मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय सचिव मौलाना इनफानुल हक कादरी ने कहा, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उत्तराखंड में पहला अधिवेशन व राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का कार्यक्रम 19 दिसंबर को मदरसा गौसिया अरबी कॉलेज खटीमा में आयोजित होगा। जिसमें देश भर से उलेमा, मशाइख, मुस्लिम विद्वान और बुद्धिजीवी भाग लेंगे।मदरसा गौसिया अरबी कालेज इस्लामनगर होने जा रहे इस अधिवेशन में बोर्ड पदाधिकारियों के अलावा देश भर से उलेमा-मुफ्ती व मुस्लिम विद्वान पहुंचेंगे।
मौलाना कादरी ने बताया कि इस अधिवेशन में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उद्देश्य एवं दृष्टिकोण, मुसलमानों के शरीअत से जुड़े मसाइल, मिल्ली मसाइल व मुल्की मसाइल, देशभर में शरीअत के प्रति जागरूकता, मुसलमानों की शिक्षा विकास, मुस्लिम प्रतिनिधित्व, मानवीय दृष्टिकोण, महिला सशक्तिकरण एवं जागरूकता तथा राष्ट्रीय एकता, अखंडता, भारत के संविधान आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी। देशभर में शरीयत के प्रति जागरुकता, शिक्षा, विकास, इस्लामी सद्भाव समेत विभिन्न मुद्दों पर धार्मिक विद्वान विस्तार से राय रखेंगे।
अधिवेशन में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना कारी यूसुफ अजीजी. राष्ट्रीय महासचिव डॉ. मुईन अहमद कादरी, राष्ट्रीय प्रवक्ता रिवाजुद्दीन कादरी तथा राष्ट्रीय कार्यकारिणी से मुफ्ती अबुल इरफान मियां फिरंगी महली, सैय्यद गुलाम जीलानी, सैय्यद आरिफ मियां, शाह मुहमद अली, शब्यू मियां आदि के अलावा अजमेर शरीफ, कलियर शरीफ, लखनऊ, बरेली, उत्तराखंड व देशभर से मुस्लिम प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस दौरान उत्तराखंड प्रदेश की कार्यकारिणी का गठन भी किया जाएगा।कादरी ने समाज के लोगों से इस अधिवेशन को सफल बनाने का आह्वान किया है।
मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड का अधिवेशन कानपुर के जाजमऊ में आयोजित हुआ था। दो दिवसीय अधिवेशन में बोर्ड ने समान नागरिक संहिता पर एतराज जताया था। बोर्ड पदाधिकारियों और सदस्यों का कहना था कि मुस्लिम समाज इसे कतई स्वीकार नहीं करेगा। दो दिवसीय अधिवेशन के अंतिम 11 प्रस्ताव पारित किए गए थे। इनमें वक्फ संपत्तियों को लेकर होने वाले विवाद और मतांतरण आदि प्रमुख रहे। बोर्ड ने जबरन मतांतरण और गैर धर्म में निकाह का विरोध किया।