उत्तराखंड कांग्रेस ने करण मेहरा को बनाया प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष बने यशपाल आर्य

उत्तराखंड चुनाव 2022 में मत खाने के बाद कांग्रेस अब पार्टी में बदलाव कर रही है। इसीलिए कांग्रेस नए चेहरों को मौका दे रही है। 2024 में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं और इसको ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी अभी से जातिगत समीकरण बनाने में जुट गई है।

पांच राज्यों में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में राज्यों के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों से आलाकमान ने इस्तीफा मांगा था, जिसके बाद अब लंबी मंत्रणा पर उत्तराखंड कांग्रेस की कमान करन माहरा को सौंपी गई है। वहीं कांग्रेस नेता यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष का दायित्व मिला है। इसके अलावा भुवन कापड़ी को उपनेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है।

यशपाल आर्य का राजनीतिक कद कुमाऊं के साथ ही एक विशेष वर्ग को भी प्रभावित करता है। उत्तराखंड चुनाव से पहले बाप-बेटे कांग्रेस में शामिल हुए थे। चुनाव से पहले यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में आए थे। यशपाल को जहां कांग्रेस ने बाजपुर से मैदान में उतारा था तो वहीं उनके बेटे संजीव को नैनीताल से चुनावी मैदान में उतारा था, लेकिन किसी तरह यशपाल आर्य ने अपनी सीट तो बचा ली थी, पर उनके बेटे संजीव अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे।

हाईकमान के फैसले से पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समर्थकों को गहरा झटका लगा है। माना जा रहा था कि हाईकमान प्रीतम को ही दोबारा नेता प्रतिपक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपेंगा। हाईकमान स्तर पर अच्छे ताल्लुकात की वजह से प्रीतम को नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा था। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान में चौंकने वाले फैसले के संकेत बाद से प्रीतम खेमा काफी मायूस था।

जनहित और राज्यहित मुद्दों पर सदैव संघर्ष और पार्टी की नीति-रीति को जनजन तक ले जाना मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगा। हाईकमान ने मुझे यह जिम्मेदारी दी है, इसके लिए आभार। मैं हाईकमान की अपेक्षाओं पर खरा उतरना का पूरा प्रयास करूंगा।  करन माहरा, नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष-कांग्रेस

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