मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,उत्तराखंड को बनाएंगे देश का नंबर वन पर्यटन हब, ‘स्विटज़रलैंड को मात कर सकता है उत्तराखंड’, चारधाम के 73 टूरिस्ट स्पॉट चिह्नित

देहरादून :- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक आयोजन में यह ऐलान किया कि अगले दस सालों के भीतर उत्तराखंड को पर्यटन के मामले में नंबर वन राज्य बनाया जाएगा और देश के टूरिज़्म हब के रूप में विकसित किया जाएगा। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने राज्य में पर्यटन सुविधा एवं निवेश प्रकोष्ठ व पर्यटन मंत्रालय के तहत ईको टूरिज्म विंग का गठन करने और पंडित नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को पर्यटन विभाग को सौंपने की घोषणा की। अभी नैन सिंह सर्वेयर पर्वतारोहण प्रशिक्षण संस्थान को खेल विभाग संचालित करता है। साथ ही कहा कि इस वर्ष नवंबर में रामनगर में साहसिक पर्यटन पर आधारित निवेश सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सोमवार को उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और फिक्की फ्लो के सहयोग से मालसी स्थित एक फार्म में आयोजित उत्तराखंड एडवेंचर फेस्ट को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उन्होंने विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस फेस्ट के दूसरे दिन का उद्घाटन दीप जलाकर किया। यहां मुख्यमंत्री ने पर्यटन पर आधारित प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।

सीएम धामी ने पर्यटन विभाग और फिक्की फ्लो के एक संयुक्त आयोजन में सोमवार को कहा कि राज्य के पर्यटन को विकसित करने के लिए कई तरह से सोचा जा रहा है। उत्तराखंड को इस लिहाज़ से स्विटरज़रलैंड से भी बेहतर विकसित किया जा सकता है।कुछ अहम घोषणाएं करते हुए धामी ने नैनसिंह सर्वेयर पर्वतारोहण ट्रेनिंग संस्थान को खेल विभाग से पर्यटन विभाग को सौंपने को कहा। वहीं, रामनगर में एडवेंचर टूरिज़्म के लिए नवंबर में निवेश सम्मेलन की घोषणा भी की। ईको टूरिज़्म की मदद से पर्यटन को स्थायी व्यवसाय के तौर पर बढ़ावा देने की बात भी उन्होंने कही।

पर्यटन व्यवसाय से संबंधित सभी प्रस्तावों पर पर्यटन विभाग कार्रवाई करेगा। इसमें उद्योग विभाग का हस्तक्षेप नहीं रहेगा। शहरी विकास विभाग और आवास विभाग उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों को विकसित करने के लिए परियोजना शुरू करेगा। ईको टूरिज्म विंग की मदद से पर्यटन व्यवसाय को स्थायी व्यवसाय के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उत्तराखंड से विशेष लगाव है। उनके नेतृत्व में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं से उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में बढ़ावा मिलेगा। चार धाम यात्रा में यात्रियों को किसी तरह की तकलीफ न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसंभव कोशिश की जा रही है।

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, हमारा मूल मंत्र है कि हम श्रेष्ठ सर्विस प्रोवाइडर बनें। पर्यटकों को जितनी अधिक सुविधाएं मिलेंगी, पर्यटन व्यवसाय को उतना ही लाभ मिलेगा। हम प्रदूषण रहित पर्यटन पर भी ध्यान दे रहे हैं। इसके लिए जल्द ही पर्यटन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग शुरू किया जाएगा। राज्य में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण स्थल हैं। इस मौके पर पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर, फिक्की की राज्य संयोजक डा. नेहा शर्मा, किरन टोडरिया आदि मौजूद रहे।

 

चारधाम यात्रा तय समय के लिए होती है इसलिए इसके बाद इन इलाकों में पर्यटन की रफ्तार कम न हो इसके लिए सरकार एडवेंचर स्पोर्ट्स और टूरिज्म एक्टिविटी पर ध्यान दे रही है। सरकार ने 13 नए ट्रैकिंग प्लेस में 73 स्पॉट्स को चिह्नित कर लिया है। पंचकोटी से नई टिहरी, औली से गौरसू, मुनस्यारी से खलिया टॉप में तो रोप वे के लिए एमओयू भी हो चुका है। वहीं, कद्दूखाल से सुरकंडा और ठुलीगाड़ से पूर्णागिरी देवी मंदिर जैसे स्पॉट्स भी इस फेहरिस्त में शामिल हैं। यहां एंगलिंग, पैराग्लाइडिंग, ट्रेल रन, माउंटेन बाइकिंग, रिवर क्रॉसिंग, वॉटर रोलिंग, ऑफ-रोडिंग, हाइकिंग, सफारी शुरू करने की प्लानिंग है।

होम स्टे योजना के तहत सब्सिडी
इन जगहों पर पर्यटकों के लिए रहने की सुविधा के लिए ट्रैक्शन ट्रैकिंग होम स्टे योजना शुरू की गई है, जिसमें 40 एंट्रीज़ आ चुकी हैं। इस योजना में एक रूम के लिए 60 हज़ार की सब्सिडी दी जा रही है। हालांकि कई लोगों का मानना है कि उत्तराखंड सरकार को सब्सिडी के साथ यहां रोज़गार के साधन बढ़ाए जाने पर भी सोचना चाहिए।

उत्तराखंड में होने जा रही है प्रो वॉलीबॉल लीग का उद्घाटन आगामी 20 अक्टूबर को ऋषिकेश में होगा, विजेता टीम को मिलेंगे 5 लाख ईनाम

उत्तराखंड के खूबसूरत शहर देहरादून और ऋषिकेश में अगले महीने उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग का आयोजन होने जा रहा है। आईपीएल की तर्ज पर होने वाला ये टूर्नामेंट पूरे 7 दिन तक चलेगा। इस टूर्नामेंट में कुल 9 मैच ऋषिकेश और 10 मैच देहरादून में खेले जाएंगे।

उत्तराखंड में इस तरह का आयोजन पहली बार होने जा रहा है। वॉलीबॉल लीग का उद्घाटन आगामी 20 अक्टूबर को ऋषिकेश में होगा। टूर्नामेंट का उद्देश्य छोटे शहरों के खिलाड़ियों को बड़ा प्लेटफार्म देना है। जीतने वाली टीम को आकर्षक धनराशि इनाम के तौर पर दी जाएगी। आयोजन समिति के सचिव सचिन सेमवाल ने बताया कि प्रदेश के पहले उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग का आयोजन बाबा खेलकूद/सांस्कृतिक लोक कला संस्था द्वारा किया जा रहा है। जिसमें कुल 6 टीमें प्रतिभाग करेंगी। हर टीम में 12 खिलाड़ी और एक कोच होगा।खिलाड़ियों का ट्रायल जल्द शुरू होने जा रहा है। ट्रायल आगामी 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को ऋषिकेश में होगा।

समिति के मुताबिक इस ट्रायल में केवल वही खिलाड़ी प्रतिभाग कर सकते हैं, जो उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्टर्ड होंगे। खिलाड़ियों के ऑक्शन की प्रक्रिया ऋषिकेश के एक होटल में आयोजित की जाएगी, जो कि 2 अक्टूबर को होना है। इस प्रक्रिया में एक फाइनेंसर के साथ तीन अन्य व्यक्तियों को स्वीकृति मिलेगी। इसके अलावा किसी भी को ऑक्शन प्रक्रिया में भाग नहीं लेने दिया जाएगा।

टीम के कुल 12 खिलाड़ियों में से 8 खिलाड़ी उत्तराखंड के होंगे और 4 खिलाड़ी अन्य राज्यों के हो सकते हैं। उत्तराखंड के खिलाड़ियों की बोली कम से कम 5 हजार रुपये और अधिक से अधिक 15 हजार रुपये तक होगी। दूसरे राज्यों के खिलाड़ियों की बोली 10 हजार से 30 हजार रुपये की होगी

उत्तराखंड प्रो वॉलीबॉल लीग में पहले स्थान पर रहने वाली टीम को पांच लाख रुपये इनाम के तौर पर मिलेंगे। जबकि दूसरे और तीसरे स्थान पर रहने वाली टीम को ढाई और डेढ़ लाख रुपये की इनामी धनराशि दी जाएगी।

पीएम मोदी ने आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन का किया आगाज, हर नागरिक का होगा आधार जैसा यूनीक हेल्थ कार्ड

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत सभी नागरिकों को एक विशिष्ट डिजिटल हेल्थ आइडी मुहैया कराई जाएगी जिसमें उसकी सेहत से जुड़ी सभी सूचनाएं दर्ज होंगी। पीएम ने इस साल 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में डिजिटल हेल्थ मिशन के पायलट प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। फिलहाल, छह केंद्र शासित प्रदेशों में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।

आयुष्यमान भारत डिडिटल हेल्थ मिशन के तहत देश के सभी नागरिकों का एक हेल्थ आईडी बनेगा जो उनके हेल्थ खाते के रूप में भी काम करेगी। इससे व्यक्तिगत स्वास्थ रिकार्ड को मोबाइल एप की मदद से जोड़ा और देखा जा सकेगा। इसके तहत, हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री और हेल्थकेयर फैसिलिटीज रजिस्ट्रियां , आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों दोनों ही मामलों में सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए एक कलेक्शन के रूप में कार्य करेंगी। यह चिकित्‍सकों, अस्पतालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए व्यवसाय में भी आसानी को सुनिश्चित करेगा।

यूनिक हेल्थ कार्ड बन जाने के बाद मरीज को डॉक्टर से दिखाने के लिए फाइल ले जाने से छुटकार मिलेगा। डॉक्टर या अस्पताल रोगी का यूनिक हेल्थ आईडी देखकर उसका पूरा डेटा निकालेंगे और सभी बातें जान सकेंगे। उसी आधार पर आगे का इलाज शुरू हो सकेगा। आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री डिजिटल फार्मेट में अपडेट होगी। आप किसी दूसरे शहर, अस्पताल में भी यूनीक आईडी से डॉक्यूमेंट्स देख सकेंगे। इससे डॉक्टर्स को इलाज करने में आसानी होगी। यह कार्ड ये भी बताएगा कि उस व्यक्ति को किन-किन सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है। रोगी को आयुष्मान भारत के तहत इलाज की सुविधाओं का लाभ मिलता है या नहीं, इस यूनिक कार्ड के जरिये पता चल सकेगा।

कार्ड में मेडिकल रिकार्ड से जुड़ी सभी जानकारियां दर्ज होगी। यहां तक कि पिछली बार किस दवा का आप पर क्या असर हुआ था वह भी पता चल जाएगा। दवा बदली गई तो क्यों? इससे इलाज के दौरान डॉक्टर को केस समझने में मदद मिलेगी। हेल्थ आईडी के लिए सबसे पहले तो जिस व्यक्ति की आईडी बनेगी उससे मोबाइल नंबर और आधार नंबर लिया जाएगा। इन दो रिकॉर्ड की मदद से यूनिक हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार एक हेल्थ अथॉरिटी बनाएगी जो व्यक्ति का एक-एक डेटा जुटाएगी। जिस व्यक्ति की हेल्थ आईडी बननी है, उसके हेल्थ रिकॉर्ड जुटाने के लिए हेल्थ अथॉरिटी की तरफ से इजाजत दी जाएगी। इसी आधार पर आगे का काम बढ़ाया जाएगा। हेल्थ कार्ड बनवाना अनिवार्य नहीं होगा। यह आपकी इच्छा पर निर्भर करेगा कि आप कार्ड बनवाना चाहते हैं या नहीं।

हेल्थ आईडी पब्लिक हॉस्पिटल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या वैसा हेल्थकेयर प्रोवाइडर जो नेशनल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर रजिस्ट्री से जुड़ा हो, किसी व्यक्ति की हेल्थ आईडी बना सकता है। https://healthid.ndhm.gov.in/register पर खुद के रिकॉर्ड्स रजिस्टर करा कर भी आप अपनी हेल्थ आईडी बना सकते हैं।

उत्‍तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों के लिए आनलाइन शिक्षण के उद्देश्य से ज्ञानवाणी-1 और ज्ञानवाणी-2 चैनल का शुभारंभ

देहरादून:- उत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में ज्ञानवाणी चैनल का वर्चुअल शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा की राज्य में छात्र-छात्राओं को ऑनलाईन शिक्षण अधिगम से लगातार जोड़े रखने हेतु उत्तराखण्ड राज्य शिक्षा विभाग और जियो ने मिलकर नए ऑनलाईन एजुकेशन चैनल ज्ञानवाणी-1 और ज्ञानवाणी-2 का शुभारंभ एक अच्छा प्रयास है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चों को आनलाइन शिक्षण के उद्देश्य से शुरू किए गए एजुकेशन चैनल ज्ञानवाणी का लाभ प्रदेश के सभी बच्चों को मिले। ज्ञानवाणी चैनल की सार्थकता तभी होगी जब समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों तक इसका लाभ पहुंचे। उन्होंने कहा की बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में स्कूलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती होती है। कोरोना काल में आनलाइन शिक्षण के लिए अनेक सराहनीय प्रयास किए गए। स्कूलों में कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए सभी शैक्षणिक गतिविधियां चल रही है।

शिक्षा मंत्री श्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि कोविड के दौरान ऑनलाइन शिक्षण का प्रचलन शुरू हुआ. आज ऑनलाइन माध्यम से अनेक शैक्षणिक गतिविधियां की जा रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि ज्ञानवाणी चैनल के माध्यम से पीएम ई विद्या के कंटेंट को भी शामिल किया जाय. जो पूर्णतः एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित है।

शिक्षा सचिव श्रीमती राधिका झा ने कहा कि ऑफलाइन शिक्षण के साथ ही बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से ही शैक्षणिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।ज्ञानवाणी- 1 प्राथमिक कक्षाओं एवं ज्ञानवाणी- 2 माध्यमिक कक्षाओं के लिए चलाया जा रहा है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी जियो श्री विशाल अग्रवाल ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान से जुड़े सभी एनजीओ भी शिक्षा विभाग के माध्यम से ज्ञानवाणी में कंटेंट का प्रसारण कर सकते हैं।उन्होंने बताया की जल्द ही धारचूला में जियो की 4जी कनेक्टिविटी शुरू की जाएगी। इस अवसर पर शिक्षा महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून डॉ. मुकुल सती, जियो के स्टेट कॉर्डिनेटर दीपक सिंह एवं वर्चुअल माध्यम से सभी मुख्य शिक्षाधिकारी एवं प्रधानाचार्य मौजूद थे।

नई दिल्ली:- कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का भारत बंद, दिल्ली से सटी सीमाओं पर भारी जाम कई राज्यों में प्रदर्शन किया जा रहा है।

नई दिल्ली:- केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा किए गए भारत बंद का असर दिखने लगा है।संयुक्त किसान मोर्चा के आज ‘भारत बंद’ के ऐलान के चलते दिल्ली से सटी सीमाओं, पंजाब, बिहार समेत देश के कई राज्यों में प्रदर्शन किया जा रहा है। भारत बंद को किसानों के अलावा कई राजनीति दलों और सामाजिक संगठनों का समर्थन मिल रहा है। तीनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले 40 से अधिक किसान संगठनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा ने आज भारत बंद का आह्वान किया है। अनेक सामाजिक संगठनों और राजनैतिक दलों ने भारत बंद का समर्थन किया है। इस दौरान दिल्ली से सटी सीमाओं जैसे गाजीपुर और सिंघु बार्डर पर किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कई जगहों पर रोड जाम किया गया है। इसकी वजह से ट्रैफिक डायवर्ट भी किया गया है।इस बंद को कई राजनीतिक दलों ने भी समर्थन दिया है। किसान संगठनों द्वारा यह बंद सोमवार सुबह 6 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक के लिए किया गया है।

किसान इस दौरान इंमरजेसी सेवा को छोड़कर सभी चीजों को बंद करेंगे। भारत बंद को लेकर ये तय किया गया है कि इस दौरान किसान रास्तों और हाईवे पर धरना देंगे। सरकारी दफ्तरों के सामने प्रदर्शन होगा। किसान दिल्ली के बार्डर का भी घेराव करेंगे। किसानों के इस भारत बंद को विपक्ष का समर्थन मिला है। भारत बंद की वजह से दिल्ली में कई रास्तों का बंद किया गया है तो कई जगह रूट डायवर्ट किया गय़ा है।

तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आज किसानों के भारत बंद का असर मेट्रों के संचालन पर भी पड़ा है। दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने ट्वीट किया है कि पंडित श्री राम शर्मा का प्रवेश/निकास बंद कर दिया गया है।

भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने भारत बंद पर कहा है कि एम्बुलेंस, डाक्टर या आपात स्थिति में जाने वाले लोग जा सकते हैं। हमने कुछ भी सील नहीं किया है हम सिर्फ एक संदेश भेजना चाहते हैं। हम दुकानदारों से अपील करते हैं कि वे अपनी दुकानें अभी बंद रखें और शाम 4 बजे के बाद ही खोलें। उन्होंने कहा कि बाहर से यहां कोई किसान नहीं आ रहा।

उत्तराखंड: कृषि कानून के खिलाफ भारत बंद आज, राज्य में दुकानें बंद, जगह-जगह किसानों का प्रदर्शन, पुलिस ने की सुरक्षा की व्यापक तैयारियां

देहरादून:- कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों के आज सोमवार को किसानों का भारत बंद है।। इसके बाद राज्य में पुलिस ने अपनी तैयारियां तेज़ कर दी हैं। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन में भारत बंद को व्यापारियों का पूर्ण समर्थन मिला है। उत्तराखंड के रुद्रपुर, नानकमत्त्ता, खटीमा, काशीपुर, रुड़की सहित अन्य शहरों में सभी छोटी-बड़ी दुकानें व्यापारियों ने स्वयं ही बंद रखीं। प्रशासन की ओर से बंद के दौरान किसी भी तरह की अराजकता को बदर्शत नहीं करने की सख्त हिदायत भी दी गई है। कहा कि भारत बंद को सफल बनाने के लिए सभी किसान एकसाथ हैं। काशीपुर में भारत बंद को लेकर जगह-जगह चक्का जाम जारी है।

डीजीपी अशोक कुमार ने सभी जिला प्रभारियों को 27 सितंबर को प्रस्तावित भारत बंद को लेकर विशेष सतर्कता बरतने को कहा है। डीजीपी ने सभी जनपद प्रभारी लोगों से सम्पर्क बंद को शांतिपूर्वक रखने की अपील करें। यदि कोई बंद के दौरान जबरदस्ती करे तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। साथ ही सभी जिलाधिकारी के साथ मिलकर, सेक्टर मजिस्ट्रिेट भी नियुक्त करवा लें। डीजीपी ने सोशल मीडिया पर अफवाह उठाने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में 40 किसान संगठनों ने 27 सितंबर को भारत बंद करने की लोगों से अपील की है। भारत बंद का आह्वान सुबह 06 बजे से शाम 04 बजे तक किया गया है। विपक्षी दल भी अब कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की जंग में शामिल होने के संकेत दे रहे हैं। विपक्षी दलों ने किसान संगठनों के 27 सितंबर को बुलाए गए भारत बंद के समर्थन का ऐलान कर इस मुद्दे पर सरकार की राजनीतिक घेरेबंदी पर फोकस बढ़ाने के इरादे स्पष्ट कर दिए हैं। अब तक किसान संगठनों को नैतिक समर्थन दे रहे विपक्षी खेमे के कई दलों ने तो इस बंद के समर्थन में सड़क पर उतरने का भी ऐलान कर दिया है।

भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य दीनदयाल उपाध्याय की 105वीं जयंती पर पीएम मोदी बोले पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने राष्ट्र निर्माण के लिए अपना जीवन किया समर्पित

देहरादून :- साल 1916 में आज के दिन ही भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य दीनदयाल उपाध्याय का जन्म हुआ था। दीनदयाल उपाध्याय को आज भी एक राष्ट्रवादी नेता के तौर पर याद किया जाता है। वे गरीबों और दलितों के हक के लिए हमेशा लड़े। लेकिन, इतने बड़े नेता होने के बावजूद, उनके देहांत के 53 साल बाद भी आज तक यह नहीं पता लगाया जा सका कि उनकी मृत्यु कैसे हुई।दीनदयाल उपाध्याय महज तीन साल के थे जब उनके पिता का देहांत हो गया। 7 साल के हुए तो माता का हाथ भी उनके सिर से उठ गया. मुश्किलों में उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और 1937 के करीब वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय को देश आज याद कर रहा है। देशभर में आज उनकी 105वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम दिग्गजों ने उन्हें नमन किया है। आज ही के दिन यानी 25 सितंबर 1916 को दीनदयाल का यूपी के मथुरा में जन्म हुआ था। प्रधानमंत्री ने ट्वीट करते हुए लिखा,’एकात्म मानव दर्शन के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। उन्होंने राष्ट्र निर्माण में अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनके विचार देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।

गृह मंत्री अमित शाह ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए पंडित जी को नमन किया है। उन्होंने लिखा,’ दूरदर्शी राजनीतिज्ञ पं. दीनदयाल उपाध्याय जी ने समय समय पर विभिन्न चुनौतियों व समस्याओं के निराकरण के लिए अपने विचार-दर्शन से देश का मार्गदर्शन किया। पंडित जी के एकात्म मानववाद व अंत्योदय के मंत्र सदैव हमें जनकल्याण व राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे। उन्हें कोटिशः नमन।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा,’ एकात्म मानववाद जैसे प्रगतिशील आर्थिक विचार के प्रणेता एवं अंत्योदय के लिए आजीवन काम करने वाले ‘महामानव’ पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर कोटि कोटि नमन। सेवा और समर्पण का उनका मंत्र हमें प्रेरणा देता है। उनके विचार और दर्शन भारत की आने वाली पीढ़ियों को भी प्रेरित करते रहेंगे।

साल 1951 में संघ की मदद से श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की शुरुआत की थी। उस समय संघ ने संगठन की देखरेख का जिम्मा दीनदयाल उपाध्याय को दिया. यहां से उपाध्याय के राजनीति करियर की शुरुआत हुई। साल 1953 में श्यामाप्रसाद मुखर्जी के निधन के बाद दीनदयाल उपाध्याय ने ही जनसंघ की सारी जिम्मेदारियां संभाली। वे 15 साल तक जनसंघ के महामंत्री रहे और पार्टी को मजबूती दी। उन्होंने जनसंघ को जन-जन तक पहुंचाया। इसके बाद 1967 में वे पार्टी के अध्यक्ष बने।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य कर्मियों को तोहफा, महंगाई भत्ता 11 फीसद बढ़ा और भी कुछ बड़े फैसले दिए

देहरादून :- उत्तराखंड सरकार ने लाखों कर्मचारियों को बड़ी सौगात देते हुए महंगाई भत्ते यानी डीए में 11% की बढ़ोत्तरी के साथ ही राज्य के लिए और भी कुछ बड़े फैसले दिए। शुक्रवार को सभी की नजरे कैबिनेट बैठक पर टिकी हुई थी। सचिवालय में सुबह सीएम धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में 24 प्रस्तावों पर लगी मुहर। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया बैठक में 29 प्रस्ताव आये थे, जिसमे से 24 प्रस्तावों पर कैबिनेट ने सहमति जता दी है। कैबिनेट बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि डीए बढ़ाए जाने के बाद राजकोष पर हर साल 1800 करोड़ रुपये का भार बढ़ेगा। इसके अलावा आयुर्वेदिक और होम्यापैथी से जुड़े उन डॉक्टरों और कर्मचारियों के लिए भी पुरस्कार के तौर पर एकमुश्त रकम का ऐलान सरकार ने ​किया, जिन्होंने कोविड के दौरान महत्वपूर्ण सेवाएं दीं।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में डीए बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई थी। इस फैसले के बाद तकरीबन 1,60,000 कर्मचारियों और 1,50,000 पेंशनरों को इसका लाभ मिलेगा और इस बढ़े हुए भत्ते का भुगतान इस साल की 1 जुलाई से लागू किया जाएगा। वास्तव में यह मांग काफी समय से चल रही थी और भारतीय पेंशनर मंच ने प्रधानमंत्री को ​भी इस बारे में लिखा था। कोविड के चलते पिछले साल अप्रैल में वित्त मंत्रालय ने डीए बढ़ाने के प्रस्ताव को होल्ड कर दिया था।

सीएम धामी की घोषणा के मुताबिक अब कोरोना संक्रमण की दोनों लहरों के समय में सेवाएं देने वाले आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक डॉक्टरों को 10,000 रुपये की रकम तोहफे के तौर पर दी जाएगी। विभागों के सी और डी ग्रुप के कर्मचारियों को 3000 रुपये बतौर प्रोत्साहन दिए जाएंगे। इसके अलावा राज्य सरकार ने एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर VAT की दरें 20 से सिर्फ 2% कर दी हैं।

धामी सरकार ने राज्य के सात इं​जीनियरिंग इंस्टीट्यूटों के लिए 31 मार्च 2022 तक काम के लिए अनुबंध पर टीचरों को रखने के दरवाज़े भी खोले।इस तरह से टीचरों के वेतन पर अगले छह महीनों में सरकार करीब 3.83 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

सरकारी परियोजना में निवेशकों, पटटेधारकों से सम्बन्धित संविदा के विवाद को सुलझाने के लिये कमेटी बनाये जाने के लिये सीएम को अधिकृत किया गया।स्टोन क्रेशर, अवैध खनिज भण्डारों के वन टाईम सैटलमेंट के लिये नियमावली में संशोधन किया जायेगा। स्टोन क्रेशर, प्लान्ट स्वामियों/स्क्रीनिंग प्लांट स्वामी/अवैध खनन कर्ताओं पर आरोपित दण्डारोपण के लिये नियमावली बनेगी । इस मामले को दो माह में निस्तारित करने होंगे और नियमावली बनने के बाद दो माह के लिये प्रभावी होगी।

राज्य के 07 इंजीनियरिंग संस्थानों में भारत सरकार द्वारा सहायता प्राप्त तकनीकि शिक्षा गुणवत्ता सुधार परियोजना के तहत संविदा पर कार्यरत शिक्षकों को अक्टूबर, 2021 से 31 मार्च, 2022 तक कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी गई। इसके फलस्वरूप पारिश्रमिक के रूप में अनुमानित कुल धनराशि 3.83 करोड़ का व्यय भार राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।

 

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में महत्वपूर्ण फैसले

केदारनाथ बद्रीनाथ में पुनर्निर्माण के तहत अधिप्राप्ति नियमावली में छूट दी गई। अब 75 लाख तक के कार्य सिंगल बिड से किये जा सकते हैं।

लोहाघाट को नगर पालिका बनाने की मंजूरी।

मा0 उच्च न्यायालय राज्य वित्त अधिकारी से सम्बन्धित सेवा नियमावली संशोधन की मंजूरी।

उत्तराखण्ड की चतुर्थ विधानसभा 2021 के द्वितीय सत्र का सत्रावसान करने की अनुमति दी गयी।

राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनरों को दिनांक 01 जुलाई, 2021 से पुनरीक्षित मंहगाई भत्ते को दिये जाने की अनुमति प्रदान की गई।

उत्तराखण्ड भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत जनहित में फिलींग स्टेशन की स्थापना हेतु भवन निर्माण एवं विकास की उपविधि में संशोधन कर मानकाकें में छूट दी गई।

ग्राम पंचायत नगला, जनपद उधम सिंह नगर को नगरपालिका परिषद् बनाने की मंजूरी।

उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ परीक्षा 2012 के अन्तर्गत सामान्य श्रेणी/पूर्व सैनिक श्रेणी का एक अतिरिक्त पद डिप्टी कलेक्टर पद के लिये आयोग को भेजने की मंजूरी।

उत्तराखण्ड राज्य में स्थापित चिकित्सा ईकाईयों के आईपीएचएस मानकीकरण के क्रम में जनपदवार चिकित्सीय ईकाइयों को, टाईप ए प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, टाईप बी प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र, सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र, उपजिला चिकित्सा केन्द्र और जिला चिकित्सा केन्द्र के रूप में पांच वर्गो में बांटने का निर्णय।

उत्तराखण्ड राजस्व चकबन्दी (उच्चतर) सेवा नियमावली-2021 को प्रख्यापित करने का निर्णय।

एकल आवास एवं व्यवसायिक भवनों/आवासीय भू उपयोग में व्यवसायिक दुकान तथा आवासिय क्षेत्रों में नर्सिंग होम/क्लीनिक/ओपीडी/पैथोलॉजी लैब/नर्सरी स्कूल ईत्यादि के विनियमतिकरण हेतु एकल समाधान योजना 24 सितम्बर, 2021 से बढ़ाकर मार्च 2022 तक करने का निर्णय।

उत्तराखण्ड में स्थित उ0प्र0 आवास विकास परिषद् की परिसम्पितयों को सील किया गया था। इस सम्बन्ध में इसके विक्रय, निर्माण अथवा विकास कार्य पर रोक लगी थी, इस रोक को हटाने का निर्णय किया गया।

श्रीनगर को नगर निगम बनाने की अनुमति।

उत्तराखण्ड पशु चिकित्सा सेवा नियमावली-2021 का प्रख्यापन।
उपनल के सम्बन्ध में अगली कैबिनेट में मंत्रिमण्डलीय उपसमिति के निर्णय को रखने की मंजूरी।

टिहरी नरेन्द्रनगर तपोवन को नगर पंचायत बनाने की अनुमति।

उत्तराखण्ड नजूल भूमि प्रबन्धन/व्यवस्थापन एवं निस्तारण अध्यादेश-2021 के प्रख्यापन का बाद पट्टेधारकों को फ्री होल्ड कराने की अनुमति।

जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण को अधिक सुढढ एवं उपयोगी बनाने के लिये मंत्रीमण्डल उपसमिति का गठन, मंत्री श्री बंशीधर भगत, श्री अरविन्द पाण्डेय, श्री सुबोध उनियाल के रूप में किया जायेगा।

उत्तराखण्ड पुलिस आरक्षी एवं मुख्य आरक्षी (नागरिक पुलिस अधिसूचना एवं सशक्त पुलिस) सेवा नियमावली-2018 में संशोधन।

उत्तराखण्ड पुलिस उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा नियमावली-2018 के संदर्भ में मुख्यमंत्री को निर्णय लेने का अधिकार।

उत्तराखण्ड स्टाम्प (सम्पति का मुल्यांकन) संशोधन नियमावली-2015 में प्रचलित सर्किल दरों में चमोली के बद्रीनाथ एवं बामणी में पेनाल्टी पांच गुना से कम करके दो गुना वन टाईम सेटलमेंट द्वारा करने का निर्णय।

एविएशन टरबाईन फ्यूल की वैट दर 20 प्रतिशत से घटा कर 02 प्रतिशत करने का निर्णय।

मा0 उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति को दी जाने वाली टैलीफोन सुविधा स्वघोषणा के आधार वास्तविक व्यय का भुगतान किया जायेगा।

कान्सटेबिल से हैड कान्सटेबिल बनाने में रैंकर्स परीक्षा को समाप्त कर सौ प्रतिशत पदोन्नति से करने का निर्णय।

जातिगत जनगणना पर लालू ने केंद्र पर जातिगत जनगणना कराने से इनकार करने को लेकर निशाना साधा

बिहार में जातिगत जनगणना के मुद्दे पर राजनीति जारी है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने केंद्र सरकार पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर 2021 में जातिगत जनगणना कराने से इनकार करने को लेकर निशाना साधा है।लालू ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा है कि जनगणना में सांप, बिच्छू तोता, मैना, हाथी, घोड़ा, कुत्ता, बिल्ली, सूअर और सियार समेत सभी पशु-पक्षी, पेड़-पौधे गिने जाएंगे, लेकिन पिछड़े -अति पिछड़े वर्गों के इंसानों की गिनती नहीं होगी।

लालू ने भाजपा और संघ से पूछा सवाल

लालू यादव ने भाजपा और संघ से सवाल पूछा है कि आखिर उन्हें पिछड़ों और अति पिछड़ों से इतनी नफरत क्यों हैं। लालू ने कहा, जातिगत जनगणना कराने से सभी वर्गों का भला होगा और सब की वास्तविक स्थिति का पता चलेगा। लालू ने आरोप लगाया कि भाजपा और संघ पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के साथ बहुत बड़ा धोखा कर रहा है।

लालू ने कहा अगर केंद्र सरकार जनगणना फॉर्म में एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर देश की कुल आबादी के 60 फीसदी से अधिक लोगों की जातीय जनगणना नहीं कर सकती तो ऐसी सरकार और इन वर्गों के चुने हुए सांसदों और मंत्रियों पर धिक्कार है।लालू ने जनता से ऐसे सांसदों और मंत्रियों का सामाजिक बहिष्कार करने की अपील की।

नीतीश कुमार की पार्टी को उम्मीद है कि केंद्र सरकार जल्द ही इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम उठाएगी।जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने भी कहा कि अभी जातिगत जनगणना शुरू नहीं हुई है. भले ही केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जातिगत जनगणना कराने में तकनीककठिनाई की बात कही है, मगर केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अब तो कोई निर्णय नहीं लिया है

बिहार सरकार में मंत्री संजय कुमार झा ने कहा, जातिगत जनगणना का नीतीश कुमार पिछले 30 सालों से उठा रहे हैं। इस मुद्दे पर हमारे पार्टी का रुख बिल्कुल साफ है हमें उम्मीद है कि जाति का जनगणना के मुद्दे पर कोई सकारात्मक कदम उठाया जाएगा।हम सबको प्रधानमंत्री के निर्णय का इंतजार है।

आज से देहरादून में अंतरराष्ट्रीय सेब महोत्सव, उत्तराखंड के सेब को नई पहचान मिलेगी

देहरादून :-  उत्तराखंड के सेबों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाने के लिए तीन दिवसीय (24 से 26 सितंबर) अंतरराष्ट्रीय सेब महोत्सव (संगोष्ठी और प्रदर्शनी) का शुभारंभ आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यहां रेंजर ग्राउंड में करेंगे। इसका आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत उद्यान विभाग कर रहा है। महोत्सव में अदानी ग्रुप समेत टर्की, नाइजीरिया समेत कई देशों की कंपनियां हिस्सा ले रही हैं। इससे उत्तराखंड के सेब को मार्केटिंग के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि इस महोत्सव के माध्यम से सरकार का उद्देश्य है कि राष्ट्रीयस्तर पर उत्तराखंड के सेब को नई पहचान मिल सके। इसमें उत्तराखंड समेत हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के प्रगतिशील किसान उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे। महोत्सव में प्रतियोगिता भी होंगी। इसमें सेब और उससे तैयार होने वाले उत्पाद, पैकेजिंग भी शामिल हैं।

उत्तराखंड में औद्यानिकी फसलों का सालाना 3250 करोड़ रुपये का कारोबार है। 25785 हेक्टेयर भूमि पर सेब का उत्पादन होता है। प्रतिवर्ष 62 हजार मीट्रिक टन से अधिक उत्पादन होता है। राज्य में औद्यानिकी फसलों के तहत 2.96 लाख हेक्टेयर क्षेत्र है।4.50 लाख किसान औद्यानिकी फसलों का उत्पादन करते हैं। उत्तरकाशी सेब उत्पादन में अग्रणी जिला है।

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल के सेबों को सबसे बेहतर सेब के रूप में पहचान मिली है। देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ही इसकी बेहद ज्यादा डिमांड है. खास बात ये है कि उत्तराखंड के आराकोट बंगाण, हर्षिल समेत दूसरे क्षेत्रों में भी बेहतर क्वालिटी के सेब का उत्पादन किया जाता है, लेकिन यहां के सेबों को इस रूप में पहचान नहीं मिल पाई है। इसी बात को समझते हुए उत्तराखंड उद्यान विभाग ने भी प्रदेश के सेब को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए प्रयास शुरू किए हैं, इस दिशा में देहरादून में होने जा रहा अंतरराष्ट्रीय सेब महोत्सव बेहद खास है, तीन दिवसीय इस सेब महोत्सव में सेबों की कई किस्में लोगों को देखने को मिलेगी।

उत्तराखंड का सेब हिमाचल की ब्रांडिंग
आज भी उत्तराखंड के सेबों को हिमाचल की पेटियों में भरकर बेचा जाता है. उत्तरकाशी और दून के पर्वतीय क्षेत्र में होने वाले सेब हिमाचल की ब्रांडिंग के जरिये बिकते हैं. यानी सेब तो उत्तराखंड का होता है, लेकिन उस पर टैग हिमाचल का लगता है. जिस कारण उत्तराखंड के सेब को पहचान नहीं मिल पाती है.

जिलेवार सेब का उत्पादन
जिला                      क्षेत्रफल         (हेक्टेयर) उत्पादन (मीट्रिक टन)
उत्तरकाशी             9372.59            20529
अल्मोड़ा                1577                   14137
नैनीताल                1242                   9066
देहरादून                 4799                  7342
चमोली                  1064                   3354
पौड़ी                      1123                   3057
पिथौरागढ़             1600                   3012
टिहरी                     3820.34            1910