उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ने कबीना मंत्री डॉ हरक सिंह रावत पर बड़ी कार्रवाई की है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत को उत्तराखंड मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल को भेजी है। इसके अलावा बीजेपी ने भी उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया।
भाजपा मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के हवाले से बताया है कि अनुशासनहीनता के कारण डॉ हरक सिंह को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से छह वर्ष के लिए निष्कासित किया गया है। उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
हरक सिंह रावत ने पार्टी से दो टिकट मांगे थे, पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद पार्टी विरोधी बयानों को लेकर हरक सिंह रावत चर्चा में आ गए थे। हरक सिंह लैंसडाउन से अपनी पुत्र वधू अनुकृति गुसाईं के लिए टिकट की पैरवी कर रहे थे।लैंसडाउन से विधायक दिलीप रावत इसके विरोध में थे, जिस पर पार्टी ने भी हरक सिंह की मांग को मानने से इनकार दिया था।
हरक सिंह रावत के रविवार की शाम दिल्ली जाने और कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा थी। उनके साथ अन्य विधायक की भी दिल्ली में होना बताया जा रहा है, जो कांग्रेस से भाजपा में आए थे।
हरक सिंह रावत कई मौकों पर बगावती तेवर दिखा चुके हैं। वे 2016 में कांग्रेस को छोड़कर ही भाजपा में आये थे। पार्टी में शामिल होने के बाद भी कई बार उनकी नेतृत्व से तकरार देखने को मिली थी।