पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी गतिरोध के बीच सोमवार से सैन्य कमांडरों का चार दिन का वार्षिक सम्मेलन शुरू हो रहा है। एलएसी के अलावा कश्मीर की सुरक्षा चुनौतियों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख इस बैठक में भाग लेंगे।चार दिनों की इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की उम्मीद है। एक अधिकारी ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ हफ्तों में नागरिकों की हत्या के परिप्रेक्ष्य में सैन्य कमांडर्स की यह बैठक काफी अहम है।
सेना ने एक बयान में कहा, ‘2021 का दूसरा सैन्य कमांडर सम्मेलन 25 से 28 अक्टूबर तक नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। सेना के कमांडरों का सम्मेलन शीर्ष स्तरीय आयोजन है जो साल में दो बार अप्रैल और अक्टूबर में आयोजित किया जाता है। ‘सेना ने कहा, ‘भारतीय सेना का शीर्ष नेतृत्व मौजूदा तथा उभरते सुरक्षा और प्रशासनिक पहलुओं पर मंथन करेगा ताकि सीमा के हालात और कोरोना महामारी की चुनौतियों की पृष्ठभूमि में भारतीय सेना की भविष्य की कार्रवाई तय हो सके।
दिल्ली में होने वाली इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी सैन्य कमांडरों को संबोधित करेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने बताया कि सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और टॉप कमांडर्स पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच गतिरोध में देश की सैन्य तैयारी की समीक्षा करेंगे। दोनों देशों के बीच पिछले 17 महीनों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के कई बिंदुओं पर टकराव जारी है।अधिकारी ने बताया कि सैन्य कमांडर्स अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद भारत और उपमहाद्वीप क्षेत्र में पैदा हुई सुरक्षा स्थिति पर भी चर्चा कर सकते हैं।सेना ने एक बयान में कहा, “सेना कमांडरों के दूसरे सम्मेलन का आयोजन 25-28 अक्टूबर तक नई दिल्ली में किया जाएगा। हर साल अप्रैल और अक्टूबर महीने में आयोजित होने वाला सैन्य कमांडरों का सम्मेलन एक शीर्ष स्तरीय द्विवार्षिक कार्यक्रम है।”
सेना ने कहा कि यह कॉन्फ्रेंस वैचारिक स्तर पर विचार-विमर्श के लिए एक संस्थागत मंच है, जिसके जरिए भारतीय सेना महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों पर विचार-विमर्श करती है। यह कॉन्फ्रेंस सैन्य मामले विभाग और रक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ वार्तालाप के लिए भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व का एक औपचारिक मंच भी है।
बयान के मुताबिक, “इस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व द्वारा वर्तमान/उभरती सुरक्षा और प्रशासनिक पहलुओं पर मंथन किया जाएगा, ताकि सीमाओं पर स्थिति और कोविड-19 महामारी से उत्पन्न हुई चुनौतियों की पृष्ठभूमि में भारतीय सेना के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार की जा सके।”
सम्मेलन के दौरान, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सैन्य कमांडरों को संबोधित करेंगे और उनके साथ संवाद करेंगे। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरन बिपिन रावत, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुख भी इस सम्मेलन के दौरान तीनों सेनाओं के बीच तालमेल को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना के वरिष्ठ नेतृत्व से जुड़े विषयों पर विचार-विमर्श करेंगे।