व्हाइट हाउस का खुलासा: सिर्फ विमान समझौते तक सीमित नहीं थी बाइडन-मोदी की चर्चा, जानें और किस मुद्दे पर हुई बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 फरवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर बातचीत की और इस दौरान कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (14 फरवरी) को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बातचीत की। इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी के महत्व पर चर्चा की। इसके अलावा आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने और अपनी साझा प्राथमिकताओं पर सहयोग का विस्तार करने के लिए क्वाड जैसे समूहों में एक साथ काम करना जारी रखने के लिए प्रतिबद्धता जताई। एअर इंडिया और बोइंग सौदे को ऐतिहासिक और इसे परस्पर लाभकारी सहयोग का एक बेहतरीन उदाहरण करार दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बोइंग और अन्य अमेरिकी कंपनियों को भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विस्तार करने और अवसरों का उपयोग करने के लिए भी आमंत्रित किया। दोनों नेताओं ने हाल ही में वाशिंगटन डीसी में क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (आईसीईटी) पर पहल की पहली बैठक का स्वागत किया और अंतरिक्ष, सेमी-कंडक्टर, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।

दोनों नेताओं ने भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी भागीदारों के महत्व पर भी चर्चा की। और दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत संबंधों की चर्चा करते हुए कहा कि हमारे लिए आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए क्वाड जैसे समूहों में एक साथ काम करना जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

प्रेस सचिव जीन-पियरे  के अनुसार, उन्होंने बोइंग से 200 से अधिक अमेरिकी निर्मित विमान खरीदने के लिए एयर इंडिया के ऐतिहासिक समझौते पर चर्चा की। जीन-पियरे ने कहा राष्ट्रपति बाइडन ने नोट किया कि कैसे बिक्री 44 राज्यों में 1 मिलियन से अधिक अमेरिकी नौकरियों का समर्थन करेगी और एयर इंडिया को भारत में हवाई परिवहन की बढ़ती मांगों को पूरा करने में मदद करेगी।

बोइंग-एयर इंडिया सौदे की घोषणा करते हुए बाइडेन ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर वह भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को और गहरा करने की उम्मीद कर रहे हैं। व्हाइट हाउस की एक घोषणा के अनुसार, बोइंग और टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया एक समझौते पर पहुंच गए हैं, जिसके तहत एयरलाइन 190 B737 MAX, 20 B787, और 10 B777X को कुल 220 फर्म ऑर्डर के लिए खरीदेगी, जिसका मूल्य 34 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।

सौदे में अतिरिक्त 50 बोइंग 737 मैक्स और 20 बोइंग 787 के लिए ग्राहक विकल्प भी शामिल होंगे, सूची मूल्य पर कुल 45.9 बिलियन अमरीकी डालर के कुल 290 हवाई जहाज। एयर इंडिया का ऑर्डर बोइंग का डॉलर मूल्य में अब तक का तीसरा और विमानों की संख्या के मामले में दूसरा सबसे बड़ा ऑर्डर है।

Dehradun Bar Association Election: देहरादून बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव के लिए आज मंगलवार को अधिवक्ताओं ने नामांकन पत्र भरे

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने बताया कि नाम वापसी 15 फरवरी को सुबह 10 से दो बजे तक होगी। दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी।

देहरादून बार एसोसिएशन के वार्षिक चुनाव के लिए आज मंगलवार को अधिवक्ताओं ने नामांकन पत्र भरे। सोमवार को कार्यक्रम में बदलाव किया गया था। पहले नामांकन 20 फरवरी को होना था। लेकिन फिर 14 फरवरी को भरा जाना तय किया गया। कल नाम वापसी और 27 फरवरी को चुनाव होंगे। 28 को मतगणना के बाद परिणाम आ जाएगा। इस बार 3474 अधिवक्ता मताधिकार का प्रयोग करेंगे।

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल ने बताया कि नाम वापसी 15 फरवरी को सुबह 10 से दो बजे तक होगी। दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी।

मतदान 27 फरवरी को सुबह साढ़े नौ बजे से शाम पांच बजे तक होगा। अगले दिन मतगणना सुबह 10 बजे से की जाएगी। बता दें कि इस साल पहली बार मतदान के अगले दिन मतगणना होगी। इससे पहले मतदान के दिन ही मतणना देर रात तक चलती थी। चुनाव लड़ने वाले अधिवक्ताओं ने प्रचार तेज कर दिया है।

National Aadi Mahotsav: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी 16 फरवरी को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय आदि महोत्सव का उद्घाटन

11 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 500 आदिवासी कारीगर और कलाकार शामिल होंगे। जबकि 13 राज्यों के आदिवासी रसोइए मिलेट्स में जायके का तड़का लगाएंगे, जिसमें रागी हलवा, कोदो की खीर, मांडिया सूप समेत अन्य व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार यानी 16 फरवरी को दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में राष्ट्रीय आदि महोत्सव का उद्घाटन करेंगे। सरकार जनजातीय मास्टर शिल्प और महिलाओं को सीधे बाजार तक पहुंच उपलब्ध करवाने के मकसद से इस महोत्सव का आयोजन कर रही है। दर्शकों को 16 से 27 फरवरी तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में आदिवासी शिल्प, संस्कृति, व्यंजन और व्यापार से सीधे रूबरू होने का मौका मिलेगा।

खास बात यह है है कि 11 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 500 आदिवासी कारीगर और कलाकार शामिल होंगे। जबकि 13 राज्यों के आदिवासी रसोइए मिलेट्स में जायके का तड़का लगाएंगे, जिसमें रागी हलवा, कोदो की खीर, मांडिया सूप, रागी बड़ा, बाजरा की रोटी, बाजरा का चुरमा, मडुआ की रोटी,भेल, कश्मीरी रायता, कबाब रोगन जोश आदि का जायका खास तौर पर मिलेगा।
जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने सोमवार को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडिया गेट सर्कल पर आयोजित होने वाले ””आदि महोत्सव का आगाज करेंगे। आदिवासी व्यंजनों, जनजातीय समुदायों के कारीगरों और शिल्पकारों के प्रोडेक्ट को दर्शाती प्रदर्शनी भी देखेंगे। आत्मनिर्भर भारत मुहित के तहत जनजातीय समुदायों की पूर्ण भागीदारी और भागीदारी सुनिश्चित करने के मकसद से इसका आयोजन किया जा रहा है। जैविक उत्पादन को बढ़ावा देना मुख्य मकसद है। दिल्ली के अलावा देश के अन्य शहरों में भी इस प्रकार के महोत्सव आयोजित किए जा रहे हैं।

आदिवासी कारीगरों के डिजाइन कपड़े भी दिखेंगे
आदिवासी कारिगरों द्वारा तैयार कपड़ों में शीर्ष डिजाइनरों के डिजाइन दिखेंगे। देश समेत विदेशी मार्केट को देखते हुए केंद्र सरकार के संगठन ट्राइफेड जनजातीय उत्पादों में गुणवत्ता और समकालीन डिजाइन सुनिश्चित करने के लिए शीर्ष डिजाइनरों के साथ काम कर रहा है। महोत्सव में आदिवासी हस्तशिल्प, हथकरघा, पेंटिंग, आभूषण, बेंत और बांस, मिट्टी के बर्तन, भोजन और प्राकृतिक उत्पाद, उपहार और वर्गीकरण, जनजातीय व्यंजन और 200 स्टालों के माध्यम से इसे प्रदर्शित करने के लिए प्रदर्शनी-सह-बिक्री की सुविधा होगी।

बाजरा पर मुख्य फोकस
महोत्सव में 13 राज्यों के आदिवासी रसोइय शामिल हो रहे हैं। बाजरा आदिवासी समुदायों का मुख्य आहार है और संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया है। इसी के तहत यहां पर जनजातीय बाजरा के उत्पादन और खपत को बढ़ाने के लिए जनजातीय कारीगरों को बाजरा (श्री अन्ना) उत्पादों और व्यंजनों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इसके अलावा बाजरा से बने व्यंजन भी खास तौर पर मिलेंगेे। यहां पर तमिलनाडूृ, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़, जम्मू कश्मीर आदि के आदिवासी जायका का लुत्फ भी मिलेगा।

 

अफसरों के सामने जिंदा जलीं मां-बेटी: हंगामे के बीच लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला, DM बोलीं- खुद को बंद कर लगाई आग

कानपुर देहात से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंचे प्रशासनिक अफसरों के सामने ही मां-बेटी जिंदा जल गई। मां-बेटी की मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया गया।

कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की टीम के सामने ही झोपड़ी के भीतर मां-बेटी जिंदा जल गए। दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी व रुरा इंस्पेक्टर भी झुलस गए। आक्रोशित लोगों ने आग लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया।

लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। अफसरों की टीम को दौड़ा लिया। भीड़ का गुस्सा देख टीम के अन्य लोग भाग खड़े हुए। बाद में गुस्साए लोगों ने एसडीएम, रुरा इंस्पेक्टर, तहसीलदार व लेखपाल समेत गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग करते हुए शवों को नहीं उठने दिया। देर रात तक मंडलायुक्त और आईजी, डीएम लोगों को समझाने में जुटे रहे।सोमवार को जनसुवाई में डीएम नेहा जैन से मड़ौली गांव के कुछ लोगों ने ग्राम समाज की भूमि पर गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित उर्फ राघव का कब्जा होने की शिकायत की। इस पर डीएम ने एसडीएम को कार्रवाई के निर्देश दिए। दोपहर तीन बजे एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक, राजस्व व रुरा इंस्पेक्टर के साथ मौके पर पहुंचे।
राजस्व विभाग की टीम ने बुलडोजर से कब्जा हटना शुरू किया। तभी अचानक वहां बनी कृष्ण गोपाल की झोपड़ी में आग लग गई। घर में मौजूद कृ्ष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला (54) और बेटी शिवा (22) लपटों के बीच फंस गईं। उन्हें बचाने दौड़े कृष्ण गोपाल व रुरा इंस्पेक्टर दिनेश गौतम झुलस गए। इस बीच मां-बेटी के जिंदा जलने से गुस्साए परिवार व गांव के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया।

लेखपाल अशोक सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। कब्जा हटाने पहुंची टीम के अन्य लोगों ने अपने वाहनों को वहीं छोड़कर मौके से भागकर जान बचाई। इसके बाद लोगों ने एसडीएम मैथा, तहसीलदार लेखपाल व गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग शुरू कर दी।

पुलिस को मां-बेटी के शव नहीं उठाने दिए। मंडलायुक्त डॉ.राजशेखर, आईजी प्रशांत कुमार, डीएम नेहा जैन व एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने लोगों को मामले में कार्रवाई का भरोसा देकर समझाने का प्रयास किया। लेकिन देर रात तक लोगों ने शव नहीं उठने दिया।
झोपड़ी में आग लगाने का आरोपशवों के अंतिम संस्कार से इनकार
कृष्ण गोपाल दीक्षित का कहना है कि टीम के कब्जा हटाने के दौरान गांव के कुछ लोगों ने झोपड़ी में आग लगा दी। पत्नी प्रमिला और बेटी शिवा भीतर सो रही थी। आग से दोनों जिंदा जल गईं। आरोप है कि राजस्व विभाग की टीम ने कब्जा हटाने के दौरान हैंडपंप और धार्मिक चबूतरा भी तोड़ डाला है। राजस्व व पुलिस अफसरों के साथ ही गांव के कुछ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज न होने तक शवों का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।

डीएम की सफाईमांबेटी ने खुद को बंद कर झोपड़ी में लगाई आग
डीएम नेहा जैन ने बताया कि कृष्ण गोपाल का ग्राम समाज की गाटा संख्या 1642 की जमीन पर कब्जा था। गांव के लोगों की शिकायत पर एसडीएम को मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। एसडीएम पुलिस की टीम के साथ कब्जा हटवाने गए थे। तभी मां-बेटी वहां बनी झोपड़ी में भीतर गईं और खुद को आग लगा ली। झोपड़ी से लपटें निलकती देख रुरा इंस्पेक्टर व कृष्ण गोपाल ने दोनों को बचाने के प्रयास में दोनों झुलस गए। पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

 

Kedarnath: चारधाम यात्रा के दौरान संचालित केदारनाथ हेली सेवा का किराया तीन साल के लिए 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने 2020 में केदारनाथ हेली सेवा के लिए आठ कंपनियों के साथ तीन साल का अनुबंध किया था।

चारधाम यात्रा के दौरान संचालित केदारनाथ हेली सेवा का किराया तीन साल के लिए तय किया जाएगा। इस बार किराये में 10 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। टेंडर में एविएशन कंपनियों की ओर से दिए गए रेट के आधार पर किराया निर्धारित किया जाएगा।

उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण ने 2020 में केदारनाथ हेली सेवा के लिए आठ कंपनियों के साथ तीन साल का अनुबंध किया था। इसमें सिरसी, फाटा व गुप्तकाशी से किराया तय था। 2020 व 2021 में कोविड महामारी के कारण चारधाम यात्रा बंद रही। इस दौरान हेली सेवा का संचालन नहीं हुआ। स्थिति सामान्य होने के बाद 2022 में यात्रा का संचालन किया गया। एविएशन टरबाइन फ्यूल (एटीएफ) के दाम में बढ़ने के कारण एविएशन कंपनियों ने सरकार को किराया में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था।

हालांकि, तीन साल का अनुबंध होने के कारण सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर का कहना है कि केदारनाथ हेली सेवा के लिए टेंडर प्रक्रिया चल रही है। कंपनियों के आवेदन के बाद ही नए सिरे से किराया निर्धारित किया जाएगा।

यह था किराया

गुप्तकाशी से केदारनाथ- 7750 रुपये
फाटा से केदारनाथ-       4720
सिरसी से केदारनाथ-     4680

Mussoorie जा रहे हरियाणा के पर्यटकों की कार बनी आग का गोला, मचा हड़कंप, इस तरह बची सवारों की जान

Car Fire Mussoorie कार में आग मसूरी: : हरियाणा से घूमने आए युवकों की कार आग लगने से पूरी तरह जल गई। समय रहते कार सवार नीचे उतर गए। जिससे उनकी जान बच गई।

पुलिस के अनुसार, हरियाणा के जींद जिला निवासी जयवीर व उनके दोस्त नरेश घूमने के लिए मसूरी जा रहे थे। वह कैंट कोतवाली होते हुए किमाड़ी के रास्ते मसूरी की ओर निकले। तभी टायर फटने से कार सड़क के किनारे पैराफिट से टकरा गई और उसमें आग लग गई।

कार में सवार दोनों युवक तुरंत नीचे उतर गए और दूर हट गए। कार में आग इतनी तेजी से लगी कि जब तक दोनों युवक कुछ कर पाते, कार धू-धूकर जलने लगी। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया।

कार बेचने के नाम पर ठगे दो लाख तीन हजार रुपये

वहीं ओएलएक्स पर कार बेचने का झांसा देकर साइबर ठग ने एक व्यक्ति से दो लाख तीन हजार रुपये ठग लिए। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर रही है।

नेहरू कालोनी थानाध्यक्ष लोकेंद्र बहुगुणा ने के अनुसार, दयानंद सेमवाल निवासी निकट कांजी हाउस, गढवाल सभा ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई है। बताया कि उन्होंने ओएलएक्स पर एक कार बिक्री का विज्ञापन देखा। उन्होंने विज्ञापन में दिए गए नंबर पर संपर्क किया तो ठग ने खुद को आर्मी में हवलदार बताया।

फोन पर कार खरीदने का सौदा तय हुआ। इस दौरान ठग ने एग्रिम राशि के तौर पर अपने खाते में 28 और 29 जनवरी को दो लाख तीन हजार रुपये जमा करा लिए। इसके बाद उसे बताया कि कार सहारनपुर पहुंच गई, जल्द ही देहरादून में उसके पास पहुंच जाएगी।

इस दौरान जब आरोपित ने 37 हजार मांगने पर और मांगे तो उसने देने से इन्कार कर दिया। इसके बाद उसने न कार दी और न ही रकम वापस की। जब उन्हें ठगी का एहसास हुआ।

Turkey: भूकंप के चलते तुर्किये के 10 प्रांतों में भारी तबाही 

ऐसे में रेसेप तैयप एर्दोगन के सामने इन प्रांतों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने और पुनर्निर्माण की बड़ी चुनौती होगी।

विस्तार

तुर्किये में बीते हफ्ते आए विनाशकारी भूकंप से हजारों लोग असमय इस दुनिया से विदा हो गए लेकिन अब इस भूकंप को लेकर तुर्किये के लोगों में जो गुस्सा है, वह तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की सत्ता से विदाई का कारण बन सकता है! बता दें कि तुर्किये में आए भूकंप से अब तक 24,500 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हैं। अभी मौतों का यह आंकड़ा और बढ़ सकता है। इस भूकंप से तुर्किये के इतिहास के ताकतवर नेताओं में से एक रेसेप तैयर एर्दोगन के राजनीतिक किला भी हिल गया है। दरअसल भूकंप में हजारों इमारतें ताश के पत्तों की तरह बिखर गईं, जिसे लेकर स्थानीय लोगों में सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है।

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ सकता है एर्दोगन का राजनीतिक करियर

साल 1999 में भी तुर्किये में जबरदस्त भूकंप आया था। उस भूकंप ने भी तुर्किये में काफी तबाही मचाई थी और 17 हजार से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी। 1999 के भूकंप के बाद सरकार ने एक नियम बनाया था कि नई इमारतों को भूकंप रोधी तकनीक से बनाया जाएगा और इस नियम को सख्ती से लागू किया जाएगा। हालांकि तुर्किये के लोगों का मानना है कि उनकी सरकार इस नियम को सख्ती से लागू नहीं करा पाई, जिसकी वजह से ठेकेदारों ने भ्रष्टाचार कर लोगों के लिए असुरक्षित इमारतें तैयार की।

इसके अलावा तुर्किये की सरकार ने मौजूदा इमारतों को मजबूत बनाने के लिए एक खास टैक्स भी लोगों पर लगाया था। इस टैक्स से सरकार के पास करीब 17 बिलियन यूएस डॉलर इकट्ठा हुए थे लेकिन सरकार ने इस फंड में से थोड़ा ही फंड पुरानी इमारतों को मजबूत करने में खर्च किया, बाकी सारा पैसा अन्य कामों में खर्च कर दिया गया। यही वजह है कि लोगों में एर्दोगन सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा है क्योंकि तुर्किये में बीते 20 सालों से एर्दोगन ही सत्ता पर काबिज हैं।

सत्ता बचाने की एर्दोगन के सामने बड़ी चुनौती

भूकंप के चलते तुर्किये के 10 प्रांतों में भारी तबाही हुई है। ऐसे में रेसेप तैयप एर्दोगन के सामने इन प्रांतों को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने और पुनर्निर्माण की बड़ी चुनौती होगी। बीते दिनों जब एर्दोगन ने भूकंप प्रभावित इलाकों का दौरा किया था तो उन्हें लोगों के विरोध का भी सामना करना पड़ा था। जिसके बाद एर्दोगन ने एलान किया था कि वह एक साल में ही  फिर से इमारतों का पुनर्निर्माण करेंगे और लोगों को उनका घर देने की बात कही थी लेकिन जिस पैमाने पर तुर्किये में तबाही हुई है, उससे उबरने के लिए तुर्किये को अरबों डॉलर की जरूरत होगी और एक साल में ही सारे घर बनाना भी लगभग असंभव काम है। यही वजह है कि एर्दोगन के लिए भूकंप की इस चुनौती से पार पाना बेहद मुश्किल हो सकता है।

विपक्ष भी एर्दोगन को घेरने की कोशिश कर रहा है और विपक्षी नेता भ्रष्टाचार के लिए एर्दोगन सरकार को कोस रहे हैं। ऐसे में एर्दोगन भी चाहेंगे कि इस साल मई में होने वाले चुनाव को कुछ समय के लिए टाल दिया जाए ताकि तब तक लोगों का गुस्सा

नर्सिंग भर्ती में बाहरी राज्यों के आवेदकों के विरोध में आंदोलन की चेतावनी*

संविदा एवं बेरोजगार स्टाफ नर्सेज महासंघ उत्तराखंड का प्रतिनिधिमंडल ने भानियावाला में भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष रविंद्र सिंह राणा से मुलाकात की। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हरिकृष्ण बिजलवान द्वारा बताया गया कि उनकी नर्सिंग की भर्ती 12 वर्षों बाद 3 जनवरी 2023 को विज्ञापित की गई। लेकिन इस भर्ती में कुछ बाहरी राज्य के लोगों द्वारा फर्जी स्थाई निवास बनाकर आवेदन किया जा रहा है। और कुछ बाहरी राज्यों के युवकों द्वारा उच्च न्यायालय में केस दायर कर नर्सिंग अधिकारी के पदों पर आवेदन करने की अनुमति मांगी है।

जिसमें कि न्यायालय द्वारा ऐसे व्यक्तियों को प्रोविजनल तौर पर परमिट कर दिया है। जिसका उनका संगठन पुरजोर विरोध करता है। और वो अपने सभी जनप्रतिनिधियों से यह आग्रह करते हैं कि सरकार समूह ग के पदों पर बाहरी राज्यों के आवेदन स्वीकार न करें। यदि नर्सिंग अधिकारियों के पदो पर बाहरी राज्यों के आवेदन स्वीकार किए जाएंगे तो संगठन पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगा। और अपने उत्तराखंड के लोगों और यहां की जनता और बेरोजगारों के हितों की लड़ाई के लिए सड़कों पर आंदोलन करेगा।

जिलाध्यक्ष द्वारा इस पर सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन दिया गया कि न्यायालय में सरकार मजबूती से अपने प्रदेश के बेरोजगारों के हितों में खड़ी रहेगी। और किसी भी बाहरी राज्यों के आवेदकों को इसमें आवेदन की अनुमति नहीं दी जाएगी। मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में संगठन के कोषाध्यक्ष रवि सिंह रावत, महीपाल सिंह कृषाली, मीनाक्षी ममगाई, नीरज वर्मा आदि लोग उपस्थित रहे।

 

उत्तराखण्ड सरकार ने नकल और गड़बड़ी रोकने के लिये कड़ा कानून लाया है

सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने यह पहले ही तय कर लिया था कि भर्ती परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए कड़ा कानून बनाएंगे। देश का सबसे कड़ा नकल विरोधी कानून हम लेकर आ रहे हैं।

विस्तार

उत्तराखंड में जल्द ही देश का सबसे सख्त नकलरोधी कानून लागू होने वाला है। इसमें नकल माफिया को उम्रकैद, 10 करोड़ तक जुर्माना और नकल माफिया से मिलकर नकल करने वाले अभ्यर्थियों को भी 10 साल तक की जेल का प्रावधान किया गया है। प्रस्ताव राजभवन भेज दिया है। अगर राजभवन इस पर 12 फरवरी से पहले मुहर लगा देता है तो यह कानून पटवारी-लेखपाल भर्ती से ही लागू हो जाएगा।

नकल माफिया पर यह होगी कार्रवाई

  • कोई व्यक्ति, परीक्षा केंद्र के प्रबंधतंत्र, कोचिंग संस्थान, प्रिंटिंग प्रेस, परीक्षा के आयोजन में किसी भी जुड़े लोग पेपर लीक या अनुचित साधनों में शामिल पाए गए तो उन्हें आजीवन कारावास और 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने की सजा मिलेगी।
  • कोई परीक्षार्थी अगर नकल करते हुए पकड़ा गया तो तो उसे तीन साल की जेल और कम से कम पांच लाख के जुर्माने की सजा मिलेगी। अगर वही परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में दोषी पाया जाता है तो उसे दस साल कारावास की सजा और कम से कम 10 लाख जुर्माना लगेगा।
  • अगर कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोपपत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच साल के लिए उस पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। दोष सिद्ध होने पर 10 साल के लिए सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार कर दिया जाएगा। अगर कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो उसे पांच से दस साल सजा के साथ ही आजीवन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार कर दिया जाएगा।
  • गैर जमानती अपराध बना पेपर लीक, संपत्ति कुर्क होगी
  • प्रदेश में अब नकल का अपराध संज्ञेय, गैर जमानती और अशमनीय बन जाएगा। इसके अलावा नकल माफिया अनुचित साधनों का इस्तेमाल कर जो भी संपत्ति अर्जित करेंगे, उसे सरकार कुर्क कर लेगी।

India-US: विदेश संबंधों पर अमेरिकी कमेटी की पहली बैठक में ही भारत बना चर्चा का केंद्र, चीन पर कही गईं ये बातें

इसी हफ्ते रिपब्लिकन कांग्रेसी माइकल मैककॉल की अध्यक्षता में कमेटी की 118वीं बैठक हुई। इस दौरान कमेटी ने अपनी प्राथमिकता और निगरानी वाले मुद्दों को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया।

विस्तार

अमेरिका ने दुनिया के बाकी देशों के साथ रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए नई हाउस फॉरेन रिलेशंस कमेटी बनाई है। इस कमेटी ने भारत-अमेरिका के रिश्तों को लेकर बड़ा बयान दिया है। कहा गया है कि अमेरिका-भारत के द्विपक्षीय संबंधों के विस्तार पर विशेष रूप से कमेटी की नजर है। खासतौर पर दोनों देशों रक्षा-आर्थिक क्षेत्रों, आतंकवाद विरोधी प्रयासों और भारत-प्रशांत क्षेत्र में भारत की रणनीतिक उपस्थिति को बढ़ाने के लिए काम करेंगे। इसी हफ्ते रिपब्लिकन कांग्रेसी माइकल मैककॉल की अध्यक्षता में कमेटी की 118वीं बैठक हुई। इस दौरान कमेटी ने अपनी प्राथमिकता और निगरानी वाले मुद्दों को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया।

कमेटी ने भारत को लेकर क्या-क्या कहा?
हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी के रैंकिंग सदस्य डेमोक्रेट ग्रेगरी मीक्स ने इस बैठक के बारे में बताया। उन्होंने कहा, ‘समिति भारत के प्रति अमेरिकी नीति और द्विपक्षीय सहयोग के निरंतर विस्तार की समीक्षा करेगी। सुरक्षा और प्रौद्योगिकी सहयोग, विस्तारित भूमिकाओं के अवसर, मिशन और क्षमताओं और आतंकवाद विरोधी प्रयासों सहित अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।’

कमेटी ने कहा, ‘हम अमेरिका-भारत आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के प्रयासों पर भी ध्यान केंद्रित करेंगे। जिसमें प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और फार्मास्युटिकल उद्योगों में द्विपक्षीय प्रयासों पर चर्चा शामिल है। इसके अलावा चतुर्भुज सुरक्षा संवाद प्रयासों में भारत की भागीदारी और भारत-प्रशांत क्षेत्र में इसकी उपस्थिति को बढ़ाने के प्रयासों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।’ समिति ने आगे कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती ऊर्जा मांगों के प्रभावों की भी समीक्षा होगी।

चीन के प्रभाव को कम करने की होगी कोशिश
कमेटी ने चीन की दुनिया में बढ़ती शक्तियों को लेकर भी मंथन करने को कहा। इसमें बताया गया है कि चीन जिस तरह से दुनिया में अपना प्रभुत्व बढ़ा रहा है, वो खतरे की आहट है। चीन ने 2013 में एक बुनियादी ढांचा परियोजना शुरू किया है, जो बिजिंग के वैश्विक प्रभाव को बढ़ा रहा है। इसका उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य एशिया, खाड़ी क्षेत्र, अफ्रीका और यूरोप को भूमि और समुद्री मार्गों के नेटवर्क से जोड़ना है। ये अंतरराष्ट्रीय सीमाओं में परिवर्तन का एक खतरनाक माध्यम है। इसके जरिए चीन पूरी दुनिया को काबू करने की तरफ बढ़ रहा है। ऐसे में अब चीन के साथ हुए अंतरराष्ट्रीय समझौतों और संधियों की भी समीक्षा होगी।