भाजपा ने ऋतु खंडूड़ी को पहली विधानसभा अध्यक्ष बना कर उत्तराखंड के राजनैतिक इतिहास में जोड़ा नया अध्याय, कौन हैं ऋतु खंडूरी जो निभाएंगी यह जिम्मेदारी

उत्तराखंड में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद पुष्कर धामी की सरकार ने इतिहास रचते हुए सत्ता में दोबारा वापसी कर ली है। बुधवार को शपथ ग्रहण के बाद नई सरकार का कामकाज विधिवत शुरू हो जाएगा। इस नई सरकार में धामी का लगातार दोबारा सीएम बनना ही अकेली बड़ी बात नहीं है बल्कि, एक और ऐतिहासिक उपलब्धि धामी सरकार 2.0 को हासिल होने जा रही है। कोटद्वार से बीजेपी विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण को उत्तराखंड की पहली विधानसभा अध्यक्ष बनाया जा रहा है।

उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार हुआ कि किसी राजनीतिक पार्टी को लगातार दूसरी बार सत्ता मिली, तो यह भी पहली बार हो रहा है कि कोई महिला विधानसभा की स्पीकर बनने जा रही है। ऋतु खंडूड़ी भूषण के देवभूमि की पहली विधानसभा अध्यक्ष बनने की खबर आते ही चमोली जनपद के खाल गांव में जश्न का माहौल रहा। हालांकि ऋतु ने पौड़ी ज़िले की कोटद्वार विधानसभा सीट से चुनाव जीता और पहले वह यमकेश्वर से विधायक रह चुकी हैं, लेकिन उनका ताल्लुक चमोली के खाल गांव से गहरा है क्योंकि वह इस गांव की बहू हैं। उनकी इस उपलब्धि पर ग्रामीणों को गर्व तो हुआ ही, उन्होंने खुशियां और उत्साह भी बांटा।

ऋतु खंडूरी उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी हैं। प्रदेश के नैनीताल में 29 जनवरी 1965 को उनका जन्म एक फौजी परिवार में हुआ था। खंडूरी के फौज में होने के कारण उनकी पढ़ाई भी पिता की पोस्टिंग के हिसाब से अलग-अलग जगहों पर हुई। उन्होंने मेरठ के रघुनाथ गर्ल्स कॉलेज से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है। इसके बाद राजस्थान विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएशन किया। उन्होंने पत्रकारिता में डिप्लोमा भी हासिल किया है। साल 2006 से लेकर 2017 तक उन्होंने नोएडा की ऐमिटी यूनिवर्सिटी में फैकल्टी के रूप में भी काम किया है।

ऋतु खंडूरी के पति राजेश भूषण बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। ऋतु लंबे समय से समाजसेवा में भी ऐक्टिव रही हैं। साल 2017 के चुनाव में उन्होंने बीजेपी के टिकट पर यमकेश्वर सीट से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। साल 2022 के चुनाव में उनकी सीट बदल दी गई थी। उन्हें कोटद्वार से पूर्व कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह नेगी के खिलाफ उतारा गया था। नेगी ने साल 2012 में तत्कालीन सीएम बीसी खंडूरी को कोटद्वार सीट से ही चुनाव हरा दिया था। ऐसे में ऋतु पर अपने पिता की हार का बदला लेने का भी मौका था।

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