उत्तराखंड के प्राइमरी स्कूलों में होगी गढ़वाली और कुमाउनी भाषा की पढ़ाई, दोनों भाषाओं को पढ़ेंगे विद्यार्थी

हमें गर्व है कि हम उत्तराखंडी हैं, हमारी बोली भाषा आज के वर्तमान समय मे कहीं विलुप्त होते जा रही है। कहीं हमारी आने वाली पीढ़ी हमारी बोली भाषा को भूल न जाये इस लिए शिक्षा के क्षेत्र में एक सराहनीय कदम उठाया गया है ।अब विद्यालयों में कुमाउनी और गढ़वाली भाषा को अन्य अनिवार्य विषयों की तरह ही पढ़ाया जाएगा । जिसका सीधा – सीधा मकसद हमारी भाषा को आगे बढ़ना और आने वाली पीढ़ी को अपनी मातृ भाषा को सीखना है।इसके लिए विद्यालयो में ऐसे शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी जो कि गढ़वाली और कुमाउनी भाषा बोलने और पढ़ने में कुशल होंगे।मातृभाषा को बढ़ाने के लिए कक्षा 1 से लेकर 5 तक स्कूलों में कुमाँऊनी , गढ़वाली सहित गुरमुखी, जौनसारी भाषा भी पढ़ाई जाएगी ।

एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत नई शिक्षा नीति को अमल में लाते हुए, सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से पांच तक गढ़वाली, कुमाउनी, जौनसारी, बांग्ला व गुरमुखी की पढ़ाई कराई जाएगी। साथ ही कैबिनेट ने प्राकृतिक आपदा के तहत 2011 के जनगणना के आंकड़ों के बजाय परिवार रजिस्टर के आधार पर मुआवजा वितरण का निर्णय लिया है।

सुबोध उनियाल ने बताया कि कैबिनेट ने 10वीं, 12वीं के छात्रों और उच्च शिक्षा में सभी सरकारी संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को 12 हजार रुपये प्रति छात्र की दर से टैबलेट उपलब्ध कराने के लिए बजट भी मंजूर कर दिया है। इसके अलावा कैबिनेट ने हरिद्वार व ऋषिकेश में 182-182 किमी सीवर लाइन निर्माण पर भी मुहर लगाई है।

प्रदेश कैबिनेट ने बिजली बिलों पर सरचार्ज 31 मार्च 2022 तक के लिए माफ कर दिया है। उपनलकर्मियों को हर तीसरे माह मिलने वाली प्रोत्साहन राशि अब हर माह मिलेगी। इसके साथ ही राज्य कर्मियों के तीन प्रतिशत अतिरिक्त महंगाई भत्ते पर भी मुहर लगा दी गई। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कैबिनेट में 54 से अधिक प्रस्तावों पर निर्णय लिया गया।

कैबिनेट ने पहाड़ में स्थित मेडिकल कॉलेज में क्लीनिकल डॉक्टर को 50 प्रोत्साहन भत्ता देने का निर्णय लिया है। इससे इन कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर होगी। एम्स सेटेलाइट सेंटर के लिए दी भूमि के बदले कैबिनेट ने यूएसनगर के देवरिया में सिडकुल को 22.4 हेक्टेयर जमीन देने पर भी सहमति जता दी है। साथ ही रामगढ़ में रविंद्र नाथ टैगोर केंद्रीय विवि की स्थापना के लिए उद्यान विभाग की भूमि देने का भी निर्णय लिया गया।

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