उत्तराखंड के 18 मेडिकल कॉलेजों में घटी एमबीबीएस फीस, अब 4 लाख की जगह 1.45 लाख रुपये फीस करने की मिली मंजूरी, जानिए इस अहम बैठक के महत्वपूर्ण फैसले 

देहरादून :- उत्तराखंड में बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कुछ अहम फैसलों को मंजूरी दी गई। इसी बीच विद्यार्थियों को बढ़ती फीस से भी राहत मिली है। उत्तराखंड के गरीब होनहार छात्रों के लिए अब एमबीबीएस की पढ़ाई करके डॉक्टर बनने की राह आसान हो गई है।राज्य के 18 मेडिकल कॉलेजों में अब एमबीबीएस कोर्स की फीस 4 लाख रुपये से घटकर सिर्फ 1.45 लाख रुपये होगी। उत्तराखंड सरकार ने यह बड़ा ऐलान करते हुए और सौगातों का पिटारा खोला। राज्य सरकार के कर्मचारियों को इस साल दीवाली बोनस मिलेगा। आशा फैसिलिटेटरों के लिए प्रोत्साहन राशि भी बढ़ाई गई है।इसके साथ ही, राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजना में संशोधन पर भी मुहर लगी। वास्तव में, उत्तराखंड कैबिनेट की एक अहम बैठक गुरुवार को यहां सचिवालय में हुई, जिसमें ये तमाम फैसले लिये गए। इस बैठक के बाद राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने मीडिया को बैठक में लिये गए फैसलों के बारे में बताया।

सरकार ने एक ओर जहां बांड की व्यवस्था सभी मेडिकल कॉलेजों में बहाल कर दी है तो वहीं विद्यार्थियों की मांग सुनते हुए दूसरी ओर फीस भी चार लाख रुपये से घटाकर एक लाख 45 हजार रुपये कर दी है। इससे निश्चित तौर पर छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार ने मैदानी जिलों के मेडिकल कॉलेजों में बांड भरकर MBBS करने की सुविधा को बहाल कर दिया है। मीटिंग में राज्य के 18 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की फीस 4 लाख रुपये से घटाकर 1.45 लाख रुपये करने का फैसला किया है। इस संबंध में प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बढ़ती फीस के बीच विद्यार्थियों के लिए यह राहत भरी खबर है। पहले बांड व्यवस्था के तहत केवल पर्वतीय क्षेत्रों के मेडिकल कॉलेजों जैसे श्रीनगर में बांड से पढ़ाई की सुविधा थी। जबकि बिना बांड के एमबीबीएस का शुल्क चार लाख रुपये हो गया था, जिसके तहत देहरादून और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को भारी परेशानी हो रही थी। छात्र इसके खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे थे और अपनी आवाज उठा रहे थे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य कर्मचारियों, छात्रों और महिलाओं के लाभ से जुड़े कई फैसले राज्य सरकार ने लिये। मंत्रिमंडल की बैठक में 25 सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा हुई, जिनमें से 24 के संदर्भ में फैसले लिये गए जबकि एक मामले को फिलहाल टाल दिया गया। कैबिनेट बैठक में महंगाई भत्ते को तीन प्रतिशत बढ़ाए जाने के बारे में अटकलें थीं, लेकिन इस पर सरकार ने कोई चर्चा नहीं की। बहरहाल, राज्य सरकार ने इस अहम बैठक में जो महत्वपूर्ण फैसले लिये, उनके बारे में एक नज़र में जानिए।

एमबीबीएस की फीस आधी से भी कम कर दिए जाने के बाद उत्तराखंड सरकार का दावा है कि यह देश में इस कोर्स के लिए सबसे कम शुल्क है।
मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के अंतर्गत राज्य की महिलाओं को अब हफ्ते में दो दिन फल, मेवाएं और अंडे वितरित किए जाएंगे।
आशा फेसिलिटेटरों के लिए प्रोत्साहन राशि को 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये किया गया.
स्टोन क्रशर नीति 2021, उत्तराखंड रिवर ड्रेजिंग नीति 2021 के बारे में प्रस्तावों को भी कैबिनेट ने पास किया।
वीरचंद्र गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत सब्सिडी दिए जाने की प्रक्रिया को सरल करने पर मंज़ूरी।
कक्षा 10 और 12 के छात्रों को टैबलेट दिए जाने की प्रक्रिया में टेंडर शर्तों में बदलाव किए जाने को भी स्वीकृति दी गई।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को 7000 रुपये तक का दीवाली बोनस दिए जाने पर कैबिनेट ने मुहर लगाई. दैनिक वेतनभोगियों को 1184 रुपये का बोनस मिलेगा। उनियाल ने बताया कि इस फैसले से राज्य के 1.6 लाख कर्म​चारियों को लाभ मिलेगा।
सोहन सिंह जीना राजकीय आर्युविज्ञान एवं शोध संस्थान अल्मोड़ा में 197 अतिरिक्त पदों को भी मंज़ूरी दी गई।
पेयजल व सीवर के बिलों को लेकर कैबिनेट ने बड़ी राहत देते हुए मार्च 2022 तक लेट फीस न लेने की घोषणा की।
राज्य सरकार के कर्मचारियों को गोल्डन कार्ड सुविधा के तहत अब केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना की दरों के मुताबिक इलाज करवाने की सुविधा दी जाएगी।
कैबिनेट मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि मुख्यमंत्री महिला पोषण योजना के तहत राज्य में महिलाओं को सप्ताह में दो दिन फल, सूखे मेवे और अंडे जैसे पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराए जाएंगे। महिला कल्याण बाल विकास विभाग उक्त सामग्री आंगनबाड़ी केंद्रों के जरिए गर्भवती और धात्री महिलाओं को उपलब्ध कराएगा। इसका लाभ करीब एक लाख 80 हजार महिलाओं को मिलेगा। सरकार चुनाव से पहले इस योजना को लागू करने की तैयारी कर रही है।

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