गुजरात: भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ, पीएम मोदी ने दी बधाई,

गुजरात के मनोनीत नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के तौर पर राज्यपाल के समक्ष पद और गोपनीयता की शपथ ली। गुजरात के सीएम पद की शपथ लेने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूपेंद्र पटेल को बधाई दी। पीएम ने ट्वीट किया, “मैं उन्हें वर्षों से जानता हूं और मैंने उनका अनुकरणीय कार्य देखा है, चाहे वह भाजपा संगठन में हो या नागरिक प्रशासन और सामुदायिक सेवा में।”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शपथ ग्रहण समारोह के बाद गुजरात के नए सीएम भूपेंद्र पटेल को बधाई दी। समारोह में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत समेत बीजेपी शासित राज्यों के सीएम भी मौजूद थे।

मंत्रिमंडल के सदस्‍यों के शपथ ग्रहण का कार्यक्रम दो दिन बाद बुधवार को किया जाएगा। भाजपा के केंद्रीय निरीक्षक, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय पर्यवेक्षक नरेंद्र सिंह तोमर एवं प्रह्लाद जोशी की मौजूदगी में गुजरात भाजपा विधायक दल की बैठक में अहमदाबाद के घाटलोडिया से विधायक भूपेंद्र पटेल को नेता चुना गया था। गुजरात के मुख्यमंत्री बनने वाले भूपेंद्र पटेल पांचवें पाटीदार होंगे जबकि कड़वा पाटीदार समुदाय के पहले मुख्यमंत्री होंगे।

गुजरात के मनोनीत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने आज शपथ ग्रहण समारोह से पहले अहमदाबाद में भाजपा नेता नितिन पटेल से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। इससे पहले गुजरात के मनोनीत मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में मुख्यमंत्री आवास पर विजय रूपाणी से मुलाकात करने गए थे।

नगरपालिका से प्रदेश की राजनीति में शीर्ष पद तक का सफर

भूपेंद्र पटेल ने नगरपालिका स्तर के नेता से लेकर प्रदेश की राजनीति में शीर्ष पद तक का सफर तय किया है। उन्‍हें एक मृदुभाषी कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है। बता दें कि राजनीतिक हलकों में मुख्‍यमंत्री के पद के लिए जिन शीर्ष नेताओं के नाम की अटकलें चल रहीं थीं उनमें दूर-दूर तक भूपेंद्र पटेल का नाम नहीं था। राज्य की घाटलोडिया सीट से 2017 में भूपेंद पटेल ने पहली बार चुनाव लड़ा था और विजयी रहे थे। ये जीत उन्‍होंने कांग्रेस प्रत्‍याशी शशिकांत पटेल को एक लाख से अधिक वोटों से हराकर हासिल की थी। इस चुनाव में जीत का ये सबसे बड़ा अंतर था।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल बोले, विधान सभा, सचिवालय में याचिका मिलने के बाद होगा सदस्यता पर निर्णय

देहरादून :- विधान सभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि यदि कांग्रेस विधायक राजकुमार और निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार के मामले में विधान सभा सचिवालय में कोई याचिका आती है तो फिर उस पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कांग्रेस विधायक राजकुमार और निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार के भाजपा में शामिल होने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता पर संशय के बादल मंडराने लगे हैं। उत्तराखंड के सियासी इतिहास पर नजर दौड़ाएं तो पाला बदलने की यह पहली घटना नहीं है। मार्च 2016 में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के नेतृत्व में कांग्रेस के नौ विधायकों ने पार्टी छोड़ने का एलान कर तत्कालीन हरीश रावत सरकार के लिए संकट पैदा कर दिया था। ये विधायक इसके बाद भाजपा में शामिल हो गए थे। तब विधानसभा अध्यक्ष ने दलबदल कानून के तहत इन नौ विधायकों की सदस्यता समाप्त कर दी थी।

अब कांग्रेस विधायक और एक निर्दलीय विधायक के पाला बदलकर भाजपा का दामन थामने के बाद यह चर्चा शुरू हो गई है कि इनकी विधानसभा की सदस्यता रहेगी अथवा जाएगी। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मसले को तूल देने के संकेत भी दिए हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल कह चुके हैं कि विधानसभा अध्यक्ष से भाजपा में शामिल हुए विधायकों की सदस्यता समाप्त करने का अनुरोध किया जाएगा।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि ऐसे मामलों में जब तक कोई याचिका नहीं आती, तब तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता। याचिका आने के बाद संबंधित विधायक को नोटिस भेजा जाता है और प्रकरण में सुनवाई की जाती है। इसके पश्चात ही कोई निर्णय लिया जाता है।

देवस्थानम बोर्ड :- उच्च स्तरीय समिति में शामिल होंगे चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहित,मुख्यमंत्री से मिलकर तीर्थ पुरोहितों का फैसला, आंदोलन किया स्थगित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार इस पर निर्णय लेगी। वहीं, मुख्यमंत्री के आश्वासन पर तीर्थ पुरोहितों ने अपना धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन 30 अक्टूबर 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया है।

आज शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के चारधाम देश-दुनियां के लिए आस्था के प्रमुख केंद्र हैं। सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है। चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुख्यमंत्री आवास में चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधिमंडल ने भेंट वार्ता की। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के चारधाम देश-दुनियां के लिए आस्था के प्रमुख केन्द्र हैं। सरकार का काम मंदिरों में अवस्थापना विकास को सुदृढ़ बनाना है। चारधाम यात्रा जल्द शुरू हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि चारधाम से जुड़े लोगों के हक-हकूक को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा। देवस्थानम बोर्ड के तहत बनाई गई उच्च स्तरीय समिति द्वारा चारधाम से जुड़े तीर्थ पुरोहित की बात सुनकर सरकार के समक्ष अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कमेटी में चारों धामों से दो-दो तीर्थ पुरोहितों को भी शामिल किया जायेगा। कमेटी की रिपोर्ट के बाद सरकार को निर्णय लेना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यहित में जो होगा, वह कार्य किया जायेगा।

चारधाम महापंचायत सदस्य उमेश सती ने कहा कि मुख्यमंत्री से आज सकारात्मक बातचीत हुई है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस बातचीत से जल्द से जल्द उचित निष्कर्ष तक पहुंचेगे। मामले का उचित हल निकलने की पूरी आशा है। हम चारों धामों के लोगों ने निर्णय लिया है कि 30 अक्टूबर 2021 तक हम अपना आंदोलन स्थगित रखेंगे। उसके बाद जैसा आउटकम सरकार की तरफ से आयेगा, आगे के बारे में उसके बाद तय करेंगे।

बैठक के बाद गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष एवं चारधाम महापंचायत समिति के संयोजक सुरेश सेमवाल ने कहा कि आज बड़ा सौभाग्य है कि ऊर्जावान मुख्यमंत्री जी ने हमें आज आमंत्रित किया था। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट यह बात कही कि जो हाई पावर कमेटी बनाई गई है, उसमें आपकी ओर से आठ लोगों को मेंबर बनाया जायेगा। जो रिपोर्ट होगी, उसके आधार पर आगे उचित समाधान निकाला जायेगा। चारधाम महापंचायत समिति द्वारा मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया गया है कि हमारा जो भी धरना प्रदर्शन एवं आंदोलन है, हम इसे स्थगित करते हैं। 30 अक्टूबर 2021 तक हमें इसे स्थगित रखेंगे।सभी विषयों को गंभीरता से लेने वाले मुख्यमंत्री हमें मिले हैं, उसके लिए उनका धन्यवाद भी व्यक्त किया।

इस अवसर पर केबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय, गणेश जोशी, सचिव शैलेश बगोली, सीईओ देवस्थानम बोर्ड रविनाथ रमन, सचिव एचसी सेमवाल, एसीईओ देवस्थानम बोर्ड बीडी सिंह एवं चारधाम तीर्थ पुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

उत्‍तराखंड में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.6 मापी गई, चमोली रहा केंद्र

देहरादून :- उत्‍तराखंड के कई जिलों में आज सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इससे लोग दहशत में आ गए और अपने घरों से बाहर निकल आए। लोगों का कहना है कि झटके काफी तेज थे। आज सुबह करीब पांच बजकर 59 मिनट पर उत्‍तराखंड में भूकंप आया। भूकंप का केंद्र चमोली जिले के जोशीमठ में रहा। यह धरती के पांच किमी अंदर आया। साथ ही इसकी तीव्रता रिक्‍टर स्‍केल पर 4.7 मैग्नीट्यूड दर्ज की गई। हालांकि अभी तक किसी भी जनपद से कोई भी जानमाल के नुकशान की खबर नहीं मिली है। भूकंप के झटकों का एहसास होते ही लोग घरों से बाहर आ गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.6 मापी गई है। रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और उधम सिंह नगर में भी इसके तेज झटके महसूस किये गए।

शनिवार की सुबह चमोली की धरती भूकंप से कांप उठी। भूकंप का झटका तेज था, इससे लोग घरों से भी बाहर निकल गए। आज सुबह 5.59 बजे की धरती कांप उठी। भूकंप का केंद्र चमोली जिले के जोशीमठ में जमीन के भीतर करीब पांच किलोमीटर नीचे बताया जा रहा है। रिक्‍टर स्‍केल पर भूकंप की तीव्रता 4.7 मैग्नीट्यूड रही। भूकंप के तेज झटका चमोली के अलावा अन्य जिलों में महसूस किए गए। हालांकि अभी भूकंप से नुकसान की कोई सूचना नहीं है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि जिले में भूकंप से नुकसान की सूचना नहीं है। तहसीलों से रिपोर्ट मांगी गई है । आपदा प्रबंधन अधिकारी नंद किशोर जोशी ने कहा कि भूकंप के बाद विभाग अलर्ट है।

उत्‍तराखंड भूकंप की दृष्‍टि से संवेदनशील राज्‍य है। यहां 50 सालों (वर्ष 1968 से 2018 ) में करीब 426 बार भूकंप के झटके महसूस किए हैं। वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के विज्ञानी के अनुसार, इन भूकंप से मात्र पांच फीसद ही भूकंपीय ऊर्जा धरती से बाहर आई है। इसका मतलब साफ है कि यहां आठ रिक्‍टर स्‍केल के भूकंप आने की आशंका बनी हुई है।

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट के जरिये कहा कि खांटी भाजपाई-संघी खून के आंसू रोएंगे।

देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट से प्रदेश भाजपा में विधायकों और मंत्रियों की पार्टी कार्यकर्त्‍ताओं के साथ गर्मागर्मी पर सवाल खड़े किए। भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के बागियों को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि अभी तो भाजपाई केवल रो रहे हैं। आने वाले दिनों में खांटी भाजपाई और संघी सब खून के आंसू रोएंगे।

इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में हरीश रावत ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए नेताओं और सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्त्‍ताओं के बीच बीते दिनों हुए विवाद पर सख्त टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जिस दल से दल-बदल होता है, वह केवल एक बार रोता है। दल-बदल करने वाले जिस दल में जाते हैं, वह कई बार रोता है। भाजपा की स्थिति अब ‘बोया पेड़ बबूल का तो आम कहां से खाएं’ सरीखी है। जो पार्टी अपने अनुशासन को सराहते हुए अघाती नहीं थी, उसके अनुशासन की धज्जियां उड़ रही हैं।

उत्तराखंड: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरमीत सिंह को बनाया राज्यपाल, उत्तराखंड को पहली बार मिला पूर्व सैन्य अधिकारी गवर्नर

उत्तराखंड के नए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) को परम विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल जैसे महत्वपूर्ण फौजी सम्मानों से अलंकृत किया जा चुका है।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार शाम कई प्रदेशों में नए राज्यपालों की नियुक्ति कर दी। राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) को उत्तराखंड का नया राज्यपाल बनाया गया है।

राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्या का इस्तीफा गुरुवार को स्वीकार कर लिया। लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह को उत्तराखंड के गवर्नर की कमान सौंप दी है। ले.ज. सिंह राज्य के आठवें राज्यपाल होंगे। प्रथम राज्यपाल सुरजीत सिंह बरनाला के बाद ले.ज. सिंह प्रदेश के दसूरे सिख राज्यपाल हैं। साथ ही वह वरिष्ठ पूर्व सैन्य अफसर भी रह चुके हैं। सेना के पूर्व ऑफिसर को राज्यपाल बनाकर भाजपा राजनीतिक रूप से बड़ा संदेश देने की कोशिश की है।

गुरूवार देर रात केंद्र सरकार ने लंबे मंथन के बाद लेफ्टिनेट जनरल सिंह के नाम पर मुहर लगाई। वर्तमान राजनीतिक माहौल के लिहाज से लेफ्टिनेट जनरल का नाम उत्तराखंड की राजनीति के लिए बिलकुल सटीक भी बैठता है। किसान आंदोलन की वजह से राज्य के मैदानी- तराई भाबर क्षेत्र में किसान आंदोलित हैं। खासकर यूएसनगर में किसान आंदोलन में अधिक सक्रिय हैं। लेफ्टिनेट जनरल की नियुक्ति के जरिए भाजपा ने किसानों के बड़े समुदाय का प्रतिनिधित्व कर रहे सिखों को लुभाने की कोशिश की।

तो दूसरी ओर राज्य के हर चुनाव में अहम भूमिका अदा करने वाले सैनिक वोटरों में भी इस फैसले का दूर तक असर जाने की उम्मीद है। यह भी उल्लेखनीय है कि पूर्व सैनिक बहुल उत्तराखंड में पहली बार किसी पूर्व सैन्य अधिकारी को बतौर राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राज्य में पौने दो लाख पूर्व सैनिक परिवार हैं। जबकि सेवारत सैनिकों की संख्या भी 90 हजार के करीब है। लेफ्टिनेट जनरल के जरिए भाजपा ने उत्तराखंड के सैन्य सेंटीमेंट को छूने की बाखूबी कोशिश की है।

बनवारी लाल पुरोहित को पंजाब के राज्यपाल
वहीं, तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित को पंजाब का राज्यपाल बनाया गया है। जबकि नागालैंड के राज्यपाल आरएन रवि को तमिलनाडु का राज्यपाल बनाया गया है।

जगदीश मुखी को नागालैंड का अतिरिक्त प्रभार
असम के राज्यपाल जगदीश मुखी को नागालैंड का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।

NDA में शामिल होने के लिए सरकार ने महिलाओं को शामिल करने की अनुमति देने का फैसला किया, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दी जानकारी

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्र सरकार ने नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) परीक्षा में लड़कियों को शामिल करने का बड़ा ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने पुणे स्थित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (National Defence Academy, NDA) में लड़कियों को भी शामिल करने का फैसला किया है।

केंद्र ने कहा कि NDA में लड़कियों को शामिल करने की अनुमति देने का फैसला कल (मंगलवार) लिया गया है। केंद्र का कहना है कि तीन सेना प्रमुखों से सलाह मशविरा करने के बाद यह फैसला लिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूरी प्रक्रिया और टाइम लाइन देने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे उम्मीद है कि रक्षा बल उस महत्वपूर्ण भूमिका को महत्व देंगे जो महिलाएं निभा रही हैं। मामले पर 22 सितंबर को फिर सुनवाई होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 18 अगस्त को पात्र महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रवेश के लिए पांच सितंबर को होने वाली परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी। साथ ही न्यायालय ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को इस आदेश के मद्देनजर एक उपयुक्त अधिसूचना जारी करने और इसका उचित प्रचार करने का भी निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने, हालांकि कहा था कि परीक्षा का परिणाम याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन होगा। सुप्रीम कोर्ट ने कुश कालरा की याचिका पर यह अंतरिम आदेश दिया था। इस याचिका में संबंधित अधिकारियों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा में योग्य महिला उम्मीदवारों को शामिल होने और एनडीए में ट्रेनिंग की अनुमति देने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 10 मार्च को एक याचिका पर केंद्र और अन्य से जवाब मांगा था, जिसमें योग्य और इच्छुक महिला उम्मीदवारों को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल होने से केवल लैंगिक आधार पर बाहर करने का मुद्दा उठाया गया था। याचिका में कहा गया था कि यह समानता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।

शीर्ष अदालत ने केंद्र, यूपीएससी और अन्य को नोटिस जारी कर उस याचिका पर जवाब मांगा था, जिसमें कहा गया था कि पात्र महिला उम्मीदवारों को एनडीए में प्रवेश करने से स्पष्ट रूप से बाहर रखा गया है और यह केवल उनके लैंगिक आधार पर किया गया है।

NEET, JEE Main, NDA, CDS, CLAT, समेत कई परीक्षाओं के लिए फ्री कोचिंग दे रही है सरकार, करें रजिस्टर

अगर आप मेडिकल व इंजीनियरिंग एडमिशन से लेकर यूपीएससी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी है। नीट (NEET), जेईई मेन (JEE Main), जेईई एडवांस्ड (JEE Advanced), यूपीएससी, सीडीएस (UPSC CDS), एनडीए (NDA) या किसी अन्य क्षेत्र में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद काम की है। केंद्र सरकार नीट यूजी, जेईई मेन, बैं‌किंग, क्लैट, सीडीएस जैसी कई परीक्षाओं के लिए आप मुफ्त में कोचिंग क्लासेस कर सकते हैं।। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की लास्ट डेट 10 सितंबर 2021 है।

केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय(Ministry of Social Justice and Empowerment) ने हाशिए के समुदायों के उम्मीदवारों को इंजीनियरिंग, मेडिकल और कानून प्रवेश परीक्षा जेईई मेन, एनईईटी और सीएलएटी और भर्ती परीक्षा जैसे परीक्षाओं में मदद करने के लिए एक मुफ्त कोचिंग योजना के लिए आवेदन शुरू किया था। एमएसजेई की “एससी और ओबीसी छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग योजना मोड 2” छात्रवृत्ति योजना अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणियों से संबंधित छात्रों के लिए है।

अनुसूचित जाति(एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) के सभी छात्र, जिनकी पारिवारिक आय 08 लाख रुपये प्रति वर्ष से कम है, योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के तहत प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 10 सितंबर 2021 है।

आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार: “सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की फ्री कोचिंग योजना आर्थिक रूप से वंचित अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) उम्मीदवारों के लिए गुणवत्तायुक्त कोचिंग देने का काम कर रहा है।

रजिस्ट्रेशन कैसे करें

-सबसे पहले ऑफिशियल पोर्टल पर लॉगिन करें।

-अपनी जानकारी दर्ज करें। जैसे कैटेगरी, नाम, पिता का नाम, लिंग, मोबाइल नंबर, जन्म तिथि, 10वीं बोर्ड पास करने की स्थिति, 10वीं बोर्ड प्रमाणपत्र संख्या, 10वीं बोर्ड पास करने का वर्ष

-अब अपना पासवर्ड बनाएं

क्या है फ्री कोचिंग योजना

कोचिंग शुल्क (योजना के तहत वास्तविक या निर्धारित कोचिंग शुल्क, जो भी कम हो) रुपये का वजीफा। बाहरी और स्थानीय छात्रों को क्रमशः 6,000 और 3,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। दिव्यांग छात्रों के लिए 2,000 मासिक है।

इन परीक्षा की मिलेगी फ्री कोचिंग

संघ लोक सेवा आयोग(UPSC), राज्य लोक सेवा आयोग (SPSC), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB), कर्मचारी चयन आयोग (SSC) संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE Main), राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET), सामान्य प्रवेश परीक्षा (CAT), सामान्य कानून प्रवेश परीक्षा (CLAT), इंजीनियरिंग में स्नातक योग्यता परीक्षा (GATE) बैंक, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU), वाणिज्यिक पायलट लाइसेंस (CPL), राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), संयुक्त रक्षा सेवा परीक्षा (CDS) एक विदेशी भाषा के रूप में अंग्रेजी की परीक्षा (TOFL), स्नातक प्रबंधन प्रवेश परीक्षा (GMAT), स्नातक रिकॉर्ड परीक्षा (GRE), शैक्षिक मूल्यांकन परीक्षा (SAT)

उत्तराखंड :- धनोल्टी से वर्तमान निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करेंगे।

देहरादून :- धनोल्टी से वर्तमान निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार भाजपा में शामिल हो गए है, 2017 के चुनावों में मोदी लहर के बीच जीत दर्ज करने वाले निर्दलीय प्रत्याशी रहे प्रीतम सिंह पंवार ने सरकार के साथ शामिल होने बजाय विपक्ष में बैठना उचित समझा लेकिन अब चुनाव से पहले वो भाजपा में शामिल हो गए है मन जा रहा है कि अनिल बलूनी ने उनकी एंट्री भाजपा में करवाई है।

उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने बड़ा दांव चला है। धनोल्टी के निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार को पार्टी अपने पाले में लाने में कामयाब रही है। बुधवार को विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने नई दिल्ली में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने उन्हें सदस्यता ग्रहण कराई। बता दें कि प्रीतम उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) से भी मंत्री रह चुके हैं। उन पर कांग्रेस की भी नजर थी।

प्रीतम सिंह पंवार ने कहा कि मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं कि देश की सबसे बड़ी पार्टी में शामिल हुआ हूं। मैं धार्मिक प्रदेश से हूं, जहां चारधाम हैं, देवी देवताओं का वास है। पीएम मोदी का नाता भी देवभूमि से रहा है। जिस तरह से उनकी धार्मिक आस्था देवभूमि से जुड़ी हैं उससे निश्चित तौर पर प्रदेश का विकास होगा।

उत्तराखंड: राज्यपाल बेबीरानी मौर्य ने दिया इस्तीफा, यूपी चुनाव में बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ने की चर्चा

उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने उनका कार्यकाल पूरा होने के बाद बुधवार को अपना इस्तीफा दे दिया है। राज्यपाल ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा है।बेनीरानी मौर्य उत्तराखंड की राज्यपाल के तौर पर बीती 26 अगस्त को अपने तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं।राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने मीडिया से बातचीत करते हुए अपने 3 साल के कार्यकाल की जानकारी दी थी।

हाल ही में बेबीरानी मौर्य राज्यपाल पद पर तीन साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद मीडिया से रूबरू हुई थीं। उन्होंने प्रदेश में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के मुद्दों पर जोर दिया था। उनका कहना था कि प्रदेश की महिलाएं मेहनती और जुझारू हैं। महिलाओं को राजभवन से जो बेहतर सहयोग किया जा सकता है उसके लिए आगे भी ठोस प्रयास किए जाएंगे।

राजनीतिक गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि राजपाल बेबी रानी मौर्य आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उत्तर प्रदेश राजनीति में सक्रिय होना चाहती हैं।दो दिन पहले नई दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद से ही उनके इस्तीफा देने की चर्चाएं तेज होने लगी थीं। उन्हें उत्तर प्रदेश बीजेपी में बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चाएं हैं। वहीं, अब प्रदेश के नए राज्यपाल की जिम्मेदारी किसे मिलेगी इसको लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है।