कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को आज नरक चतुर्दशी अथवा छोटी दीपावली के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा कर घर के कोनों में दीये जलाए जाते हैं। सुख-समृद्धि के लिए हनुमान व मां लक्ष्मी की पूजा करना आज के दिन अधिक फलदायी माना गया है।
आज यानि 3 नवंबर को छोटी दिवाली है और इसका भी दिवाली की तरह ही विशेष महत्व है। इस दिन घर के प्रत्येक कोने में दीपक जलाने की परंपरा है और मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति नरक में जानें से बच जाता है। नरक चतुर्दशी को रूप चौदस भी कहा जाता है।नरक चतुर्दशी के दिन दीपक जलाने की परंपरा है और इस दिन घर में दीपक जरूर जलाने चाहिए। आज के दिन दीपक जलाने से जीवन की सभी परेशानियां दूर होती हैं
मान्यता है कि इस दिन सुबह शरीर पर तिल का तेल लगाकर स्नान कर नरक से मुक्ति मिलती है। नरक चतुर्दशी के दिन ही हनुमान का जन्म अंजना देवी के उदर से हुआ था। हर तरह के सुख, आनंद और शांति की प्राप्ति के लिए हनुमान जी की उपासना करें। हनुमान की प्रतिमा पर सिंदूर चढ़ाएं। इसके अलावा यम की पूजा कर यमराज के निमित्त एक दीया दक्षिण दिशा की ओर मुख कर जलाएं। इस दिन अकाल मृत्यु न हो इसकी कामना की जाती है।
नरक चतुर्दशी के दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। लेकिन हनुमान जी की जन्मतिथि को लेकर कुछ मतभेद हैं। कुछ लोग हनुमान जयंती यानि कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाते हैं, जबकि कुछ का मानना है कि हनुमान जी का जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था। ग्रन्थों में इन दोनों का ही उल्लेख मिलता है। लेकिन इन दोनों के कारणों में भिन्नता देखने को मिलती है। चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को जन्मदिवस के रूप में, जबकि कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है। अहम बात ये है कि इन दोनों ही तिथियों पर हनुमान जी की उपासना का विधान है।
नरक चतुर्दशी के दिन करें ये काम:-
1. शास्त्रों के अनुसार, नरक चतुर्दशी के दिन घर की साफ-सफाई करनी चाहिए। मान्यता है कि साफ और पवित्र स्थान पर ही मां लक्ष्मी का वास होता है। घर पर टूटे-फूटे सामान को नरक का प्रतीक माना जाता है। इसलिए घर से बेकार के सामान को बाहर कर देना चाहिए।
2. कहा जाता है कि आज के दिन स्नान करने के बाद माथे पर तिलक लगाकर दक्षिण दिशा की ओर मुख करके पूजा करनी चाहिए।
3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन बजरंग बली की पूजा करने से शुभ फलों के प्राप्त होने की मान्यता है।
4. नरक चतु्र्दशी के दिन मृत्यु के देवता यमराज को प्रसन्न करने के लिए पूजा की जाती है। इस दिन एक पात्र में तिल वाला जल भरें और दक्षिण दिशा की तरफ मुख करके यमराज का तर्पण करें।
5. नरक चतुर्दशी के दिन शाम को 14 दीपक जलाने की परंपरा है। सूर्योदय से पूर्व स्नान करने के बाद घर के बाहर नाली के पास तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। शाम के समय दक्षिण दिशा की ओर मुख करके चौमुखा दीपक जलाना चाहिए।
नरक चतुर्दशी के दिन न करें ये काम:-
1. नरक चतुर्दशी के दिन भूलकर भी किसी जीव को न मारें। इस दिन यमराज की पूजा करने के परंपरा है। मान्यता है कि ऐसा करने से यमराज क्रोधित हो जाते हैं।ट
3. नरक चतुर्दशी के दिन तिल के तेल का दान नहीं करना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।
4. नरक चतुर्दशी के दिन झाड़ू को भूलकर भी पैर नहीं मारना चाहिए और न ही इसे सीधा खड़ा करना चाहिए। मान्यता है ऐसा करने से मां लक्ष्मी का घर में वास नहीं होता है।