स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा जयंती पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की

आज सोमवार 25 अप्रैल 2022 को महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हिमालय पुत्र हेमवती नन्दन बहुगुणा जी की जयंती है। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने देहरादून में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में हेमवती नंदन बहुगुणा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं हेमवती नंदन बहुगुणा के बेटे विजय बहुगुणा, केबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा, मेयर सुनील उनियाल गामा मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री आवास में भी स्व. हेमवती नंदन बहुगुणा के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनका भावपूर्ण स्मरण किया।

उन्होंने इस दौरान कहा कि,”हेमवती नंदन बहुगुणा हिमालय पुत्र थे और उनके हिमालय जैसे इरादे थे। उनके जयंती पर हम उन्हें आज नमन करते हैं और राजनीतिक क्षेत्र में उन्होंने जिस प्रकार से काम किया वो आज हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है और हम उसी मार्ग पर आगे बढ़ेंगे।”

इससे पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर अकाउंट पर ट्वीट करके मवती नंदन बहुगुणा की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, “लोकतांत्रिक मूल्यों के धनी, दूरदर्शी राजनेता, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हिमालय पुत्र हेमवती नन्दन बहुगुणा जी की जयंती पर शत्-शत् नमन।”

आज देश के महान नेता रहे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री व सत्तर से 80 के दशक के अंत तक विपक्ष की राजनीति के महत्वपूर्ण ध्रुव रहे स्वर्गीय हेमवती नंदन बहुगुणा की 103 वीं जयंती के अवसर पर देवभूमि मानव संसाधन विकास ट्रस्ट ने ईसी रोड स्थित ट्रस्ट के कार्यालय में धर्मनिरपेक्षता व एच एन बहुगुणा विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष व वरिष्ठ कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने सबसे साथियों सहित पहले घंटाघर स्थित श्री बहुगुणा की मूर्ति पर मालार्पण कर उनको श्रद्धासुमन अर्पित किए। तत्पश्चात ट्रस्ट कार्यालय ईसी रोड में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए बहुगुणा जी को आज़ाद भारत का नेहरू व इंदिरा के बाद का सबसे बड़ा धर्मनिरपेक्ष नेता बताया।

हेमवती नंदन बहुगुणा जी के बारे में बात करेंं, तो उनका जन्म 25 अप्रैल 1919 में उत्तराखंड के बुघाणी गांव में हुआ था, जो की पौड़ी जिले में स्थित है। छात्र जीवन में ही बहुगुणा जी भारत के द्वीतीय प्रधानमंत्री के सम्पर्क में आए और भारतीय राजनीती से प्रेरित हो गये। उस दौरान उन्होंने कई छात्र आन्दोलन में भी हिस्सा लिया और गिरफ्तार भी हुए, लेकिन आगे चल कर वो कांग्रेस पार्टी की तरफ से उत्तरप्रदेश के दो बार मुख्यमंत्री भी बने।

हेमवती नंदन 1936 से 1942 तक छात्र आंदोलनों में शामिल रहे थे। 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में हेमवती के काम ने उन्हें लोकप्रियता दिलाई। अंग्रेजों ने हेमवती को जिंदा या मुर्दा पकड़ने पर 5 हजार का इनाम रखा था। 1 फरवरी 1943 को दिल्ली के जामा मस्जिद के पास हेमवती गिरफ्तार हुए थे। 1945 में छूटते ही फिर वह आंदोलन से जुड़ गए। 17 मार्च 1989 को अमरीका में हार्ट सर्जरी के दौरान उनकी मृत्यु हो गयी।

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