भारत निर्वाचन आयोग ने एक जनवरी 2022 के आधार पर तैयार वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन कर दिया है। प्रदेश की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि वोटर लिस्ट का अंतिम प्रकाशन किया। आयोग ने पहले एक नवंबर को वोटर लिस्ट का प्रारंभिक प्रकाशन करते हुए, लोगों से इस पर दावे आपत्तियां मांगी थी। सीईओ सौजन्या ने बताया कि एक से 30 नवंबर के बीच चले विशेष अभियान के दौरान आयोग को नए मतदाता बनने के लिए 3,60,686 लाख आवेदन प्राप्त हुए।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि नवंबर में जब मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया था, उस वक्त प्रदेश में 18 से 19 आयुवर्ग के मतदाताओं की संख्या 46 हजार 765 थीं। विशेष अभियान चलाया गया, जिसके बाद अब ऐसे युवा मतदाताओं की संख्या एक लाख 58 हजार आठ पर पहुंच गई है।
नवंबर के मुकाबले किस जिले में कितने वोटर बढ़े
जिला- बढ़े वोटर
उत्तरकाशी- 8050
चमोली- 5905
रुद्रप्रयाग- 4640
टिहरी गढ़वाल- 22,721
देहरादून- 73,426
हरिद्वार- 55,639
पौड़ी गढ़वाल- 13,832
पिथौरागढ़- 10,872
बागेश्वर- 3621
अल्मोड़ा- 7563
चंपावत- 5778
ऊधमसिंह नगर- 70,242
उत्तराखंड विधानसभा की 70 सीटों पर चुनाव का बिगुल बज चुका है। राजनैतिक दल, वोटरों को रिझाने में जुट गए हैं। कोविड महामारी के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच चुनाव आयोग हर चुनौती से निपटने को तैयार है। उत्तराखंड की मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने उत्तराखंड चुनाव आचार संहिता लागू करने की जानकारी दी। आइए, जानते हैं उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से जुड़ी रोचक जानकारी।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण के मतदान होंगे, दूसरे चरण में 14 फरवरी को उत्तर प्रदेश के साथ पंजाब में एक चरण, उत्तराखंड में एक चरण, गोवा में एक चरण में मतदान पूरे होंगे।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का पूरा कार्यक्रम
नोटिफिकेशन जारी होगा: 21 जनवरी (शुक्रवार) 2022 को
नामांकन की अंतिम तारीख: 28 जनवरी (शुक्रवार) 2022
नामांकन पत्रों की जांच: 29 जनवरी (शनिवार) 2022
उम्मीदवारी का नामांकन वापस लेने की तारीख: 31 जनवरी (सोमवार)
मतदान की तारीख: 14 फरवरी 2022
मतगणना: 10 मार्च 2022
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि पांच जनवरी को प्रकाशित होने वाली मतदाता सूची के अनुसार राज्य में 81.43 लाख मतदाता हैं। इस वर्ष इसमें 1.98 लाख नए महिला और 1.06 लाख पुरुष मतदाता जुड़े हैं। 18 से 19 वर्ष की आयु के मतदाताओं की संख्या 1.10 लाख है, जबकि 80 वर्ष से अधिक आयु के 1.43 लाख मतदाता हैं। दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 66648 हो गई है, जबकि सर्विस मतदाता 93935 हैं।
उत्तराखंड के किस जिले में कितने वोटर
उत्तरकाशी : 2,35,427
चमोली : 2,98,715
रुद्रप्रयाग : 1,92,724
टिहरी : 5,29,865
देहरादून : 14,81,874
हरिद्वार : 14,17,026
पौड़ी : 5,77,117
पिथौरागढ़ : 3,81,581
बागेश्वर : 2,16,765
अल्मोड़ा : 5,38,826
चंपावत : 2,03,151
नैनीताल : 7,72,912
ऊधमसिंह नगर : 12,99,939
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के बारे में
◆ उत्तराखंड में सबसे ज्यादा महिला वोटर देहरादून जिले में हैं, जिनकी संख्या 7,05,658 है।
◆ सबसे कम महिला वोटर चंपावत में हैं, जिनकी संख्या 9,7,061 है।
◆ प्रदेश में सर्वाधिक 22,23,070 वोटर 30 से 39 आयु वर्ग के हैं जबकि सबसे कम 1,58,008 वोटर 18 से 19 आयु वर्ग के हैं।
◆ 80 प्लस आयु वर्ग के प्रदेश में 1,58,742 वोटर हैं, जिनमें सर्वाधिक 90 हजार 314 महिलाएं और 68 हजार 428 पुरुष हैं।
◆ प्रदेश में 68, 478 दिव्यांग वोटर हैं, जिनमें 43,672 पुरुष और 24,805 महिला मतदाता हैं।
◆ सबसे अधिक 14, 81,874 वोटर देहरादून जिले में और सबसे कम 1,92,724 रुद्रप्रयाग जिले में हैं।
आचार संहिता लगने का ये होगा असर
◆ सार्वजनिक उद्घाटन, शिलान्यास बंद
◆ नए कामों की घोषणा या टेंडर नहीं
◆ संबंधित निर्वाचन क्षेत्र में नहीं होंगे शासकीय दौरे
◆ सरकारी वाहनों में नहीं लगेंगे सायरन
◆ सरकार की स्वीकृति बंद
◆ सरकार की उपलब्धियों वाले होर्डिंग्स नहीं
◆ उपलब्धियों वाले लगे हुए होर्डिंग्स हटाए जाएंगे
◆ सरकारी भवनों में पीएम, सीएम, मंत्री, राजनीतिक व्यक्तियों के फोटो निषेध रहेंगे
◆ सरकार की उपलब्धियों वाले प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और अन्य मीडिया में विज्ञापन नहीं दे सकेंगे
वोटर आईडी के वैकल्पिक दस्तावेज
आधार कार्ड
मनरेगा जॉब कार्ड
बैंक / डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक
श्रम मंत्रालय की योजना के अन्तर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड
ड्राईविंग लाइसेंस पेन कार्ड
एनपीआर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
भारतीय पासपोर्ट
फोटोयुक्त पेंशन अभिलेख
केन्द्र / राज्य सरकार / सार्वजनिक उपक्रमों और सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र
सांसदों / विधायकों / एमएलसी को जारी किये गये आधिकारिक पहचान-पत्र
कोविड के लिए लागू होंगे नियम
आचार संहिता लागू होने के बाद चुनाव आयोग की ओर से कोविड से बचाव के नियम भी लागू किए जाएंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि इसमें प्रत्याशियों के नामांकन से लेकर उनकी रैलियों, काफिलों पर भी सख्ती लागू होगी।
चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक जनसभाओं और रोडशो पर रोक लगाई, येे हैं अहम निर्देश
- देश में कोविड-19 महामारी की स्थिति को देखते हुए पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनाव
चुनाव आयोग ने कोविड के चलते आगामी 15 जनवरी तक जनसभाओं, साइकिल एवं बाइक रैली और पदयात्राओं पर रोक लगा दी है। - मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि 15 जनवरी के बाद स्थिति का जायजा लेने के उपरांत आयोग आगे का निर्णय लेगा।
- आयोग ने फैसला किया है कि 15 जनवरी तक लोगों की शारीरिक रूप से मौजूदगी वाली कोई जनसभा (फिजिकल रैली), पदयात्रा, साइकिल रैली, बाइक रैली रोडशो की अनुमति नहीं होगी।
- चुनाव आयोग कोविड महामारी की स्थिति की समीक्षा करेगा और इसके मुताबिक निर्देश जारी करेगा।
- रात 8:00 बजे से सुबह बजे के बीच कोई सभा नहीं होगी।
- सार्वजनिक सड़कों पर कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगी।
- चुनाव नतीजों के बाद कोई विजय जुलूस नहीं निकाला जाएगा।
- सभी राज्यों को यह हलफनामा देना होगा कि वे सभी दिशानिर्देशों का पालन करेंगे।
- कोविड दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने वाले कानूनी कार्रवाई के भागी होंगे।
- मुख्य चुनाव आयुक्त हम सुनिश्चित कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा डिटिजल चुनाव प्रचार हो।
- सभी मतदान केंद्रों पर सैनिटाइजर और मास्क जैसी कोविड से बचाव की सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
- कोविड की स्थिति को देखते हुए मतदाता केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।
- कोरोना प्रभावित लोगों, 80 साल से अधिक उम्र के लोगों और दिव्यांगों के लिए पोस्टल बैलट से वोट डालने की सुविधा होगी। कोरोना नियमों के साथ चुनाव कराये जाएंगे। पोलिंग स्टेशन में 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। know Your Candidate एप भी बनाया गया है, जिसमें प्रत्याशियों के बारे में सभी डिटेल होगी।
प्रदेश में छह हजार पोलिंग बूथ ऐसे हैं, जहां कोई वाहन नहीं ला सकता। इन बूथों पर पोलिंग पार्टियों को पैदल ही पहुंचना होगा। 4700 बूथ ऐसे हैं, जहां सीधे वाहन जा सकता है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले प्रदेश में चुनाव आयोग के लिए मतदान कराना भी एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती से पार पाने के लिए तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या ने बताया कि प्रदेश में कुल 11 हजार 647 पोलिंग बूथ हैं। इनमें से करीब 4700 बूथ ऐसे हैं, जहां सड़क परिवहन यानी सीधे वाहन पहुंचने की सुविधा है। बाकी 5,947 बूथ ऐसे हैं, जिनके लिए पोलिंग पार्टियों को कच्चे रास्तों या पगडंडियों से गुजरना पड़ेगा। 135 बूथ ऐसे हैं, जहां पोलिंग पार्टियों को दो किलोमीटर से अधिक पैदल दूरी तय करनी होगी।
निर्वाचन विभाग ने प्रदेशभर में 1200 मतदाताओं की संख्या के हिसाब से पोलिंग बूथों का निर्धारण किया है, जिसके बाद करीब 500 बूथ बढ़ाए गए हैं। लेकिन इसके बाद भी अगर किसी जगह पोलिंग बूथ पर 1200 से अधिक वोटर हुए तो इस हिसाब से उसका विस्तार किया जाएगा।