मुख्यमंत्री धामी ने शुक्रवार को बनबसा मिनी स्पोर्ट्स स्टेडियम में जनसभा को किया संबोधित, मुख्यमंत्री चम्पावत से लड़ेंगे उपचुनाव ?

पुष्कर सिंह धामी दूसरी बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले दौरे के लिए चंपावत विधानसभा के बनबसा इलाके में पहुंचे, जहां उन्होंने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह अब भाजपा के लिए योद्धा बन गए हैं और यह बात वह हाईकमान को बताएंगे कि कैसे कार्यकर्ताओं ने उन्हें इस भूमिका में खड़ा कर दिया है।सीएम पुष्कर धामी चंपावत विधानसभा के बनबसा पहुंचे तो उनका ज़ोरदार स्वागत भाजपाइयों ने किया। चंपावत सीट विधानसभा चुनाव जीतने वाले कैलाश गहतोड़ी वह ​पहले विधायक थे, जिन्होंने सीएम धामी के उपचुनाव के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चम्पावत से उपचुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान के सामने वह चम्पावत से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखेंगे। हाईकमान का फैसाला ही अंतिम होगा। धामी को इस सीट से चुनाव लड़ने का न्योता विधायक कैलाश गहतोड़ी पहले ही दे चुके हैं।

बनबसा स्टेडियम में हुई जनसभा में एक बार फिर विधायक कैलाश गहतोड़ी ने धामी के लिए अपनी सीट छोड़ने का ऐलान दोहराया। उन्होंने कहा कि सीएम धामी अगर चम्पावत सीट से चुनाव लड़ने का मन बनाते हैं, तो वह उनके लिए अपनी सीट छोड़ने में जरा भी संकोच नहीं करेंगे। इसके बाद सीएम धामी ने अपने संबोधन में कहा कि वह विधायक गहतोड़ी का तहेदिल से आभार व्यक्त करते हैं। कहा वह विधायक के इस प्रस्ताव को हाईकमान के सामने रखेंगे। उपचुनाव लड़ने को लेकर हाईकमान ही अंतिम निर्णय लेगा। कहा अगर उन्हें यहां से चुनाव लड़ने का मौका मिलता है, तो उनके लिए इससे बड़े सौभाग्य की बात और क्या हो सकती है। सीएम ने अंत में विधानसभा चुनाव में भाजपा को दिए प्रचंड बहुमत के लिए जनता का आभार जताया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘मैं किस सीट से चुनाव लड़ूंगा, यह फैसला तो हाईकमान को ही करना है। हालांकि यह फैसला कुछ भी हो, मैं चंपावत के लिए हर वह कदम उठाऊंगा, जो इस ज़िले के लिए सबसे अच्छा हो सकता है।’ यही नहीं, चंपावत से धामी ने अपना पुराना रिश्ता बताया।

चैत्र नवरात्रि कल से शुरू ,नौ दिन होगी मां दुर्गा की पूजा अर्चना

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चैत्र नवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा. इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. इस साल चैत्र नवरात्रि का त्योहार शनिवार, 2 अप्रैल 2022 से शुरू होगा और सोमवार, 11 अप्रैल 2022 को समाप्त होगा. मां दुर्गा को सुख, समृद्धि और धन की देवी माना जाता है.

हिंदू धर्म में मां दुर्गा के नवरात्रि का विशेष महत्व है। साल में चार बार मनाया जाने वाला ये पर्व माता रानी के भक्त बहुत ही धूम-धाम से मनाते हैं। दो गुप्त नवरात्रि और दो शारदीय और चैत्र के नवरात्रि होते हैं। देशभर में माता रानी के भक्तों का सैलाव मंदिरों में उमड़ आता है। हिंदू धर्म में मां दुर्गा के नवरात्रि का बहुत ही विशेष महत्व है।

इन नौ दिनों में माता रानी के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा की उपासना और पूजा पाठ किया जाता है। साथ ही भक्त मां के लिए नौ दिन व्रत और उपवास रखते हैं। विधि विधान से मां की पूजा की जाती है। मां की पूजा के बाद आरती और चालीसा का पाठ किया जाए, तो मां प्रसन्न होकर भक्तों के सभी दुख दूर करती हैं और सकंट हर लेती हैं।

नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करके मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की अलग-अलग पूजा-अर्चना की जाती है। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की विधिवित पूजा करने वाले भक्तों पर माता रानी अपनी कृपा दृष्टि सालभर रखती हैं। कलश स्थापना का शुभ समय 2 अप्रैल को सुबह 06 बजकर 10 मिनट से 08 बजकर 29 मिनट तक है। कुल अवधि 02 घंटे 18 मिनट की है।

 

अधिकारियों की एसीआर लिखने के अधिकार मामले में गठित होगी कमेटी, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के सुझाव पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्‍य सचिव को दिए निर्देश

उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद से ही यह समस्या बनी हुई है। भाजपा की दो-तिहाई बहुमत से बनी दूसरी सरकार में इस समस्या के निदान के लिए मंत्रियों की ओर से एसीआर लिखने का अधिकार देने की मांग उठाई जा रही है।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की सचिवों की एसीआर (वार्षिक गोपनीय आख्या) लिखने का अधिकार मंत्रियों को दिए जाने की मुहिम असर दिखाने लगी है। महाराज के सुझाव पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में मुख्य सचिव को कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं।

प्रदेश के लोक निर्माण, पर्यटन, सिंचाई, लघु सिंचाई,पंचायतीराज, संस्कृति, धर्मस्व, ग्रामीण निर्माण, जलागम प्रबंधन एवं भारत नेपाल उत्तराखंड नदी परियोजनाएं मंत्री सतपाल महाराज लंबे समय से शासन में सचिवों की एसीआर लिखने का अधिकार कैबिनेट मंत्रियों को दिए जाने के साथ साथ राज्य में जिला पंचायत अध्यक्ष को जिलाधिकारी और ब्लॉक प्रमुख को बीडीओ की एसीआर लिखने का अधिकार दिये जाने की पैरवी करते आ रहे हैं। गुरुवार को चारधाम यात्रा की व्यवस्था को लेकर हुई बैठक के अंत में उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अवगत कराते हुए बताया कि पूर्व में भी इस प्रकार की व्यवस्था रही है।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के विशेष आग्रह पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्य सचिव को आदेशित करते हुए कहा कि इस संबंध में तत्काल एक कमेटी बनाकर इस बात का अध्ययन किया जाए कि कौन-कौन से राज्यों में मंत्रियों को सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार है।

मंत्री महाराज ने कहा कि राज्य में हर स्तर पर जनप्रतिनिधियों को मजबूत किया जाएगा। कई बार अधिकारी जनता के प्रति लापरवाह हो जाते हैं। लिहाजा निर्वाचित जनप्रतिनिधि को अधिकारियों की लापरवाह कार्यप्रणाली पर अंकुश लगाने के लिए अधिकार दिए जाने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे। ताकि कोई भी अधिकारी विकास कार्यों में लापरवाही न कर सके।

उत्‍तराखंड विधानसभा सत्र : विधानसभा सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, पहले सत्र में पारित हुआ 21,116 करोड़ का लेखानुदान

उत्तराखंड विधानसभा में दूसरे व अंतिम दिन बुधवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के शुरुआती चार महीनों के लिए राज्य के खर्चों के वास्ते 21,116.81 करोड़ रुपये का लेखानुदान स्वीकृति दी। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों की अनुपस्थिति में सदन ने उत्तराखंड विनियोग (लेखानुदान) विधेयक, 2022 पारित कर दिया।राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित किये जाने के बाद बुधवार को सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।

विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह के अभिभाषण पर चर्चा हो रही है। इससे पहले पूर्व विधायक हरबंस कपूर और गोपाल ओझा को श्रद्धांजलि दी गई।

संसदीय और विधायी मामलों के मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, ‘‘लेखानुदान और सदन में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित होने के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।’’

उत्तराखंड में विधानसभा सत्र के दूसरे दिन की सदन की कार्यवाही शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सदन में पहुंच गए हैं। विपक्ष बाहर प्रदर्शन कर रहा है। यशपाल आर्य विधायक ने कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण में महंगाई को रोकने को लेकर कोई जिक्र ही नहीं है। इस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। ममता राकेश ने कहा कि महंगाई की वजह से लोग परेशान हैं। बिजली की दरों में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है। विधायक फुरकान और विक्रम सिंह नेगी ने भी महंगाई को लेकर सरकार पर निशाना साधा। विधायक आदेश चौहान ने कहा कि इस सरकार ने अपने और अपने उद्योगपति दोस्तों के बारे में ही सोचा है। लोगों को उम्मीद थी कि डबल इंजन की सरकार से राहत मिलेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

 

लेखानुदान की अवधि में विभागवार जारी धनराशि: (धनराशि-करोड़ रुपये)

विभाग- धनराशि

वित्त, कर, नियोजन- 3840.76

शिक्षा, खेल व युवा कल्याण- 3442.38

चिकित्सा एवं परिवार कल्याण- 1126.13

जलापूर्ति, आवास व नगर विकास- 938.90

कल्याण योजनाएं- 801.25

ग्राम्य विकास- 890.21

लोक निर्माण- 798.25

पुलिस एवं जेल- 797.41

राजस्व व सामान्य प्रशासन- 704.09

अनुसूचित जाति कल्याण- 649.70

सिंचाई व बाढ़- 455.72

वन- 428.20

कृषि कर्म व अनुसंधान- 382.47

खाद्य- 244.33

श्रम व रोजगार- 222.97

औद्यानिक विकास- 183.59

अनुसूचित जनजाति कल्याण- 187.57

ऊर्जा- 169.24

पशुपालन- 157.15

उद्योग- 148.42

सहकारिता- 68.68

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने पीसीएस जे और सहायक भू-वैज्ञानिक परीक्षा की आंसर की जारी कर दी, दोनों परीक्षाओं आंसर की आयोग की वेबसाइट से करे डाऊनलोड

उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिविजन) प्री परीक्षा और सहायक भू-वैज्ञानिक (वैज्ञानिक शाखा) मुख्य परीक्षा की आंसर की जारी कर दी है।

13 मार्च को आयोजित पीसीएस-जे परीक्षा की आंसर की वेबसाइट पर देखी जा सकती है। 14 मार्च को आयोजित हुई सहायक भू-वैज्ञानिक (वैज्ञानिक शाखा) मुख्य परीक्षा की आंसर की भी आयोग ने जारी कर दी है।इसके साथ ही दोनों परीक्षाओं की आंसर की पर आपत्ति जताने का मौका भी दिया है। इस पर भी 30 मार्च से पांच अप्रैल के बीच आपत्ति दर्ज करा सकते हैं।

आयोग के सचिव कर्मेन्द्र सिंह की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, 13 मार्च को आयोजित पीसीएस-जे परीक्षा की आंसर की वेबसाइट पर देखी जा सकती है। इस आंसर की पर 30 मार्च से 5 अप्रैल के बीच आपत्ति जता सकते हैं। आपत्ति के लिए प्रति प्रश्न 50 रुपये भुगतान करना होगा।

आयोग ने सहायक भू-वैज्ञानिक(वैज्ञानिक शाखा) मुख्य परीक्षा का आयोजन 14 मार्च 2022 को किया था। 14 मार्च को आयोजित हुई सहायक भू-वैज्ञानिक (वैज्ञानिक शाखा) मुख्य परीक्षा की आंसर की भी आयोग ने जारी कर दी है।इसकी आंसर की भी आयोग की वेबसाइट से डाऊनलोड की जा सकती है।  इस पर भी 30 मार्च से 5 अप्रैल के बीच आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। प्रति प्रश्न 50 रुपये देना होगा। अगर आपत्ति सही निकली तो यह राशि लौटा दी जाएगी और सही न निकली तो राशि वापस नहीं होगी।

मुख्य अग्निशमन अधिकारी परीक्षा 13 अप्रैल को
उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा विभाग के तहत मुख्य अग्निशमन अधिकारी के रिक्त पदों पर भर्ती को स्क्रीनिंग परीक्षा 13 अप्रैल को सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच होगी। यह परीक्षा आयोग के हरिद्वार स्थित परीक्षा भवन में होगी। इसके एडमिट कार्ड जारी कर दिए गए हैं। उम्मीदवार आयोग की वेबसाइट से अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं।

उत्तराखंड सरकार : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया मंत्रालयों का बंटवारा, जानें किसे क्या मंत्रालय मिला, देखें पूरी सूची

उत्तराखंड में धामी सरकार के गठन के बाद मंगलवार को मंत्रालयों का भी बंटवारा हो गया। पुष्कर सिंह धामी ने अपने पास 21 विभाग रखे हैं। जिनमें गृह, नागरिक उड्डयन, कारागार, नागरिक सुरक्षा, आबकारी, आयुष, पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन, श्रम, औद्योगिक विकास एवं खनन, आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास, होमगार्ड, राजस्व और राज्य प्रशासन शामिल हैं। सतपाल महाराज को पीडब्ल्यूडी और पर्यटन समेत आठ विभाग, सुबोध उनियाल को वन, भाषा तकनीकी शिक्षा समेत चार विभाग, गणेश जोशी को कृषि एवं सैनिक कल्याण विभाग की जिम्मेदारी मिली है।

पहली बार मंत्री बने चंदन रामदास को समाज कल्याण विभाग जैसा बड़ा महकमा मिला है। वो परिवहन विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण, एमएसएमई विभाग का दायित्व भी संभालेंगे।

युवा मंत्री सौरभ पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के पुत्र हैं। किसान बहुल जिले ऊधमसिंह नगर की सितारगंज सीट से जीते सौरभ को गन्ना व चीनी विकास के साथ पशुपालन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य पालन, प्रोटोकाल और कौशल विकास व सेवायोजन विभाग मिले हैं।

मंत्रिमंडल में टीम के चयन में चौंका चुके मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विभाग बंटवारे में भी अपना वही अंदाज दोहराया। धामी-2 सरकार में मंत्री सतपाल महाराज और डॉ. धन सिंह रावत कद्दावर होकर उभरे हैं। मंत्रियों के विभागों की सूची मंगलवार रात 9:15 बजे मीडिया को जारी कर दी गई थी, लेकिन फौरन बाद इसे मौखिक रूप से रोकने के लिए कहा गया।





मंगलवार रात सोशल मीडिया में सूची जारी होने के बाद मंत्रियों को फोन पर बधाई का सिलसिला शुरू हो गया। लिस्ट आधिकारिक रूप से जारी नहीं हुई थी। इस कारण, मंत्री अपने सोर्सेज से लिस्ट कन्फर्म कराने में जुट गए। जब आधिकारिक सूची जारी नहीं हुई तो समर्थकों ने इसी सूची को शेयर करना शुरू कर दिया।

‘परीक्षा पर चर्चा’ : 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी छात्रों से करेंगे संवाद, उत्तराखंड के 56 हजार बच्चे कार्यक्रम में होंगे शामिल, प्रधानमंत्री देंगे सफलता का मंत्र

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अप्रैल को दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में सुबह 11 बजे परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के पांचवें संस्करण में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से संवाद करेंगे। इस कार्यक्रम में 9वीं से 12वीं कक्षा तक के एक हजार छात्र शामिल होंगे। इनमें अधिकतर छात्र दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद जैसे शहरों में सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ने वाले होंगे। इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी।

एक अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम में उत्तराखंड के 56 हजार से अधिक बच्चे प्रतिभाग करेंगे। शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक राज्य से कुल 56067 छात्रों,अध्यापकों एवं अभिभावकों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किए जाने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। जबकि रुड़की के विश्वजीत और कालसी देहरादून की संजीति सीधे इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि सचिव स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में निर्देशित किया है कि इस कार्यक्रम में उत्तराखंड से प्रतिभाग किए जाने के लिए विश्वजीत कक्षा 11, आर्मी पब्लिक स्कूल नं. 1, रुड़की जिला हरिद्वार एवं संजीति चौहान, ईएमआरएस कालसी, देहरादून का सीधे प्रतिभाग किए जाने के लिए चयन हुआ है। बैठक में निदेशक आरके कुंवर, निदेशक वंदना गर्ब्याल, डॉ. आरडी शर्मा, डॉ. अशोक कुमार सैनी आदि मौजूद रहे।

कोरोना संकट के चलते पहले इस चर्चा को पिछले साल की तरह वचरुअल ही रखा गया था, लेकिन कोरोना की स्थिति में तेजी से हुए सुधार के बाद शिक्षा मंत्रलय ने इस चर्चा को पहले की तरह आयोजित करने का एलान किया है। शिक्षा मंत्रलय ने गुरुवार को पीएम मोदी की छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा की तारीख घोषित की। जिसमें छात्र पहले की तरह पीएम के साथ बैठकर परीक्षा और पढ़ाई से जुड़े विषयों पर सीधे सवाल पूछ सकेंगे। पीएम मोदी की छात्रों के साथ परीक्षा पे चर्चा करने की यह शुरुआत 2018 में हुई थी। तब से हर साल इसका आयोजन होता आ रहा है। इस चर्चा के लिए रजिस्ट्रेशन का काम दिसंबर से शुरू हो गया था।

पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि आइए परीक्षाओं का त्योहार मनाएं। आइए बात करते हैं तनाव मुक्त परीक्षाओं की। एक अप्रैल को परीक्षा पे चर्चा में मिलते हैं।

प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, ”परीक्षा पे चर्चा हल्का-फुल्का संवाद होता है और यह हम सभी को परीक्षाओं, पढ़ाई, जीवन एवं अन्य विषयों संबंधी विभिन्न पहलुओं पर बात करने का अवसर देता है। ” परीक्षा पे चर्चा (पीपीसी) कार्यक्रम इस साल एक अप्रैल को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा।

वहीं, पीएम ने एक और ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि आइए तनावमुक्त परीक्षाओं पर एक बार फिर चर्चा करें। मैं छात्रों, उनके अभिभावकों और अध्यापकों को इस साल एक अप्रैल को ‘परीक्षा पे चर्चा’ में शामिल होने का आह्वान करता हूं।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पीएम मोदी से सीधी बात होने से कई बच्चों का मार्गदर्शन होगा। इस चर्चा में 9 वीं और 12 वीं कक्षा तक के एक हजार छात्र शामिल होंगे। छात्रों के अलावा शिक्षकों और अभिभावकों को भी 2022 के लिए नया मार्ग मिलेगा। ये चर्चा करीब डेढ़ घंटे चलेगी । इस दौरान बच्चे पीएम मोड़ो से 20 सवाल पूछेंगे। ये चर्चा अलग अलग विषयों पर फोकस होगी।

इस कार्यक्रम में सभी राज्यों के राज्यपाल अपने अपने प्रदेश के बच्चों के साथ शामिल होंगे। इसके लिए सभी बबच्चों को राज्यपाल भवन में बुलाया जाएगा। इसके अलावा इस कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज, IIT, NIT समेत उच्च शिक्षण संस्थान भी इसमें शामिल होंगे।

परीक्षा पर चर्चा के लिए रजिस्ट्रेशन पहले ही किया जा चुका है। जिन छात्रों ने ‘परीक्षा पे चर्चा’ के लिए रजिस्ट्रेशन किया है, वो पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल हो सकेंगे। आपको बता दें कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय पिछले चार साल से इसका आयोजन कर रहा है। पीपीसी के पहले तीन संस्करण नई दिल्ली में एक संवादात्मक ‘टाउन-हॉल’ प्रारूप में आयोजित किए गए थे। चौथा संस्करण पिछले साल 7 अप्रैल को कोरोना की दूसरी लहर के चलते ऑनलाइन आयोजित किया गया था।

उत्तराखंड की 5वीं विधानसभा का पहला सत्र आज से, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से व्यूरोक्रेसी की मांग की 

उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा का प्रथम सत्र आज मंगलवार से शुरू होगा। राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र का आगाज होगा।सुबह 11 बजे राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र की शुरूआत होगी। आज शाम को ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वित्तीय वर्ष 2022-23 का लेखानुदान सदन पटल पर रखेंगे।

उत्तराखंड सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने एक बड़ी मांग की है। सतपाल महाराज ने सोमवार को मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा है कि उन्होंने पहली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया है कि आईएएस अफसरों जिसमें सचिव और अपर सचिव स्तर के लोग होते हैं उनके विभागों के जो मंत्री हैं उन मंत्रियों को उन अफसरों की कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट लिखने का मौका मिलना चाहिए।

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और प्रेमचंद अग्रवाल ने भी उनकी मांग का समर्थन करते हुए इसे आवश्यक बताया। मंत्रियों ने कहा पहली कैबिनेट में इसे माननीय मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया है उन्हें ही इस संबध में उचित निर्णय लेना है।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पूर्व में नारायण दत्त तिवारी सरकार में यह व्यवस्था थी, जो बाद में समाप्त हो गई। इसे पुन: लागू करना आवश्यक है क्योंकि सेना व दूसरे संस्थानों में भी ऐसी व्यवस्था होती है इससे कार्यप्रणाली सुधरती है और व्यवस्था सुचारू होती है। महाराज के इस वक्तव्य के उपरांत बयान से अधिकांश अधिकारीयों में हड़कंप है। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कहना है की अन्य राज्यों में इस तरह की व्यवस्था है। इसे उत्तराखंड में दुबारा शुरू किया जाना चाहिए।

उत्तराखंड सरकार में वरिष्ठ काबीना मंत्री सतपाल महाराज के धमाकेदार बयान के बाद उत्तराखंड की व्यूरोक्रेसी में हड़कंप है।इसके पीछे कार्यों में और अधिक पारदर्शिता और प्रशासन पर नियंत्रण माना जा रहा है। पूर्व में भी इस तरह के विषय सामने आए हैं जब मंत्रियों की सचिवों के साथ जवाबदेही को लेकर अनबन रही। उत्तराखंड में अधिकारी बे लगाम हैं वहां के लिए एक निर्णय बहुत व्यवहारिक हो सकता है। सतपाल महाराज उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वरिष्ठ और निरंतर अनुभवी कैबिनेट मंत्री रहे हैं उनकी बात का असर भी होता है।

यूजीसी ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से कहा स्नातक में संयुक्त प्रवेश परीक्षा से मिले दाखिला, सीयूईटी के लिए दो अप्रैल से शुरू होंगे आवेदन,

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों को पत्र लिखकर स्नातक पाठ्यक्रमों में छात्रों को प्रवेश देने के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के अंकों का उपयोग करने के लिए कहा है। आयोग ने कुलपतियों, निदेशकों और प्राचार्यों को रविवार को पत्र भी लिखे हैं। यूजीसी ने पहले सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए सीयूईटी को अनिवार्य किया था, अब उसने सभी विश्वविद्यालयों को इससे जोड़ने की बात कही है।

कुमार ने रविवार को ट्वीट किया, ‘‘आज हमने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के कुलपतियों, निदेशकों और प्राचार्यों को अपने स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग करने के संबंध में पत्र लिखा है क्योंकि नयी व्यवस्था में छात्रों को कई प्रवेश परीक्षा देने की चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।’’

यूनिवर्सिटी को लिखे पत्र में यूजीसी के अध्यक्ष प्रो. एम जगदीश कुमार ने कहा है कि 12वीं के प्राप्तांक नहीं, बल्कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही केंद्रीय विश्वविद्यालय दाखिला देंगे। हालांकि, विश्वविद्यालय न्यूनतम पात्रता मानदंड तय कर सकते हैं। छात्रों को सिंगल विंडो से स्नातक में दाखिले का मौका मिलना चाहिए। कुमार ने कहा कि संयुक्त प्रवेश परीक्षा सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालयों तक सीमित नहीं होना चाहिए। छात्र हित के लिए डीम्ड, स्टेट और निजी विश्वविद्यालयों को भी इसमें शामिल होना चाहिए। इसलिए सभी कुलपतियों और निदेशकों को पत्र लिखा गया है।

सीयूईटी के जरिये यदि वे दाखिला देते हैं तो छात्रों को अलग-अलग विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए अलग-अलग आवेदनपत्र और प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। दूर-दराज के इलाकों के छात्रों को भी बेहतर मौके उपलब्ध होंगे। फिलहाल देशभर में अलग-अलग विश्वविद्यालय 12वीं कक्षा के अंक और अपनी दाखिला प्रवेश परीक्षा के आधार पर छात्रों को दाखिला करते थेे। सभी विश्वविद्यालय सीयूईटी 2022 में शामिल होते हैं तो छात्र और अभिभावकों के समय और पैसे दोनों बचेंगे।

राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) ने घोषणा की है कि केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए सीयूईटी के लिए आवेदन प्रक्रिया 2 अप्रैल से शुरू होगी। सीयूईटी की आवेदन प्रक्रिया से लेकर परीक्षा के आयोजन और रिजल्ट तैयार करने तक की भूमिका नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) को सौंपी गई है। उम्मीदवार सीयूईटी समर्थ की वेबसाइट cuet.samarth.ac.in पर जाकर 30 अप्रैल, 2022 तक आवेदन कर सकते हैं।

एजेंसी ने शनिवार को जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा कि सीयूईटी देश भर के किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश पाने वाले छात्रों को एकल खिड़की अवसर प्रदान करेगा। उसने कहा कि सीयूईटी (यूजी) -2022 एक कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) प्रारूप में आयोजित किया जाएगा।

उत्तराखंड का दूसरा सैनिक स्कूल देहरादून में बनेगा, भाऊवाला स्थित जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल बनेगा सैनिक स्कूल,रक्षा मंत्रालय ने दी मंजूरी

उत्तराखंड के हिस्से भी एक सैनिक स्कूल आया है। देहरादून के भाऊवाला स्थित जीआरडी वर्ल्‍ड स्कूल को इसके लिए चयनित किया गया है।प्रदेश में अभी तक सिर्फ घोड़ाखाल ही एकमात्र सैनिक स्कूल है मगर अब उत्तराखंड के हिस्से दो सैनिक स्कूल आ जाएंगे जिससे उत्तराखंड के युवाओं को न केवल आर्मी में जाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा बल्कि स्कूल के समय से ही वे आर्मी में जाने की तैयारी कर सकेंगे। दरअसल रक्षा मंत्रालय ने शैक्षणिक सत्र 2022 -23 के लिए देश भर में 21 नए सैनिक स्कूल खोलने को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय संबंधित प्रदेश की सरकार अथवा निजी स्कूल या एनजीओ के साथ पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में इन स्कूलों का संचालन करेगा।

देहरादून के भाऊवाला स्थित स्कूल को सैनिक स्कूल में तब्दील किया जाएगा। अखिल भारतीय स्तर पर आयोजित होने वाली परीक्षा में सफल रहने वाले छात्रों को स्कूलों में कक्षा 6 प्रवेश दिया जाएगा। परीक्षा में 40 फीसदी छात्रों का चयन किया जाएगा जबकि 60 फीसदी छात्र संबंधित स्कूल के ही रहेंगे यदि वह सैनिक स्कूल में प्रवेश लेना चाहते हैं।

आने वाली मई में स्कूलों में शैक्षणिक सत्र शुरू हो जाएगा। उत्तराखंड में इससे पहले एकमात्र सैनिक स्कूल घोड़ाखाल था जिसका पूरा संचालन रक्षा मंत्रालय करता है। हालांकि रुद्रप्रयाग जिले में भी सैनिक स्कूल खोलने की कवायद पिछले कई सालों से चल रही थी मगर कुछ ना कुछ अड़चनों के कारण यह मामला अब भी लटका हुआ है। रुद्रप्रयाग में सैनिक स्कूल खोलने की स्वीकृति भी मिल गई थी मगर अब तक वहां पर स्कूल नहीं खुल पाया है।

देहरादून में सैनिक स्कूल का खुलना सेना में जाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए एक अच्छी खबर है। प्रदेश में एक और नया सैनिक स्कूल खुलने से राज्य के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा ही उसके साथ में ही सेना में भविष्य संवारने का शानदार मौका भी उनको मिलेगा। उत्तराखंड में अधिकांश छात्रों का चयन अभी एनडीए के जरिए होता है। उसके बाद वे नौ सेना, थल सेना एवं वायु सेना में भर्ती होते हैं। कई बच्चे एनडीए क्लियर नहीं कर पाते। ऐसे में सैनिक स्कूल में एडमिशन लेने के बाद बच्चे सेना में जाने की तैयारी अच्छे से कर सकते हैं।

प्रवेश के लिए आयु भी निर्धारित है। ऐसे में एक और नया सैनिक स्कूल खुलने से राज्य के प्रतिभावान छात्रों को गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त करने का अवसर तो मिलेगा ही, साथ ही सेना में भविष्य संवारने का शानदार मौका भी।