उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद पांचवें विधानसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के मध्य कांटे का मुकाबला है।विधानसभा चुनाव में सत्ता में बदलाव का मिथक टूटेगा या इस बार भी मतदाता इस परंपरा को आगे बढ़ाएगा, अब बस 24 घंटे बाद ईवीएम खुलते ही तस्वीर साफ होने लगेगी। उत्तराखंड की सभी 70 विधानसभा सीटों के लिए गुरुवार को मतगणना होगी। दोपहर तक काफी कुछ परिदृश्य स्पष्ट हो जाएगा कि मैदान में उतरे 632 प्रत्याशियों में से किन 70 की किस्मत चमकने जा रही है।
विधानसभा चुनाव में भाजपा बेशक पूर्ण बहुमत मिलने का दावा कर रही है, लेकिन अंदरखाने उसकी जोड़-तोड़ से सरकार बनाने की भी तैयारी चल रही है। सियासी हलकों में यह चर्चा खासी गर्म है कि जिताऊ माने जाने वाले दो निर्दलीय प्रत्याशियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक से मुलाकात की। एक निर्दलीय प्रत्याशी ने मुलाकात की पुष्टि भी की है।
भाजपा के संपर्क में क्षेत्रीय दल के प्रत्याशी
जोड़-तोड़ की राजनीति में माहिर माने जाने वाले भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भी देहरादून में डेरा जमा लिया है। उनके देहरादून पहुंचने के बाद से कांग्रेस के भीतर खासी खलबली है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर कांग्रेस के अन्य नेताओं ने कैलाश विजयवर्गीय की सक्रियता पर शंकाएं जाहिर की हैं।
सोमवार को कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में भाजपा दिग्गजों की कई दौर की बैठकें हुईं। इन बैठकों में क्या हुआ, यह रहस्य है, लेकिन इन गुप्त मंत्रणाओं के बाद ही उन प्रत्याशियों से संपर्क साधना शुरू हो गया, जिनके चुनाव में जीतने की संभावनाएं अधिक है। इनमें यमुनोत्री से निर्दलीय चुनाव लड़े संजय डोभाल का नाम सुर्खियों में है। डोभाल पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के संपर्क में बताए जा रहे हैं।