कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के बढ़ते संकट को देखते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने चुनाव आयोग से यूपी विधान सभा चुनाव टालने का अनुरोध किया है। कोर्ट ने प्रदेश में चुनावी रैलियों व सभाओं पर भी रोक के लिए कड़े कदम उठाने के लिए कहा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के बढ़ते मामलों को देखते हुए यूपी में विधानसभा चुनाव टालने का सुझाव दिया है। इस पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा का कहना है कि अगले हफ्ते टीम उत्तर प्रदेश का दौरा करेगी। इस दौरान स्थिति को लेकर समीक्षा की जाएगी और इसके बाद उचित निर्णय लिया जाएगा।
विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की टीम दो मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा के नेतृत्व में दिवसीय उत्तराखंड दौरे पर है। टीम में निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और अनूप पांडेय भी शामिल हैं। दौरे के दूसरे दिन मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस सुझाव को लेकर बयान दिया, जिसमें कोर्ट ने ओमिक्रोन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए रैलियों को टालने और चुनाव को स्थगित करने का सुझाव दिया।
कोर्ट ने कहा, यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां रैलियों में काफी भीड़ इकट्ठी हो रही है। ऐसे में चुनावी रैलियों पर रोक लगाई जानी चाहिए। इसपर उन्होंने यूपी का दौरा कर वहां की स्थितियों की समीक्षा करने के बाद उचित निर्णय लेने की बात कही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी चुनाव को टालने का पीएम और चुनाव आयुक्त से किया अनुरोध
जस्टिस शेखर कुमार यादव ने भारत सहित विश्व भर में बढ़ते ओमिक्रोन के खतरे का ज़िक्र करते हुए कहा कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। नए वेरिएंट के कारण तीसरी लहर के आने की संभावना है। ऐसे वक्त में उत्तर प्रदेश की रैलियों में भीड़ जुट रही है जो कि खतरे से खाली नहीं है।
जस्टिस शेखर यादव ने कहा कि दूसरी लहर में लाखों लोग संक्रमण के चलते अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठे। इलाज के लिए भटकते दिखे। उस त्रासदी की यादें अब भी ज़हन में ताज़ा हैं। ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों ने कई लोगों को संक्रमित कर दिया। ऐसे में कोर्ट निर्वाचन आयुक्त और प्रधानमंत्री से यह अपील करता है कि वे रैलियों में जुटने वाली भीड़ पर रोक लगाएं। क्योंकि अगर इसे रोका नहीं गया तो स्थिति दूसरी लहर से भी अधिक भयावह होगी।
कोर्ट ने कहा कि चुनावी प्रचार टीवी और समाचार पत्रों के माध्यम से करें। इतना ही नहीं कोर्ट ने तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए विधानसभा चुनावों को टालने का भी अनुरोध किया। कोर्ट ने कहा कि अगर संभव हो तो फरवरी मार्च में होने वाले विधानसभा चुनावों को एक दो महीने के लिए टालने पर भी विचार किया जाना चाहिए। क्योंकि लोगों की जिंदगी चुनावों से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
उत्तराखंड में पांच नहीं छह बजे तक होगा मतदान
उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए निर्वाचन आयोग ने एक घंटे का समय बढ़ाया है। विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के दौरान 100 बूथ की जिम्मेदारी महिला कर्मचारियों को सौंपी जाएगी। रैलियों के लिए 601 मैदान चिह्वनित किए गए हैं। कोविड संक्रमण रोकथाम की जिम्मेदारी आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग को सौंपी गई है।