे में सक्रिय मामलों में आए बदलाव को दर्शाया गया है। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 4,902 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए हैं जबकि केरल ने सबसे अधिक 989 नेगेटिव मामले दर्ज किए हैं।

 

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आज तक भारत में कुल 1,07,50,680कोविड-19 रोगी स्वस्थ्य हो चुके हैं। आज रिकवरी दर 97.17 प्रतिशत हो गई है।

स्वस्थ्य हुए कुल रोगियों और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर लगातार बढ़ रहा है और आज यह 10,594,694हो गया है।

पिछले 24 घंटों में 12,179 रोगी स्वस्थ हुए हैं।

नए स्वस्थ हुए रोगियों के 85.34 प्रतिशत मामले 6 राज्यों में दर्ज हुए हैं।

केरल में पिछले 24 घंटों में एक दिन में सबसे अधिक 4,652 लोग स्वस्थ हुए हैं। महाराष्ट्र में यह संख्या 3,744 और तमिलनाडु में 947 है।

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पिछले 24 घंटों में 16,577 नए मामले दर्ज किए गए हैं।

इनमें से 86.18 प्रतिशत नए मामले 6 राज्यों में दर्ज हुए हैं।

महाराष्ट्र में प्रतिदिन सबसे अधिक 8,702 नए मामले दर्ज हुए हैं, दूसरे स्थान पर केरल है जहां 3,677 जबकि पंजाब में 563 नए मामले मिले हैं।

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पिछले 24 घंटों में कोविड से 120 मौतें हुई हैं।

इनमें से 85.83 प्रतिशत मामले 6 राज्यों में दर्ज हुए हैं। महाराष्ट्र में सबसे अधिक 56, केरल में 14 और पंजाब में 13 मौतें दर्ज हुई हैं।

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आयकर विभाग ने हरियाणा में ली तलाशी

आयकर विभाग ने आज गुरुग्राम स्थित रियल एस्टेट कंपनी, उसके प्रवर्तकों, निदेशकों ,समूह की अन्य कंपनियों के मामले में आयकर अधिनियम 1961 की धारा 132 के तहत तलाशी शुरू की, जिसमें कुल 20 परिसरों को शामिल किया गया। उक्त कंपनी सड़कों, राजमार्ग, पुल और रनवे निर्माण की विशेषज्ञता वाले सरकारी ठेकों के कारोबार में है। समूह रियल एस्टेट के विकास और आवासीय परिसरों के कारोबार में है।

तलाशी में मुख्य प्रवर्तक और परिवार के सदस्यों के नाम पर साल 2012-13 और 2013-14 में 25 करोड़ रुपये के जाली लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के प्रमाण मिले हैं, जिस पर कोई कर नहीं चुकाया गया है।

तलाशी से ये भी स्थापित हुआ कि समूह ने कर योग्य आय को घटाने के लिए उप-अनुबंधों के रूप में 100 करोड़ रुपये के बराबर जाली खर्च का दावा किया । ये पाया गया कि उन सभी पक्षों को इन सौदों की कोई जानकारी नहीं थी जिनके नाम पर ये खर्च दिखाया गया और उन्होने खुद के द्वारा ऐसा कोई काम करने से इन्कार किया। 100 करोड़ रुपये की ये रकम समूह कि कंपनियों के पास शेयर पूंजी और शेयर प्रीमियम के रूप में वापस पहुंचा दी गई।

तलाशी अभियान के दौरान आवासीय इकाईयों की बिक्री और संपत्तियों की खरीद में करोड़ो रुपये नकद के भुगतान और प्राप्ति दर्शाने वाले कई कागज और कागजात प्राप्त हुए हैं। बेनामी संपत्तियों के कागजात भी प्राप्त हुए हैं।

अब तक नकद 1 करोड़ रुपये और 14000 अमेरिकी डॉलर मूल्य की विदेशी मुद्रा बरामद और जब्त की जा चुकी है। 15 लॉकर का पता लगाया जा चुका है और उन्हें रोक के तहत रखा गया हैं।

तलाशी जारी है और आगे की जांच प्रगति पर है।

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रगतिशील होने के साथ-साथ व्यावहारिक भी है उन्होंने प्रसिद्ध कॉटन यूनिवर्सिटी के परिसर में नए छात्रावासों की आधारशिला रखी

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति प्रगतिशील होने के साथ-साथ व्यावहारिक भी है। उन्होंने कहा कि एक बार लागू होने के बाद यह शिक्षा नीति परिवर्तनकारी बनने जा रही है। इस शिक्षा नीति के सकारात्मक परिणाम अगली पीढ़ी में दिखाई देंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह प्रसिद्ध कॉटन यूनिवर्सिटी के परिसर में नए छात्रावासों की आधारशिला रखने के बाद इस अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे। यह विश्वविद्यालय पूर्ववर्ती कॉटन कॉलेज का विस्तार है। यह कॉलेज ब्रिटिश राज के दौरान 1901 में पूर्वोत्तर में स्थापित होने वाला पहला डिग्री कॉलेज है। कॉलेज का नाम ब्रिटिश गवर्नर श्री कॉटन के नाम पर रखा गया था। सात मंजिले छात्रावास भवनों के निर्माण की पूरी लागत पूर्वोत्तर परिषद (एनईसी) द्वारा वहन की जाएगी। यह परिषद पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय से संबद्ध है। छात्रावास भवनों के निर्माण के लिए लगभग 40 करोड़ रुपये की राशि पहले ही आवंटित कर दी गई है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और पूर्वोत्तर परिषद पिछले छह वर्षों के दौरान बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से अलग भी अपनी गतिविधियों में विविधता लाए हैं और शिक्षा तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक योगदान दे रहे हैं। उन्होंने दो वर्ष पूर्व बैंगलोर विश्वविद्यालय के परिसर में पूर्वोत्तर परिषद द्वारा निर्मित नॉर्थईस्ट गर्ल्स हॉस्टल और नॉर्थईस्ट स्टूडेंट्स हॉस्टल का जिक्र किया। नॉर्थईस्ट स्टूडेंट्स हॉस्टल का जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) नई दिल्ली के परिसर में निर्माण कार्य प्रगति पर है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इसी प्रकार स्वास्थ्य क्षेत्र में भी पूर्वोत्तर परिषद ने परमाणु ऊर्जा विभाग और टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल मुंबई के सहयोग से गुवाहाटी के डॉ. बी बरूआ अस्पताल को अपग्रेड करके सुपर स्पेशियलिटी कैंसर शिक्षण अस्पताल में परिवर्तित कर दिया है। इस अस्पताल में डीएम ऑन्कोलॉजी और एमसीएच ऑन्कोलॉजी पाठ्यक्रमों की शुरूआत की गई है।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लेख करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस शिक्षा नीति में कुछ क्रांतिकारी प्रावधान शामिल किए गए हैं जो वैश्विक भारत की जरूरतों के अनुरूप हैं। उन्होंने किसी शिक्षा संस्थान में प्रवेश और निकासी के प्रावधान का उदाहरण देते हुए कहा कि इससे छात्र को अपनी योग्यता के आधार पर अपना अध्ययन पाठ्यक्रम छोड़ने की अनुमति से साथ-साथ बाद में पाठ्यक्रम में दोबारा शामिल होने का विकल्प भी उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति युवा प्रतिभाओं और कौशल को पोषित करने और संवारने में भी एक बड़ी मददगार साबित होने जा रही है।

प्रधानमंत्री ने श्री मन्नथु पद्मनाभन जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने श्री मन्नथु पद्मनाभन जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा,“श्री मन्नथु पद्मनाभन जी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। हम समाज कल्याण और युवा सशक्तीकरण में उनके लंबे समय तक दिए गए योगदान का भी स्मरण करते हैं। उनके उच्च विचार अनेक लोगों को लगातार प्रेरित कर रहे हैं।”

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने निवेशकों को निवेश करने से पहले निधि कंपनियों की स्थिति का सत्यापन करने की सलाह दी

संशोधित कंपनी अधिनियम 2013 और निधि नियमावली 2014 के तहत कंपनियों को फॉर्म एनडीएच-4 में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) को आवेदन करते हुए स्वयं को अपडेट (वे कंपनियां जिन्हें पहले कंपनी अधिनियम 1956 के तहत निधि कंपनी के रूप में घोषित किया गया था) करने या निधि कंपनी (वे कंपनियां जिन्हें 01-04-2014 के बाद निधि कंपनी के रूप में निगमित किया गया था) के रूप में घोषित करने की जरूरत है। फॉर्म एनडीएच-4 में आवेदनों की जांच करते हुए यह देखा गया है कि ये कंपनियां नियमों के प्रावधानों का ठीक तरह अनुपालन नहीं कर रही हैं। इस कारण अपनी घोषणा के संबंध में कंपनियों द्वारा प्रस्तुत किए गए आवेदनों को रद्द कर दिया गया है क्योंकि ये कंपनियां निधि कंपनी के रूप में घोषित होने के योग्य नहीं पाई गई हैं।

निवेशकों को यह सलाह दी जाती है कि वे ऐसी कंपनियों का सदस्य बनने और अपनी मेहनत की कमाई का निवेश करने से पूर्व, विशेष रूप से केन्द्र सरकार द्वारा निधि कंपनी के रूप में उनकी स्थिति की घोषणा के साथ-साथ उनके पूर्ववृतों / स्थिति का अच्छी तरह सत्यापन कर लें।

केन्‍द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री ने पेट्रोकैमिकल्‍स और प्‍लास्टिक प्रसंस्‍करण उद्योग में प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए 10वें राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार (2019-20) प्रदान किए

केन्‍द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने आज यहां नई दिल्‍ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में पेट्रोकैमिकल्स और प्लास्टिक प्रसंस्करण उद्योग में प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए 10वें राष्ट्रीय पुरस्‍कार (2019-20) प्रदान किए। इस अवसर पर रसायन एवं पेट्रो रसायन सचिव श्री योगेन्‍द्र त्रिपाठी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में पुरस्‍कार विजेताओं के अलावा वरिष्‍ठ सरकारी अधिकारी, उद्योगों के प्रतिनिधि, विद्वान और अनुसंधान एवं विकास संस्‍थानों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।

अप्रैल 2007 में घोषित राष्‍ट्रीय पेट्रोकैमिकल्‍स नीति के अनुरूप भारत सरकार के रसायन एवं पेट्रोकैमिकल्‍स विभाग ने पोलीमेरिक मेटीरियल, उत्‍पादन तथा राष्‍ट्रीय और सामाजिक महत्‍व के प्रसंस्‍करण क्षेत्रों में श्रेष्‍ठ नवाचार और खोज करने वाले लोगों को प्रोत्‍साहित करने के लिए एक पुरस्‍कार योजना शुरू की थी। इसका मुख्‍य लक्ष्‍य पेट्रोकैमिकल्‍स उद्योग का पारिस्थितिकी अनुरूप प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकियों का इस्‍तेमाल कर वैश्विक प्रतिस्‍पर्धा वाले उद्योग के रूप में विकास करना था। प्रौद्योगिकी नवाचार के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कारों की इस योजना को लागू करने की जिम्‍मेदारी डीसीपीसी के तहत काम करने वाले स्‍वायत्‍तशासी संगठन सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ पेट्रोकैमिकल्‍स इंजीनियरिंग एंड टेक्‍नोलॉजी (सीआईपीईटी) को सौंपी गई थी।

इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक तौर पर पेट्रोकैमिकल्‍स उद्योग का केन्‍द्र बनने की संभावना रखता है। उन्‍होंने कहा कि भारत सरकार का जोर आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत पीएलआई योजना के जरिये फार्मास्‍युटिकल, दूरसंचार एवं नेटवर्किंग उपकरण, ऑटोमोबाइल्‍स, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, मोबाइल्‍स, चिकित्‍सा उपकरण, कपड़ा आदि जैसे क्षेत्रों में इसके इस्‍तेमाल को प्रोत्‍साहित करना है। इससे देश में रसायनों और पेट्रोकैमिकल उत्‍पादों की मांग में वृद्धि होगी।

श्री गौड़ा ने कहा कि रसायन और पेट्रोकैमिकल क्षेत्र, प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के देश को जल्‍द से जल्‍द पांच खरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्‍यवस्‍था बनाने के दृष्टिकोण को पूरा करने की दिशा में एक महत्‍वपूर्ण क्षेत्र के रूप में उभरा है। उन्‍होंने बताया कि रसायन और पेट्रोकैमिक विभाग इस क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए असम, मध्‍य प्रदेश, ओडिसा, तमिलनाडु और झारखंड राज्‍यों में सरकारों के साथ समन्‍वय से 6 प्‍लास्टिक पार्क स्‍थापित करने जैसे बहुत से उपाय कर रहा है। इनमें से मध्‍य प्रदेश में दो पार्क स्‍थापित करने की योजना है। इससे प्‍लास्टिक प्रसंस्‍करण उद्योगों को, जिनमें से अधिकतर एमएसएमई क्षेत्र में हैं, मजबूत करने और उन्‍हें स्‍पर्धी बनाने में मदद मिलेगी, ताकि वे भविष्‍य में वैश्विक मूल्‍य श्रृंखला का हिस्‍सा बन सकें।

श्री गौड़ा ने इस बात को रेखांकित किया कि पेट्रोकैमिकल्‍स क्षेत्र में प्रधानमंत्री के आत्‍मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिए मंत्रालय ने राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार और उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र एवं प्‍लास्टिक पार्क योजना शुरू की है तथा वह भारतीय नवोन्‍मेषियों और अनुसंधान संगठनों को प्रोत्‍साहित कर रहा है। सेंट्रल इंस्‍टीट्यूट ऑफ पेट्रोकैमिकल्‍स इंजीनियरिंग एंड टेक्‍नोलॉजी (सीआईपीईटी) ने पिछले वर्षों में इस योजना को सफलतापूर्वक लागू किया है। इस योजना ने न सिर्फ गंभीर अनुसंधानकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया है, बल्कि युवा मानस को भी अनुसंधान कार्य को करियर विकल्‍प के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्‍साहित किया है।

10वें राष्‍ट्रीय पुरस्‍कारों के तहत 2019-20 के लिए 273 नामांकन प्राप्‍त हुए, जिनमें से अंत में चार का विजेता के रूप में और 9 का उपविजेता के तौर चयन किया गया।

विजेताओं का विवरण –

  1. “पॉलिमर सामग्री में नवाचार” की श्रेणी के तहत “प्रेपरेशन एंड स्‍केलअप ऑफ डिसइंटेंगल्‍ड अल्ट्राहाई मॉलिक्‍यूलर वेट पॉलीथाइलीन: ए मेटीरियल इलेवन टाइम्‍स स्‍ट्रांगर देन स्‍टील” विषय पर अनुसंधान के लिए सीएसआईआर- नेशनल केमिकल लेबोरेटरी, पुणे के डॉ. समीर एच. चिक्काली और श्री रवींद्र पी. गोटे, डॉ. दीपा मंडल, डॉ. केतन पटेल श्री कृष्णरूप चौधरी, डॉ. सीपी विनोद, डॉ. आशीष के. लेले ।
  2. “पॉलिमर उत्पादों में नवाचार श्रेणी के तहत इंडिजनस डेवलपमेंट ऑफ पोलिमर – सिरेमिक बेस्‍ड पोरस बेड फॉर सेपरेशन ऑफ मिक्‍सड आयन एक्‍सचेंज रेजिंस” विषय के लिए सिपेट: एसएआरपी, एलएआरपीएम, भुवनेश्वर के डॉ. स्मिता मोहंती और डॉ. अक्षय कुमार पलाई, श्री सागर कुमार नायक, श्री स्मृति रंजन मोहंती।
  3. मेसर्स शिबौरा मशीन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, चेन्नई को “पॉलिमर प्रोसेसिंग मशीनरी, इक्विप्मेंट्स, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन में नवाचार” की श्रेणी के तहत मल्टी कलर / मटेरियल इंजेक्शन मोल्डिंग मशीन एंटी-काउंटरफिट आर्टिकल प्रोडक्‍शन के लिए”।
  4. डॉ. लिजिमोल फिलिपोज पम्‍पाद्याथिल, श्री चित्रा तिरुनल इंस्टीट्यूट फॉर मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम, केरल, को “चिकित्सा और औषधि अनुप्रयोगों में पॉलिमर” की श्रेणी के तहत नवाचार के लिए ऑर्थोपेडिक अनुप्रयोगों के लिए सीटू पोलीमराइज़ेबल ओलिगोमर आधारित जैव-सक्रिय, रेडियोपैक, नॉन-साइटोटोक्सिक, बॉन सीमेंट के विकास करने के लिए”।

उपविजेताओं का विवरण : –

1. ब्रह्मोस एयरोस्पेस लिमिटेड, हैदराबाद के डॉ. के. वी. गोविंदराजन और श्री के. प्रेमचंद, श्रीमती तनु श्रीवास्तव को पॉलिमर सामग्री में नवाचार “की श्रेणी के तहत “फ्लोरोनेटेड टॉप कोट अलौंग विद हीट रेसिस्‍टेंट प्राइमर्स फॉर इंडियन सुपरसोनिक मिसाइल्‍स एंड हाइपरसोनिक व्हीकल्स के लिए विकसित किए गए हीट पॉलीमर” के लिए।

2) रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसडीई), डीआरडीओ, कानपुर के डॉ. दिब्येंदु शेखर बाग और डॉ. गोवर्धन लाल, श्री राजकुमार, डॉ. दुर्गेशनाथ त्रिपाठी, डॉ. एन. ईश्‍वर प्रसाद को “पॉलिमर उत्पादों में नवाचार” की श्रेणी के तहत” प्रोडक्‍ट डेवलपमेंट अपग्रेडेशन ऑफ मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्रोसेस टेक्‍नोलॉजी, सार्टिफिकेशन एंड फ्रीफ्लो बल्‍क प्रोडक्‍शन ऑफ पीक लाइटिनिंग इंसुलेटर पाइप्‍स फॉर लाइट कॉम्‍बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए-एमके-1, तेजस) के लिए।

3) मेसर्स मिल्‍क्रॉन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, अहमदाबाद को पॉलिमर प्रोसेसिंग मशीनरी, इक्विप्मेंट्स, रोबोटिक्स और ऑटोमेशन में नवाचार की श्रेणी के तहत “क्यू-सीरीज़ 280 मोनो सैंडविच मशीन” के विकास के लिए।

4) सीएसआईआर-सेंट्रल लेदर रिसर्च इंस्टीट्यूट, चेन्नई के डॉ. एन.आर. कामिनियंद डॉ. एन. अय्यादुरई, डॉ. एम. आरती, श्री जॉर्ज एस. एंटनी को “पॉलीमर वेस्ट के प्रबंधन में नवाचार” के तहत “गैर-पारंपरिक खमीर द्वारा बहुलक पदार्थों की बायोडिग्रेडेशन” संबंधी अनुसंधान के लिए।

5) मेसर्स बालासोर केमिकल्स, बालासोर और सीआईपीईटी: एसएआरपी-एलएआरपीएम, भुवनेश्वर की डॉ. स्मिता मोहंती को “ग्रीन पॉलिमर सामग्री और उत्पादों में नवाचार” की श्रेणी के तहत “पॉलीविनाइल क्लोराइड (पीवीसी) और इको-फ्रेंडली प्रेपरेशन मैथड देअरऑफ” के लिए।

6) मेसर्स रे कलर्स, आनंद को “कृषि और जल संरक्षण में पॉलिमर” की श्रेणी में “एलग्रोनिक्‍स – द एंटी-एल्‍गे मास्‍टरबैश फॉर ग्रीनहाउस फिल्‍मस के लिए।

7) सीएसआईआर-आईआईसीटी, हैदराबाद के डॉ. एस. श्रीधर और डॉ. निवेदिता साहू, श्री दिलीप कुमार फोतेदार, श्री भद्राचलम नरकुटी, श्रीमती भोग अरुंधति को पॉलिमर इन मेडिकल एंड फार्मास्युटिकल एप्लिकेशन की श्रेणी में दवा, डिस्टलरी, मेडिकल और सेमीकंडक्टर अनुप्रयोगों के लिए टाइप-1 और टाइप-2 के शुद्ध जल और स्वदेशी और सस्ती पॉलिमर मेम्ब्रेन-रेजिन एकीकृत डिवाइज के उत्पादन के लिए।

8) मेसर्स रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड, वडोदरा को इनोवेशन इन पेट्रोकैमिकल्‍स एंड न्‍यूअर पॉलीमर्स एप्‍लिकेशंस श्रेणी के तहत “डेवलपमेंट ऑफ क्‍लोरिनेटिड पॉलिविनाइलक्‍लोराइड (सीपीवीसी) विद सुपीरियर मैकेनिकल एंड थर्मलप्रोपटीज प्रोडयूस्‍ड बाई विजिबल ब्‍ल्‍यू लेड लाइट मीडिएटिड फोटोक्‍लोरिनेशन इन वाटर” के लिए।

9) रक्षा सामग्री और भंडार अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (डीएमएसआरडीई), डीआरडीओ, कानपुर की डॉ. आकांशा दीक्षित को किसी अकादमिक संस्‍थान/अनुसंधान प्रयोगशाला में अनुसंधान छात्र के रूप में पॉलिमर साइंस एंड टेक्नोलॉजी श्रेणी के तहत “स्मार्ट-अनुप्रयोगों के लिए स्व-चिकित्सा उपचार और हाइड्रोजेल का विकास” के लिए।