उत्तराखंड राज्य बनाने के लिए आंदोलन करने वाले आंदोलनकारियों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। प्रदेश के सभी राजकीय अस्पतालों-औषधालयों, इनसे संबद्ध अस्पतालों और सभी राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अब राज्य आंदोलनकारियों का इलाज निशुल्क होगा। शासन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिये हैं।
सचिव चिकित्सा डॉ. पंकज कुमार पांडेय की ओर से जारी ये आदेश सभी संबंधित अधिकारियों और राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को भेज दिए गए हैं। हल्द्वानी के राजकीय मेडिकल कॉलेज में यह आदेश लागू कर दिया गया है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले मेडिकल कॉलेज से जुड़े हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में निशुल्क इलाज की सुविधा मिलने पर राज्य आंदोलनकारियों ने खुशी जताई है। इलाज के लिए आने वाले राज्य आंदोलनकारियों को सरकार की ओर से जारी पहचान पत्र साथ लाना होगा। उन्हें जांच समेत अस्पताल में मिलने वाली सुविधाएं निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी। प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि सरकार की ओर से 8 अप्रैल को जारी आदेश एसटीएच में लागू कर दिया गया है।
राज्य आंदोलनकारी राज्य में दो तरह के आंदोलनकारी हैं। राज्य आंदोलन के दौरान सात दिन जेल गए एवं घायल आंदोलनकारियों की संख्या 344 है। इन्हें सरकार 6 हजार रुपये पेंशन देती है। वहीं ऐसे आंदोलनकारी जो जेल नहीं गए लेकिन, आंदोलन से जुड़े रहे उनकी संख्या करीब 6821 है। इन्हें 4500 रुपये पेंशन मिलती है।
राज्य आंदोलनकारी पूर्व छात्र महासंघ के अध्यक्ष मोहन पाठक ने कहा, ‘राज्य आंदोलनकारियों को राजकीय मेडिकल कॉलेज में निशुल्क चिकित्सा उपलब्ध कराने के सरकार के निर्णय का स्वागत करता हूं। सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं और बढ़ाई जानी चाहिए ताकि सभी को बेहतर इलाज मिले।’ राज्य आंदोलनकारी एवं व्यापारी नेता हुकुम सिंह कुंवर ने कहा, ‘राज्य आंदोलनकारियों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना अच्छा कदम है। आंदोलनकारियों को अन्य सुविधाएं भी मिलनी चाहिए साथ ही अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाई जानी चाहिए।’