Earthquake In Uttarakhand: अब Uttarakhand में भी हिली धरती, बागेश्वर में आया 2.5 तीव्रता का भूकंप

देहरादून | उत्तराखंड (Uttarakhand) के बागेश्वर (Bageshwar)। में सोमवार सुबह भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. भूकंप सुबह 04:49 बजे आया. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.5 (magnitude 2.5 on the Richter scale) थी. ऐसे में भूकंप के झटके काफी कम तीव्रता वाले थे।

इससे पहले 19 फरवरी को रात 1 बजे के करीब मध्यप्रदेश के इंदौर में भूकंप के झटके महसूस किए गए. भूकंप की तीव्रता 3.0 थी. भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर अंदर था. 19 फरवरी को ही रात 12 बजे अरुणाचल के तवांग में भूकंप के झटके महसूस किए गए

Somvati Amavasya 2023: सोमवती अमावस्या आज, हरिद्वार में पावन डुबकी लगाने उमड़े भक्त

हरिद्वार: देशभर में आज सोमवार को सोमवती अमावस्‍या स्‍नान पर्व मनाया जा रहा है। उत्‍तराखंड के गंगा और सहायक नदियों के घाटों में तड़के से भक्‍तों की भीड़ लगी हुई है। भक्‍स्‍नान के बाद पूजा और दान भी कर रहे हैं। हरिद्वार में भी भोर से श्रद्धालु स्‍नान के लिए उमड़े हुए हैं। वहीं आज हरिद्वार में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित है।

भारी वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित

20 फरवरी को होने वाले सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ की संभावना को देखते हुए पुलिस ने यातायात प्लान बनाया है। जिसके तहत रविवार शाम चार बजे से सोमवार रात दस बजे तक जिले में भारी वाहन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।

पुलिस-प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद

भारी संख्या में श्रद्धालुओं के धर्मनगरी पहुंचने की संभावना को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। मेला क्षेत्र को पांच सुपर जोन, 16 जोन और 39 सेक्टरों में बांटते हुए पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है।

घाटों पर मुस्तैद जल पुलिस के गोताखोर

एसएसपी अजय सिंह ने हाल ही में कई युवकों के गंगा में डूबने की घटनाओं का संज्ञान लेते हुए स्नान पर्व पर जल पुलिस को पूरी तरह चौकस रहने के निर्देश दिए हैं। खासतौर पर हरकी पैड़ी व आसपास के गंगा घाटों पर जल पुलिस की टीमें मुस्तैद हैं। पुल से छलांग लगाने और वीडियो बनाने के लिए करतब दिखाने वालों को भी रोकने के लिए कहा गया है। एसएसपी ने बताया कि स्नान के मद्देनजर हरकी पैड़ी क्षेत्र से भिखारियों को हटाया गया है। बम निरोधक दस्ते के साथ-साथ डाग स्कवायड की भी तैनाती की गई है।

स्नान पर्व की व्यवस्था का जायजा लेने आइजी पहुंचे हरिद्वार

पुलिस से जुड़ी व्यवस्थाओं को परखने के लिए आइजी गढ़वाल करण सिंह नाग्नयाल हरिद्वार पहुंचे। हरकी पैड़ी क्षेत्र में स्थलीय भ्रमण कर भीड़ का जायजा लेने के बाद आइजी ने गंगा आरती में भी भाग लिया। सीसीआर में गोष्ठी के दौरान जोनल और सेक्टर अधिकारियों की बैठक लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए।

एसएसपी अजय सिंह ने बैठक में आइजी गढ़वाल करण सिंह नाग्नयाल को व्यवस्थाओं की जानकारी दी। इसके बाद आइजी करण सिंह ने कहा कि जोन व सेक्टर प्रभारी आपस में समन्वय बनाते हुए सोमवती अमावस्या स्नान पर्व पर यातायात और भीड़ का आंकलन कर अवगत कराते रहें।

Indian Railways: आखिर बोर्ड का रंग पीला क्यों होता है? रेलवे स्टेशन का नाम?जानिए इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह

सभी स्टेशनों पर बोर्ड का रंग इसलिए पीला होता है ताकि एकरूपता नजर आए। अगर बोर्ड का रंग अलग-अलग होता है, तो ट्रेन ड्राइवर को पहचानने में परेशानी हो सकती है।

Indian Railways: भारतीय रेलवे (Indian Railways) दुनिया का चौथा और एशिया का दूसरा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। भारत में रेलवे स्टेशन की कुल संख्या करीब 8000 है। देश में अधिकतर लोग ट्रेन से यात्रा करना पसंद करते हैं। भारतीय रेल में यात्रा सस्ती और आरामदायक है जिसकी वजह से ट्रेन को देश की लाइफ लाइन कहा जाता है। इसके साथ ही भारतीय रेलवे की कई ऐसी रोचक बाते हैं जिनके बारे में लोग जानना चाहते हैं।

आज हम आपको भारतीय रेलवे से संबंधित एक ऐसी ही रोचक जानकारी के बारे में बताएंगे। सभी रेलवे स्टेशनों पर लगे नाम वाले बोर्ड का सिर्फ एक होता है। लेकिन लोगों के मन में कई बार सवाल खड़ा होता है कि आखिर यह एक रंग का ही क्यों होता है? आखिर बोर्ड का रंग पीला क्यों होता है? दरअसल इसके पीछे की वैज्ञानिक वजह है।

सभी स्टेशनों पर बोर्ड का रंग इसलिए पीला होता है ताकि एकरूपता नजर आए। अगर बोर्ड का रंग अलग-अलग होता है, तो ट्रेन ड्राइवर को पहचानने में परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही पीला रंग दूर से ही चमकता है और आंखों में चुभता नहीं है जिसकी वजह से बोर्ड का रंग पीला होता है।

इसकी वजह से ट्रेन ड्राइवर को सही प्लेटफार्म और ट्रेन को खड़ा करने की जानकारी मिल जाती है। पीले रंग के चुनाव के पीछे की वजह आंखों को सुकून भी देना हो सकता है। पीले रंग को देखने में कोई परेशानी नहीं होती है और ट्रेन ड्राइवर इसे दूर से ही देख लेता है। 

इससे ट्रेन के ड्राइवर को सतर्क रहने में मदद होती है। पीले रंग के बोर्ड पर स्टेशन का नाम काले रंग से लिखा जाता है, क्योंकि पीले रंग पर काला रंग अधिक साफ दिखाई देता है। 

 

 

 

 

Uttarakhand Paper Leak: नए फ्लैट के गृह प्रवेश की पूजा में बैठा था आरोपी रुपेंद्र पूजा से बाहर निकलते ही एसटीएफ ने उसे दबोच लिया।

पेपर लीक मामले में आरोपी रुपेंद्र को पकड़ने के लिए एसटीएफ ने फुलप्रूफ प्लान बनाया था। एसटीएफ को पता चला कि उसने लखनऊ के केशवनगर में पिछले महीने थ्री बीएचके फ्लैट खरीदा है। शनिवार को इसकी गृह प्रवेश की पूजा में आने वाला है। एसटीएफ ने उसे यही दबोचा।

रुपेंद्र को पकड़ने के लिए एसटीएफ ने फुलप्रूफ प्लान बनाया था। एसटीएफ को पता चला था कि वह लखनऊ में अपने नए फ्लैट के गृह प्रवेश की पूजा में आने वाला है। एसटीएफ की टीम ने केशवनगर के इस फ्लैट के बाहर डेरा डाल दिया। जैसे ही रुपेंद्र पूजा से बाहर निकला एसटीएफ ने उसे दबोच लिया।

पेपर लीक मामले में आरोपियों की कई चेन सामने आई थी। इनमें एक मुख्य चेन सादिक मूसा ने चलाई थी। एसटीएफ ने गैंगस्टर के मुकदमे में सादिक मूसा को गैंग लीडर बनाया था। तभी से रुपेंद्र का नाम सामने आ गया था। लेकिन, तमाम प्रयासों के बाद भी वह एसटीएफ के हत्थे नहीं चढ़ पा रहा था। उसके बारे में एसटीएफ लगातार जानकारी जुटा रही थी।

इस बीच पता चला कि उसने लखनऊ के केशवनगर में पिछले महीने थ्री बीएचके फ्लैट खरीदा है। शनिवार को इसकी गृह प्रवेश की पूजा में रुपेंद्र आने वाला है। एसटीएफ के तीन लोग फ्लैट के बाहर खड़े हो गए। करीब तीन घंटे तक पूजा और अन्य कार्यक्रम चले। जैसे ही सब कुछ खत्म हुआ, एसटीएफ की टीम ने रुपेंद्र को गिरफ्तार कर गाड़ी में बैठा लिया।

रुपेंद्र बोला- मूसा ने नहीं दिए पैसे, एसटीएफ को यकीन नहीं

रुपेंद्र ने सादिक मूसा से पांच लाख में पेपर का सौदा किया था। लेकिन, पूछताछ में रुपेंद्र ने एसटीएफ को बताया कि सादिक मूसा ने उसे ये रुपए नहीं दिए। एसटीएफ उसके इन बयानों पर विश्वास नहीं कर रही है। माना जा रहा है यह डील पांच लाख नहीं बल्कि इससे भी ज्यादा में हुई है। इसी पैसे से यह फ्लैट उसने खरीदा होगा। ऐसे में यह फ्लैट भी एसटीएफ की नजर में चढ़ गया है।

Uttarakhand: अब बाइक एंबुलेंस से जरूरतमंद को तुरंत पहुंचाया जाएगा अस्पताल, प्रदेश में जल्द शुरू होगी सेवा

कई बार ट्रैफिक जाम, पहाड़ों में सड़क क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बाइक एंबुलेंस से मरीजों या जरूरतमंद को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।

प्रदेश सरकार जल्द ही उत्तराखंड में बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग को एक माह के भीतर योजना का खाका तैयार करने का समय निर्धारित किया गया। विभाग की ओर से स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम, आशा कार्यकर्ताओं को बाइक उपलब्ध कराएगी।

बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करने के पीछे सरकार की मंशा यह है कि कई बार ट्रैफिक जाम, पहाड़ों में सड़क क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बाइक एंबुलेंस से मरीजों या जरूरतमंद को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकता है।

स्वास्थ्य कार्यकर्ता, एएनएम, आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करते हैं। सरकार इन फील्ड कर्मचारियों को बाइक एंबुलेंस सेवा संचालित किया जा सकता है। साथ ही यदि किसी मरीज को दवाईयों की जरूरत है तो बाइक एंबुलेंस से घर तक दवाईयां पहुंचाई जा सकती है।

स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि कैबिनेट ने बाइक एंबुलेंस सेवा के लिए सैद्धांतिक सहमति दे दी है। योजना को धरातल पर उतारने के लिए विभाग कार्ययोजना तैयार करेगा। इसके बाद ही इस सेवा को शुरू किया जाएगा। पर्वतीय क्षेत्रों में बाइक एंबुलेंस सेवा कारगर हो सकती है।

उत्तराखंड में बाइक एंबुलेंस सेवा शुरू करना सरकार का अच्छा प्रयास है। इस सेवा का खास तौर पर उन मरीजों को ज्यादा फायदा मिलेगा। जो दवाईयां लेने के लिए अस्पताल तक नहीं पहुंच सकते हैं। बाइक एंबुलेंस से उन्हें घर पर दवाईयां उपलब्ध होगी। साथ ही किसी सामान्य मरीज को जांच या परामर्श के लिए डॉक्टर के पास आना है तो वे बाइक एंबुलेंस अस्पताल पहुंच सकते हैं।

Char Dham Yatra 2023:चारधाम यात्रियों के पंजीकरण को लेकर अहम निर्णय लिया गया। यात्रियों का केवल ऑनलाइन,पंजीकरण ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प नहीं दिया जाएगा ,पढ़ें और क्या हुए बदलाव

बैठक में चारधाम यात्रियों के पंजीकरण को लेकर अहम निर्णय लिया गया। तय किया गया कि पर्यटन विभाग इस बार ऑफलाइन के बजाय अपनी वेबसाइट के माध्यम से केवल ऑनलाइन पंजीकरण कराएगा।

चारधाम यात्रा के लिए इस बार यात्रियों का केवल ऑनलाइन पंजीकरण होगा। पिछले साल की तरह ऑफलाइन पंजीकरण का विकल्प नहीं दिया जाएगा। वहीं, यात्रियों के पंजीकरण की जांच चारधाम मार्गों पर तीन जगह की जाएगी। पंजीकरण की सुविधा पर्यटन विभाग की वेबसाइट, मोबाइल ऐप के माध्यम से दी जाएगी।

बृहस्पतिवार को सचिवालय में परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा तैयारियों को लेकर बैठक हुई। बैठक में पर्यटन विभाग और एनआईसी के अधिकारी भी शामिल हुए। बैठक में चारधाम यात्रियों के पंजीकरण को लेकर अहम निर्णय लिया गया। तय किया गया कि पर्यटन विभाग इस बार ऑफलाइन के बजाय अपनी वेबसाइट के माध्यम से केवल ऑनलाइन पंजीकरण कराएगा। चारों धाम में यात्रियों की क्षमता के हिसाब से एडवांस पंजीकरण होंगे।

अगर कोई यात्री पूर्व में पंजीकरण नहीं कर पाएगा तो उसकी मदद को हरिद्वार और ऋषिकेश में अतिरिक्त टीमें तैनात की जाएंगी। ताकि दूर-दराज के राज्यों से आया हुआ तीर्थयात्री चारों धाम तक आसानी से जा सके। पंजीकरण कराने वाले यात्रियों की जांच भी की जाएगी, जिसके लिए बडकोट, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग में टीमें तैनात की जाएंगी। यह सभी तरह के वाहनों में सवार यात्रियों के पंजीकरण को देखेंगी। अगर यात्री पंजीकृत नहीं होगा तो उसे रोका जा सकता है।

पर्यटन की वेबसाइट पर ट्रिप कार्ड की भी सुविधा
बैठक में यह भी तय किया गया है कि पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर ही परिवहन विभाग के ट्रिप कार्ड का लिंक भी दिया जाएगा। जैसे ही यात्री यहां पंजीकरण कराएगा तो उसका ट्रिप कार्ड भी यहीं से बन जाएगा। ट्रिप कार्ड ऑनलाइन निकाल सकते हैं। यह तय किया गया है कि वाहनों के ट्रिप कार्ड से भी यात्रियों के पंजीकरण का पता लगाया जा सकेगा। अभी तक पर्यटन विभाग के पंजीकरण का नंबर परिवहन की वेबसाइट पर डालकर ट्रिप कार्ड बनता था लेकिन अब पर्यटन की वेबसाइट पर सीधे भी बन सकेगा।

एक सप्ताह में ट्रायल के लिए तैयार होगा ऐप
बैठक में परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने एनआईसी के अधिकारियों से चारधाम यात्रा पंजीकरण के मोबाइल ऐप के बारे में जानकारी ली। उन्होंने बताया कि ऐप एक सप्ताह के भीतर तैयार हो जाएगा। इसके बाद ऐप का सिक्योरिटी ऑडिट व अन्य ट्रायल होंगे। अप्रैल के पहले सप्ताह से यह ऐप गूगल प्ले स्टोर व एप्पल स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध हो जाएगा।

गिरफ्तार हुई निर्दयी मां: सात साल की बेटी को कोयले से जलाया, पंखे पर लटकाया; 18 से ज्यादा ताजा चोट के निशान मिले

आरोपी मां को गिरफ्तार करने के साथ ही पुलिस उसके पति आनंद कुमार की भूमिका की जांच कर रही है। पुलिस इस बात की जांच करने में लगी हुई है कि रेनू ने जब मासूम को गोद लिया था तो फिर उसके साथ दरिंदगी व बेरहमी से क्यों मारपीट करती थी ।

दिल्ली के आरके पुरम इलाके में 7 वर्षीय बच्ची के साथ दरिंदगी के मामले में आरके पुरम थाना पुलिस को बीती रात बड़ी सफलता मिली है। आरके पुरम थाना पुलिस ने मासूम के साथ दरिंदगी करने वाली रेनू कुमारी व उसके पति आनंद कुमार को बीती रात रुड़की से पकड़ लिया। दोनों को दिल्ली ले आया गया है। पुलिस रेनू को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लेगी।

दूसरी तरफ पुलिस उसके पति आनंद कुमार की भूमिका की जांच कर रही है। पुलिस इस बात की जांच करने में लगी हुई है कि रेनू ने जब मासूम को गोद लिया था तो फिर उसके साथ दरिंदगी व बेरहमी से क्यों मारपीट करती थी। आरके पुरम थाना पुलिस बच्ची के साथ बेरहमी से मारपीट करने के मामले में रेनू कुमारी के बेटे जॉनी को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी हैं।

गौरतलब है कि बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि उसके शरीर पर 18 से ज्यादा चोटों के निशान हैं। यह वह चोट है जो अभी दिखाई दे रही हैं और ताजा हैं।  पुलिस अधिकारियों के अनुसार पुरानी चोटों के भी काफी निशान बने हुए हैं।

हाथ बांधकर बच्ची को घंटों पंखे से लटकाया

सफदरजंग अस्पताल की आरोपी नर्स व बेटे ने सारी हदें पार करते हुए बच्ची को गर्म चिमटे से दागकर कोयलों से जलाया और गर्म पतीले पर बैठाकर यातनाएं दीं। इतना ही नहीं निजी अंगों को भी चोट पहुंचाई।
नर्स के बेटे ने बच्ची को कई घंटे पंखे से भी लटकाकर रखा। बिना कपड़ों के बच्ची को बालकनी में कड़ाके की सर्दी में बैठा दिया गया। बच्ची से जब दर्द सहन नहीं हुआ था तो उसने स्कूल में शिक्षिका को सारी बात बताई। इसके बाद आरके पुरम थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी नर्स के बेटे जॉनी को गिरफ्तार कर लिया, जबकि आरोपी नर्स फरार है।

दर्द की इंतहा हुई तो बच्ची ने टीचर को बताई सारी बात

दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी मनोज सी ने बताया कि बच्ची से दरिदंगी की शिकायत आरकेपुरम थाना पुलिस को नौ फरवरी को मिली थी। बच्ची के शरीर पर जलने व चोट के निशान थे। जांच में पता लगा कि आरोपी ने बच्ची को कुछ साल पहले गोद लिया था। बच्ची आरकेपुरम में एक स्कूल में पहली कक्षा में पढ़ती है। जब बच्ची खड़े होने में दर्द से कराहने लगी तो शिक्षिका को सारी बात बताई। शिक्षिका ने इसकी जानकारी चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) और पुलिस को दी।

छाती पर घूसे मारती थी मां, निजी अंगों पर भी पहुंचाए चोट

बच्ची ने शिकायत में कहा है कि मां ने उसकी जीभ को चाकू से काटा और हथेली को कोयले से जलाया है। मां डंडे और तार से मारती थी। चार्जर की तार से कई बार गला दबाने की कोशिश की गई। उसकी छाती पर घूसे भी मारती थी। जनवरी में निजी अंगों पर चाकू से चोट पहुंचाकर गर्म चूल्हे पर बैठा दिया गया। गर्मी के दिनों पर बिना कपड़ों के छत पर सुलाया और सर्दियों में बिना कपड़ों के बालकनी में लिटा दिया। वहीं, आरोपी महिला के बेटे जॉनी ने पंखे से कई घंटे लटकाए रखा। अश्लील हरकत भी की। कई बार बेल्ट से मारा गया। जब कामवाली नहीं आती थी तब बच्ची से सारा काम भी करवाया जाता था।

18 से ज्यादा ताजा चोट के निशान मिले

आरकेपुरम में दरिंदगी की शिकार सात वर्षीय मासूम के निजी अंगों समेत शरीर पर ताजा चोटों के 18 से ज्यादा निशान मिले हैं। पुलिस को मिली मेडिकल रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है। रिपोर्ट से पता लगा है कि बच्ची के निजी अंगों पर काटने के निशान भी हैं। हालांकि, बच्ची के साथ शारीरिक छेड़छाड़ की पुष्टि नहीं हुई है। बच्ची ने भाई जाॅनी पर छेड़छाड़ व अश्लील हरकत का आरोप लगाया था।

दक्षिण-पश्चिमी जिला पुलिस के अनुसार, मेडिकल रिपोर्ट से बच्ची के शरीर पर ताजा चोटों के 18 से ज्यादा निशान मिले हैं। ये वे चोटें हैं जो दिख रही हैं। सभी चोटें बच्ची के शरीर पर पीठ, कमर के नीचे, हाथ और गर्दन आदि जगहों पर हैं। बच्ची के शरीर पर पुरानी चोटों के भी काफी निशान हैं। काफी जख्म तो ऐसे हैं जो भर गए हैं। डर की वजह से बच्ची काफी दिनों से यातनाएं सहन कर रही थी। जब दर्द उससे सहन नहीं हुआ तो उसने स्कूल शिक्षिका को ये बात बताई।

सोते हुए डर जाती है बच्ची, उठकर चिल्लाने लगती है

इसके बाद बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बच्ची को 12 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (सीडब्ल्यूसी) के जरिए बच्ची ने नौ फरवरी को आरके पुरम थाना पुलिस को शिकायत दी थी। बयान नहीं होने से पुलिस ने 10 फरवरी को एफआईआर दर्ज की थी। बच्ची सीडब्ल्यूसी की निगरानी में बाल गृह में रह रही है। बताया जा रहा है कि सोते हुए बच्ची डर जाती है और उठकर चिल्लाने लगती है। पुलिस बच्ची पर पूरी निगरानी रख रही है।

Turkey Earthquake: भूकंप के चलते तुर्किये और सीरिया में कुल 41 हजार लोगों की मौत! मनोचिकित्सक बोले- उबरने में लगेगा लंबा समय

शरणार्थी शिविर में काम कर रहीं मनोचिकित्सक हासिबे एबरु का कहना है कि भूकंप का लोगों की मनोस्थिति पर गहरा असर पड़ा है। लोग भारी पीड़ा और तनाव से गुजर रहे हैं।

बीते हफ्ते तुर्किये और सीरिया में आए शक्तिशाली भूकंप से बड़ी संख्या में बच्चे बेघर हो गए हैं। साथ ही प्रभावित बच्चे अभी तक भूकंप से लगे सदमे से उबर नहीं पाए हैं और कई तनाव के शिकार हो गए हैं। शरणार्थी कैंपों में बच्चों को पढ़ा रहीं एक महिला अध्यापक ने बताया कि बच्चे अभी तक भूकंप के बारे में बात करते हैं और वह बिल्डिंग ब्लॉक बनाकर पूछते हैं कि क्या ये बिल्डिंग भूकंप के लिहाज से ठीक है? क्या यह पर्याप्त मजबूत है? इसके अलावा बच्चे खिलौनों से खेलते हुए भी भूकंप के बारे में बात करते रहते हैं।

बता दें कि भूकंप के चलते तुर्किये और सीरिया में कुल 41 हजार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। कई लोग कई दिनों तक मलबे में दबे रहने के बाद सुरक्षित बाहर निकाले गए हैं। इस दौरान उन्होंने जिस डर और ठंड का सामना किया, उसके तनाव से वह अब तक उबर नहीं पाए हैं। कई लोगों ने भूकंप में अपनों को खो दिया है और कई लोगों का भूकंप में सबकुछ तबाह हो गया है।

शरणार्थी शिविर में काम कर रहीं मनोचिकित्सक हासिबे एबरु का कहना है कि भूकंप का लोगों की मनोस्थिति पर गहरा असर पड़ा है। लोग भारी पीड़ा और तनाव से गुजर रहे हैं। कई लोगों को लगता है कि वह पागल हो जाएंगे।  एबरु बताती हैं कि वह लोगों से कहती हैं कि वह जो महसूस कर रहे हैं, यह सामान्य है। जैसे जैसे वह सुरक्षित वातावरण में जाएंगे तो उनकी परेशानी कम होती जाएगी। लोगों पर लगातार नजर रखी जा रही है।

डॉक्टरों का कहना है कि बड़ी संख्या में लोगों को मानसिक आघात लगा है। जिसके चलते उन्हें स्ट्रेस डिसऑर्डर और पैनिक अटैक आ रहे हैं।

Uttarakhand Cabinet Decision: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बसे लोगों के पुनर्वास के लिए तीन माह में नीति तैयार की जाएगी।

प्रदेश मंत्रिमंडल ने ऐसे 21 प्रस्तावों पर अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दी। ये सभी फैसले दिसंबर महीने में हुई प्रशासनिक अधिकारियों की कांफ्रेंस में लिए गए थे। नियोजन विभाग ने एक कैबिनेट नोट के माध्यम से प्रस्ताव रखा था। प्रत्येक निर्णय के लिए समय-सीमा तय की गई है।

प्रदेश की नदियों के किनारे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बसे लोगों के पुनर्वास के लिए तीन माह में नीति तैयार की जाएगी। सरकार अब अवस्थापना से जुड़े कार्यों की निगरानी ड्रोन से करेगी। उन इलाकों में दोपहिया एंबुलेंस चलाई जाएगी, जहां चौपहिया एंबुलेंस के पहुंचने में कठिनाई है। चौबटिया उद्यान को आयुष हब बनाया जाएगा।

प्रदेश मंत्रिमंडल ने ऐसे 21 प्रस्तावों पर अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दी। ये सभी फैसले दिसंबर महीने में हुई प्रशासनिक अधिकारियों की कांफ्रेंस में लिए गए थे। नियोजन विभाग ने एक कैबिनेट नोट के माध्यम से प्रस्ताव रखा था। प्रत्येक निर्णय के लिए समय-सीमा तय की गई है।

-बीमार एवं जरूरतमंद लोगों तक शीघ्र पहुंचने के लिए पर्वतीय क्षेत्रों में बाइक-एंबुलेंस चलेंगी। स्वास्थ्य व फील्ड कर्मियों के लिए बाइक की व्यवस्था
-पिथौरागढ़ के धारचूला स्थित गूंजी में उप तहसील बनेगी
-वन क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देकर रोजगार व राजस्व में वृद्धि के की योजना बनाई जाएगी

-पर्वतीय क्षेत्रों में मत्स्य तालाब निर्माण के मानक को 100 से घटाकर 50 वर्ग मीटर किया जाएगा
-सड़क हादसों को रोकने के लिए क्रैश बैरियर लगेंगे

-जिला सेक्टर योजना के लिए पूरे साल का कैलेंडर तैयार होगा
-ऐसी योजनाओं में तीन लाख से कम का कार्य का प्रस्ताव नहीं लिया जाएगा

-शहरों से भीड़ कम करने के लिए सार्वजनिक सुविधाओं को अन्य स्थान पर स्थापित होंगी
-शहरी क्षेत्रों के पार्कों, सड़कों, दुकानों का पहाड़ी शैली में सौंदर्यीकरण होगा

-मॉल रोड नैनीताल की तर्ज पर अल्मोड़ा में पटाल बाजार विकसित होगा
-हर की पैड़ी का उज्जैन महाकाल व काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर नया कॉरिडोर बनाया जाएगा।

-हर जिले में कम से कम एक सामुदायिक रेडियो स्थापित किया जाएगा। आपदा प्रबंधन विभाग नोडल एजेंसी होगा।
-जीएमवीएन व केएमवीएन का विलय करते हुए नए पर्यटन क्षेत्रों का विकास होगा। दोनों की परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण होगा।

-विश्व बैंक और एडीबी के सहयोग से पिंडारी ग्लेशियर एवं अन्य मार्गों पर बने बुनियादी ढांचे का उपयोग स्वयं सहायता समूह और फेडरेशन के माध्यम से पीपीपी अवधारणा पर किया जाएगा।

-राज्य में गुफा पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। तीन माह में ऐसे स्थान चिन्हित होंगे। पहले चरण में पिथौरागढ़ में गुफा चिन्हित कर पर्यटकों के लिए विकसित की जाएगी।
-सीमांत जिलों में इनर-लाइन पास के लिए ऑनलाइन सिस्टम बनाया जाएगा।

-खिलाड़ियों के लिए उच्च ऊंचाई (हाई एल्टीटयूड) वाले स्थान पर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होगा।

शहरों-कस्बों में भीड़ कम करने के लिए बाहर होंगे सरकारी दफ्तर
प्रशासनिक अधिकारी कांफ्रेंस के निर्णय के मुताबिक, राज्य के शहरों और कस्बों में भीड़-भाड़ कम करने के लिए सरकारी दफ्तरों को बाहर किया जाएगा। इनमें पशु चिकित्सालय, लोनिवि, सिंचाई, केएमवीएन, जीएमवीएन, गोदाम, कृषि मंडी जैसी सार्वजनिक सुविधाएं शामिल हैंं। अगले तीन माह में ऐसे भवनों का चिन्हीकरण जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित समिति करेगी। इस पर अंतिम निर्णय राज्य स्तर पर गठित अनुशंसा समिति करेगी।

 

Dehradun Lathicharge: पत्थरबाजों को बाहरी बताकर अपने बयान में उलझी पुलिस, ये तर्क बना जमानत का बड़ा आधार

कोर्ट में पुलिस ने आरोपियों की जमानत का विरोध किया। लेकिन, खुद पुलिस अधिकारियों के बयान ही जमानत का आधार बने। बचाव पक्ष ने मजबूत तर्क रखा कि जब पथराव और उपद्रव में पुलिस बाहरी लोगों का हाथ बता रही है तो बेवजह इन 13 युवाओं को जेल में क्यों रखा जा रहा है।

कोर्ट ने इस तर्क को भी जमानत का बड़ा आधार माना है। दरअसल, पथराव और उपद्रव के बाद पुलिस कप्तान ने बयान जारी कर कहा था कि इसमें युवाओं का हाथ नहीं है। धरने में बाहर से कुछ असामाजिक तत्व शामिल हो गए थे। उन्होंने युवाओं के बीच से पथराव किया है। इसमें पुलिस अधिकारी घायल हुए हैं।

इस बात को बचाव पक्ष ने कोर्ट के सामने रखा और बताया कि पुलिस पथराव करने वालों को चिन्हित कर रही है। इनमें से कोई भी बॉबी और जेल में बंद उनका साथी नहीं है। पुलिस खुद मान रही है कि पथराव बाहरी तत्वों ने किया है तो इन 13 को जेल में बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है।

पुलिस ने जमानत के विरोध में पांच युवाओं के खिलाफ दर्ज मुकदमों का ब्योरा भी प्रस्तुत किया।

अभियोजन की ओर से कहा गया कि इन सबका आपराधिक इतिहास है। ऐसे में इनका बाहर आना कानून व्यवस्था के लिए खतरा हो सकता है।

इनमें बॉबी पर चार, शुभम नेगी पर तीन, नितिन दत्त पर दो, राम कंडवाल पर दो और मोहन कैंथुला पर दो मुकदमों की जानकारी रखी गई।

इस पर कोर्ट ने माना कि इन मुदकमों में कोई भी आरोपी जेल नहीं गया है। ऐसे में सिर्फ मुकदमे दर्ज होना जमानत रद्द करने का आधार नहीं है।