जम्मू कश्मीर के पूंछ जिले के नाढ़खास में आतंकवादियों से हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड के दो जवान शहीद हो गए। शहीद टिहरी गढ़वाल के राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और चमोली के राइफलमैन योगंबर सिंह थे। शहीद हुए 17 गढ़वाल राइफल के दो जवानों का पार्थिव शरीर आज शनिवार जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर लाए गए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में आतंकी मुठभेड़ के दौरान उत्तराखंड के दो जवानों के शहीद होने पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राइफलमैन विक्रम सिंह नेगी और योगंबर सिंह ने देश सेवा के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान दिया है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है। मुख्यमंत्री ने दोनों शहीद जवानों के स्वजन को इस दुख की घड़ी में धैर्य रखने की कामना की है।
नेगी के परिजन सुरेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि पांच साल पहले नेगी ने आर्मी जॉइन की थी। ‘उसके सामने अभी पूरी ज़िंदगी पड़ी थी। यह इंसाफ नहीं है कि आतंकवाद की वजह से हमारे नौजवान बच्चों की जीवनलीला खत्म हो जाए।’ मौत की खबर को सुनने के बाद नेगी के परिवार में उनकी पत्नी बिरजा देवी और 95 वर्षीय दादी रुकमा देवी की हालत काफी खराब बताई जा रही है। विक्रम सिंह नेगी अपने पीछे 18 महीने के बेटे को भी छोड़ गए हैं।
चमोली जिले के ग्राम सांकरी निवासी 26 वर्षीय राइफलमैन योगंबर सिंह के शहीद होने की सूचना फोन पर मिलने के बाद से गांव में मातम छाया है। शहीद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शनों के लिए गांव में लोग पहुंचे हैं। शहीद का पार्थिव शरीर के घर पहुंचने पर अंतिम संस्कार उनके पैतृक घाट त्रिवेणी निगोल नदी के तट पर ही किया जाएगा।
सेना और सीएम ने दी जांबाज़ों को श्रद्धांजलि
भारतीय आर्मी के अतिरिक्त महानिदेशक की ओर से ट्विटर पर कहा गया कि जनरल एमएम नरावणे और तमाम रैंक्स ने दोनों शहीद जांबाज़ों को सलामी देकर श्रद्धांजलि दी और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। वहीं, उत्तरी कमांड ने ट्वीट किया कि लेफ्टिनेंट जनरल वायके जोशी ने दोनों वीरों को श्रद्धांजलि दी। इधर, ट्विटर पर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देते हुए लिखा, उत्तराखंड के वीरों के सर्वोच्च बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।