एक तरफ कोरोना के बढ़ते मामले और एक तरफ भारतीय तीज त्योहार। व्यवस्था भी बनाना है और लोगों की भावनाओं को खयाल भी रखना है। कुछ ऐसी ही स्थिति में इस समय उत्तराखंड की सरकार है। हरिद्वार में हर साल संक्रांति पर हर कोई गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य कमाना चाहता है। यही कारण है कि देशभर से लोग संक्राति के मौक पर गंगा स्नना के लिए आते हैं।
हरिद्वार जिले में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। रोजाना बड़ी संख्या में मामले सामने आ रहे हैं। लिहाजा जिला प्रशासन की ओर से पूरी सतर्कता बरती जा रही है। 14 जनवरी मकर संक्राति पर बड़ी संख्या में स्थानीय और दूसरे राज्यों के श्रद्धालु गंगा स्नान को पहुंचते हैं। कोरोना की तीसरी लगहर और संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने सोमवार शाम आदेश जारी कर मकर संक्राति स्नान को प्रतिबंधित कर दिया है।
कोरोना वायरस महामारी देश में अब तेजी से पैर पसार रही हैं, इसी के मद्देनजर एहतियात के तौर पर उत्तराखंड की हरिद्वार जिला प्रशासन ने बड़ी घोषणा की है। हरिद्वार के डीएम विनय शंकर ने मंगलवार को बताया कि हरिद्वार जिला प्रशासन ने 14 जनवरी को ‘मकर संक्रांति’ पर पवित्र स्नान करने वाले भक्तों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
हरकी पैड़ी क्षेत्र में श्रद्धालु और स्थानीय नागरिकों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। दूसरे जिले और राज्यों से आने वाले श्रद्धालु को किसी भी स्थिति में अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने बताया कि इसका उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। बताया कि जिले में रात्रि कर्फ्यू रात दस बजे से सुबह छह बजे तक प्रभावी रहेगा। उन्होंने अधीनस्थों को आदेशों का कड़ाई से पालन कराने को कहा है।
उत्तराखंड में 24 घंटे में कोरोनावायरस के 1,292 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस वायरस की चपेट में आकर 5 लोगों की जान चली गई है, जबकि 294 लोग पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं। इस संख्या के बाद उत्तराखंड में कोविड सक्रिय मामलों का नंबर 5009 तक पहुंच गया है। राज्य में कोरोना पॉजिटिविटी दर 7.57 प्रतिशत है।ओमीक्रोन के खतरे के बीच कोरोना के ये आंकड़े काफी चिंताजनक है।