यूनिफॉर्म सिविल कोड: उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करेगी बीजेपी, विधायक दल का नेता चुनते ही पुष्कर धामी की घोषणा, जल्द शुरू करेंगे प्रक्रिया

उत्तराखंड की सत्ता में वापसी कर बीजेपी ने नया इतिहास रचा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट हार गए हैं। इसके बावजूद राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने को लेकर उन्होंने बीजेपी की प्रतिबद्धता दोहराई है। विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी ने सत्ता में लौटने पर इसे लागू करने का वादा किया था।

मुख्यमंत्री आवास के बाहर मीडिया से बातचीत में पुष्कर सिंह धामी ने सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय नेतृत्व, पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह का दोबारा भरोसा जताने पर आभार जताया। उन्होंने कहा कि मेरे जैसे सामान्य कार्यकर्ता, एक सैनिक के बेटे को मुख्य सेवक के रूप में काम करने का मौका मिला है।

इस दौरान नेता सदन पुष्कर धामी ने मीडिया से खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान जो वादे किए गए थे, वह पूरे किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी घोषणा उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता यानी यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने की हुई थी, जिसकी प्रक्रिया का है जल्द शुरू कर देंगे। समान नागरिक संहिता अभी तक केवल गोवा में लागू है।

नतीजों के बाद देहरादून में धामी ने जनता का आभार जताते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) लागू करने की बात कही। उन्होंने कहा, “सरकार बनाने के बाद हम एक उच्च स्तरीय समिति बनाएँगे। समिति एक ड्राफ्ट तैयार करेगी और हम इसे उत्तराखंड में लागू करेंगे, जैसा कि हमने राज्य के लोगों से वादा किया है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कमेटी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस कमेटी में न्यायविदों, सेवानिवृत्त लोगों और प्रबुद्धजन को शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद किसी भी धर्म व जाति के लोगों के साथ अन्याय नहीं होगा। सभी को समान नागरिकता का अधिकार मिलेगा।

विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन रुद्रपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से इसका वादा किया था। उन्होंने कहा था कि राज्य में भाजपा के दोबारा सत्ता में आने के बाद सबसे पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा। इससे सभी धर्मों के नागरिकों के लिए समान कानून लागू हो जाएगा।

समान नागरिक आचार संहिता यानी Uniform Civil Code के बारे में संविधान के अनुच्छेद-44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी है इस कानून को लागू करना पर अभी ये लागू नहीं हो पाया है। इस बारे में संविधान का भी कहना है कि सरकार विचार विमर्श करें। गोवा राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है। देश में कई मामलों के लिए भी यूनिफॉर्म कानून है। लेकिन अगर बात शादी, तालाक जैसे मुद्दों की करें तो अब भी पर्सनल लॉ के अनुसार ही फैसला होता है।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों के लिए जुलाई में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट(CUET),प्रवेश परीक्षा के मार्क्स पर होगा सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन, कक्षा 12 के अंकों की नहीं होगी गिनती

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सोमवार (21 मार्च, 2022) को घोषणा की कि सभी यूजीसी-वित्त पोषित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2022-2023 से स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा आयोजित की जाएगी।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने बताया है कि जुलाई के पहले सप्ताह में सीयूईटी का आयोजन किया जाएगा। कुमार ने कहा, ‘साल 2022-23 शैक्षणिक वर्ष से राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी स्नातक एवं परास्नातक कोर्स के लिए सीयूईटी का आयोजन करेगी। सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अपने पाठ्यक्रमों में दाखिला देने के लिए सीयूईटी में प्राप्त अंकों पर विचार करना होगा।’

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पहली अनिवार्य आम प्रवेश परीक्षा जुलाई के पहले सप्ताह में आयोजित की जाएगी, यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने सोमवार को घोषणा की।उन्होंने कहा कि कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) एक कम्प्यूटरीकृत परीक्षा है और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की जाएगी, जो मंगलवार को परीक्षा पैटर्न की घोषणा करेगी। परीक्षा के लिए आवेदन विंडो अप्रैल के पहले सप्ताह में खुलेगी।

कुमार ने कहा कि इन विश्वविद्यालयों में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश अब पूरी तरह से CUET स्कोर के आधार पर होगा, और कक्षा 12 बोर्ड के अंकों में कोई वेटेज नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, परीक्षा के लिए पात्रता मानदंड के रूप में बोर्ड परीक्षा के अंकों का सबसे अच्छा उपयोग कर सकते हैं।45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों को यूजीसी से आर्थिक सहायता मिलती है। कुमार ने कहा कि सीयूईटी का पाठ्यक्रम एनसीईआरटी के 12वीं कक्षा के सिलेबस से मिलता-जुलता ही होगा।

सीयूईटी के लाभों के बारे में बात करते हुए, कुमार ने कहा कि यह सभी बोर्डों के छात्रों को विशेष रूप से पूर्वोत्तर और ग्रामीण क्षेत्रों के छात्रों को समान अवसर प्रदान करेगा। CUET से माता-पिता और छात्रों पर वित्तीय बोझ कम होने की भी उम्मीद है, क्योंकि उम्मीदवारों को केवल एक परीक्षा लिखनी होगी।

कुमार ने कहा कि राज्य विश्वविद्यालय, निजी विश्वविद्यालय और डीम्ड विश्वविद्यालय भी स्नातक और स्नातकोत्तर प्रवेश के लिए सीयूईटी स्कोर का उपयोग कर सकते हैं।दिल्ली विश्वविद्यालय और कुछ अन्य विश्वविद्यालयों ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वे केवल CUET के आधार पर छात्रों को स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश देंगे।

CUET में NCERT की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे और गलत उत्तरों के लिए छात्रों को नकारात्मक रूप से चिह्नित किया जाएगा। प्रवेश परीक्षा में तीन खंड होंगे (बॉक्स देखें)। CUET 2022 हिंदी, मराठी, गुजराती, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उर्दू, असमिया, बंगाली, पंजाबी, ओडिया और अंग्रेजी नाम की 13 भाषाओं में पेश किया जाएगा।

परीक्षा दो पालियों में आयोजित की जाएगी। पहली पाली में, उम्मीदवार खंड (भाषा), दो चुने हुए डोमेन विषय और सामान्य परीक्षा के लिए उपस्थित होंगे। दूसरी पाली में, वे अन्य चार डोमेन विषयों और एक अतिरिक्त भाषा परीक्षण के लिए उपस्थित होंगे, यदि वे चुने जाते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को CUET से छूट दी गई है; उनके प्रवेश मौजूदा अधिसंख्य आधार पर किए जाएंगे।

देहरादून ​का ऐतिहासिक झंडा मेला आज श्रीझंडे जी के आरोहण के साथ शुरू होगा 

देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला दुनियाभर से आए श्रद्धालुओं की आस्‍था का प्रतीक है। प्रेम, सद्भाव और आस्था का प्रतीक देहरादून का ऐतिहासिक झंडा मेला 90 फीट ऊंचे श्रीझंडे जी के आरोहण के साथ आज मंगलवार से शुरू हो जाएगा। देश-विदेश से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटेंगे। दरबार साहिब में मंगलवार को सुबह सात बजे पूजा-अर्चना के बाद पुराने श्रीझंडे जी को उतारा जाएगा। इसके बाद नए श्रीझंडे जी को गंगाजल और पंचगव्य से स्नान कराया जाएगा। तत्पश्चात उनकी पूजा-अर्चना और फिर अरदास होगी।

इस बार ध्वजदंड भी बदला जाएगा। मेला प्रबंधन समिति को प्रशासन की गाइडलाइन का इंतजार है। बीते 2 वर्षों से कोविड गाइडलाइन के चलते मेले को संक्षिप्त किया जा रहा था। झंडा मेले में हर तीन वर्ष में झंडेजी के ध्वजदंड को बदलने की परंपरा रही है। इससे पूर्व वर्ष 2020 में ध्वजदंड बदला गया था।

श्रीझंडे जी में इस बार दिल्ली के रवि नगर एक्सटेंशन निवासी बलजिंदर सिंह सैनी दर्शनी गिलाफ चढ़ाएंगे। पेशे से व्यापारी बलजिंदर इसके लिए मां कुलदीप कौर के साथ दून पहुंच चुके हैं। उनके दादा अक्षर सिंह ने 100 साल पहले दर्शनी गिलाफ चढ़ाने के लिए बुकिंग कराई थी।

सुबह करीब 10 बजे श्रीझंडे जी को गिलाफ चढ़ाने की प्रक्रिया शुरू होगी। दोपहर में दो से चार बजे के बीच दरबार साहिब के सज्जादानशीन श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में श्रीझंडे जी का आरोहण किया जाएगा। इसके साथ ही झंडा मेला शुरू हो जाएगा। इस पल की साक्षी बनने के लिए देश-विदेश से संगतें दरबार साहिब पहुंची हैं।

प्रेम, सद्भावना और आस्था का प्रतीक झंडा मेला होली के पांचवें दिन देहरादून स्थित श्री दरबार साहिब में झंडेजी के आरोहण के साथ शुरू होता है। इस दौरान देश-विदेश से संगतें मत्था टेकने पहुंचती हैं। इस मेले में पंजाब, हरियाणा और आसपास के कई इलाकों से संगतें आती हैं। जो कि गुरूराम राय जी के भक्त होते हैं। श्री गुरु राम राय ने वर्ष 1676 में दून में डेरा डाला था। उनका जन्म 1646 में पंजाब के होशियारपुर जिले के कीरतुपर में होली के पांचवें दिन हुआ था। इसलिए दरबार साहिब में हर साल होली के पांचवें दिन उनके जन्मदिवस पर झंडा मेला लगता है। गुरु राम राय ने ही लोक कल्याण के लिए विशाल ध्वज को यहां स्थापित किया था।

दरबार साहिब में शीश नवाने और श्री गुरु राम राय महाराज का आशीर्वाद प्राप्त करने को देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों के साथ ही हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान से संगतें सोमवार को दून पहुंच गईं।

गुरुवार को सुबह 7:30 बजे नगर परिक्रमा शुरू होगी। श्री दरबार साहिब, श्रीझंडा जी मेला आयोजन समिति के व्यवस्थापक केसी जुयाल ने बताया कि श्रीमहंत देवेंद्र दास महाराज की अगुआई में 25 हजार से अधिक श्रद्धालु नगर परिक्रमा में शामिल होंगे।

विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर लगी मुहर, धामी होंगे उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री

उत्तराखंड के 12वें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी होंगे। सोमवार शाम को प्रदेश मुख्यालय में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में धामी को फिर से नेता चुना गया।भाजपा विधायक मंडल दल की बैठक में सीएम पुष्कर सिंह धामी का नाम सबसे आगे रहा। उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। इसी के साथ उत्तराखंड को 12 वें मुख्यमंत्री के रूप में सीएम पुष्कर सिंह धामी का चेहरा मिल गया है। दस मार्च को आए चुनाव परिणामों के बाद उत्तराखंड में भाजपा बहुमत का जादुई आंकड़ा छूने में कामयाब रही, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अपनी सीट नहीं बचा पाए थे। 21 वर्ष की आयु के उत्तराखंड में यह पहला अवसर है।

भाजपा प्रदेश मुख्यालय में हुई विधायक दल की बैठक में पुष्कर सिंह धामी के नाम पर मुहर लगी। धामी के नाम पर रखे गए प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में विधायक दल की बैठक के लिए विधायक और पार्टी नेता दोपहर से ही जुटना शुरू हो गए थे।नए मुख्यमंत्री को लेकर समर्थक अपने नेताओं के नाम के कयास लगा रहे थे। केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी विधायक दल की बैठक में उपस्थित रहे।

पुष्कर सिंह धामी तीसरी व चौथी विधानसभा में ऊधमसिंह नगर जिले की खटीमा सीट से विधायक रहे, लेकिन इस बार यहीं से कांग्रेस के भुवन कापड़ी के हाथों वह सीट गंवा बैठे। चुनाव हारने के बावजूद पार्टी आलाकमान ने पुष्कर सिंह धामी पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है। उन्हें कमान सौंपे जाने का फैसला लिया है। धामी के हाथ विधानसभा चुनाव में निराशा लगी थी। खटीमा विधानसभा सीट से धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा। उन्हें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया। उत्तराखंड में भाजपा की बहुमत के साथ जीत हुई। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी।भाजपा ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि सत्ता में आने की स्थिति में धामी को ही मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।

उत्तराखंड के 20 साल के इस सफर में प्रदेश को 11 मुख्यमंत्री मिले हैं। भाजपा ने सात मुख्यमंत्री दिए हैं, तो कांग्रेस पार्टी ने प्रदेश को तीन मुख्यमंत्री दिए हैं। हालांकि, भाजपा शासन के पांच साल के कार्यकाल में पहली बार उत्तराखंड में तीन-तीन मुख्यमंत्री मिले हैं। सबसे खास बात यह है कि सभी मुख्यमंत्रियों में से सिर्फ कांग्रेस के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी ही अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर पाए थे।

उत्तराखंड चुनाव प्रभारी रहे केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, पूर्व केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, लोकसभा सदस्य अजय टम्टा, महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह, तीरथ सिंह रावत, राज्यसभा सदस्य व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे देहरादून, भाजपा विधायक दल की बैठक शाम 5 बजे होगी शुरू, किसके सिर सजेगा ताज आज बैठक में होगा फैसला

उत्तराखंड में सीएम के नाम पर सस्पेंस आज खत्म हो जाएगा। प्रदेश के पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में देहरादून में होने वाली बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग जाएगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी के देहरादून पहुंचने पर पार्टी के कई नेताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। मौके पर प्रदेश प्रभारी प्रह्लाद जोशी भी मौजूद रहे। इसके साथ ही विधायकों का बीजेपी कार्यालय पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। धन सिंह रावत भी भाजपा दफ्तर पहुंचे। अब इसके बाद  शाम 5 बजे मीटिंग शुरू होगी। पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक निजी होटल में बैठक करने के बाद BJP दफ्तर के लिए रवाना हो गए हैं। अब कुछ ही देर में बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक शुरू होगी

मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर सजेगा, इसका फैसला आज हो जाएगा। विधायक मंडल दल की होने जा रही बैठक में बीजेपी विधायक दल के नेता चुना जाएगा। प्रदेश के पर्यवेक्षक और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। उनकी मौजूदगी में देहरादून में होने वाली बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग जाएगी।

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी को प्रचंड जीत मिलने के बाद नए सीएम चेहरे को लेकर मामला पेचीदा बना हुआ है। सीएम के लिए कई नेताओं के नामों पर मंथन चल रहा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी देहरादून पहुंच गए हैं। ये दोनों नेता उत्तराखंड बीजेपी विधानमंडल दल की बैठक के पर्यवेक्षक होंगे। राजनाथ सिंह ही उत्तराखंड के अगले सीएम का नाम घोषित करेंगे। मुख्यमंत्री का ताज किसके सिर सजेगा, इसका फैसला आज बीजेपी के विधायक मंडल दल की बैठक में साफ हो जाएगा।जिसके बाद 23 मार्च को नए सीएम शपथ ले सकते हैं। आज होने वाली बैठक में विधायकों के अलावा सभी लोक सभा और राज्य सभा सांसद भी शामिल होंगे।

भाजपा विधायक दल की शाम पांच बजे होने वाली बैठक के बाद ही सिंह सीएम के नाम का ऐलान करेंगे। देहरादून पहुंचने के बाद राजनाथ सिंह एक प्राइवेट होटल में कुछ देर आराम करने के बाद भाजपा कार्यालय में शाम पांच बजे  बैठक में शामिल होने जाएंगे।

भाजपा प्रदेश कार्यालय में सुबह से ही कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ दिखने को मिल रही है। सीएम पद के लॉबिंग के बीच कार्यकर्ता भी अपने- अपने नेता के समर्थन में नारे लगा रहे हैं। भाजपा कार्यालय में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। किसी भी कार्यकर्ता को बिना पास के पार्टी कार्यालय में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।

विधायक मंडल दल की बैठक में मुख्यमंत्री का नाम तय हो जाएगा। 23 मार्च को मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री शपथ ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार 22 मार्च को देहरादून में झंडा जी का मेला है, इस कारण कानून व्यवस्था और यातायात व्यवस्था को देखते हुए 23 मार्च को शपथ ग्रहण समारोह करने की तैयारी चल रही है।

CLAT 2022 New Exam Date: कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट की तारीख में हुआ बदलाव अब 19 जून 2022 को आयोजित होगी परीक्षा, अभ्यर्थी अब परीक्षा के लिए 9 मई तक कर सकते हैं आवेदन

कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज (CNLU) द्वारा कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट 2022 (CLAT 2022) की परीक्षा की नई तारीख की घोषणा कर दी गई है। सीएनएलयू के मुताबिक अब यूजी और पीजी दोनों प्रोग्राम में एडमिशन के लिए CLAT 2022 परीक्षा 19 जून, 2022 को दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक आयोजित की जाएगी। इससे पहले यह परीक्षा 8 मई 2022 को आयोजित की जाने वाली थी। यूनिवर्सिटी द्वारा रजिस्ट्रेशन की तारीख भी बढ़ा दी गई है।

ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉग इन करें

CNLU ने परीक्षा स्थगित करने के साथ-साथ, क्लैट परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन की समय सीमा भी बढ़ाने का फैसला किया है। नए नोटिफिकेशन के मुताबिक अभ्यर्थी अब परीक्षा के लिए 9 मई 2022 तक रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इससे पहले रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 31 मार्च 2022 थी। ऐसे में जिन अभ्यर्थियों ने अभी तक इस परीक्षा के लिए आवेदन नहीं किया है, वे 9 मई 2022 से पहले अपना आवेदन पूरा कर लें। आवेदन करने के लिए अभ्यर्थियों को सीएनएलयू की ऑफिशियल वेबसाइट consortiumofnlus.ac.in पर जाना होगा।

CLAT एग्जाम पैटर्न और सिलेबस
पीजी कोर्सेज के लिए क्लैट एग्जाम में 120 ऑब्जेक्टिव टाइप सवाल (150 अंक) और यूजी कोर्स के लिए 150 सवाल (150 अंक) होंगे। परीक्षा की अवधि 120 मिनट की होती है। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग के तौर पर प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 0.25 अंक काटा जाएगा। अंग्रेजी भाषा में से 28-32 सवाल या लगभग 20% पेपर, करेंट अफेयर्स, सामान्य ज्ञान से 35-39 सवाल होते हैं, या पेपर का लगभग 25% वेटेज होता है। जबकि, लीगल रीजनिंग सेक्शन में 35-39 सवाल शामिल होते हैं, या लगभग 25% पेपर और लॉजिकल रीजनिंग सेक्शन में 28-32 सवाल होते हैं, या लगभग 20% पेपर। मात्रात्मक तकनीकों में 13-17 सवाल होते हैं, या लगभग 10% पेपर।

महत्वपूर्ण तारीख

  • रजिस्ट्रेशन प्रोसेस खत्म होने की तारीख- 9 मई, 2022
  • CLAT 2022 परीक्षा तिथि का आयोजन-19 जून, 2022

ऐसे करें आवेदन

  • उम्मीदवारों को कंसोर्टियम ऑफ नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज की ऑफिशियल वेबसाइट – consortiumofnlus.ac.in पर जाना होगा।
  •  होम पेज पर, CLAT 2022 पर क्लिक करें।
  • यहां मांगी गई जरूरी डिटेल्स की मदद से लॉग इन क्रेडेंशियल जनरेट करें।

  •  लॉग इन करें और एप्लीकेशन फॉर्म भरकर संबंधित डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें।
  •  फीस जमा करने के साथ ही आपका क्लैट फॉर्म जमा हो जाएगा
  • कंफर्मेशन पेज डाउनलोड करें और आगे के लिए प्रिंटआउट लेकर अपने पास रखें।आवेदन शुल्क
    क्लैट 2022 आधिकारिक अधिसूचना में बताया गया है कि अनारक्षित श्रेणी के लिए आवेदन शुल्क 4000 रुपये और एससी और एसटी वर्ग के तहत आवेदन करने लिए 3,500 रुपये फीस देनी होगी। परीक्षा के बारे में अधिक अपडेट के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर नजर रखें।

बंशीधर भगत को राज्यपाल गुरमीत सिंह मान ने दिलाई प्रोटेम स्पीकर शपथ,पांचवीं विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायक आज लेंगे पद की शपथ

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने प्रोटेम स्पीकर बंशीधर भगत को सोमवार को राजभवन में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए चुने गए विधायकों को सोमवार को ही पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाएगी। विधानसभा मंडप में 11 बजे शपथ ग्रहण का कार्यक्रम तय किया गया है। शपथ ग्रहण के लिए निर्वाचित विधायक देहरादून पहुंच गए हैं। नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल की ओर से भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सातवीं बार चुनाव जीते बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है।

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) भाजपा के वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर के रूप में शपथ दिलाई। इस अवसर पर कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव डॉ एस एस संधू, प्रमुख सचिव  आनंद वर्धन, राज्यपाल के सचिव डॉ.रंजीत कुमार सिन्हा उपस्थित थे। इसके बाद अब पांचवीं विधानसभा में नवनिर्वाचित सभी विधायक को विधानसभा भवन में प्रोटेम स्पीकर शपथ दिलाएंगे।

विधानसभा चुनाव में इस बार भाजपा के 47, कांग्रेस के 19, बसपा के दो और निर्दलीय दो प्रत्याशी चुनाव जीते हैं। नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने के लिए राज्यपाल की ओर से भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सातवीं बार चुनाव जीते बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। संविधान के अनुच्छेद 188 के तहत प्रोटेम स्पीकर के माध्यम से विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई जाती है।

11 बजे विधानसभा भवन देहरादून में सभी निर्वाचित सदस्यों को प्रोटेम स्पीकर के माध्यम से पद की शपथ दिलाई जाएगी। शपथ ग्रहण करने के बाद सदस्यों की ओर से विधानसभा अध्यक्ष को चुना जाता है। शपथ ग्रहण के लिए निर्वाचित विधायक देहरादून पहुंच गए हैं। विधायी एवं संसदीय कार्य के प्रमुख सचिव हीरा सिंह बोनाल की ओर से प्रोटेम स्पीकर और निर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम के संबंध में आदेश जारी किए गए हैं।

10 मार्च से ही शुरू हो चुका विधायकों का कार्यकाल

विधायकों का शपथ ग्रहण समारोह भले ही 21 मार्च को आयोजित हो रहा है, लेकिन विधायकों का कार्यकाल जीत का प्रमाणपत्र मिलने के बाद से ही शुरू हो गया है। विधानसभा के पूर्व सचिव जगदीश चंद्र बताते हैं कि विधानसभा चुनाव में जीत का प्रमाण पत्र मिलने के बाद से ही विधायकों का कार्यकाल शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा कि शपथ की महत्ता यह है कि बिना शपथ के कोई भी विधायक विधानमंडप में नहीं बैठ सकते। इसलिए सभी सदस्यों को शपथ दिलाई जाती है। राज्य की पांचवीं विधानसभा का गठन 11 मार्च से हो गया है। राजभवन की ओर से 11 मार्च को चौथी विधानसभा के विघटन और पांचवीं विधानसभा के गठन की घोषणा की जा चुकी है।

कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता हरीश रावत ने टिकटों के खरीद-फरोख्त पर कहा, ‘कांग्रेस मुझे पार्टी से बाहर कर दे’

उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव लगभग निपट ही गए हैं और जनता को नए मुख्‍यमंत्री का इंतजार है। लेकिन इन चुनावों में हार का सामना करने वाली कांग्रेस में घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है।पांच राज्यों में कांग्रेस की भारी नाकामी के बाद उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव अभियान के चेहरे रहे हरीश रावत और अन्य कांग्रेसी नेताओं के बीच बहस ज़ोर पकड़ रही है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी से खुद को बाहर निकाले जाने की बात कह डाली है।

कांग्रेस पार्टी के ही एक वरिष्‍ठ नेता ने पूर्व मुख्‍यमंत्री हरीश रावत पर टिकट के लिए रुपये एकत्र करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर हमला बोला है। उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव अभियान के प्रमुख रहे रावत पर हाल में, कांग्रेस के ही एक बड़े नेता ने विधानसभा चुनाव के टिकट बेचने का आरोप लगाया है। इसी संदर्भ में सोशल मीडिया में एक बयान जारी करते हुए रावत ने लिखा कि होली में बुराइयों को जला दिया जाता है और अब कांग्रेस को भी हरीश रावत का होलिका दहन कर देना चाहिए।

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘पद और पार्टी टिकट बेचने का आरोप अत्यधिक गंभीर है और यदि यह आरोप एक ऐसे व्यक्ति पर लगाया जा रहा हो, जो मुख्यमंत्री रहा है, जो पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष रहा है, जो पार्टी का महासचिव रहा है और कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य है और आरोप लगाने वाला व्यक्ति भी गंभीर पद पर विद्यमान व्यक्ति हो तो यह आरोप और भी गंभीर हो जाता है। यह आरोप मुझ पर लगाया गया है। मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि कांग्रेस पार्टी इस आरोप के आलोक में मुझे पार्टी से निष्कासित कर दे।

आखिर क्या है पूरा मामला?
उत्तराखंड में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी में नेताओं की तकरार का दौर जारी है। सीएम रहते हरीश रावत के बेहद करीब रहे रणजीत सिंह रावत ने हरीश रावत पर 2022 विधानसभा चुनाव के टिकटों में खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया। रावत ने सोशल मीडिया पर साफ-साफ लिखा कि उन पर लगे हुए आरोप बेहद गंभीर हैं और लगाने वाला व्यक्ति भी कांग्रेस के आधिकारिक पद पर है। ऐसे में उन्होंने पार्टी से अपने निष्कासन की मांग की।

कितने गंभीर आरोप लगाए गए?
रणजीत सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत अपनी भोली भाली बातों और मासूम शक्ल के दम पर कई नेताओं का कैरियर बर्बाद कर चुके हैं और कई के सपनों से खेल चुके हैं। रणजीत का दावा है कि हरीश रावत ने टिकटों के वितरण में जबरदस्त पैसों का खेल खेला। हरीश रावत पर आरोप लगाने में वह यही नहीं रुके, उन्होंने यह भी कह दिया कि जिन लोगों से हरीश रावत ने पैसे की वसूली की वह अब पैसे वापस मांग रहे हैं।

हरीश रावत ने प्रीतम सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए भी एक लंबा बयान लिखा था। उन्होंने साफ कहा था कि कांग्रेस ने उत्तराखंड में चुनाव उनकी अगुवाई में लड़ा इसलिए वह ज़िम्मेदारी ले चुके हैं और सभी साथियों को हार के लिए उन्हें खरी खोटी सुनाने का हक भी है।यही नहीं, रावत ने लालकुआं से हार जाने के लिए जो बयान जारी किया, उसमें पार्टी के टिकट वितरण सिस्टम को ही कठघरे में खड़ा कर दिया।

रावत ने सोशल मीडिया पर लिखा

‘पहले पार्टी ने मुझे रामनगर से चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा की। मैं 2017 में भी इस सीट से ही चुनाव लड़ना चाहता था क्योंकि यहां मेरा आधार रहा है। यहां जो स्थानीय उम्मीदवार थे, उन्हें सल्ट सीट पर शिफ्ट किया गया। जब मैंने मन बना लिया और अपने कार्यालय तक का चयन कर लिया था, तब मुझे रामनगर से अचानक शिफ्ट कर लालकुआं से चुनाव लड़ने को कह दिया गया।’

उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनाव हार जाने के प्रकरण पर हरीश रावत ने यह भी ऐलान कर दिया है कि वह होली के बाद ​लालकुआं और हरिद्वार के साथ ही अन्य ज़िलों में जाकर मतदाताओं के साथ बातचीत करेंगे और उनका शुक्रिया अदा भी करेंगे। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि उनकी बेटी अनुपमा का हरिद्वार ग्रामीण सीट से जीतना उनकी बड़ी उपलब्धि रही है।

हरीश रावत ने उत्तराखंड में कांग्रेस की करारी हार पर जताया दुख, रणजीत रावत ने हरीश रावत पर पैसे लेकर टिकट बांटने के लगाए गंभीर आरोप

उत्तराखंड में कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने रविवार को विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत न दिला पाने पर पीड़ा और शर्मिंदगी व्यक्त करते हुए कहा कि वह पार्टी नेतृत्व की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतर पाए जिन्होंने उन पर भरोसा जताया था।

हरीश रावत कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना होने से पहले अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी का सामना कैसे करेंगे। विधानसभा चुनाव परिणामों में कांग्रेस जहां 70 में से केवल 19 सीट तक सिमट गई। रावत लालकुआं सीट से चुनाव हार गए। प्रदेश में बीजेपी 47 सीट पर विजय प्राप्त कर लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज हुई है।

कांग्रेस की इस हार पर 73 वर्षीय रावत ने लिखा, ‘दिल्ली की ओर जाने की कल्पना मात्र से मेरे पांव मन-मन भर भारी हो जाएं, कैसे सोनिया जी की चेहरे की तरफ देखूंगा। कितना विश्वास था उनका मुझ पर। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी कुछ कमियां रही होंगी जो वह उनके इतने बड़े विश्वास को कायम नहीं रख पाए। उन्होंने कहा कि अब वास्तविकता यह है कि हम हारे ही नहीं हैं, बल्कि हमारी हार और कई चिंताजनक संकेत दे रही है।

उत्तराखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने हरीश रावत पर लगाए गंभीर आरोप

उत्तराखंड कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत ने इस दौरान हरीश रावत पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। यहां उन्होंने कहा कि हरीश रावत के कहने पर ही उन्होंने 2017 का चुनाव रामनगर से लड़ा था, लेकिन उन्होंने इसी को अपनी कर्मभूमि बना लिया। उन्होंने कहा कि इस बात के गवाह कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय भी हैं, जिनके सामने उन्होंने यह बात कही थी।

रणजीत रावत ने कहा, ‘हरीश रावत ने मुझसे कहा था कि सल्ट क्षेत्र का इतना विकास करने के बाद भी वहां की जनता ने तुम्हें हरा दिया, इसलिए तुम रामनगर से चुनाव लड़ो। उन्होंने हरीश रावत पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने पैसे लेकर टिकट बांटे हैं और जिन्हें टिकट नहीं मिला वह अब अपने पैसे वापस मांगने के लिए उनके चक्कर लगा रहे हैं।’

रणजीत रावत कहते हैं, ‘कुछ लोगों के पैसे उनके मैनेजर ने लौटा दिए हैं, जबकि कुछ लोग अपने पैसों के लिए अभी भी चक्कर लगा रहे हैं। यह बात भी जल्द ही खुल जाएगी।’ उन्होंने कहा कि हरीश रावत नए लोगों को अपने सम्मोहन में बांध लेते हैं।

भाजपा के वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया, विधायकों को दिलाएंगे शपथ

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने नये विधानसभा अध्यक्ष के चयन की कार्यवाही होने तक कालाढूंगी से भाजपा विधायक बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया है। विधानसभा प्रभारी मुकेश सिंघल ने आदेश से सम्बंधित अधिसूचना जारी की।

उत्तराखंड में वरिष्ठ विधायक बंशीधर भगत को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है। भगत पांचवी विधानसभा के लिए चयनित हुए विधायकों को शपथ दिलाने के लिए। जिसके आदेश जारी कर दिए गए है। बता दें कि  राजभवन के निर्देश पर विधानसभा सचिवालय की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं।बंशीधर भगत प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ लेने के बाद सभी नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाएंगे। इसके साथ ही उत्तराखंड की नई विधानसभा का गठन हो जाएगा।

प्रोटेम स्पीकर का काम नए सदस्यों को शपथ दिलाना और स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष) का चुनाव कराना होता है। सबसे सीनियर मोस्ट विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। विधानसभा सचिवालय की तरफ से राज्यपाल को सीनियर मोस्ट विधायकों के नाम भेजे जाते हैं और राज्यपाल उनसे से एक सीनियर मोस्ट विधायक को चुनता है। ये राज्यपाल का विशेषाधिकार है कि वो किसे चुने। इस बार राज्यपाल ने नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाने की जिम्मेदारी की जिम्मेदारी भगत को सौंपी गई है। भगत ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद कैबिनेट मंत्री के रूप में 2022 के चुनाव में सातवीं बार कालाढूंगी से इस बार भी जीत दर्ज की है।

उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा के लिए विगत 14 फरवरी को चुनाव हुए थे। 10 मार्च को चुनाव नतीजे आने के बाद बीजेपी ने बहुमत का आंकड़ा पाया और सरकार बनाने की तैयारियों में जुट गई है। चर्चा है कि होली के बाद नई सरकार का गठन होगा। बीजेपी की सत्ता में जोरदार वापसी के बाद जहां मुख्यमंत्री पद को लेकर अटकलों का दौर जारी है, वहीं नई कैबिनेट में शामिल होने वाले चेहरों को लेकर भी चर्चा का दौर शुरू हो गया है।